पहचान वैरिफिकेशन को आसान और अधिक सटीक बनाने के उद्देश्य से आधार लॉन्च किया गया है। इससे न केवल सेवा प्रदाताओं को बल्कि भारत के निवासियों को भी लाभ होगा। जो योग्य हैं उन्हें ही सब्सिडी, कंज्यूमर सेवाएं और अन्य लाभ मिलेंगे। आधार प्रमाणीकरण आपके आधार नंबर और इससे जुड़ी जानकारी जैसे कि आपके डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक जानकारी को वेरिफाइड करने के लिए बनाई गई प्रक्रिया है। UIDAI की सेंट्रल आइडेंटिटीज़ डेटा रिपॉज़िटरी (CIDR) यह चैक करती है कि डेटा CIDR में उपलब्ध डेटा से मेल खाता है या नहीं। आधार प्रमाणीकरण का जवाब ‘yes’ या ‘no’ में होता है। किसी व्यक्ति की जानकारी की सुरक्षा के लिए, उस व्यक्ति की किसी भी व्यक्तिगत जानकारी को जवाब के रूप में शामिल नहीं किया जाता है।
यह क्यों जरूरी है?
कई सार्वजनिक और प्राइवेट संस्था और सेवा प्रदाता हैं जो, भारत के निवासियों के लिए सब्सिडी तथा अन्य लाभ प्रदान करने वाली योजनाएं उपलब्ध कराते हैं। आवेदक इस सेवा या लाभ के हकदार हैं या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए सेवा प्रदाता या संस्थाएं आवेदकों से उनकी पहचान प्रमाण पेश करने के लिए कहती हैं। सेवा प्रदाता इन सबूतों को इकट्ठा करते हैं लेकिन पेश किए गए दस्तावेज़ों में दी गई जानकारी की जांच करने में बड़ी चुनौतियों का सामना करते हैं। आधार प्रमाणीकरण सेवा प्रदाताओं को इस समस्या से राहत प्रदान देता है। यह ऑनलाइन पहचान प्लेटफॉर्म सेवा प्रदाताओं को उपभोक्ता सेवाओं, सब्सिडी, लाभ या व्यावसायिक कार्यों के लिए आवेदन करने वाले लोगों की पहचान को वेरिफाइड करने और प्रमाणित करने की अनुमति देकर पहचान प्रमाणीकरण प्रक्रिया को सरल बनाता है। यह एक आसान प्रक्रिया है, जो सेवा प्रदाताओं को किसी आवेदक को लाभ प्रदान करने से पहले किसी भी समय और कहीं भी आवेदक की पहचान को तुरंत वेरीफाई करने में मदद करती है। वर्तमान में, आधार-आधारित प्रमाणीकरण सेवाओं का उपयोग केवल अनुरोध करने वाली सरकार, सार्वजनिक और निजी संस्थाओं या एजेंसियों द्वारा किया जा सकता है।
आधार प्रमाणीकरण कब आवश्यक है?
भविष्य में, कई सेवा प्रदाताओं को आधार प्रमाणीकरण को अपनी सेवाओं से जोड़ने की अपेक्षा है। एक बार ये सेवाएँ लिंक हो जाने के बाद, लोगों को आधार से जुड़ी सेवाओं, सब्सिडी और अन्य लाभों का लाभ उठाने के लिए अपनी पहचान के प्रमाण देने होंगे। आपको कब प्रमाणीकरण की आवश्यकता है यह सेवा प्रदाता पर निर्भर करता है। यह सेवा लेने के समय समय आवश्यक हो सकता है।
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आधार प्रमाणीकरण कैसे काम करता है?
UIDAI आधार प्रमाणीकरण सेवाएं केवल उन्हीं को देता है जो इसके लिए आवेदन करते हैं। प्रमाणीकरण प्रक्रिया में, अनुरोध करने वाली संस्था इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राधिकरण को प्रमाणीकरण आवेदन भेज देगी। प्राधिकरण CIDR के साथ उपलब्ध जानकारी को किसी व्यक्ति की पेश जानकारी से मिलाता है। यदि जानकारी मेल खाती है, तो ‘हां’ के रूप में जवाब मिलता है, मेल ना होने पर जवाब ‘ना’ होता है। लोगों की जानकारी की सुरक्षा के लिए, उस व्यक्ति की कोई भी व्यक्तिगत जानकारी जवाब में नहीं दी जाती है।
ध्यान दें:
- प्राधिकरण आवेदन पर केवल तभी विचार करेगा, जब आवेदन प्राधिकरण के नियमों का पालन करता है और उनके सूचीबद्ध जानकारी के अनुसार होता है
- किसी व्यक्ति का, उनके नाम से जारी किया गया आधार नंबर या आधार प्रमाणीकरण उनकी नागरिकता या निवास का प्रमाण नहीं हैं और उसे उस रूप में नहीं माना जाना चाहिए
आधार प्रमाणीकरण के कौन-से तरीके हैं?
प्रमाणीकरण निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:
- डेमोग्राफिक प्रमाणीकरण –आपका नाम, पता, लिंग और जन्म तिथि जैसी जानकारी को डेमोग्राफिक जानकारी कहा जाता है। जब हम आधार कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तब हमें यह जानकारी उपलब्ध कराने की आवश्यकता होती है। जब हम अपना आधार कार्ड प्राप्त करते हैं, तो पहले से ही हमारी डेमोग्राफिक जानकारी, नंबर के साथ जोड़ी गई होती है। डेमोग्राफिक प्रमाणीकरण में, आधार नंबर से जुड़ी डेमोग्राफिक जानकारी CIDR में उपलब्ध जानकारी से मिलाई जाती है।
- OTP आधारित प्रमाणीकरण – OTP (वन-टाइम पिन/ पासवर्ड) एक पासवर्ड या पिन नंबर होता है जो कम समय के लिए वैध होता है। इसका उपयोग इंटरनेट पर केवल एक बार लॉग-इन या ट्रांजेक्शन करने के लिए किया जा सकता है। OTP -आधारित प्रमाणीकरण में, कोई व्यक्ति आधार से जुड़ी सेवाओं को प्राप्त करने के लिए अपनी पहचान को वेरिफाइड करने और प्रमाणित करने में सक्षम होंगे। निवासी, सेवा प्रदाता के आवेदन के माध्यम से एक OTP के लिए आवेदन करेंगे और फिर अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी पर भेजे गए OTP के साथ ही अपना आधार नंबर भी प्रदान करेंगे।
- बायोमेट्रिक आधारित प्रमाणीकरण – बॉयोमेट्रिक-आधारित प्रमाणीकरण में, एक व्यक्ति को उनके विशेष बायोलॉजिकल लक्षणों में से एक या अधिक का मूल्यांकन करके विशिष्ट रूप से पहचाना जाता है। ये विशेष बायोलॉजिकल लक्षण उनके उंगलियों के निशान, वॉयस वेवस, DNA या रेटिना और आईरिश स्कैनिंग हो सकते हैं। आधार प्रमाणीकरण के लिए, सेवा एजेंसियां और अन्य संस्थाएं किसी व्यक्ति की पहचान प्रमाणित करने के लिए उनके आईरिस स्कैनिंग या फिंगरप्रिंट का उपयोग करती हैं। प्रमाणीकरण के इस तरीके में, व्यक्ति द्वारा दिए गए आधार नंबर के साथ-साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी CIDR के साथ इकट्ठी जानकारी से मिलाई जाती है।
- दो से अधिक प्रमाणीकरण – इसके नाम से पता चलता है, इस प्रमाणीकरण में दो या अधिक तरीकों का इस्तेमाल करता है। इस प्रमाणीकरण के लिए आवेदन करने वाली इकाई उन्हें उपयुक्त प्रमाणीकरण के किसी भी तरीके के किसी भी तरीकों को चुन सकती है।
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आधार प्रमाणीकरण के लाभ क्या हैं?
आपके आधार नंबर में आपका डेमोग्राफिक और साथ ही बायोमेट्रिक जानकारी शामिल होती है। आधार कार्ड की यह सुविधा विभिन्न पब्लिक और प्राइवेट सेवा प्रदाताओं और संस्थाओं को आधार प्रमाणीकरण प्रक्रिया चलाने में मदद कर रही है। यह प्रक्रिया न केवल अधिक उच्च-स्तरीय सुरक्षा बल्कि अन्य लाभ भी प्रदान करती है। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- दस्तावेज़ों के ढेर को कम करता है
भारत में हमारे पास पहचान के चार से पांच प्रमाण हैं जैसे कि पैन कार्ड, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस आदि। चूंकि सरकारी संस्थाओं द्वारा पहचान के अलग-अलग प्रमाण दिए जाते हैं, इसलिए यह पब्लिक और प्राइवेट प्रदाता और अन्य संबंधित संस्थाएं, दोनों के लिए अलग-अलग प्रकार के पहचान के प्रमाण के आधार पर किसी व्यक्ति की जानकारी को प्रमाणित करना मुश्किल हो सकता है। आधार प्रमाणीकरण के साथ, निवासियों को अपनी पहचान साबित करने के लिए सेवा प्रदाताओं को केवल अपना आधार नंबर प्रदान करने की आवश्यकता है, इस प्रकार, यह पहचान के विभिन्न प्रकार के प्रमाण के ढेर को कम करता है। - प्रमाणीकरण प्रक्रिया को सरल करता है
विभिन्न सरकारी इकाईयों द्वारा विभिन्न प्रकार के पहचान प्रमाण जारी किए जाते हैं। उनके संबंधित सरकारी इकाइयों से विभिन्न प्रकार की पहचान के प्रमाण में दी गई जानकारी की पुष्टि करना काफी मुश्किल प्रक्रिया हो सकती है। आधार के साथ, यह प्रक्रिया सरल हो जाती है क्योंकि तब आपको किसी व्यक्ति की पहचान को वेरिफाइड करने के लिए केवल एक सरकारी इकाई, CIDR से संपर्क करने की आवश्यकता होती है। चूंकि आपके आधार नंबर में आपकी डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक जानकारी शामिल है, इसलिए प्रमाणीकरण प्रक्रिया ऑफ़लाइन वेरिफिकेशन तरीकों की तुलना में तेज़ होगी। - योग्य निवासियों की पहचान करता है
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, आधार कार्ड प्रमाणीकरण के मुख्य उद्देश्यों में से एक उद्देश्य योग्य निवासियों की पहचान करना है। आधार प्रमाणीकरण का इस्तेमाल करके सेवा प्रदाता और अन्य संबंधित संस्थाएं यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि लाभ या सेवाओं का क्लेम करने वाले निवासी इसके योग्य हैं या नहीं। यह धोखाधड़ी की गतिविधियों को कम करेगा, सरकार के संसाधनों को बचाएगा और यह सुनिश्चित करेगा कि लाभ केवल उन लोगों को दिया जाए जो उनके योग्य हैं।
- ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को प्रमाणित करता है
सेवाओं और सब्सिडी के लिए प्रमाणित करने के अलावा, आधार प्रमाणीकरण वित्तीय ट्रांजेक्शन को प्रमाणित करने के लिए भी उपयोगी है। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) आधारित मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से, सेवा प्रदाता किसी व्यक्ति के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को वेरिफाइड और प्रमाणित कर सकते हैं। दिसंबर 2016 में, सरकार ने BHIM (भारत इंटरफेस फॉर मनी) मोबाइल एप्लिकेशन जारी किया था, जो व्यक्तियों और व्यापारियों के बीच लेन-देन और भुगतान को मान्य करने के लिए आधार प्रमाणीकरण प्रक्रिया का उपयोग करता है। - किसी क्षेत्र में जाने की सीमित अनुमति देता है
किसी भी देश में, सुरक्षा सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है। हवाई अड्डों और बैंकों जैसे उच्च-सुरक्षा स्थानों में अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, अधिकारी आधार प्रमाणीकरण का उपयोग कर सकते हैं। आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से, संबंधित अधिकारी अत्यधिक सुरक्षित क्षेत्रों में लोगों की पहुंच को नियंत्रित कर सकते हैं। प्रमाणीकरण के बाद ही व्यक्तियों को प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश दिया जा सकता है।
CIDR हर दिन अरबों प्रमाणीकरणों को संभालने में योग्य और कुशल है। सुविधाओं, गति, सुरक्षित तरीकों, सटीकता और विश्वसनीयता के अपने व्यापक वर्गीकरण को ध्यान में रखते हुए, आधार बिना किसी संदेह किसी व्यक्ति की पहचान को प्रमाणित करने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक है। सरकार ने कुछ क्षेत्रों की पहचान की है जहाँ आधार प्रमाणीकरण को लागू किया जा सकता है; हालाँकि, यह अन्य संभावित क्षेत्रों की भी खोज कर रहा है।
संबंधित सवाल (FAQs)
प्रश्न. आधार जानकारी कैसे प्रमाणित की जाती हैं?
उत्तर: आधार जानकारी आमतौर पर OTP का उपयोग करके प्रमाणित किये जाते हैं। एजेंसी UIDAI को रिक्वेस्ट भेजती है जो बदले में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर OTP भेजता है और यूज़र को जानकारी ऑथेंटिकेशन के लिए इस OTP को दर्ज करना होता है।
प्रश्न. आधार प्रमाणीकरण सफल न होने और नामंज़ूर हो जाने पर अगला कदम क्या है?
उत्तर: यदि आपके आधार प्रमाणीकरण को किसी कारण से नामंज़ूर कर दिया जाता है, तो आप बायोमेट्रिक्स या TOTP जैसे अन्य तरीकों से कोशिश कर सकते हैं।
प्रश्न. नए मोबाइल सिम के लिए मेरा आधार बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण मंज़ूर नहीं करता है, तो ऐसे समय मुझे क्या करना चाहिए?
उत्तर: यदि आपकी अंगुली का निशान मेल नहीं खाता है, तो आप अपनी अन्य उंगलियों से कोशिश कर सकते हैं। आपकी किसी भी उंगली को बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के लिए मेल खाना चाहिए।