वर्तमान समय में डिमांड ड्राफ्ट और चेक दोनों का इस्तेमाल फंड ट्रांसफर के लिए कम होता हैं। इसका कारण यह है कि व्यक्ति आज अपने ज़्यादातर भुगतान IMPS , NEFT या RTGS जैसे डिजिटल माध्यमों से करना पसंद करते हैं। हालांकि आज भी परीक्षाओं, सेवाओं, नौकरियों, अधिक राशि की खरीद, एडमिशन आदि में ग्राहकों द्वारा डिमांड ड्राफ्ट का इस्तेमाल करके भुगतान किया जाता है, चेक ग्राहकों के द्वारा पसंद नहीं किए जाते हैं क्योंकि बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस न होने पर चेक बाउंस हो जाता है, लेकिन DD कभी बाउंस नहीं होता क्योंकि इसके लिए ड्राफ्ट बनवाने वाला व्यक्ति पहले ही भुगतान कर चुका होता है। हम डिमांड ड्राफ्ट जानकारी, डिमांड ड्राफ्ट की विशेषताएं और डिमांड ड्राफ्ट बनाने के लिए शुल्क को समझते हैं।
डिमांड ड्राफ्ट क्या है?
डिमांड ड्राफ्ट का इस्तेमाल भी किसी बैंक अकाउंट में पैसे भेजने के लिए होता है। किसी भी बैंक से इसे बनवाया जा सकता है। इस भुगतान सिस्टम में, जब भुगतान करने वाले व्यक्ति द्वारा डिमांड ड्राफ्ट पेश किया जाता है तो वह बैंक को पूरा भुगतान करने की गारंटी देता है।
- यह उल्लेखनीय है कि डिमांड ड्राफ्ट केवल बैंक की निर्दिष्ट शाखा के निर्दिष्ट केंद्र पर देना होता है।
- आमतौर पर, बहुत सारे ट्रांजेक्शन में चेक स्वीकार नहीं किया जाता है, क्योंकि भुगतान करने वाला व्यक्ति और राशि लेने वाला व्यक्ति दोनों अपरिचित हैं। इसके अलावा चेक बाउंस होने का जोखिम भी होता है।
- ऐसे में डिमांड ड्राफ्ट को स्वीकार कर लिया जाता है क्योंकि इससे पैसे ट्रांसफर करने की गारंटी दी जाती है।
- डिमांड ड्राफ्ट की वैधता की अवधि 3 महीने है।
ये भी पढ़ें- ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें?
डिमांड ड्राफ्ट जानकारी
- डिमांड ड्राफ्ट एक पेमेंट मैकेनिज्म है जो डिमांड पर दिया जाता है
- आप धारक को डिमांड ड्राफ्ट नहीं दे सकते
- डिमांड ड्राफ्ट का भुगतान प्राप्त करने में सक्षम होने के लिए, लाभार्थी को संबंधित शाखा को या तो DD पेश करना होगा या उसे अपने बैंक से क्लीयरिंग मैकेनिज़म के माध्यम से इकट्ठा करना होगा
- इसके अलावा डिमांड ड्राफ्ट की जानकारी नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, 1881 के सेक्शन 85 में दी गई है
डिमांड ड्राफ्ट शुल्क कैलकुलेशन
डिमांड ड्राफ्ट बनाने के लिए हर बैंक की अपनी दरें हैं। उदाहरण के लिए, SBI के लिए डिमांड ड्राफ्ट जारी करने का शुल्क है:
10,000 रु. से 1,00,000 रु. के डिमांड ड्राफ्ट के लिए– 5 रु. प्रति 1,000 रु. या उसका एक भाग
तो, आप भारतीय स्टेट बैंक द्वारा डिमांड ड्राफ्ट शुल्क को कैलकुलेट कैसे करेंगे? चलो पता करते हैं।
डिमांड ड्राफ्ट शुल्क की कैलकुलेशन प्रति 1000 रु. पर
- 5/ 1000 = 0.005
- अब, आपको इस आंकड़े का उपयोग राशि के साथ गुणा करना होगा
- उदाहरण के लिए, यदि डिमांड ड्राफ्ट 12000 रु. की राशि का है, तो डिमांड ड्राफ्ट शुल्क 12,000 * 0.005 = 60 रु.
- इसी तरह, अगर डिमांड ड्राफ्ट 22,500, रु. की राशि का है, तो डिमांड ड्राफ्ट शुल्क 22,500 * 0.005 = 112.5 रु.
कृपया ध्यान दें कि सैलरी अकाउंट के मामले में आपको डिमांड ड्राफ्ट बनाने के लिए शुल्क देने की आवश्कता नहीं है। उदाहरण के लिए, यदि आपका HDFC बैंक में सैलरी अकाउंट है, तो आप मुफ्त में प्रति दिन 1 लाख रु. तक का डिमांड ड्राफ्ट बना सकते हैं।
डिमांड ड्राफ्ट शुल्क
आइए ICICI बैंक और SBI बैंक के डिमांड ड्राफ्ट शुल्क पर एक नज़र डालते हैं।
डिमांड ड्राफ्ट जारी करने के लिए
SBI बैंक
- 5,000 रु. तक की राशि के लिए- 25 रु. GST समेत
- 5,000 रु. से 10,000 तक की राशि के लिए- 50 रु. GST समेत
- 10,000 रु. से 1,00,000 तक की राशि के लिए- 5 रु.सर्विस टैक्स समेत प्रति 1,000 रु. पर या उसके भाग। इस मामले में न्यूनतम डिमांड ड्राफ्ट शुल्क 60 रु. GST समेत
- 1,00,000 रु. तक की राशि के लिए 4 रु. प्रति 1,000 रु. पर या उसके भाग। इस मामले में न्यूनतम डिमांड ड्राफ्ट शुल्क 600 रु. GST समेत। इस मामले में अधिकतम DD शुल्क 2,000 रु. GST समेत होगा
ICICI बैंक
- 10,000 रु. तक की राशि के लिए– 50 रु. GST समेत
- 10,000 रु. से ज़्यादा की राशि के लिए – 3 रु. GST समेत प्रति 1,000 पर रु. या उसके भाग। इस मामले में, न्यूनतम DD शुल्क 75 रु. GST समेत, इस मामले में अधिकतम DD शुल्क 15,000 रु. GST के समेत
यदि आप विभिन्न बैंकों के सर्विस शुल्क के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो आप या तो RBI की वेबसाइट पर जा सकते हैं या संबंधित बैंक की वेबसाइट पर जा सकते हैं।
ये भी पढ़ें: ऑनलाइन ICICI बैंक डिमांड ड्राफ्ट जारी करने का तरीका जानें