अलग–अलग तरह के पेमेंट सिस्टम के आ जाने के बाद से एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसे ट्रांसफर करना बेहद ही आसान हो चुका है। आजकल बड़ी संख्या में बैंक, प्राइवेट कंपनियां और सरकारी निकाय विभिन्न तरह के पेमेंट सिस्टम जैसे NEFT, RTGS और IMPS को अपनाने लगे हैं। इससे संस्थाओं उसके ग्राहकों और अन्य संबंधित लोगों के बीच की खाई कम हुई है। इनके बारे में अधिक जानकारी पाने के लिए ये लेख पढ़ें:-
भारत में ऑनलाइन फण्ड ट्रान्सफर करने के माध्यम
भारत में ऑनलाइन फण्ड ट्रान्सफर करने के कई माध्यम हैं, जैसे डिजिटल वॉलेट, UPI और आदि| हालाँकि, सबसे ज़्यादा उपयोग होने वाले माध्यम हैं:
- नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रान्सफर (NEFT)
- रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS)
- इमीडियेट मोबाइल पेमेंट सर्विस (IMPS)
NEFT और RTGS को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) द्वारा लॉन्च किया गया है, वहीं IMPS को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) द्वारा लॉन्च किया गया है| इन पेमेंट सिस्टम के बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़े।
NEFT
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) एक भुगतान प्रणाली है जिसके द्वारा एक बैंक अकाउंट से दूसरे में पैसे ट्रान्सफर कर सकते हैं। NEFT के माध्यम फण्ड ट्रान्सफर उसी समय में नहीं होता है। हर आधे घंटे में NEFT के फण्ड ट्रान्सफर बैच रिलीस होते हैं जिसमें जिन भी लोगों ने पिछले आधे घंटे में अपने अकाउंट से फण्ड ट्रान्सफर किया है वो पैसे दूसरे अकाउंट तक पहुँचते हैं। आप जब भी NEFT से ट्रान्सफर करते हैं उसके आधे घंटे बाद वो ट्रान्सफर पूरा हो जाता है।
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RTGS
रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) द्वारा फण्ड ट्रान्सफर करने से पैसा उसी समय ट्रान्सफर हो जाता है। RTGS मुख्य रूप से ज़्यादा राशि वाले ट्रान्सफर के लिए हैं जिन्हें तुरंत पहुंचना होता है।
IMPS
इमीडियेट मोबाइल पेमेंट सर्विसेस (IMPS) ऑनलाइन फण्ड ट्रान्सफर सिस्टम है जिसे नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा मैनेज किया जाता है| इसके द्वारा फण्ड ट्रान्सफर करने से पैसा उसी समय ट्रान्सफर हो जाता है। IMPS पूरे साल 24*7 उपलब्ध रहता है जबकि NEFT और RTGS ये सुविधा नहीं देते हैं।
NEFT, RTGS और IMPS को खाताधारकों की सहूलियत के लिए शुरू किया गया है। इसके द्वारा फण्ड ट्रान्सफर के लिए भेने वाले के पास उसकी अकाउंट जानकारी होनी चाहिए जिसे फण्ड ट्रान्सफर करना है। हालाँकि, इन तीनों पेमेंट सिस्टम में कुछ अंतर है जिसके बारे में नीचे बताया गया है।
इन तीनों के बीच के अंतर को जानने से पहले, आइये कुछ टर्म के बारे में जान लें। इनके जानने से हमें आगे की जानकारी समझने में आसानी होगी।
- फण्ड ट्रान्सफर लिमिट
इन तीनों द्वारा कितना न्यूनतम या अधिकतम फण्ड ट्रान्सफर किया जा सकता है इसकी अलग-अलग सीमाएं हैं। इसलिए ट्रान्सफर करने से पहले तीनों की न्यूनतम और अधिकतम सीमा को जान लेना चाहिए ताकि ट्रान्सफर राशि के मुताबिक, आप सबसे बेहतर विकल्प चुन सकें।
- उपलब्ध सर्विस
कुछ पेमेंट सिस्टम 24*7 घंटे उपलब्ध रहते हैं जबकि कुछ सीमित समय के लिए| इसलिए ये जान लेना बेहतर है कि कौन सा पेमेंट सिस्टम 24*7 घंटे उपलब्ध है। क्योंकि सीमित समय वाले पेमेंट सिस्टम से ट्रान्सफर तभी सफल होगा जब उसकी सर्विस उपलब्ध होगी।
- फण्ड सेटलमेंट स्पीड
इसका मतलब है कि वो समय जिसमें फण्ड ट्रान्सफर (Fund Transfer) हो जाएगा| कुछ पेमेंट सिस्टम उसी समय फण्ड ट्रान्सफर करते हैं और कुछ ट्रान्सफर करने में निश्चित समय लेते हैं।
- फण्ड ट्रान्सफर चार्ज
फण्ड ट्रान्सफर (Fund Transfer) के लिए शुल्क देना पड़ता है। RBI के नियमों के मुताबिक, फण्ड ट्रान्सफर के लिए कितना शुल्क लिया जाएगा ये इसका निर्णय बैंक लेगा। शुल्क ट्रान्सफर अमाउंट, ट्रान्सफर स्पीड आदि पर निर्भर करता है|
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NEFT, RTGS और IMPS में तुलना
तुलना | NEFT | RTGS | IMPS |
ट्रान्सफर करने में समय | आधा घंटा | तुरंत | तुरंत |
न्यूनतम ट्रान्सफर सीमा | ₹ 1 | ₹ 2 लाख | ₹ 1 |
अधिकतम ट्रान्सफर सीमा | कोई सीमा नहीं
हालाँकि,भारत नेपाल रेमिटेंस फैसिलिटी स्कीम के अनुसार भारत और नेपाल के भीतर नकद आधारिक लेन–देन के लिए एक ट्रांजेक्शन में ₹ 50,000 से ज़्यादा ट्रान्सफर नहीं कर सकते हैं.
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कोई सीमा नहीं | ₹ 2 लाख |
सर्विस टाइमिंग | 365 दिन 24×7 उपलब्ध
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365 दिन 24×7 उपलब्ध
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365 दिन 24×7 उपलब्ध |
शुल्क |
इनवार्ड ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं |
इनवार्ड ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं
ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं आउटवार्ड ट्रांजैक्शन पर शुल्क लिया जाएगा अगर राशि: ₹ 2 लाख से ₹ 5 लाख तक के लिए ₹ 25 5 लाख से अधिक के लिए ₹ 50 GST भी लागू है
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IMPS के तहत भेजे गए पैसों पर कितना शुल्क लेना है, इसका निर्धारण इंडिविजुअल मेंबर बैंक और PPIs द्वारा किया जाता है। इसमें टैक्स शामिल है। |
भुगतान का विकल्प | ऑनलाइन और ऑफलाइन | ऑनलाइन और ऑफलाइन | ऑनलाइन |