चेक के माध्यम से किसी भी भुगतान को रोकने के कारण
- यदि खाताधारक के पास बैंक में अपर्याप्त राशि होती है तो वह खाते से चेक डेबिट करवाता है
- यदि चेक खो गया है या गलत है
- चेक में लिखित गलती के चलते
बैंक चेक के भुगतान को रोकने के तरीके निम्नलिखित हैं
- अकाउंट होल्डर बैंक से ऑनलाइन रिक्वेस्ट कर सकता है
- अकाउंट होल्डर कस्टमर केयर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकता है
- अकाउंट होल्डर व्यक्तिगत रूप से शाखा कार्यालय में आकर लिखित आवेदन दे सकता है
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चेक के भुगतान को रोकने के लिए ऑनलाइन सर्विस
हर बैंक में खाताधारकों को अपनी शिकायतें और रिक्वेस्ट करने के लिए ऑनलाइन सेवाएं प्रदान की जाती हैं। शिकायतें व रिक्वेस्ट करने का तरीका निम्नलिखित है:
- अकाउंट होल्डर के पास अपने अकाउंट से इंटरनेट बैंकिंग सेवा एक्टिव होनी चाहिए
- उसे बैंक के पोर्टल पर लॉग-इन करना होगा और उपलब्ध कराए गए विकल्पों में से एक को चुनना होगा और रिक्वेस्ट सबमिट करना होगा
- अधिकांश बैंक इंटरनेट एप्लिकेशन प्रदान करते हैं जिन्हें ग्राहक डाउनलोड, इंस्टॉल और उपयोग कर सकते हैं
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कस्टमर केयर हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल कर चेक का भुगतान रोकना
सभी बैंक ग्राहक की आसानी के लिए हेल्पलाइन नंबर प्रदान करते हैं जिसको उपयोग करने का तरीका निम्नलिखित है:
- अकाउंट होल्डर बैंक के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकता है और चेक के भुगतान को रोकने के लिए रिक्वेस्ट कर सकता है
- कस्टमर केयर ऐजेंट रिक्वेस्ट करने या रिक्वेस्ट को रजिस्टर करने के लिए फोन करने वाले ग्राहक की मदद करेंगे
- कार्यकारी अकाउंट होल्डर के बैंक अकाउंट की जानकारी जैसे अकाउंट नंबर, नाम, जन्म तिथि आदि पूछेगा
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बैंक (ऑफलाइन प्रक्रिया) में जाकर चेक का भुगतान रोकें
अकाउंट होल्डर चेक के भुगतान को रोकने के लिए अपने बैंक शाखा में जा सकते हैं। संबंधित व्यक्ति को लिखित अनुरोध देने के बाद, चेक के भुगतान को रोक दिया जाता है।
अकाउंट होल्डर के अनुरोध में चेक की निम्नलिखित जानकारी होनी चाहिए:
- चेक जारी करने की तारीख
- बेयरर का नाम
- चेक नंबर
- चेक के माध्यम से डेबिट की जाने वाली राशि और
- खाताधारक की जानकारी
एक बार जब बैंक को स्टॉप पेमेंट का अनुरोध प्राप्त हो जाता है, चेक का भुगतान रुक जाता है। इस प्रक्रिया में अकाउंट होल्डर पर कुछ शुल्क भी शामिल होते हैं। ये शुल्क उस चेक कि राशि पर निर्भर करता है।
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