एक चेक जिसे बैंक से अभी तक क्लियर नहीं किया गया है और उसका भुगतान रोकना है, तो इसके लिए आवेदन खाताधारक द्वारा किया जाता है। संबंधित बैंक को लिखित सूचना या आवेदन करना चेक भुगतान रोकने के लिए पर्याप्त है। एक खाताधारक द्वारा की गई ऐसी हर रिक्वेस्ट पर बैंक तुरंत एक्शन लेता है।
चेक के माध्यम से किसी भी भुगतान को रोकने की आवश्यकता तीन मुख्य कारणों से होती है:
- यदि खाताधारक के पास बैंक में अपर्याप्त राशि होती है तो वह खाते से चेक डेबिट करवाता है
- यदि चेक खो गया है या गलत है
- चेक में लिखित गलती के चलते
बैंक चेक के भुगतान को रोकने के तरीके निम्नलिखित हैं
- खाताधारक बैंक से ऑनलाइन अनुरोध कर सकता है
- खाताधारक कस्टमर केयर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकता है
- खाताधारक व्यक्तिगत रूप से शाखा कार्यालय में आकर लिखित आवेदन दे सकता है
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चेक के भुगतान को रोकने के लिए ऑनलाइन सेवा
हर बैंक में खाताधारकों को अपनी शिकायतें और अनुरोध करने के लिए ऑनलाइन सेवाएं प्रदान की जाती हैं। शिकायतें व अनुरोध करने का तरीका निम्नलिखित है:
- खाताधारक के पास अपने खाते से इंटरनेट बैंकिंग सेवा एक्टिव होनी चाहिए
- उसे बैंक के पोर्टल पर लॉग इन करना होगा और उपलब्ध कराए गए विकल्पों में से एक को चुनना होगा और रिक्वेस्ट सबमिट करना होगा
- अधिकांश बैंक इंटरनेट एप्लिकेशन प्रदान करते हैं जिन्हें ग्राहक डाउनलोड, इंस्टॉल और उपयोग कर सकते हैं
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कस्टमर केयर हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल कर चेक का भुगतान रोकना
सभी बैंक ग्राहक की आसानी के लिए हेल्पलाइन नंबर प्रदान करते हैं जिसको उपयोग करने का तरीका निम्नलिखित है:
- खाताधारक बैंक के हेल्पलाइन नम्बरों पर कॉल कर सकता है और चेक के भुगतान को रोकने के लिए अनुरोध दर्ज कर सकता है
- कस्टमर केयर ऐजेंट अनुरोध करने या अनुरोध को रज्सिटर करने के लिए फोन करने वाले ग्राहक की मदद करेंगे
- कार्यकारी खाताधारक के बैंक खाते की जानकारी जैसे खाता संख्या, नाम, जन्म तिथि आदि पूछेगा
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बैंक (ऑफ़लाइन प्रक्रिया) में जाकर चेक का भुगतान रोकें
खाताधारक चेक के भुगतान को रोकने के लिए अपने बैंक शाखा कार्यालय में जा सकते हैं। संबंधित व्यक्ति को लिखित अनुरोध देने के बाद, चेक के भुगतान को रोक दिया जाता है।
खाताधारक के अनुरोध में चेक की निम्नलिखित जानकारी होनी चाहिए:
- चेक जारी करने की तारीख
- बेयरर का नाम
- चेक नंबर
- चेक के माध्यम से डेबिट की जाने वाली राशि और
- खाताधारक की जानकारी
एक बार जब बैंक को स्टॉप पेमेंट का अनुरोध प्राप्त हो जाता है, चेक का भुगतान रुक जाता है।
इस प्रक्रिया में खाताधारक पर कुछ शुल्क भी शामिल होते हैं। ये शुल्क उस चेक कि राशि पर निर्भर करता है।