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मुद्रा क्या है?
मुद्रा ( माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट एंड रिफाइनेनंस ऐजेंसी ) छोटे उघोग क्षेत्र को फाइनेंशियल सहायता प्रदान करती है। जिसमें छोटे, उत्पादन करने वाले व्यवसाय, फूड सर्विस व अन्य छोटे व्यवसाय भी शामिल हैं। मुद्रा की स्थापना का मूल उद्देश्य व्यापार, उत्पादन और सर्विस सेक्टर से जुड़ी छोटी संस्थाओं फाइनेंशियल सुविधा प्रदान करना है।
मुद्रा लोन योजना का मुख्य उद्देश्य कारोबारियों, जिनमें NCSBS (नॉन-कॉर्पोरेट स्मॉल बिज़नेस सेक्टर) को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जोड़ना है। आमतौर पर भारत में NCSBS में सड़क के किनारे खड़े विक्रेता, मरम्मत की दुकानें , छोटे व्यवसाय और कारीगर शामिल हैं। ये छोटे व्यवसाय लगभग 10 करोड़ भारतीयों को रोज़गार प्रदान करते हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के बारे में जानने योग्य बातें
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
1.लोन राशि – इस योजना की तीन श्रेणियां हैं, जिनके तहत लोन दिए जाते हैं।
- शिशु – 50,000 रु. रुपये तक की लोन राशि के लिए
- किशोर – 50,001 रु. से 5 लाख रु. की लोन राशि के लिए
- तरुण – 5लाख रु. से अधिक तथा 10लाख रु. की लोन राशि के लिए
2.लोन कौन ले सकता है – कोई भी व्यवसायी या व्यवसाय जो पहले किसी लोन का डिफॉल्टर नहीं रहा है, वह प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन लेने के योग्य है। इस प्रकार, व्यक्तिगत व्यवसाय के मालिक, पब्लिक सेक्टर की कंपनियाँ, ऑनरशिप फर्म मुद्रा लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
3.लोन का उद्देश्य- चूंकि मुद्रा लोन एक व्यवसाय लोन है, लोन की राशि का उपयोग व्यक्तिगत आवश्यकताओं के लिए नहीं किया जा सकता है। यह लघु व्यवसाय को प्रदान किया जाता है जो उत्पादन, सर्विस या व्यापार सेक्टर के अन्तर्गत आते हैं। मुद्रा लोन से प्राप्त पूंजी का उपयोग व्यापारिक उद्देश्यों, उपलब्ध व्यापार को बढ़ाने के लिए व्यवसाय को विकसित करने के लिए कर सकते हैं।
4.ब्याज दरें– मुद्रा योजना के तहत लोन काफी कम ब्याज दर के साथ दिए जाते हैं और लोन राशि के आधार पर अलग-अलग होती हैं।
नवम्बर 2015 से लागू नियम के अनुसार, इस लोन पर लगने वाली ब्याज दरें व्यवसाय/ लोन लेने वाले की क्रेडिट प्रोफाइल पर निर्भर करती हीं, यह क्रेडिट प्रोफाइल के आधार पर अलग अलग हो सकती हैं।
- शिशु: शिशु लोन अधिकतम 50,000 रुपये की सीमा तक लोन लिया जा सकता है।
- किशोर: PMMY लोन 50,000 रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये तक किशोर लोन के रूप में नामित किए गए हैं और ऐसे मामलों में, ब्याज की दर बैंक को लोन स्वीकृत करने और आवेदक की लोन योग्यता के आधार पर भिन्न होगी।
- तरुण: तरुण लोन वे हैं जो 5 लाख रुपये से अधिक और अधिकतम 10 लाख रुपये में PMMY उधार की सुविधा देते हैं। इन लोन पर लागू ब्याज की दर आवेदक की लोन योग्यता के आधार पर भिन्न होगी।
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5.अधिकतम अवधि – PMMY के मौजूदा नियमों के अनुसार, मुद्रा लोन के लिए भुगतान अवधि अधिकतम 5 वर्ष तक हो सकती है, हालाँकि, लोन लेते समय यदि लोन देने वाला चाहें तो यह अवधि कम हो सकती है।
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प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के मुख्य प्रकार
मुद्रा योजना में कई प्रकार के लोन हैं। इनमें से महत्वपूर्ण निम्नलिखित हैं-
- माइक्रो क्रेडिट स्कीम– इस योजना के तहत अति-छोटे वित्तीय संस्थाओं (एम.एफ.आई) के माध्यम से वित्तीय सहायता का विस्तार किया जाता है ताकि वे 1 लाख रुपये तक के बिज़नस लोन प्रदान कर सकें।
- महिला उद्यमी कार्यक्रम(महिला उद्यमी योजना)– यह योजना विशेष रूप से महिला उद्यमियों पर लक्षित मुद्रा योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे व्यक्तिगत महिला उद्यमियों, महिला संयुक्त दायित्व समूहों एवं स्वयं-सहायता समूहों को विभिन्न छोटे व्यवसाय को स्थापित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ऐसे मामलों में विशेष रियायतें दी जा सकती हैं, उदाहरण के लिए लोन पर ब्याज दरों में 25% तक की कमी।
- बैंकों के लिए फाइनेंस योजना – मुद्रा अनुसूचित सहकारी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और कमर्शियल बैंकों सहित बैंकों को प्रति व्यवसाय 10 लाख रु. तक का लोन देने की अनुमति प्रदान करता है। ये सुविधा तभी उपलब्ध है जब इन बिज़नस लोन को छोटे व्यवसायों को दिया गया हो। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए योग्य बैंकों को समय-समय पर नियमों का पालन करना पड़ेगा।
- मुद्रा कार्ड– मुद्रा कार्ड, उन लोगों को दिया जाता है जिनका मुद्रा लोन आवेदन मंज़ूर हो जाता है। लोन अकाउंट में आने के बाद व्यक्ति इस कार्ड की मदद से पैसा निकाल सकता है। ये कार्ड ATM कार्ड की तरह काम करता है।
- क्रेडिट गारंटी फंड– इसे पोर्टफोलियो क्रेडिट गारंटी के रूप में भी जाना जाता है, इसमें छोटे व्यवसायों को दिए गए लोन की गारंटी के लिए एक फण्ड बनाना और उसका उपयोग शामिल है। यह फंड नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड द्वारा मैनेज किया जाता है।
- इक्विपमेंट फाइनेंस स्कीम – मुद्रा लोन योजना के हिस्से के रूप में यह योजना छोटे व्यवसायों को मशीनरी आदि खरीदने के लिए लोन देती है।
- छोटे व्यवसायों को लोन – मुद्रा के मूल उद्देश्यों में से एक, योजना से लाभ की मात्रा और लाभार्थियों की संख्या दोनों को अधिकतम करना है। भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा वर्तमान में विशिष्ट क्षेत्रों में शामिल है और खानपान संबंधित व्यवसाय, कपड़ा उत्पादन और सामुदायिक सेवाओं तक सीमित नहीं है। इन क्षेत्रों की विकास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, इसकी शुरुआत की गई है।
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बैंकों के लिए इसमें क्या है?
यह स्पष्ट है कि मुद्रा योजना भारत में संचालित छोटे व्यवसायों को लाभ पहुँचाती है और मुद्रा योजना देश के विकास के लिए कार्य कर रही है। लेकिन यह योजना बैंकों को भी मदद करती है।
निम्नलिखित प्रमुख कारण हैं जिसके चलते 27 पब्लिक सेक्टर के बैंक, 36 माइक्रोफाइनेंस संस्थान, 25 NBFC और 4 सहकारी बैंक पहले से ही इस योजना में भाग ले रहे हैं, जो कि भविष्य में और बढ़ सकते हैं।
- यदि लोन लेने वाला व्यक्ति/समूह व्यवसाय की हानि के परिणामस्वरूप अपने लोन/ EMI का भुगतान नहीं कर पाता है तो क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज के प्रावधान बैंक को भरपाई करते हैं।
- बैंक DPN (डिमांड प्रॉमिसरी नोट) भी मांग सकता है, जो कि लोन लेने वाले के द्वारा ब्याज दर पर लोन की राशि का भुगतान करने के लिए किए गए वादे का लिखित नोट है।
फाइनेंशियल वर्ष 2019-2020 में PMMY के तहत उपलब्धियां | |
स्वीकार हुए PMMY लोन की संख्या | 62237981* |
स्वीकृत की गई राशि | ₹ 337465.13 करोड़ |
दी गयी राशि | ₹ 329684.63 करोड़ |
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