आमतौर पर, कैश क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट को समान फंडिंग प्रोडक्ट के रूप में माना जाता है, फिर भी इन दोनों के बीच कई अंतर हैं जिसके बारे में लेख में बताया गया है:
कैश क्रेडिट | ओवरड्राफ्ट |
इसमें ब्याज दर कम है | इसमें ब्याज दर अधिक है |
स्टॉक और उत्पाद गिरवी रखकर कैश क्रेडिट लोन लिया जा सकता है | क्रेडिट हिस्ट्री, बैंक से संबंध और एफडी, इंश्योरेंस पॉलिसी आदि जैसे निवेश के आधार पर ओवरड्राफ्ट राशि का लाभ उठाया जा सकता है। |
कैश क्रेडिट का लाभ केवल बिज़नेस उद्देश्यों के लिए लिया जाना चाहिए | ओवरड्राफ्ट का उपयोग बिज़नेस से जुड़ी आवश्यकताओं समेत किसी भी उद्देश्य के लिए किया जा सकता है |
लोन राशि गिरवी स्टॉक और उत्पाद की मात्रा पर आधारित होती है | लोन राशि फाइनेंशियल स्टेटमेंट और डिपॉज़िट सिक्योरिटी पर आधारित होती है |
कैश क्रेडिट समय के साथ कम नहीं होता है | ओवरड्राफ्ट अकाउंट से पैसे निकालने पर अकाउंट में मासिक आधार पर कमी आएगी |
कैश क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए, नया अकाउंट खोलना होगा | आवेदक (खाताधारक) के मौजूदा अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ उठाया जाता है। |
न्यूनतम 1 वर्ष के लिए कैश क्रेडिट लोन का लाभ उठाया जा सकता है | ओवरड्राफ्ट सुविधा एक महीने या तिमाही की तरह छोटी अवधि के लिए, अधिकतम 1 वर्ष के लिए ली जा सकती है |
कैश क्रेडिट लोन व्यक्तियों, रिटेलर, व्यापारियों, मैन्यूफेक्चर्र , डिस्ट्रीब्यूटर, कंपनी, पार्टनरशिप , एकमात्र स्वामित्व, एलएलपी आदि द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। | ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ केवल संबंधित बैंक के खाताधारकों द्वारा लिया जा सकता है |
कैश क्रेडिट लोन को बिज़नेस प्रदर्शन और बाज़ार की स्थिति के आधार पर मंज़ूरी दी जाती है | फाइनेंशियल स्टेटमेंट और क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर ओवरड्राफ्ट को मंज़ूरी दी जाती है |
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कैश क्रेडिट या ओवरड्राफ्ट को चुनते समय याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें
- प्रोसेसिंग फीस: बैंक या लोन संस्थानों द्वारा लि जा रही प्रोसेसिंग फीस की तुलना करें, क्योंकि यह एक बैंक से दूसरे बैंक में भिन्न हो सकता है।
- ब्याज दर: ओवरड्राफ्ट की तुलना में कैश क्रेडिट लोन की ब्याज दर कम है।
- लोन अमाउंट यूटिलाइज़ेशन: कैश क्रेडिट के लिए आप जो भी संपत्ति गिरवी रखते हैं उसके आधार पर आपकी लिमिट तय की जाती है, जबकि कुछ बैंक कैश क्रेडिट राशि उपयोग ना करने पर एक समय के बाद ग्राहक से शुल्क वसूलते हैं।
- फोरक्लोज़र फीस: कुछ बैंक या NBFC फोरक्लोज़र फीस लेते हैं, अगर उधारकर्ता समय से पहले अकाउंट को बंद करना चाहता है, तो इस मामले में ग्राहक को अपने लोन अकाउंट को बंद करने के लिए लोन राशि के कुछ प्रतिशत का भुगतान करने की आवश्यकता होती है जो सामान्य रूप से 1% से 2% तक होती है।
इसलिए, एक नया अकाउंट खोलने या मौजूदा अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ उठाने से पहले बैंक द्वारा लगाए गए सभी अतिरिक्त और छिपी हुई फीस और शुल्कों को जानना आवश्यक है। लॉन्ग टर्म फंड कम ब्याज दर ऑफर करता है और शॉर्ट टर्म फंड अधिक ब्याज दरें लागू करता है।
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कैश क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट के बीच समानताएं
- कैश क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट के लिए बैंक या लोन संस्थान द्वारा दी जाने वाली ब्याज दर, उपयोग की गई राशि पर ली जाती है और ना कि स्वीकृत राशि या तय लिमिट राशि पर
- अगर बैंक मांग करता है तो उधारकर्ता को राशि दी गई सीमा में चुकानी होगी
- इन दोनों के बदले बैंक में सिक्योरिटी गिरवी रखनी होती है
- लोन लिमिट और स्वीकृत लोन राशि तय रहती है और दोनों मामलों में अतिरिक्त राशि नहीं निकाली जा सकती
- अतिरिक्त धन वापस लिया जा सकता है जो स्वीकृत या उपलब्ध कैश लिमिट है
कैश क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट को किसी व्यक्ति या कंपनी की शॉर्ट टर्म के साथ-साथ लॉन्ग टर्म आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, दो सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय सुविधाएँ माना जाता है। ये दोनों प्रॉडक्ट काफी हद तक एक जैसे लगते हैं। कैश क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट को लोकप्रिय प्रकार का बिज़नेस लोन माना जाता है जिसमें न्यूनतम दस्तावेज़ की आवश्यकता होती है।
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