दिव्यांग व्यक्तियों को उन सभी सरकारी अधिकारों और सेवाओं का लाभ लेने का अधिकार है जिसका लाभ अन्य सामान्य भारतीय नागरिक उठाते हैं। सरकार ने बड़े पैमाने पर विभिन्न व्यावसायिक ऋण / बिज़नेस लोन योजनाएं ऑफर की हैं ताकि इन अलग-अलग दिव्यांग लोगों को अपना व्यवसाय शुरू करने और आत्मनिर्भर और स्वतंत्र होने में मदद मिल सके।
सरकार ने एक कॉर्पोरेशन का गठन किया है जिसे ‘द नेशनल हैंडीकैप्ड फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन‘ (NHFDC) के रूप में जाना जाता है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य पूरी प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाना है और यह सुनिश्चित करना है कि विकलांगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाए। NHFDC व्यवसाय से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के लिए लोन प्रदान करता है जिसमें कमर्शियल वाहन, कृषि गतिविधियाँ, औद्योगिक उद्देश्य और व्यावसायिक और तकनीकी उच्च शिक्षा आदि शामिल है।
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NHFDC के तहत दी जाने वाली ब्याज दरें – स्वरोज़गार योजना
सरकार ने इस तरह के बिज़नेस लोन के लिए जो प्रावधान किए हैं, उनमें से एक ब्याज दरों को कम करता है। NHDFC द्वारा तय ब्याज दरें निम्नलिखित हैं:
ब्याज दर – स्वरोजगार योजना | |
₹ 50,000 से कम लोन राशि | 5% |
₹ 50,000 – ₹ 5 लाख के बीच की लोन राशि | 6% |
₹ 5 लाख – ₹ 15 लाख के बीच की लोन राशि | 7% |
₹ 15 लाख – ₹ 25 लाख के बीच की लोन राशि | 8% |
नोट: ऊपर दी गई ब्याज दरें, शुल्क आयोग और RBI के विवेक पर निर्भर करते हैं। शुल्कों पर GST और सर्विस टैक्स अलग से लगाया जाता है।
महिलाओं के लिए दरों में और कमी की गई है, अगर वे महिला समृद्धि योजना का हिस्सा हैं तो उन्हें अतिरिक्त 1% की छूट प्रदान की जाती है। युवा दिव्यांग महिलाओं को उचित दस्तावेज़ दिखाने पर एक और 1% छूट मिल सकती है।