22 मई 2020 को, आरबीआई के गवर्नर ने घोषणा कर बताया है कि बैंक और अन्य लोन संस्थानों को अनुमति दी गई है कि वो मोराटोरियम पीरियड को 31 अगस्त 2020 तक बढ़ा सकते हैं। इस तरह मोराटोरियम पीरियड में 90 दिन और जोड़कर इसे 6 महीनों का कर दिया गया है। यह घोषणा MSME क्षेत्र को नकदी संकट से निपटने में सहायता करेगी। मोराटोरियम पीरियड का लाभ ग्राहकों तक पहुँचाना बैंक पर निर्भर करता है और मोराटोरियम पीरियड चुनना किसी भी उधारकर्ता के लिए अनिवार्य नहीं है।
कोरोनावायरस (COVID-19) का प्रकोप और भारत के लॉकडाउन को देखते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने विभिन्न लोन संस्थानों को बिज़नस लोन, टर्म लोन या वर्किंग कैपिटल लोन पर तीन महीने की मोराटोरियम अवधि देने की अनुमति मतलब जिन भी लोगों, उद्योगों आदि ने लोन संस्थानों (बैंक, एनबीएफसी, एचएफसी) से लोन लिया है उनको अपने लोन भुगतान के लिए अतिरिक्त तीन महीने की मोहलत दी गई है।
RBI ने यह बैंकिंग सुविधा कंपनियों, उद्यमों, उद्यमियों और स्व–नियोजित पेशेवरों की मदद करने के लिए शुरू की है जो नगदी संकट का सामना कर रहे हैं। मोराटोरियम का अर्थ है कि आपको कानूनी रूप से अगले 3 महीनों के लिए अपने पर्सनल लोन EMI के भुगतान को टालने/ स्थगित करने की अनुमति है, 1 मार्च, 2020 और 31 मई, 2020 तक। इस बीच भुगतान ना करने के लिए कोई जुर्माना या शुल्क नहीं लिया जाएगा, हालांकि इस अवधि के दौरान आपकी लोन राशि पर ब्याज़ लगता रहेगा।
यदि आप मोराटोरियम, निजी या सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, NBFC, को-ऑपरेटिव बैंक के लिए चुनते हैं और योग्य हैं- माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (MFI), स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB), रीजनल रूरल बैंक (RRB), हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (HFC) या कोई अन्य वित्तीय संस्थान बिजनेस लोन लेने वालों को तीन महीने की मोराटोरियम की अनुमति देगा।
मोराटोरियम अवधि समाप्त होने के तुरंत बाद, कॉरपोरेट या उधारकर्ता जो मोराटोरियम का विकल्प चुनते हैं, उन्हें अपने लोन पर चार महीने की सामूहिक EMI प्लस ब्याज़ दरों का भुगतान करना होगा।
पैसाबाज़ार आपको सलाह देता है कि आप इस मोराटोरियम सुविधा का लाभ तभी उठाएं जब आपकी आय लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुई हो और आप समय पर लोन EMI का भुगतान करने में असमर्थ हों। मोराटोरियम का लाभ उठाने से पहले, कृपया ब्याज़ दर की जांच करें जिसका आपको भुगतान करना है, क्योंकि मोराटोरियम अवधि के बाद आपको इस दौरान आपकी राशि पर लगे ब्याज़ का एक साथ भुगतान करना होगा। यदि आपकी आय इस दौरान प्रभावित नहीं हुई है, तो हम आपको अपने लोन की रेगुलर EMI का भुगतान करने का सुझाव देते हैं। |
जानने योग्य बाते:
- मोराटोरियम क्या है:मोराटोरियम का अर्थ है कि लोन संस्थानों को ये अनुमति है कि वो लोन उधारकर्ताओं की EMI अगले तीन महीनों तक ताल/ स्थगित कर सकें।
- भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा घोषित मोराटोरियम अवधि 1 मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक है
- मोराटोरियम अनिवार्य नहीं है; यह संबंधित बैंक पर निर्भर करता है कि आप योग्य हैं या नहीं
- मोराटोरियम अवधि के दौरान आपकी लोन राशि पर ब्याज़ लगता रहेगा। इस अवधि के बाद आपको इस ब्याज़ का भुगतान करना होगा।
- RBI ने क्रेडिट ब्यूरो को निर्देशित किया है कि मोराटोरियम के कारण क्रेडिट स्कोर प्रभावित नहीं होनी चाहिए
- ग्राहकों के पास EMI की कटौती के लिए स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन को बंद करने का विकल्प है
- ग्राहक मोराटोरियम का लाभ उठाने के लिए, बैंक को एक SMS या ईमेल भेजें
- यदि EMI पहले से ही बैंक द्वारा काट ली गई है, तो मोराटोरियम का विकल्प चुनने पर बैंक आपके अकाउंट में राशि वापस भेज देगा
- उपलब्ध मोराटोरियम मौजूदा बिज़नेस लोन, टर्म लोन या वर्किंग कैपिटल लोन के किसी भी नियम और शर्तों को नहीं बदलेगा
मोराटोरियम का उदाहरण:
- लोन राशि: 10,00,000 रुपये
- ब्याज़ दर: 18% प्रति वर्ष (निश्चित) *
- भुगतान अवधि: 3 साल
- प्रति माह ब्याज़: 8,374 रु
- प्रति माह EMI:27,778 रु (ब्याज़ को छोड़कर)
मोराटोरियम विकल्प के साथ बनाम मोराटोरियम विकल्प के बिना
तारीख | विवरण | मोराटोरियम चुनने पर | मोराटोरियम विकल्प के बिना |
31 मार्च 2020 | भुगतान की जाने वाली EMI | 0 | ₹ 27,778 (EMI) + ₹ 8374 (ब्याज़ दर) = ₹ 36,152 |
30 अप्रैल 2020 | भुगतान की जाने वाली EMI | 0 | ₹ 27,778 (EMI) + ₹ 8374 (ब्याज़ दर) = ₹ 36,152 |
31 मई 2020 | भुगतान की जाने वाली EMI | 0 | ₹ 27,778 (EMI) + ₹ 8374 (ब्याज़ दर) = ₹ 36,152 |
1 जून 2020 | भुगतान की जाने वाली EMI | ₹ 1,44,608 (EMI + सामूहिक रूप से 4 महीने की ब्याज़ दर) | ₹ 36,152 और आगे के महीनों के लिए एक ही रहता है |
कॉर्पोरेट अकाउंट पर प्रभाव
बैंकिंग नियमों के अनुसार, यदि व्यवसाय ब्याज़ दर के साथ सामूहिक EMI का भुगतान करने में असमर्थ है, तो इस अकाउंट को SMA 1 (स्पेशल मेंशन अकाउंट 1) माना जाएगा। यदि 61 – 90 दिनों में भुगतान नहीं किया जाता है, तो अकाउंट को SMA 2 माना जाता है। यदि अभी भी भुगतान में देरी हो रही है, तो अकाउंट नॉन परफार्मिंग एसेट (NPA) में बदल जाता है।
स्वयं मोराटोरियम की राहत देने वाले बैंकों की लिस्ट
नीचे उन बैंकों की लिस्ट दी जा रहा है जो खुद ही अपने ग्राहकों को मोराटोरियम की रहत दे रहे हैं, मतलब ग्राहकों को मोराटोरियम चुनने की भी ज़रूरत नहीं है। जिन ग्राहकों ने बिज़नेस लोन लिया है, उन्हें मार्च, अप्रैल और मई के महीने के लिए EMI का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। इस अवधि के दौरान बैंक को कोई ऑटोमेटिक EMI का भुगतान नहीं किया जाएगा। यदि आप मोराटोरियम का लाभ नहीं लेना चाहते हैं और नियमित EMI का भुगतान करना चाहते हैं, तो आप आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जा सकते हैं, बैंक को कॉल कर सकते हैं या अपना अनुरोध बताते हुए एक ईमेल भेज सकते हैं।
- ऐक्सिस बैंक
- बैंक ऑफ इंडिया
- ड्यूश बैंक
- आईडीबीआई बैंक
- आईसीआईसीआई बैंक
- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
- यूको बैंक
- फेडरल बैंक
- पंजाब एंड सिंध बैंक
- स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक
बाकी बैंकों और एनबीएफसी के ग्राहकों को मोराटोरियम की राहत के लिए उनकी आधिकारिक वेबसाइट, मोबाइल ऐप या ईमेल के माध्यम से अनुरोध/ संम्पर्क करना होगा।
RBI ने यह घोषणा देश के छोटे कारोबारियों, स्वरोज़गार और SME (छोटे और मध्यम व्यवसाय) को देखते हुए की। यह तीन महीने की मोराटोरियम अवधि बिज़नेस लोन लेने वालों को उनकी बचत के प्रबंधन में मदद करेगी और उन्हें नकदी की कमी की स्थिति में नहीं डालेगी। मोराटोरियम अवधि को ठहराव या ‘ईएमआई हॉलिडे’ के रूप में माना जाता है, जिसमें लोन लेने वालों को COVID -19 संकट के बीच आने वाले महीनों में निवेश करने के लिए सावधानीपूर्वक वित्तीय निर्णय लेने और योजना बनाने की आवश्यकता होती है।