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नेशनल स्मॉल इंडस्ट्रीज़ कॉर्पोरेशन (NSIC) छोटे और मध्यम व्यवसाय (MSME) के विकास के लिए काम करता है। NSIC इन इंटरप्राइज़ेज़ के प्रमोशन के लिए माइक्रो, स्मॉल और मीडियम इंटरप्राइज़ेज मंत्रालय के तहत काम करता है। NSIC देश भर में फैले अपने शाखा कार्यालयों और टैक्नोलॉज़ी सेंटर के विस्तृत नेटवर्क के साथ काम करता है। इसकी सेवाओं की कैटेगरी में आर्थिक सहायता, कोर ट्रेनिंग और ऊष्मायन शामिल हैं। NSIC फाइनेंस, टैक्नोलॉजी, मार्केटिंग और सपोर्ट सर्विस के तहत सेवाएँ प्रदान करता है। कॉर्पोरेशन मशीनरी खरीदने और निर्यात में मार्केटिंग पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
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NSIC योजना के तहत बैंक / NBFC की ब्याज दरें
NSIC 10.50% से 12.00% प्रति वर्ष तक MSME को ब्याज दर प्रदान करता है।
MSME यूनिट की आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से, NSIC ने प्रमुख राष्ट्रीय और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के साथ एक MOU (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर हस्ताक्षर किए हैं। बैंक के साथ इस महत्वपूर्ण समझौते के तहत, NSIC छोटे और मध्यम व्यवसायों को बैंकों से लोन प्राप्त करने में सहायता करता है।
MSME लोन पर ली जाने वाली ब्याज दरें एक बैंक से दूसरे बैंक में अलग-अलग होती हैं। बैंक आमतौर पर 10.50 – 12.00% प्रति वर्ष ब्याज़ लेते हैं। कुछ महत्वपूर्ण सेक्टर उद्योग की विश्वसनीयता और स्थिरता समेत ब्याज दरों को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
NSIC द्वारा दी गई क्रेडिट सुविधा योजना के तहत बैंक:
बैंकों की लिस्ट |
एचडीएफसी (HDFC) बैंक |
ऐक्सिस बैंक |
बैंक ऑफ महाराष्ट्र |
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स |
यूको बैंक |
यस बैंक |
इंडसइंड बैंक लिमटेड |
फेडरल बैंक |
कॉर्पोरेशन बैंक |
भारतीय बैंक |
सिंडीकेट बैंक |
केनरा बैंक |
कोटक महिंद्रा बैंक |
द साउथ इंडियन बैंक |
तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक लि. |
जम्मू और कश्मीर बैंक लिमिटेड |
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योग्यता, फीस और शुल्क
MSME लोन को प्रायोरिटी सेक्टर के विकास को बढ़ाने के लिए बनाया गया है। प्रायोरिटी सेक्टर पर सामाजिक-आर्थिक रिसर्च के अनुसार, जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा इस सेक्टर पर निर्भर करता है ताकि वह आजीविका बनाए रख सके। प्रायोरिटी सेक्टर में भारत सरकार द्वारा तय कृषि, शिक्षा, आवास, एक्सपोर्ट लोन, माइक्रो और स्मॉल इंटरप्राइज़े़ज़ और अन्य सेक्टर के मेज़बान शामिल हैं।
असुरक्षित बिज़नेस लोन के लिए योग्यता शर्तों में शामिल हैं:
- MSME के कारोबार का टर्नओवर 30 लाख से रु. 200 करोड़ रु. के बीच होना चाहिए
- पिछले तीन वर्षों में व्यवसाय सफल रहा हो
- बिज़नेस, कच्चा माल, काम में प्रगति और तैयार माल की जानकारी
- कैश क्रेडिट लोन के सिक्योरिटी/गारंटी के तहत, बैंकों को व्यापार के पूरी जानकारी की आवश्यकता होती है
- पिछला लोन भुगतान रिकॉर्ड, अगर हो तो
- अच्छा CIBIL स्कोर
MSME योजना के तहत, अगर लोन राशि 10 लाख रु. है तो, बैंकों को किसी भी सिक्योरिटी/गारंटी नहीं चाहिए होगी, अगर इंटरप्राइजेज शानदार ट्रैक रिकॉर्ड दिखाता है, तो लोन राशि की लिमिट 25 लाख रू. तक बढ़ाई जा सकती है।
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ज़रूरी दस्तावेज
MSME लोन का लाभ उठाने के लिए, निम्नलिखित दस्तावेज़ों को तय किया गया है:
- पहचान प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- बिज़नेस का पता प्रमाण
- नए आयकर रिटर्न के साथ प्रमोटर, गारंटर, निदेशक आदि का एसेट और लायबिलिटी स्टेटमेंट
- अगर बिज़नेस कैंपस किराए पर / लीज़ पर दिया गया हो तो रेंट एग्रीमेंट / लीज डीड
- SSI रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र / इंटरप्रेन्योर की मेमोरेंडम की कॉपी
- यूनिट की प्रोफाइल – प्रमोटर का नाम और पता, अनुभव, नेचर ऑफ एक्टिविटी, सभी कार्यालयों / प्लांट, शेयरहोल्डिंग पैटर्न आदि
- IT/ ST रिटर्न के साथ पिछले 3 वर्ष की बैलेंसशीट
- अगले दो वर्षों के लिए अनुमानित बैलेंस शीट
- तय फॉर्मेट में आवेदन भरा
- अगर आपकी लिमिट 100 लाख रु. और इससे अधिक है,तो तय फॉर्मेट में CMA डेटा
- मौजूदा बैंकरों के साथ अकाउंट की स्थिति
- लोन आवश्यकताओं के लिए व्यापक प्रोजेक्ट रिपोर्ट
- अनुमान / कीमत / सेंशन बिल्डिंग प्लान आदि
- पार्टनरशिप डीड / ट्रस्ट डीड / नियम और कानून / मेमोरेंडम और एसोसिएशन ऑफ एसोसिएशन / सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉर्पोरेशन आदि के समर्थन में दस्तावेज़
- पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से मंज़ूरी
- बिजली बोर्ड और अन्य वैधानिक अधिकारियों से मंज़ूरी
चालू वित्त वर्ष के लिए हर महीने का प्रॉडक्शन और बिक्री के आंकड़े, प्रक्रिया में स्टॉक का मूल्य, तैयार माल, देनदार, लेनदार आदि।
विशेषताएं और लाभ
- पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के माध्यम से MSMEs को क्रेडिट की सुविधा देता है
- प्रायोरिटी सेक्टर को बढ़ावा देता है
- एक बैंक से दूसरे बैंक में जाने के लिए इंटरपाइज़ेज का विकल्प
- MSMEs की आसान कागज़ी प्रक्रिया में सलाह देना
- सर्वोत्तम ब्याज दर प्राप्त करने में MSMEs के लिए गाइडलाइन
- क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए MSMEs की गाइडलाइन का लाभ करें
- MSMEs को हैंडहोल्डिंग सपोर्ट
कैटेगरी और प्रकार
- MSME लोन
- वर्किंग कैपिटल लोन
- टर्म लोन
वर्किंग कैपिटल लोन: वर्किंग कैपिटल लोन के तहत, MSME को उनकी ग्रोथ को बढ़ाने के लिए कई प्रकार के लोन दिए जाते हैं, इनमें शामिल हैं:
-
- ओवरड्राफ्ट सुविधा के साथ करंट अकाउंट
- कैश क्रेडिट की सुविधा
- बिल डिस्काउंटिंग
- शॉर्ट टर्म अनसिक्योर्ड बिज़नेस लोन
- CGTMSE योजना के तहत लोन
- गारंटी
- क्रेडिट लेटर
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संबंधित सवाल (FAQs)
प्रश्न. NSIC की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर: NSIC की स्थापना 1955 में भारत सरकार के तहत पब्लिक सेक्टर के रूप में की गई थी।
प्रश्न. NSIC सर्टिफिकेट क्या है?
उत्तर: NSIC सर्टिफिकेट या रजिस्ट्रेशन छोटे उद्योगों के लिए सरकारी खरीद और क्रेडिट रेटिंग योजना के लिए सिंगल प्वाइंट रजिस्ट्रेशन की पेशकश करके MSME को बढ़ावा देने में मदद करता है।
प्रश्न. NSIC का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: NSIC लघु उद्योग (SSI) को विभिन्न सेवाएँ प्रदान करता है और किराए पर खरीद योजना पर मशीनरी प्रदान करता है। यह प्रोटोटाइप पीएफ मशीनें भी विकसित करता है और इसे कमर्शियल प्रॉडक्शन के लिए छोटे व्यवसायों को भेजता है।
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