ओवरड्राफ्ट लोन पर ब्याज दरें
प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के बैंकों द्वारा दी जाने वाली ओवरड्राफ्ट लोन पर ब्याज दर (Interest Rate on Overdraft) आवेदकों के लिए अलग-अलग होती हैं और आवश्यक लोन राशि, भुगतान अवधि और संबंधित बैंक या फाइनेंशियल संस्थान के साथ संबंधों पर निर्भर करती है।
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ओवरड्राफ्ट अकांउट की विशेषताएं
- ओवरड्राफ्ट अकांउट (Overdraft) एक ऐसी सुविधा है, जिसका लाभ कोई भी बैंक अकांउट (सेविंग्स और करेंट अकाउंट) रख कर उठाया जा सकता है।
- मंज़ूर की गई लोन राशि में से इस्तेमाल की गई राशि पर सिर्फ ब्याज लिया जाता है।
- अब बहुत से प्राइवेट बैंक और पब्लिक सेक्टर के बैंक यह फैसिलिटी सैलरी और सेविंग्स अकाउंट होल्डर्स दोनों को ऑफर करते है।
- कस्टमर की अकाउंट वैल्यू, रीपेमेंट-हिस्ट्री और क्रेडिट स्कोर के आधार पर मनी एक्सटेंशन दिया जाता जाता है।
- बैंकों द्वारा शॉर्ट-टर्म क्रेडिट प्रदान किया जाता है, जिसका भुगतान एक निश्चित टाइम लिमिट के अंदर किया जाता है, जो कि आमतौर पर 12 महीने या उससे कम होता है।
- क्रेडिट राशि और ओवरड्राफ्ट का इस्तेमाल जितने दिनों के लिए किया जाता है, उतने दिनों तक उसमें ब्याज लिया जाता है।
- इस भुगतान अवधि को बैंक के द्वारा निर्धारित किया जाता है और इसके अकांउट को इस्तेमाल करने का पूरा अधिकार होता है
- RBI के नियमों के अनुसार, करंट अकांउट और कैश क्रेडिट अकांउट अधिक से अधिक 50,000 रु. प्रति हफ्ते ओवरड्राफ्ट (Overdraft) के लिए योग्य हैं। हालाँकि, ये सीमा पर्सनल ओवरड्राफ्ट अकांउट पर लागू नहीं होती है।
ओवरड्राफ्ट का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल की ज़रूरत पड़ने पर और बिज़नेस कैश फ्लो को मैनेज करने के लिए किया जाता है। व्यवसायियों को आमतौर पर अपने ग्राहकों से भुगतान की रकम प्राप्त करने के लिए इंतजार करना पड़ता है और कई बार इसमें देरी हो जाती है। इस बीच पैसे की ज़रूरत पड़ने पर अपने करंट ओवरड्राफ्ट की सुविधा से व्यवसायी पैसे निकाल सकते हैं। कोई भी व्यवसायी किसी तरह के भुगतान के लिए अपने ओवरड्राफ्ट अकाउंट का चेक भी दे सकता है। यह चेक डिसओनर और बिज़नेस के रेप्यूटेशन को बनाएं रखने में मदद करता है।
हालांकि, यह सुविधा सभी लोगों को प्रदान नहीं की जाती है। यह सुविधा बैंक के मौजूदा कस्टमर्स को प्रदान की जाती है जिन्होंने लगातार समय पर भुगतान किया है और जिनका क्रेडिट स्कोर अच्छा है वह इस सुविधा को ले सकते हैं। इससे भी अधिक, इस ओवरड्राफ्ट सुविधा में एक वार्षिक शुल्क लगता है और ग्राहक जब भी चाहे इस सेवा को बंद करा सकते हैं।
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ओवरड्राफ्ट के लाभ व नुकसान क्या हैं?
ओवरड्राफ्ट के लाभ व नुकसान निम्नलिखित हैं:
लाभ | नुकसान |
व्यवसाय के कैश फ्लो के मैनेजमेंट में मदद करता है | अधिक ब्याज दर |
तत्काल नकदी की कमी की आवश्यकताओं को पूरा करता है | केवल बैंक खाताधारकों को ऑफर किया जाता है |
ब्याज का भुगतान केवल उपयोग की गई राशि पर किया जाता है | स्वीकार लिमिट आवेदक के फाइनेंस पर निर्भर करती है |
कम समय में राशि निकाली जा सकती है | शॉर्ट टर्म के लिए मिलता है- हर साल बदलता है |
बैंक द्वारा कोई कोलैटरल नहीं लिया जाता | लॉन्ग टर्म फाइनेंस के लिए उपयुक्त नहीं है |
ओवरड्राफ्ट (OD) अकांउट के प्रकार
विभिन्न प्रकार के ओवरड्राफ्ट अकांउट के लिए अलग-अलग योग्यता शर्तें होती हैं:-
सैलरी अकाउंट के बदले ओवरड्राफ्ट
कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए खोले गए सैलरी अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट (Salary Account Overdraft) सुविधा मिल सकती है। लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि आवेदक की मंथली सैलरी उसी अकाउंट में जमा होती हो और कंपनी बैंक की अप्रूव्ल लिस्ट में होनी चाहिए।
विशेषताएँ
- बैंक ग्राहक की वर्तमान सैलरी का 3 गुना तक का ओवरड्राफ्ट (Overdraft) प्रदान करता है
- इस सुविधा के लिए बहुत कम कागज़ी-कार्यवाही करनी पड़ती है
- कस्टमर को ब्याज़ केवल उपयोग की गई राशि पर अदा करनी होती है, जिसका भुगतान वो कभी भी कर सकता है, बिना किसी फोरक्लोज़र चार्ज़ेस के।
- ओवरड्राफ्ट (Overdraft) के लिए न्यूनतम वेतन सीमा 15,000 रु. से 1.25 लाख रु. है।
- इस तरह के ओवरड्राफ्ट में किसी भी सिक्योरिटी/ गारंटी की आवश्यकता नहीं होती हैं
- कुछ बैंक 4 लाख रु. तक की की ओवरड्राफ्ट (Overdraft) राशि प्रदान करते हैं।

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सेविंग अकांउट के बदले ओवरड्राफ्ट
प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खोले गए सभी सेविंग अंकाउट 5,000 रु. या पिछले महीने में मौजूदा बैलेंस (जो भी कम हो) की 4 गुना राशि ओवरड्राफ्ट (Overdraft) के रूप में ले सकते हैं। इसके लिए बैंक अकाउंट 6 महीने से एक्टिवेट होना चाहिए और परिवार का केवल एक सदस्य ही इसके लिए योग्य होता है। यह सुविधा परिवार में कमाने वाले सदस्य को ही दी जाती है, विशेषकर महिला। इसमें अकांउट को आधार कार्ड के साथ जोड़ा गया हो।
RBI के निर्देशों के पालन के लिए अकांउट होल्डर के पास दूसरा सेविंग अकांउट भी हो। नाबालिग और KCC (किसान क्रेडिट कार्ड) वाले व्यक्ति इस स्कीम को लेने के लिए मान्य नहीं होते हैं। यहाँ इस सुविधा के लिए वार्षिक फीस देनी पड़ती है। हालांकि, ब्याज दर बेस रेट से 2% से अधिक नहीं हो सकती है। इस सुविधा में कोई प्रॉसेसिंग फीस नहीं लगती है।
सेविंग्स अकांउट के लिए ओवरड्राफ्ट (Overdraft) का दूसरा अच्छा उदाहरण है सिटीबैंक सुविधा बचत अकांउट। इसमें आपको 5 लाख रु. ओवरड्राफ्ट के रूप में मिल सकते हैं। बैंक ब्याज दर के साथ न्यूनतम EMI राशि तय करता है। हालांकि, ग्राहक अपनी सुविधा अनुसार किसी भी समय EMI की राशि को बढ़ाने का चयन कर सकते हैं। इस स्कीम में प्री-पेमेंट फीस शामिल नहीं होती है।
टाइम डिपॉज़िट (FD) के बदले ओवरड्राफ्ट
टाइम डिपाज़िट जैसे कि फिक्सड डिपाज़िट के बदले भी ओवरड्राफ्ट (Time Deposit Overdraft) लिया जा सकता है। हालांकि, सभी बैंक इस सुविधा को प्रदान नहीं करते हैं क्योंकि यह केवल बैंक की पॉलसी के अधीन है। देश के पब्लिक सेक्टर बैकों में से SBI, टाइम डिपाज़िट के लिए ओवरड्राफ्ट की सुविधा प्रदान करता है। सभी ग्राहक जिनके पास SBI की किसी भी शाखा में सिंगल/ जॉइन्ट टाइम डिपाज़िट है जैसे कि TDR /STDR और RD जिसमें NRI/ NRO RFC शामिल है, वे इस सुविधा को ले सकते हैं। कस्टमर इंटरनेट बैकिंग के द्वारा भी TDR और STDR ओवरड्राफ्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
ओवरड्राफ्ट (Overdraft) की राशि को न्यूनतम 25,000 रु. और अधिकतम 5 करोड़ रु. होती है। ओवरड्राफ्ट की राशि टाइम डिपॉज़िट की राशि के 90% से अधिक नहीं हो सकती। भुगतान अवधि को उधारकर्ता की भुगतान क्षमता और ओवरड्राफ्ट की राशि के अनुसार निर्धारित किया जाता है। SBI कोई भी प्रोसेसिंग फीस और प्री-पेमेंट चार्ज नहीं वसूलता है। इस तरह के ओवरड्राफ्ट को सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट भी कहा जाता है।

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संबंधित प्रश्न (FAQs)
ओवरड्राफ्ट पर ब्याज की कैल्कुलेशन कैसे की जाती है?
ओवरड्राफ्ट ब्याज दर की कैल्कुलेश औसत दैनिक बैलेंस विधि द्वारा की जाती है जिसमें प्रत्येक दिन या अवधि के अंत में एक चालू खाते के शेष राशि पर विचार करके ओवरड्राफ्ट ब्याज की कैल्कुलेशन की जाती है।
ओवरड्राफ्ट और टर्म लोन में क्या अंतर है?
ओवरड्राफ्ट और बैंक लोन के बीच मुख्य अंतर यह है कि ओवरड्राफ्ट में ब्याज दर का भुगतान केवल उपयोग की गई राशि पर किया जाता है, जबकि टर्म लोन में आपको पूरी राशि पर ब्याज दर का भुगतान करना होता है।
ओवरड्राफ्ट या पर्सनल लोन में से कौन-सा बेहतर है?
दोनों तत्काल नकदी की कमी को पूरा करने के लिए उपयोगी हैं। किसी भी लोन संस्थान से पर्सनल लोन लिया जा सकता है, हालांकि ओवरड्राफ्ट केवल बैंक से ही लिया जा सकता है, जहां आपका अपना मौजूदा करेंट या सेविंग्स अकाउंट है। पर्सनल लोन पर भुगतान की गई ब्याज दर कुल राशि पर होता है, लेकिन ओवरड्राफ्ट के मामले में ब्याज दर का भुगतान केवल उपयोग की गई राशि पर किया जाता है।
SBI ओवरड्राफ्ट पर ब्याज दर कितनी है?
ओवरड्राफ्ट पर ब्याज बैंक से बैंक में अलग अलग होता है और आवेदक का बैंक और उसकी फाइनेंशियल स्थिरता के साथ संबंध पर निर्भर करता है।
SBI की ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी क्या है?
SBI अपने कस्टमर्स को उनकी एफडी के बदले ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी ऑफर करता है। जिन कस्टमर्स का एसबीआई में एफडी है, वे 90% तक की एफडी राशि निकाल सकते हैं। यह राशि YONO ऐप या बैंक के नज़दीकी ब्रांच जाकर निकाली जा सकती है।
अगर मैं अपने ओवरड्राफ्ट का भुगतान नहीं कर सकता तो क्या होगा?
यदि आप समय पर ओवरड्राफ्ट राशि चुकाने में असमर्थ हैं, तो बैंक से जुड़े आपके वर्तमान या बचत खाते से बकाया राशि और ब्याज दर की राशि निकाल सकता है।
ओवरड्राफ्ट के लिए आवेदन करने से क्रेडिट स्कोर प्रभावित होता है?
यदि आप ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए आवेदन करते हैं तो आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ता है। यदि आप समय पर राशि चुकाने में डिफॉल्ट करते हैं या यदि आप तयशुदा सीमा से अधिक हैं तो यह आपके CIBIL स्कोर को प्रभावित करेगा।
बैंकिंग में ओवरड्राफ्ट क्या है?
एक बैंक ओवरड्राफ्ट एक क्रेडिट लाइन है जिसमें बैंक एक लिमिट प्रदान करता है जिसे आपके बैंक खाते की शेष राशि शून्य से नीचे होने पर भी लिया जा सकता है।
क्या बैंक ओवरड्राफ्ट करेंट लायबिलिटी है या फिर एक लॉन्ग-टर्म लायबिलिटी है?
चुंकि ओवरड्राफ्ट की भुगतान अवधि 12 महीने होती है, ऐसे में इसे करेंट लायबिलिटी माना चाहिए। एक ओवरड्राफ्ट को शॉर्ट-टर्म लोन भी माना जा सकता है।