ओवरड्राफ्ट का कैलकुलेशन
ओवरड्राफ्ट एक तरह का शॉर्ट टर्म लोन है जो ज़्यादातर सभी बैंकों और NBFC द्वारा ऑफर किया जाता है। ओवरड्राफ्ट सुविधा का उपयोग केवल तभी किया जाना चाहिए जब इसकी ज़रूरत हो, जैसे कि नया स्टॉक खरीदना या व्यवसाय के लिए भुगतान करना आदि।
उदाहरण के लिए, यदि किसी ग्राहक ने 30 दिनों के लिए बड़े ऑर्डर का भुगतान किया है, तो आपको इस ऑर्डर को पूरा करने के लिए कच्चे माल या शेयरों को खरीदने के लिए अपने खाते से ओवरड्राफ्ट करना होगा। एक बार ग्राहक के भुगतान करने के बाद आप लोन चुका सकते हैं।
यदि आपके खाते में एक रनिंग ओवरड्राफ्ट है, तो आप खाते में मौजूद रक़म से ज़्यादा निकाल सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके अकाउंट में 10,000 रू बैलेंस है और आप 15,000 रू. निकालना चाहते हैं तो आप अपने खाते से वह राशि निकाल सकते हैं। हालांकि, उस 5,000 रु. की ओवरड्राफ्ट राशि का भुगतान आपको ब्याज के साथ करना होगा।
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बैंक ओवरड्राफ्ट के फायदें
ओवरड्राफ्ट का उपयोग व्यवसाय को लगातार चालू रखने और अचानक आए खर्चों के लिए किया जाता है। इसके लाभ निम्नलिखित हैं:
- फंड टाइम्स मिसमैच: ओवरड्राफ्ट व्यवसाय को लगातार चलते रहें में मदद करता है। दूसरे शब्दों में, यदि बिक्री और खरीद में एक सप्ताह या महीने का अंतर है तो उस दौरान ओवरड्रोफ्ट खर्चों को मैनेज करता है
- अस्थायी धन: अगर आपके खाते में आपके पास पर्याप्त बैलेंस नहीं है, जो आपके भुगतान में देरी का कारण बन रहा है तो ऐसे में आप ओवरड्रफ्ट की मदद से भुगतान कर सकते हैं। जिससे आपको लेट पेमेंट फीस आदि नहीं देनी होगी
- आसान सुविधा: यह ग्राहक को किसी भी समय (एक सीमित सीमा तक) राशि वापस लेने की अनुमति देता है
- कम ब्याज की सुविधा: ओवरड्राफ्ट में आप को केवल निकाले गए पैसे पर ही ब्याज देना होता है, वहीं लोन की स्तिथि में आपको सम्पूण राशि पर लोन देना होता है
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बैंक ओवरड्राफ्ट के नुकसान
ओवरड्राफ्ट सुविधा के कई फायदे हैं, लेकिन एक नुकसान है। वह नीति जिसमें बैंक ग्राहक को ओवरड्राफ्ट शुल्क व फीस के बारे में भ्रमित करते हैं कि ओवरड्राफ्ट शुल्क कैसे लगाया जाना है।
- अधिक ब्याज दर: ओवरड्राफ्ट की ब्याज दर उधार लेने के अन्य विकल्पों की तुलना में अधिक है
- सीमा में कमी का जोखिम: ओवरड्राफ्ट में कमी आमतौर पर तब होती है जब कंपनी का फाइनेंशियल प्रदर्शन खराब होता है। इसलिए, विशेष रूप से कंपनी की आवश्यकता होने पर इस सुविधा को वापस लिया जा सकता है
- जोखिम : बैंक ओवरड्राफ्ट सुविधा कभी-कभी अन्य बीमा कंपनियों जैसे इन्वेंट्री या शेयर, जीवन बीमा पॉलिसियों के साथ लिंक होती है। यदि भुगतान सफल नहीं होता है तो उन सब ऐसेट को भी जब्त कर लिया जाता है
- डिफॉल्ट की स्थिति में सुविधा का न मिलना: कुछ मामलों में, बैंक एक डिफॉल्टर को ओवरड्राफ्ट की सुविधा नहीं देता है
ओवरड्राफ्ट ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बैंकों द्वारा प्रदान की गई एक शॉर्ट टर्म अस्थायी सुविधा है। यह देखा गया है कि इस तरह की सुविधा पर बहुत अधिक शुल्क लगता है।
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