सप्लाई चेन फाइनेंस की प्रक्रिया
- सप्लाई चेन फाइनेंस सप्लायर, खरीदार और फाइनेंसर के बीच किया जाने वाला एग्रीमेंट है।
- सबसे पहले खरीदार सप्लायर से माल खरीदता है।
- सप्लायर जो सेवाएं और माल प्रदान करता है उसका इनवॉइस खरीदादर को सप्लाई चेन फाइनेंस प्लैटफॉर्म पर भेजता है
- खरीदार उसी प्लैटफॉर्म में इन्वॉइस को अप्रूव करता है।
- अब फाइनेंसर इनवॉइस के आधार पर राशि का भुगतान करता है।
- फाइनेंसर इनवॉइस की मैच्योरिटी पर खरीदार के अकाउंट से राशि डेबिट करता है।
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सप्लाई चेन फाइनेंस का उदाहरण
मान लीजिए ‘A’ ने सप्लायर ‘Z’ से माल खरीदा। ‘Z’ माल सप्लाई करता है और उसका इनवॉइस ‘A’ को भेजता है। इसके बाद “A” 30,60 या 90 दिनों की अवधि के लिए पेमेंट अप्रूव करता है। अगर ‘Z’ यानी कि सप्लायर को जल्द पेमेंट चाहिए तो वह ‘A’ को अप्रूव किए गए इनवॉइस पर जल्द पेमेंट करने की रिक्वेस्ट भेजता है। अब अगर खरीदार ‘A’ के पास पैसे नहीं हैं तो वह, फाइनेंसर से पेमेंट करने को कहता है। फाइनेंसर खरीदार के बदले पेमेंट कर देता है और राशि का भुगतान करने के लिए उसे एक निश्चित अवधि प्रदान करता है।
सप्लाई चेन फाइनेंस के लाभ
सप्लायर | मैन्यूफैक्चरर | डीलर |
कैश फ्लो बढ़ाता है | वर्किंग कैपिटल में निवेश को कम करता है | इन्वेंट्री की खरीद के लिए वर्किंग कैपिटल प्रदान करता है |
शिपमेंट के बाद का फाइनेंसिंग प्रदान करता है | बेचे गए माल की लागत कम करता है (सीओजीएस) | वर्किंग कैपिटल की तुलना में फंड की कम लागत |
जल्द पेमेंट हो जाने से खरीदार पर वित्तीय निर्भरता कम होती है | एडमिनिस्ट्रेशन की लागत को कम करता है | कम अवधि के कारण वित्तीय अनुशासन में सुधार करता है |
खरीदार की क्रेडिट रेटिंग का लाभ उठाकर पूंजी की लागत कम करता है | उधार लेने की कुल लागत कम कर देता है | एडमिनिस्ट्रेशन लागत ऑटोमैटिक कम हो जाता है |
सप्लाई चेन फाइनेंस प्रदान करने वाले बैंकों और एनबीएफसी में बैंक ऑफ बड़ौदा, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, इंडसइंड बैंक, ICICI बैंक , लेडिंगकार्ट फाइनेंस, कैपिटल फ्लोट आदि शामिल हैं। फोकस बाजार या क्षेत्र जो बड़े पैमाने पर सप्लाई चेन फाइनेंस को वरीयता देते हैं उनमें, कृषि, एफएमसीजी, कमोडिटीज, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स शामिल हैं।
सप्लाई चेन फाइनेंस के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली ट्रेडिंग सेवाएं इस प्रकार हैं:-
- लेटर ऑफ क्रेडिट
- संग्रह के लिए एक्सपोर्ट और इंपोर्ट बिल
- क्रेडिट एडवाइज़िंग के लिए एक्सपोर्ट लेटर
- इंपोर्ट और इनवॉइस फाइनेंसिंग
- LC चेकिंग, नेगोशिएशन, कंफर्मेशन और सेफ कीपिंग
- परफॉर्मेंस बॉन्ड
- प्री–शिपमेंट एक्सपोर्ट फाइनेंस
- शिपिंग गारंटी
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सप्लाई चेन फाइनेंस के साधन
- रिवर्स फैक्टरिंग: यह विक्रेताओं को विशिष्ट खरीदार से संबंधित अपने ड्राफ्ट को बैंक में डिस्काउंट पर बेचने की अनुमित प्रदान करता है। यह ड्राफ्ट खरीदार से अप्रूव होने के तुरंत बाद बेचे जा सकते हैं।
- इन्वेंटरी फाइनेंस: यह विक्रेता को खरीदार के लिए माल गोदाम में तब तक रखने की अनुमति देता है जब तक माल की आवश्यकता नहीं होती है।
- पर्चेस ऑर्डर: यह मूल रूप से एक ऐसा आदेश है जो खरीदार से प्राप्त खरीद आदेश के आधार पर विक्रेता के लिए उपलब्ध होता है।
SBI सप्लाई चेन फाइनेंस
SBI अपने कस्टमर्स को लाभ और सुविधा प्रदान करने के लिए सप्लाई चेन फाइनेंस ऑफर करता है। सप्लाई चेन फाइनेंस एसबीआई की मदद से सप्लाई चेन फाइनेंस पार्टनर्स की फाइनेंसिंग में मजबूती लाएगा। SBI ने प्रसिद्ध और स्थापित कॉर्पोरेट उद्यमों के सप्लाई चेन फाइनेंस पार्टनर्स को फंडिंग प्रदान करने के लिए एक ऑनलाइन प्लैटफॉर्म लॉन्च किया है। SBI अपने दो उत्पादों, जैसे इलेक्ट्रॉनिक वेंडर फाइनेंसिंग स्कीम (e-VFS) और इलेक्ट्रॉनिक डीलर फाइनेंसिंग स्कीम (e-DFS) के माध्यम से फाइनेंसिंग सेवाएं प्रदान करता है।
इस प्लेटफॉर्म को इसके ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है: https://scfu.onlinesbi.com/vfim/login.htm
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लाभ:
- पेपरलेस ऑनलाइन बैंकिंग सेवा प्रदान करता है
- व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलन
- प्लेटफ़ॉर्म कॉर्पोरेट एंटरप्राइज़ रिसोर्स प्लानिंग सॉफ़्टवेयर (ERP)/SAP के साथ एकीकृत है
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SBI द्वारा ऑफर किए जाने वाले सप्लाई चेन फाइनेंस उत्पादों के प्रकार
इलेक्ट्रॉनिक वेंडर फाइनेंसिंग स्कीम (ई–वीएफएस): खरीदार अपने संबंधित वेंडरों द्वारा बनाए गए इनवॉइस को SBI के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आसानी से अपलोड कर सकते हैं, जिसके बाद राशि वेंडर के अकाउंट में तुरंत ट्रांसफर हो जाती है।
इलेक्ट्रॉनिक डीलर फाइनेंसिंग स्कीम (ई–डीएफएस): सेलर अपने संबंधित डीलरों द्वारा दी गई इनवॉइस एसबीआई के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपलोड करता है ताकि सेलर के अकाउंट में तुरंत पैसा आ सके।
संबंधित प्रश्न (FAQs)
प्रश्न. सप्लाई चेन फाइनेंस का लाभ कौन उठा सकता है?
उत्तर: पब्लिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां, सोल प्रोपरायटरशिप, पार्टनरशिप और लिमिटेड लायबिलिटी कंपनियां जिनके पास अच्छा एक्सपीरियंस है, वे सप्लाई चेन फाइनेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
प्रश्न. सप्लाई चेन फाइनेंस की भुगतान अवधि कितनी है?
उत्तर: सप्लाई चेन फाइनेंस की भुगतान अवधि 12 महीने (सालाना रिन्यूअल) होती है और बिज़नेस की आवश्यकता के आधार पर इसे बढ़ाया जा सकता है।
प्रश्न. सप्लाई चेन फाइनेंस के लिए कितने तरह के SME लोन होते हैं।
उत्तर: सप्लाई चेन फाइनेंस के लिए डीलर फाइनेंसिंग, वेंडर फाइनेंसिंग और रेंट रिसिबेबल फाइनेंस जैसे SME लोन होते हैं।
प्रश्न. सप्लाई चेन फाइनेंस प्रदान करने वाली कंपनी ब्याज दर को कैसे कैलकुलेट करती है?
उत्तर. ब्याज़ दर को क्रेडिट लिमिट के दैनिक उपयोग के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है।
प्रश्न. कोई बिज़नेस सप्लाई चेन फाइनेंस से कितनी लिमिट प्राप्त कर सकता है?
उत्तर: लिमिट कई कारको जैसे बिज़नेस रिक्वायरमेंट ,फाइनेंशियल हिस्ट्री और स्टेबिलिटी, क्रेडिट, बिज़नेस एक्सटेंशन और उसकी स्थापना पर निर्भर करता है।
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