टर्म लोन का मतलब क्या होता है?
टर्म लोन एक निश्चित अवधि के लिए बैंक या लोन संस्थान द्वारा दिये जाने वाला लोन है, जिसे नियमित भुगतानों के आधार में चुकाना होगा, जैसे कि निर्धारित मासिक किस्तों (EMI) । टर्म लोन पर फिक्स्ड और फ्लोटिंग रेट ऑफ इंटरेस्ट दोनों तरह के ब्याज के साथ उपलब्ध है। टर्म लोन की भुगतान अवधि बिज़नेस लोन के मामले में आमतौर पर 12 महीने से 60 महीने के बीच होती है। पर्सनल लोन या होम लोन जैसे अन्य लोन विकल्पों के लिए लोन की राशि और ब्याज दर के आधार पर भुगतान अवधि 10 साल या उससे अधिक हो सकती है।
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टर्म लोन कोई भी लोन हो सकता है जिसकी अवधि निर्धारित हो और उसे निश्चित समय सीमा में चुकाना होगा। विभिन्न लोन विकल्पों के बीच टर्म लोन ऑफर किया जा सकता है जिसमें बिज़नेस लोन, पर्सनल लोन, होम लोन, एजुकेशन लोन, ऑटो लोन और गोल्ड लोन शामिल हैं ।
टर्म लोन के उद्देश्य क्या हैं?
टर्म लोन का उपयोग विभिन्न व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि व्यापार बढ़ाने के लिए, उपकरण, मशीनरी या कच्चे माल की खरीद के लिए, कैश फ्लो मैनेज करने के लिए, व्यवसाय के रोज़मर्रा के खर्चों को पूरा करने के लिए, कार्यालय या व्यावसायिक स्थान / भूमि खरीदने, किराए पर लेने और वेतन का भुगतान करने, नए कर्मचारियों को काम पर रखना आदि के लिए।
टर्म लोन की योग्यता शर्तें
- योग्यता शर्त: लोन आवेदन के समय आवेदक की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए और लोन मैच्योरिटी के समय अधिकतम आयु 65 वर्ष होनी चाहिए
- आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए
- आवेदक का क्रेडिट स्कोर अच्छा होना चाहिए
- आवेदक को आय का नियमित स्रोत बनाए रखना चाहिए
कौन-से व्यक्ति/बिज़नेस संस्थान टर्म लोन का लाभ उठा सकते हैं?
व्यक्ति, नौकरीपेशा, स्टार्टअप्स, स्वरोज़गार , मैन्यूफैक्चरर, व्यापारी, कारीगर, रीटेल विक्रेता, छोटे व्यवसाय के मालिक, उद्यमियों, सोल प्रोप्राइटरशिप, माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज़ (MSME), प्राइवेट और पब्लिक लिमिटेड कंपनियां, पार्टनरशिप फर्म, लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप, सहकारी समितियां, NGO आदि।
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टर्म लोन के प्रकार क्या है?
- शॉर्ट टर्म लोन: शॉर्ट टर्म लोन अक्सर 12 महीने या 24 महीनों के लिए दिए जाते हैं।
- लॉन्ग-टर्म लोन: लॉन्ग टर्म लोन ऐसे लोन होते हैं जो 10 साल से 30 साल के बीच की अवधि के लिए दिए जाते हैं।
टर्म लोन कैटेगरी
- सिक्योर्ड लोन : इस प्रकार के लोन में एक आवेदक द्वारा लोन देने वाले संस्थान को कोलेटरल (गिरवीं) जमा करना आवश्यक होता है। कोलेटरल उपकरण, मशीनरी, कच्चे माल, स्टॉक, या आवासीय / कमर्शियल प्रॉपर्टी के रूप में हो सकता है।
- अन-सिक्योर्ड लोन: अधिकांश लोन संस्थानों द्वारा ऑफर किया गया अनसिक्योर्ड लोन हैं जिसके लिए लोन संस्थान में किसी कोलेटरल या सुरक्षा जमा करने की आवश्यकता नहीं होती है। अनसिक्योर्ड लोन के लिए बैंकों और एनबीएफसी द्वारा दी जाने वाली ब्याज दर तुलनात्मक रूप से अधिक होती हैं, क्योंकि लोन लेने में आवेदक का कोई जोखिम नहीं है।
टर्म लोन की ब्याज दरें
टर्म लोन की ब्याज दरें बैंकों में अलग-अलग होती हैं और यह ग्राहक की प्रोफ़ाइल और व्यावसायिक आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। अच्छा क्रेडिट / CIBIL स्कोर भी कम ब्याज दरों पर लोन प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बैंकों द्वारा दी जाने वाली टर्म लोन की ब्याज दरें एनबीएफसी या अन्य लोन देने वाली संस्थाओं की तुलना में तुलनात्मक रूप से कम होती हैं।
बिज़नेस लोन से संबंधित टर्म लोन उदाहरण
- वर्किंग कैपिटल लोन : वे बिज़नेस जिन्हें कैश फ्लो बनाए रखने के लिए या रोज़मर्रा के खर्चों को पूरा करने के लिए तत्काल फंड की आवश्यकता होती है, वे वर्किंग कैपिटल लोन का विकल्प चुनते हैं। वर्किंग कैपिटल लोन को आमतौर पर शॉर्ट टर्म लोन होते हैं और जिसे 12 महीनों के भीतर चुकाया जाता है।
- ओवरड्राफ्ट : ओवरड्राफ्ट लोन टर्म लोन का एक और रूप है जिसमें संस्थान ग्राहक को एक क्रेडिट लिमिट देता है, ग्राहक उस लिमिट तक ओवरड्राफ्ट अकाउंट से पैसे निकाल सकता है, ब्याज केवल निकाली/ या उपयोग की राशि पर लगाया जाता है ना कि कुल क्रेडिट लिमिट पर। पुनर्भुगतान अवधि 1 महीने से 12 महीने तक हो सकती है। हर साल संस्थान से लिमिट का रिन्युअल करवाना पड़ता है।
- इक्विपमेंट फाइनेंस: इस प्रकार के लोन का उपयोग व्यवसायों और उद्यमों द्वारा खेती, कॉमर्शियल ट्रांसपोर्ट, मैन्यूफैक्चरिंग, आदि जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए मशीनरी या वाहन खरीदने के लिए किया जा सकता है। इक्विपमेंट फाइनेंस राशि 1 लाख से 10 करोड़ रुपये तक होती है। ब्याज दर आवेदक की प्रोफाइल और व्यवसाय की प्रकृति पर निर्भर करता है।
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टर्म लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज़
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- बिज़नेस प्लान
- भरा हुआ एप्लीकेशन फॉर्म
- केवाईसी दस्तावेज (पहचान, पता और आयु प्रमाण) – पासपोर्ट, पैन कार्ड , आधार कार्ड , वोटर आइडी, ड्राइविंग लाइसेंस, उपयोगिता बिल (बिजली, टेलीफोन या पानी), आदि।
- बिज़नेस एड्रेस प्रूफ: प्रॉपर्टी के कागजात, रेंट एग्रीमेंट या लीज डॉक्यूमेंट
- आय प्रमाण: पिछले 6 महीने की सैलरी स्लिप
- CIBIL रिपोर्ट, यदि लोन संस्थान द्वारा आवश्यक हो
- पिछले 12 महीने का बैंक स्टेटमेंट
- आईटीआर, सेल्स टैक्स रिपोर्ट, पिछले 2 वर्षों का लाभ और हानि स्टेटमेंट
- लोन देने वाले संस्थान द्वारा आवश्यक कोई अन्य दस्तावेज
टर्म लोन के 5 टॉप 5 फायदें व नुकसान
फायदे | नुकसान |
कम ब्याज दरें | ग्राहक पर लम्बे समय के लिए लोन व ईएमआई का बोझ |
अधिक लोन राशि | अधिक CIBIL / क्रेडिट स्कोर की आवश्यकता |
59 मिनट के भीतर लोन स्वीकृति | गारंटर की आवश्यकता है |
लम्बी पुनर्भुगतान अवधि | व्यापार की अधिक मात्रा और विंटेज |
तुरंत लोन राशि ट्रान्सफर | लोन के लिए व्यवसाय स्थिर और लाभ में होना चाहिए |
अन-सिक्योर्ड बिज़नेस लोन के लिए कोई कोलेटरल ( गिरवीं ) आवश्यक नहीं है | गारंटी/ सुरक्षा देनी होती है – टर्म लोन ज़्यादातर सिक्योर्ड होते हैं |
चुकाया गए ब्याज पर टैक्स में कटौती मिलेगी | लोन / ईएमआई न चुकाने पर भारी जुर्माना लगता है |
टर्म लोन के लिए आवेदन कैसे करें?
टर्म लोन या टर्म फाइनेंसिंग के लिए आवेदन करने के लिए, एक आवेदक को लोन देने वाले संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा और लोन एप्लीकेशन फॉर्म ऑनलाइन भरना होगा। फॉर्म जमा करने के बाद, बैंक का ऐजेंट आवेदक से संपर्क कर सकता है और बैंक औपचारिकताओं के साथ आगे बढ़ेगा। आवेदक paisabazaar.com पर भी जा सकता है और बैंकों और NBFC द्वारा दिए गए लोन विकल्पों से संबंधित सभी उपलब्ध विकल्पों या सूचनाओं की जांच और तुलना कर अपने लिए सबसे बेहतर लोन ऑफर चुन सकता है और लोन के लिए अप्लाई कर सकता है।