ऐसे बनाएं ट्रांसपोर्ट बिज़नेस प्लान
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ट्रांसपोर्ट बिज़नेस का चयन
ट्रांसपोर्ट बिज़नेस को मुख्य रूप से पैसेंजर ट्रांसपोर्ट और गुड्स ट्रांसपोर्ट बिज़नेस में बांटा जाता है। पैसेंजर ट्रांसपोर्ट में टैक्सी और अन्य कमर्शियल गाड़ियां शामिल होती हैं, जिनका इस्तेमाल गांवों, कस्बों और विभिन्न शहरों और राज्यों के बीच लोगों और सामान को लाने–ले जाने के लिए किया जाता है। वहीं गुड्स ट्रांसपोर्ट एक ही शहर के भीतर या विभिन्न शहर और देशों के बीच भी किया जा सकता है। गुड्स ट्रांसपोर्ट में कच्चा माल और रेडी–मेड माल को रिटेल बिज़नेस और इंडस्ट्री तक पहुंचाया जाता है।
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बिज़नेस को जानना
किसी भी बिज़नेस को शुरू करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी रखना ज़रूरी है, जिससे आपको यह पता चले कि आप उस बिज़नेस से कैसे लाभ कमा सकते हैं? अन्य सभी बिज़नेस की तरह ही ट्रांसपोर्ट बिज़नेस के बारे में रिसर्च करना ज़रूरी है। हालांकि, ट्रांसपोर्ट बिज़नेस जगह के आधार पर भिन्न हो सकता है। ऐसे में जिस जगह आप ट्रांसपोर्ट बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं उसके बारे में जानकारी रखें। साथ ही ट्रांसपोर्ट बिज़नेस शुरू करने से पहले बिज़नेस लोन स्कीम की जानकारी और सफल उद्यमियों के साथ बिज़नेस रिलेशन बनाना ज़रूरी है।
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ट्रांसपोर्ट बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन
ट्रांसपोर्ट बिज़नेस शुरू करने के लिए, ड्राइवर्स और रजिस्टर्ड वाहनों का लाइसेंस होना चाहिए। ट्रांसपोर्ट बिज़नेस को स्थापित करने और उसे मैनेज करने के लिए वैलिड लाइसेंस होना ज़रूरी है।
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वाहनों में निवेश
ट्रांसपोर्ट में इंवेस्ट करने से पहले उसके बारे में रिसर्च करना ज़रूरी है, तभी आपका बिज़नेस सफल हो पाएगा। साथ ही ये भी तय करना ज़रूरी है कि आप पैसेंजर ट्रांसपोर्ट शुरू करना चाहते हैं या गुड्स ट्रांसपोर्ट? क्योंकि दोनो के लिए अलग–अलग निवेश राशि की आवश्यकता पड़ती है।
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गाड़ियों का इंशोरेंस और ट्रैकिंग डिवाइस
व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए हो या फिर बिज़नेस के लिए सभी वाहनों का इंश्योरेंस करवाना ज़रूरी है। हालांकि, आज ऐसे कई ट्रैकिग डिवाइस उपलब्ध हैं जो गाड़ियों की चोरी को रोक सकते हैं या चोरी हुए वाहनों को ढूंढने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा गुड्स ट्रांसपोर्ट के मामले में, माल पर भी अतिरिक्त इंश्योरेंस का लाभ उठाया जा सकता है।
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बिजनेस टीम बनाना
- ड्राइवर: पैसेंजर और गुड्स ट्रांसपोर्ट के शुरू करने के लिए आपको ड्राइवर रखना पड़ता है। हालांकि, यह सुनिश्चित करें कि ड्राइवर की उम्र 18 वर्ष से अधिक हो और उसके पास एक वैलिड लाइसेंस हो। वहीं गुड्स ट्रांसपोर्ट के मामले में ट्रक ड्राइवर्स के पास बड़े वाहनों के लिए कमर्शियल लाइसेंस होना चाहिए।
- कस्टमर केयर एग्ज़ीक्यूटिव और अकाउंटेंट: अन्य बिज़नेस की तरह ही ट्रांसपोर्ट बिज़नेस को सुचारू रूप से चलाने के लिए कस्टमर केयर डिपार्टमेंट महत्वपूर्ण होते हैं। इस बिज़नेस के लिए अच्छी अकाउंट टीम की आवश्यकता होती है जो आय और व्यय को अच्छी तरह से मैनेज कर सकें।
- कंपनी का विज्ञापन: ट्रांसपोर्ट बिज़नेस को स्थापित करने के लिए आवश्यक रिसर्च के साथ–साथ,बिज़नेस को प्रमोट करने के लिए अच्छे ऐड कैंपेन की आवश्यकता होती है।
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ट्रांसपोर्ट बिज़नेस ऑप्शन
भारत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पब्लिक और प्राइवेट ट्रांसपोर्ट की सेवाओं की जटिल प्रणाली मौजूद है, जिसमें विभिन्न प्रकार के मोटर वाहन जैसे ऑटो–रिक्शा, टैक्सी, बसें और ट्रक शामिल हैं। इन प्रणालियों को सार्वजनिक परिवहन, ऑन–डिमांड वाहन, माल परिवहन और स्वास्थ्य सेवा जैसी कई सेवाओं में बांटा किया जाता है। नीचे कुछ परिवहन सेवाओं और ट्रांसपोर्ट बिज़नेस के विकल्प दिए गए हैं, जिनमें नए उद्यमी इंवेस्ट कर सकते हैं:-
- टैक्सी सेवा: टैक्सी सेवा इन दिनों सबसे आकर्षक ट्रांसपोर्ट बिज़नेस विकल्पों में से एक है। हालांकि इसमें राइड–हेलिंग और राइड–शेयरिंग बिज़नेस जैसे ओला और उबर का कब्जा हो गया है, लेकिन फिर भी एक बड़ी आबादी इंट्रा–सिटी, इंटर–सिटी और इंटर–स्टेट ट्रांसपोर्ट के लिए प्राइवेट टैक्सी सेवाओं का इस्तेमाल कर रही हैं।
- साइकिल रेंटल: पेट्रोल और डीज़ल से चलने वाली गाड़ियों के ज़रिए लोग कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान में ट्रैवल कर सकते हैं, हालांकि ये गाड़ियां पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं। पर्यावरण को लेकर लगातार लोगों के बीच जागरूकता बढ़ रही है जिससे लोग ऐसे परिवहन के साधनों का इस्तेमाल करना चाहते हैं, जो कम प्रदूषण फैलाते हों और स्वस्थ जीवन शैली जीने में मदद करते हों। इस तरह से आप साइकिल रेंट पर देने की सेवाएं भी शुरू कर सकते हैं।
- माल ढुलाई और लॉजिस्टिक सेवाएं: यह सबसे पुरानी ट्रांसपोर्ट सेवाओं में से एक है। वर्तमान में माल ढुलाई सेवाएं हर बिज़नेस के लिए ज़रूरी बन चुकी हैं। साथ ही अन्य सभी ट्रांसपोर्ट बिज़नेस के प्रकारों की तुलना में इसमें काफी लाभ मिलता है।
- स्पेशियलिटी ट्रांसपोर्टेशन: स्पेशियलिटी ट्रांसपोर्टेशन को फ्रेट या गुड्स ट्रांसपोर्ट का एक प्रकार माना जाता है, जहां किसी विशिष्ट उद्योग की जरूरतों के लिए विशेष परिवहन सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इसके तहत बड़ी औद्योगिक मशीनों, बड़े मशीनों के पार्ट जैसे हवाई जहाज के पुर्जे, पवन चक्कियां आदि का ट्रांसपोर्टेशन किया जाता है।
- पशुओं का ट्रांसपोर्टेशन :इसके अंतर्गत पशुओं को एक जगह से दूसरे जगह ले जाया जाता है। ऐसा कई कारणों से किया जाता है जैसे पशुओं का मास, दूध आदि के लिए ट्रांसपोर्टेशन। इसके अलावा जंगल की आग जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान जानवरों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना। ये बिज़नेस मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री और स्पलाई चेन में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- हेल्थ केयर ट्रांसपोर्टेशन: स्वास्थ्य सेवा परिवहन में इलाज और एम्बूलेंस सर्विस के लिए एम्बुलेंस सेवाएं और सड़क दुर्घटनाओं आदि के लिए आपातकालीन सेवाएं शामिल हो सकती हैं।
ट्रांसपोर्ट बिज़नेस में बहुत अधिक निवेश की आवश्यकता होती है। ऐसे में बिज़नेस शुरू करने से पहले उससे संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में पता होना चाहिए। अगर आप चाहते हैं कि आपका बिज़नेस सफल होने के साथ ही विकास करे तो आपको ट्रांसपोर्ट बिज़नेस योजना तैयार करने की सलाह दी जाती है।
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