MSME क्या है?
MSME का मतलब है, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम यानी छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसाय। MSME का प्रबंधन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME) द्वारा किया जाता है। MSME सेक्टर का भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है, यही वजह है कि इसे भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी भी कहा जाता है। यह सेक्टर न सिर्फ रोज़गार के अवसर पैदा करता है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में भी इसकी अहम भूमिका है। 31 अगस्त 2021 तक के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत में करीब 6.3 करोड़ MSME हैं।
MSME के बारे में और भी जानकारी हासिल करने के लिए आइए जानते हैं, इसकी बुनियादी बातों, वर्गीकरण, विशेषताओं, भूमिका और सामाजिक-आर्थिक विकास में इसके महत्व के बारे में।
अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए मिनटों में लोन प्राप्त करें अप्लाई करें
MSME की नई परिभाषा
मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के नए व्यवसायों के लिए निवेश की राशि और वार्षिक टर्नओवर समान है जिससे इन दोनों क्षेत्रों के बीच का अंतर मिट गया है।
MSME – Merged Criteria: निवेश और वार्षिक टर्नओवर | |||
सेक्टर का प्रकार | सूक्ष्म उद्योग | लघु उद्योग | मध्यम उद्योग |
मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर, दोनों | वे उद्योग जिनमें 1 करोड़ रु. से कम का निवेश किया गया है और जिनका वार्षिक टर्नओवर 5 करोड़ रु. से कम है। | वे उद्योग जिनमें 10 करोड़ रु. से कम का निवेश किया गया है और जिनका टर्नओवर 50 करोड़ रु. तक है। | वे उद्योग जिनमें 50 करोड़ रु. से कम का निवेश किया गया है, वहीं जिनका टर्नओवर 250 करोड़ तक है। |
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एमएसएमई लोन योजनाएं
फाइनेंशियल संस्थानों द्वारा दी जाने वाली और भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एमएसएमई योजनाओं के बारे में नीचे बताया गया है:
- CGTMSE: सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट
- CLCSS: क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी योजना
- क्रेडिट गारंटी योजना
- PMMY के तहत मुद्रा योजना
- राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) सब्सिडी
- पीएमईजीपी: प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
- PMRY: प्रधानमंत्री रोजगार योजना
- 59 मिनट में पीएसबी लोन
- स्टैंडअप इंडिया
- स्टार्टअप इंडिया
छोटे से लेकर बड़े बिज़नेस तक के लिए लोन पाएं, अभी आवेदन करें अप्लाई करें
बिज़नेस लोन देने वाले मुख्य बैंकों की ब्याज दरों की तुलना
बैंक/ लोन संस्थान | ब्याज दर | |
HDFC बैंक | 16% से शुरू | अप्लाई करें |
फ्लेक्सी लोन | 16% से शुरू | अप्लाई करें |
एक्सिस बैंक | 17% से शुरू | अप्लाई करें |
टाटा कैपिटल फाइनेंस | 17% से शुरू | अप्लाई करें |
आईसीआईसीआई बैंक | 18% से शुरू | अप्लाई करें |
लेंडिंगकार्ट फाइनेंस | 18% से शुरू | अप्लाई करें |
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक | 20% से शुरू | |
इंडिफी फाइनेंस | 18% से शुरू | अप्लाई करें |
ये भी पढ़ें: वर्ष 2024 में सभी बैंकों की बिज़नेस लोन ब्याज दरें जानें
एमएसएमई मंत्रालय (MoMSME) की विशेषताएं
- कारीगरों और श्रमिकों की भलाई के लिए काम करता है
- बैंकों से क्रेडिट लिमिट या आर्थिक सहायता प्रदान करता है
- स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग सेंटर के ज़रिए आंत्रप्रेन्योरशिप डिवेलपमेंट यानि कि नए बिज़नेस को बढ़ावा देता है और स्किल अपग्रेडेशन पर काम करता है
- टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट और मॉडर्नाइज़ेशन को सपोर्ट करता है
- डोमेस्टिक और एक्सपोर्ट मार्केट तक आसान पहुंच के लिए सहायता प्रदान करता है
- मॉडर्न टेस्टिंग फैसिलिटी और क्वालिटी सर्टिफिकेशन प्रदान करता है
- पैकेजिंग, प्रोडक्ट डिवेलपमेंट और डिजाइन इंटरवेन्शन को सपोर्ट करता है।
अपना बिज़नेस शुरू करने का है सपना! बेस्ट बिज़नेस लोन ऑफर पाएं अप्लाई करें
MoMSME के तहत काम करने वाली प्रमुख संस्थाएं:
- इनोवेशन, ग्रामीण उद्योग और एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए योजना (ASPIRE)
- खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC)
- ग्रामीण औद्योगीकरण के लिए महात्मा गांधी संस्थान (MGIRI)
- राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान (NIMSME)
- राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC)
- स्कीम ऑफ फंड फॉर रीजनरेशन ऑफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज (SFURTI)
ये भी पढ़ें: MSME ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें
एमएसएमई में अवसर
निम्नलिखित कारकों के कारण एमएसएमई उद्योग में अपार संभावनाएं हैं:
- भारतीय उत्पादों के लिए निर्यात को बढ़ावा देना
- फंडिंग – फाइनेंस और सब्सिडी
- सरकार की तरफ से नए बिज़नेस को बढ़ावा और सपोर्ट
- घरेलू बाजार में मांग में वृद्धि
- कम पूंजी की ज़रूरत
- मैनपावर ट्रेनिंग
- प्रोजेक्ट प्रोफाइल
- कच्चे माल और मशीनरी की खरीद
- टूलिंग और टेस्टिंग सपोर्ट और भी बहुत कुछ
MSME रजिस्ट्रेशन की फैक्टशीट
कुल MSME रजिस्ट्रेशन – 9,11,5082 |
||
माइक्रो | स्मॉल | मीडियम |
8,70,4675 | 3,73,456 | 36,951 |
स्त्रोत: उद्यम रजिस्ट्रेशन की ऑफिशिल वेबसाइट।
भारत में एमएसएमई की अनुमानित संख्या
एक्टिविटी कैटेगरी/सेक्टर | उद्यमों की अनुमानित संख्या (लाख में) | शेयर |
मैन्युफैक्चरिंग | 196.65 | 31% |
ट्रेड | 230.35 | 36% |
सर्विसेज | 206.85 | 33% |
कुल | 633.88 | 100% |
स्त्रोत: https://msme.gov.in/
कई प्रोजेक्ट के साथ महत्वाकांक्षी जिलों में एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई मंत्रालय द्वारा पहचाने गए प्रोजेक्ट की लिस्ट:
- प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) – 178
- माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज क्लस्टर डिवेलपमेंट (MSE-CDP) – 81
- ईडीपी/एमडीपी योजनाएं – 46
- इनक्यूबेटरों के ज़रिए एसएमई का उद्यमिता और प्रबंधकीय विकास – 13
- एमएसएमई मार्केट डिवेलपमेंट असिस्टेंस (MDA) – 12
- मार्केटिंग असिस्टेंस एंड टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन (MATU) – 10
- पारंपरिक उद्योगों के विकास के लिए फंड की रीवैम्प्ड स्कीम (SFURTI) – 10
- सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड (CGTMSE) – 7
- टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी – 6
- ZED सर्टिफिकेशन स्कीम में MSMEs को आर्थिक मदद – 4
- एमएसएमई के लिए टेक्नोलॉजी और क्वालिटी अपग्रेडेशन सपोर्ट – 4
- एमएसएमई के लिए लीन मैन्युफैक्चरिंग कॉम्प्टिटिवनेस – 3
- एमएसएमई को डिजाइन एक्सपर्टीज के लिए डिजाइन क्लिनिक – 1
- ट्रेनिंग संस्थानों को असिस्टेंस (ATI) – 1
- इनोवेशन, ग्रामीण उद्योग और एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए योजना (ASPIRE) -1
- स्किल अपग्रेडेशन और महिला कॉयर योजना (MCY) – 2
- मार्केट प्रमोशन एंड डिवेलपमेंट स्कीम (MPDA)- 1
- परफॉर्मेंस एंड क्रेडिट रेटिंग स्कीम- 1
- एमएसएमई को मार्केटिंग सपोर्ट/ असिस्टेंस (बार कोड)
- अन्य – 52
बिना सिक्योरिटी जमा कराये प्राप्त करें बिज़नेस लोन अप्लाई करें
भारतीय अर्थव्यवस्था में एमएसएमई की भूमिका
1961 में, लघु उद्योग मंत्रालय और कृषि और ग्रामीण उद्योग मंत्रालय को मिलाकर; सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (M/o MSME) का गठन किया गया था।
एमएसएमई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए कई तरह के उत्पादों का उत्पादन और निर्माण करते हैं। एमएसएमई संबंधित मंत्रालयों, राज्य सरकारों और स्टेकहोल्डर की मदद से खादी, ग्राम और कॉयर उद्योगों के विकास में भी मदद करते हैं।
नीचे टेबल में दिया गया डेटा केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) और सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI) के मुताबिक है।
देश की अर्थव्यवस्था में MSME का योगदान
वर्ष | एमएसएमई GVA | ग्रोथ (%) | कुल GVA | जीवीए में MSME की हिस्सेदारी (%) | कुल GDP | GDP में MSME की हिस्सेदारी (% में) |
2011-12 | 2622574 | – | 8106946 | 32.35 | 8736329 | 30 |
2012-13 | 3020528 | 15.17 | 9202692 | 32.82 | 9944013 | 30.40 |
2013-14 | 3389922 | 12.23 | 10363153 | 32.71 | 11233522 | 30.20 |
2014-15 | 3704956 | 9.29 | 11504279 | 32.21 | 12467959 | 29.70 |
2015-16 | 4025595 | 8.65 | 12566646 | 32.03 | 13764037 | 29.20 |
2016-17 | 4405753 | 9.44 | 13841591 | 31.83 | 15253714 | 28.90 |
स्रोत: केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO), सांख्यिकी और कार्यान्वयन मंत्रालय
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006 के तहत, भारत सरकार ने एमएसएमई के विकास को प्रभावित करने वाले कारकों की जांच के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के लिए राष्ट्रीय बोर्ड (NBMSME) की स्थापना की। यह बोर्ड एमएसएमई क्षेत्र के विकास के लिए मौज़ूदा नीतियों की समीक्षा करता है यानी कि पता लगाता है कि योजना में क्या कमी है और कहां सुधार की ज़रूरत है और सरकार को सुझाव देता है।
बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं लेकिन पैसों की है कमी! आसानी से बिज़नेस लोन प्राप्त करें अप्लाई करें