सब्सिडी क्या है?
सब्सिडी भारत सरकार द्वारा पूरे देश में सस्ती कीमतों पर लोगों को आवश्यक प्रोडक्ट्स प्रदान करने के लिए दी जाने वाली छूट है। सब्सिडी वह राशि है जो सरकार एक यूनिट/ उद्योग को देती है जो लोगों को सब्सिडी वाले प्रोडक्ट्स बेचता है। सब्सिडी सरकार के नॉन-प्लान्ड खर्चों का एक हिस्सा है, जिसमें सब्सिडी की लागत प्रोडक्शन की वास्तविक लागत से बहुत कम होती है।
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दुनिया भर के सभी सरकारों को सब्सिडी प्रदान करना एक आवश्यक कार्य होता है। भारत में सबसे महत्वपूर्ण प्रकार की सब्सिडी फ़ूड, ब्याज, पेट्रोलियम और खाद पर दी जाने वाली सब्सिडी हैं। सब्सिडी के विभिन्न प्रकार, श्रेणी, योजनाएं और लाभ आदि निम्नलिखित हैं।
भारत में बिज़नेस लोन सब्सिडी के प्रकार
- कैश / क्रेडिट सब्सिडी
- कंस्पशन सब्सिडी
- एडुकेशन सब्सिडी
- रोज़गार सब्सिडी
- एक्सपोर्ट / इम्पोर्ट सब्सिडी
- आवास सब्सिडी
- पेट्रोलियम, फूड सब्सिडी
- प्रोक्यूरमेंट सब्सिडी
- प्रोडक्शन सब्सिडी
- रेगुलेट्री सब्सिडी
- टैक्स सब्सिडी
- परिवहन सब्सिडी और अन्य
सब्सिडी कैटेगरी
इकोनॉमिक सब्सिडी | सोशल सब्सिडी |
एग्रीकल्चर | शिक्षा |
उद्योग | स्वास्थ्य देखभाल |
सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण | जलापूर्ति |
बिजली ऊर्जा | स्वच्छता |
परिवहन | ग्रामीण आवास |
संचार और अन्य | महिला सशक्तिकरण और अन्य |
अधिकांश कंपनियों को कम लागत पर गरीबी रेखा से नीचे के ज़रूरतमंद लोगों या परिवारों को सप्लाई करने के लिए सरकार द्वारा उनके प्रोडक्ट्स को सब्सिडी दी जाती है। दुनिया में सबसे बड़ी सब्सिडी महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) है। इस अधिनियम के तहत, भारत सरकार लगभग 45,000 करोड़ रु. की रोज़गार सब्सिडी प्रदान करती है।
सब्सिडी के लाभ
- सब्सिडी कैश भुगतान या टैक्स डिडक्शन के रूप में सरकार द्वारा लोगों / किसानों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भुगतान है
- खाद्य, शिक्षा, कृषि और ईंधन से संबंधित दैनिक घरेलू या आवश्यक वस्तुएँ सस्ती दरों पर आती हैं
- आर्थिक उत्पादकता प्राप्त करने के लिए बाज़ार की विफलताओं को बैलेंस करने के लिए सब्सिडी का उपयोग किया जा सकता है
- शिक्षा में दी गई सब्सिडी देश की जीडीपी में योगदान करती है, क्योंकि अच्छी शिक्षा अच्छे रोज़गार की ओर ले जाती है
- टैक्स डिडक्शन के रूप में सब्सिडी भी दी जाती है
- बोझ को कम करके और भविष्य के उपक्रमों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करके संघर्षरत बाज़ार में मदद करता है
- स्वास्थ्य, दोपहर के भोजन कार्यक्रम और महात्मा गांधी रोज़ागार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) पर सब्सिडी देकर देश की महिलाओं और गरीब लोगों को सशक्त बनाने में सहायता की है।
केंद्रीय सरकार की स्टैंड-अप इंडिया सब्सिडी योजनाएं
सब के लिए सब्सिडी | |
सब्सिडी योजना | भारत सरकार के अधीन मंत्रालय |
टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी योजना (CLCSS) | MSME मंत्रालय |
ब्राउन फाइबर क्षेत्र में कॉयर यूनिट्स के विस्तार के लिए फाइनेंस | MSME मंत्रालय |
कोल्ड चेन स्मॉल बिज़नेस के लिए सरकारी सब्सिडी | फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय |
चमड़ा क्षेत्र का एकीकृत विकास (IDLS) | उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय |
आईएसओ 9000 / आईएसओ 14001 प्रमाणन री-इंबर्समेंट स्कीम | MSME मंत्रालय |
NSIC द्वारा मार्केटिंग सहायता योजना | MSME मंत्रालय |
MSME को मार्केटिंग सहायता | MSME मंत्रालय |
प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) | MSME मंत्रालय |
फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स के लिए टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन / स्थापना / आधुनिकीकरण के लिए योजना | खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय |
MSMEs के उद्यमशीलता और मैनेजमेंट ग्रोथ सपोर्ट | MSME मंत्रालय |
MSMEs के लिए टेक्नोलॉजी और क्वालिटी अपग्रेडेशन सपोर्ट (TEQUP) | MSME मंत्रालय |
टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन फंड स्कीम (TUFS) | टैक्सटाइल मंत्रालय |
नोट: स्टैंड-अप इंडिया के तहत उपर्युक्त सभी सब्सिडी योजनाएँ पूरे भारत में लागू हैं।
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क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी स्कीम (CLCSS) के बारे में अधिक जानकारी
क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी स्कीम (CLCSS) ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्मॉल स्केल के बिज़नेस की टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME मंत्रालय) के तहत एक सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है । इस योजना के तहत प्लांट और मशीनरी के आधुनिकीकरण के लिए 1 करोड़ रु. तक के लोन पर छोटे उद्योगों को 15% की कैपिटल सब्सिडी दी जाती है। टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए छोटे और मध्यम उद्योगों को लोन देने के लिए सब्सिडी भी प्रदान की जाती है । कैपिटल सब्सिडी राशि की कैल्कुलेशन व्यवसायों द्वारा अधिग्रहित संयंत्र और मशीनरी की लागत पर आधारित है।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम
कभी-कभी सब्सिडी उनके मूल उद्देश्य को पूरा में विफल होती है, क्योंकि समाज के गरीब तबके के लोगों के बजाय समाज के कुछ अन्य लोग इसका लाभ उठाते हैं। इस असमानता के चलते, सरकार ने गरीबों के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम शुरू की, जिसे बाद में गरीबी रेखा से नीचे आने वाले प्रत्येक व्यक्ति या परिवार के आधार कार्ड से लिंक किया गया,जिससे उनके हिस्से की सब्सिडी डायरेक्ट उन तक पँहुचे।
भारत के किसानों को प्रदान की जाने वाली कृषि सब्सिडी
- इनपुट सब्सिडी: उर्वरक, सिंचाई, बिजली, बीज और क्रेडिट सब्सिडी
- प्राइस सब्सिडी
- इंफ्रास्टक्चरल सब्सिडी
- एक्सपोर्ट सब्सिडी
विभिन्न अर्थशास्त्रियों के अनुसार, अगर सब्सिडी किसी देश की समग्र अर्थव्यवस्था में सुधार करने में विफल रहती है, तो सब्सिडी एक विफलता है। नीति निर्माताओं या सरकार द्वारा शुरू की गई योजना के सदस्यों के लिए, सब्सिडी को तब सफल माना जा सकता है, अगर यह किसी भी निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करता है। अधिकांश सब्सिडी आर्थिक या सांस्कृतिक लक्ष्य प्राप्त करती हैं, फिर भी ज़रूरतमंद लोगों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाती हैं।
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