कंपनी क्रेडिट रिपोर्ट (CCR) में किसी ऑर्गेनाइजेशन की वित्तीय हेल्थ के बारे में विस्तृत जानकारी दी हुई होती है, जिसे विभिन्न क्रेडिट संस्थानों से प्राप्त व्यावसायिक और वित्तीय जानकारी के आधार पर इकट्ठा किया जाता है। किसी बिजनेस, उद्यम, कंपनी या ऑर्गेनाइजेशन की वित्तीय स्थिरता का अनुमान लगाने के लिए बैंकों और एनबीएफसी द्वारा सीसीआर की जाँच की जाती है।
आपकी कंपनी क्रेडिट रिपोर्ट और क्रेडिट रैंक आपके बिज़नेस या MSME लोन मंजूरी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लोन सैंक्शन करने से पहले बैंक व एनबीएफसी क्रेडिट ब्यूरो से आवेदक कंपनी की CCR रिपोर्ट चेक करते हैं। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि लोन आवेदन करने से पहले अपनी कंपनी क्रेडिट रिपोर्ट (CCR) ज़रूर चेक कर लें।
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कंपनी क्रेडिट रिपोर्ट (CCR) के कंपोनेंट
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जिस तरह किसी व्यक्ति का सिबिल स्कोर होता है वैसे ही कंपनियों की बिज़नेस क्रेडिट रिपोर्ट Business Credit Report) होती है, जो दिखाती है कि किसी कंपनी को लोन देने में कितना जोखिम है। ये रिपोर्ट क्रेडिट इंफोर्मेंशन कंपनियों (CICs) या क्रेडिट ब्यूरो तैयार करते हैं। हालांकि रिपोर्ट एक ब्यूरो से दूसरे ब्यूरो में अलग हो सकता है क्योंकि सभी ब्यूरो रिपोर्ट तैयार करने के लिए अपने यूनिक एल्गोरिदम का प्रयोग करते हैं।
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सिबिल रैंक
जिस तरह व्यक्तियों को 300-900 के बीच क्रेडिट स्कोर दिया जाता है, उसी तरह कंपनियों को सिबिल रैंक (CIBIL Rank) दी जाती है जो 1 से 10 के बीच होती है। रैंक 1 होने पर लोन मिलने की सबसे अधिक संभावना होती है। वहीं, रैंक 10 को सबसे खराब माना जाता है और लोन मिलने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
रैंक जितनी 1 के करीब होती है उतनी ही अच्छी मानी जाती है और लोन व बिज़नेस क्रेडिट कार्ड मिलने की संभावना अधिक होती है। वैसे ज़्यादातर बैंक/लोन संस्थान 4 से 1 के बीच की सिबिल रैंक को अच्छा मानते हैं।
मुख्यतौर पर सिबिल रैंक तय करने में कंपनी की रिपेमेंट बिहेवियर और क्रेडिट यूटिलाइजेशन जैसे कारकों को ध्यान में रखा जाता है। हालांकि सिबिल रैंक ना होना कंपनी की छवि के लिए ख़राब नहीं है, इसका सीधा सा मतलब है कि आपकी कंपनी इन मानदंडों के अंतर्गत नहीं आती है।
नोट- सिबिल रैंक सभी कंपनियों को नहीं दी जाती है, बल्कि केवल उन्हीं को दी जाती है जो 50 करोड़ तक के लोन का भुगतान कर रही होती हैं।
कंपनी क्रेडिट रिपोर्ट को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं?
किसी भी कंपनी की CCR में उसकी बहुत सी वित्तीय जानकारी होती है। नीचे दिए कारक कंपनी की CCR को प्रभावित करते हैं:
- क्रेडिट हिस्ट्री कितनी पुरानी है: किसी व्यक्ति की क्रेडिट रिपोर्ट की तरह कंपनियों की क्रेडिट रिपोर्ट में भी उनकी क्रेडिट हिस्ट्री होती है। क्रेडिट हिस्ट्री जितनी पुरानी होगी रिपोर्ट उतनी ही अच्छी मानी जाएगी।
- क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो: कंपनी अपनी क्रेडिट लिमिट में से जितने प्रतिशत क्रेडिट का उपयोग करती है, वही उसका क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो होता है। ये दर्शाता है कि कंपनी कितनी क्रेडिट पर निर्भर है। ज़्यादा निर्भरता को ख़राब माना जाता है।
- पेमेंट हिस्ट्री: कंपनी जो लोन लिए हुए हैं वो उसका भुगतान समय पर और पूरा कर रही है या नहीं, ये रिकॉर्ड पेमेंट हिस्ट्री में होता है।
- आउटस्टैंडिंग डेट: कंपनी पर वर्तमान में कितना कर्ज़ है, उसके कितने लोन का भुगतान बाकी है, ये जानकारी इस सेक्शन में दी जाती है।
- कंपनी की लाइफ और साइज़: पुरानी कंपनियों का स्कोर स्टार्ट-अप/ या नई कंपनियों की तुलना में बेहतर होता है। इसका कारण है कि पुरानी कंपनी काफी पहले से अच्छे मुनाफे के साथ काम कर रही है और इसलिए वो नई कंपनी के मुकाबले ज़्यादा विश्वसनीय मानी जाती है। इस सेक्शन में यही जानकारी दी जाती है।
- इंडस्ट्री: कंपनी किस इंडस्ट्री का हिस्सा है, इसका असर भी जोखिम मूल्यांकन पर पड़ता है। उदाहरण के लिए, रियल एस्टेट को ज़्यादा जोखिमभरा क्षेत्र माना जाता है तो उस क्षेत्र की कंपनियों को भी जोखिमभरा माना जाएगा और बैंक लोन देते समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा।
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अपनी कंपनी की क्रेडिट रिपोर्ट कैसे प्राप्त करें?
CIBIL कंपनियों को क्रेडिट रिपोर्ट निशुल्क नहीं देता है, आपको इसके लिए 3,000 रु. देने होते हैं। आपको इसके लिए सिबिल की वेबसाइट पर जाकर रिकवेस्ट फॉर्म भरना होगा। उसका तरीका नीचे बताया गया है:
- https://cibilrank.cibil.com/ वेबसाइट पर जाएं
- रिकवेस्ट फॉर्म को भरें। इसमें आपको जानकारी भरनी होगी जैसे लीगल कॉन्स्टिट्यूशन और कंपनी का पता, कंपनी का पैन और CCR आवेदन करने वाले आवेदक का पता आदि।
- अपनी प्राथमिकता वाला प्लान (1,6 या 12 महीने के लिए) चुनें और नेट बैंकिंग, डेबिट/ क्रेडिट कार्ड द्वारा 3,000 रु., 6,000 या 12,000 का भुगतान करें
- भुगतान के बाद CIBIL से आपको एक रजिस्टर्ड आईडी और ट्रांजेक्शन आईडी ईमेल में भेजी जाएगी। आप आगे की प्रक्रिया के लिए इनका उपयोग कर सकते हैं
- अपने KYC दस्तावेज अपलोड करके प्रक्रिया को पूरी करें
इस सब के बाद कंपनी क्रेडिट रिपोर्ट (Company Credit Report) आपको भेज दी जाएगी। अगर आप ये प्रक्रिया ऑफलाइन करना चाहते हैं, तो आप रिकवेस्ट फॉर्म डाउनलोड करके और उसमें जानकारी भरकर नीचे दिए गए पते पर भेज सकते हैं और भुगतान डिमांड ड्राफ्ट के द्वारा कर सकते हैं:
ट्रांसयूनियन सिबिल लिमिटेड
वन वर्ल्ड सेंटर, 19वीं मंजिल, टावर 2A और 2B,
841, जुपिटर टेक्सटाइल मिल कंपाउंड, सेनापति बापट मार्ग,
लोअर परेल, मुंबई – 400 013
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सिबिल रैंक और कंपनी क्रेडिट रिपोर्ट को कैसे सुधारें?
अपनी सिबिल रैंक (CIBIL Rank) और कंपनी क्रेडिट रिपोर्ट (Company Credit Report) में सुधार करने के लिए सलह निम्नलिखित हैं:
- अपने सभी लोन का भुगतान समय पर करें।
- बहुत सी कम्पनियाँ क्रेडिट कार्ड का उपयोग करती हैं, हमेशा क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान समय पर और पूरी करें।
- अपनी कंपनी क्रेडिट रिपोर्ट को समय-समय पर चेक करें, उसमें कोई भी गलत जानकारी मिलने पर क्रेडिट ब्यूरो को उसकी सूचना दें, ताकि उसमें सुधार हो सके।
- अपनी क्रेडिट लिमिट का पूरा उपयोग ना करें। लोन तभी लें जब ज़रूरत हों और जिसका भुगतान आप समय पर कर पाएं। इनकम और लोन के बीच बैलेंस बनाना किसी भी कंपनी के लिए अच्छा है।
- लम्बे समय के लिए लोन लेना और समय पर उनका भुगतान करना अच्छा माना जाता है, क्योंकि ये लोन अन्स्थानों के सामने कंपनी की छवि को बेहतर बनाता है।