वर्तमान समय में क्रेडिट स्कोर आपके वित्तीय जीवन के सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। अगर आप लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो बैंक/ लोन संस्थान सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर ही चेक करते हैं। क्रेडिट स्कोर कम होने पर या तो आपको लोन नहीं मिलता है या फिर ज़्यादा ब्याज दरों पर मिलता है। इसलिए क्रेडिट स्कोर कम होने के कई आर्थिक नुकसान हैं। इस लेख में हम बताएंगे कि किन कारणों से क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है (Reasons for low credit score) और इससे आपको क्या नुकसान होते हैं।
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ख़राब क्रेडिट स्कोर क्या है?
आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) 300 से 900 तक होता है। यदि यह स्कोर 650 से अधिक नीचे है, तो उसे ख़राब क्रेडिट स्कोर कहा जाएगा। हालांकि, यह स्कोर एक क्रेडिट ब्यूरो से दूसरे में अलग-अलग हो सकता है।
रेटिंग | क्रेडिट स्कोर* |
बहुत अच्छा | 770+ |
अच्छा | 650 – 770 |
सुधार की ज़रूरत | 650 से नीचे |
* एक क्रेडिट ब्यूरो की रेटिंग दूसरे से भिन्न होती है। इस प्रकार, आपको इन स्कोर को केवल सांकेतिक संख्या के रूप में समझना चाहिए।
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कम क्रेडिट स्कोर के कारण?
आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करने वाली अच्छी और बुरी आदतों को समझने के लिए निम्नलिखित लिस्ट देखें:
अच्छा क्रेडिट स्कोर | कम क्रेडिट स्कोर |
क्रेडिट कार्ड बिलों या लोन ईएमआई का समय पर भुगतान | समय पर भुगतान ना करना |
कम क्रेडिट यूटिलाईजेशा रेश्यो (कुल क्रेडिट लिमिट में से 30% या उससे कम का उपयोग) |
अधिक क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेश्यो (कुल क्रेडिट लिमिट का 30% से अधिक का उपयोग) |
नियमित रूप से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करना ताकि कोई गलत जानकारी मिलने पर उसे सही किया जा सके |
क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट चेक ना करना |
जल्द ही कर्ज चुका देना | मौजूदा क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान करने के लिए नए क्रेडिट कार्ड / पर्सनल लोन के लिए आवेदन करना |
केवल आवश्यक होने पर ही लोन लेना | क्रेडिट हिस्ट्री बनाने और भुगतानों के लिए कई क्रेडिट खाते खोलना |
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कम क्रेडिट स्कोर आपको कैसे प्रभावित करेगा?
कम क्रेडिट स्कोर आपको कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है क्योंकि कई मुख्य लोन संस्थानों द्वारा कम क्रेडिट स्कोर को एक बड़े जोखिम के रूप में देखा जाता है और यह अच्छी बात नहीं है। क्रेडिट स्कोर होने के नुकसान निम्नलिखित हैं:
- आपको अधिक ब्याज दर पर लोन मिलने की संभावना होगी, जिसका अर्थ है कि आप बेहतर क्रेडिट स्कोर वाले किसी व्यक्ति की तुलना में अधिक ब्याज का भुगतान करेंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि बैंक और अन्य लोन संस्थान आपको एक जोखिम भरे ग्राहक के रूप में देख सकते हैं और इस तरह वे अधिक ब्याज वसूल कर जल्द से जल्द अपना लोन वसूलना चाहेंगे।
- आप प्रीमियम क्रेडिट कार्ड के लाभों का उपयोग नहीं कर पाएंगे। जब आपका क्रेडिट स्कोर अधिक होता है, तो आपको अच्छा कैशबैक ऑफर दिया जाता है। खरीददारी और मूवी टिकट पर भी आपको अच्छी डील मिल सकती है। एक कम क्रेडिट स्कोर आपको इन सभी फायदों से वंचित रखेगा।
- आपको अधिक बीमा प्रीमियम का भुगतान करना पड़ सकता है। आजकल बीमा कंपनियां आपके क्रेडिट स्कोर की जांच करती हैं कि आप समय पर भुगतान के साथ कितने विश्वसनीय हैं। यदि आप अपने क्रेडिट बिल या EMI भुगतान समय पर कर रहे हैं, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को बढ़ा देगा। यह बदले में बीमा कंपनियों को समय पर आपके प्रीमियम भुगतान के बारे में आश्वस्त करेगा।
संक्षेप में, आपके क्रेडिट स्कोर को यथासंभव अधिक रखने की सलाह दी जाती है। आपके लिए उपलब्ध कम क्रेडिट का उपयोग करने से आपको बेहतर स्कोर बनाने में भी मदद मिलेगी। ये दोनों कारक एक अच्छे क्रेडिट स्कोर को बनाए रखने के लिए प्रमुख रूप से ज़िम्मेदार हैं।
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अपना क्रेडिट स्कोर कैसे सुधारें?
समय पर भुगतान करें: क्रेडिट स्कोर पर सबसे ज़्यादा प्रभाव पड़ता है आपके पेमेंट रिकॉर्ड का। अपनी लोन ईएमआई और क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान समय पर और पूरा करें। ऐसा करते रहें और समय के साथ आपका क्रेडिट स्कोर खुद बढ़ जाएगा।
अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें: समय-समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें, ताकि रिपोर्ट में किसी भी तरह गलत जानकारी या क्रेडिट स्कोर गिरने पर आपको पता चल जाए। इस तरह आप समय रहते स्कोर में सुधार के लिए कदम भी उठा सकते हैं। कोई गलत जानकारी रिपोर्ट में मिलने पर उसकी सूचना क्रेडिट ब्यूरो को दें।
क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो को सीमित रखें: आप अपनी क्रेडिट लिमिट का जितना प्रतिशत आप खर्च करते हैं, वही आपका क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो होता है। उदाहरण, अगर आपके क्रेडिर कार्ड की लिमिट 1 लाख रु. है और आप उसमें से हर महीने 40,000 रु. खर्च करते हैं तो आपका क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो 40% होगा। अगर आप अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार करना चाहते हैं तो ये सलह दी जाती है कि अपने क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो को 30% से ज़्यादा ना बढ़ने दें। क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेश्यो ज़्यादा होने से प्रतीत होता है कि आप क्रेडिट पर ज़्यादा निर्भर हैं।
कम समय में कई बार लोन के लिए अप्लाई न करें: जब भी आप लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक/ लोन संस्थान आपकी क्रेडिट रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए क्रेडिट ब्यूरो से अनुरोध करते हैं और इसे हार्ड-इन्क्वायरी माना जाता है। हर बार हार्ड-इन्क्वायरी होने से आपका क्रेडिट स्कोर कुछ पॉइंट कम हो जाता है। आपके लिए कब–कब हार्ड-इन्क्वायरी हुई है, ये जानकारी आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में भी दी जाती है। इसलिए, कम समय में कई बार लोन के लिए अप्लाई ना करें, इससे आपका स्कोर काफी गिर सकता है।
अपने पुराने क्रेडिट अकाउंट बंद ना करें: लोग अक्सर अपने पुराने क्रेडिट कार्ड अकाउंट बंद कर देते हैं, लेकिन ऐसा करने से आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है। अगर आप अपने पुराने क्रेडिट कार्ड बंद नहीं करते हैं, तो बैंक ये देख पाएगा कि आप कब से, किस तरह अपने क्रेडिट को मैनेज कर रहे हैं, इससे आपकी क्रेडिट प्रोफाइल बेहतर होती है।
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