फिक्स्ड डिपॉज़िट क्या हैं?
एक निवेश विकल्प के रूप में कम शब्दों में बताया जाए तो निवेशक अपनी राशि एक निश्चित समय के लिए तय ब्याज दरों पर एफडी खाते में जमा करता है। इस दौरान उस राशि पर तय ब्याज दर के अनुसार ब्याज लगता है और यही निवेशक का लाभ होता है।
म्युचुअल फंड क्या है?
म्यूचुअल फंड में कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है और इस फंड में से फिर बाज़ार में निवेश किया जाता है। म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा मैनेज किया जाता है। जब निवेश किये गए पैसे से लाभ उत्पन्न होता है तो उसे निवेशकों के बीच उनके निवेश के आधार पर बाट दिया जाता है।
यह पैसे के पूल की तरह है और बाज़ार से जुड़ा हुआ है। इसमें दोनों ही कारक शामिल होते हैं, रिटर्न और जोखिम।
फिक्स्ड डिपॉज़िट बनाम म्यूचुअल फंड
पैरामीटर | फिक्स डिपॉज़िट (FD) | म्यूचुअल फंड (MF) |
रिटर्न | फिक्स्ड | परिवर्तनशील |
रिस्क | शून्य | महत्वपूर्ण |
निवेश का माध्यम | सीधे बैंक/कंपनी के साथ | प्रत्यक्ष रूप से फंड हाउसों के साथ या अप्रत्यक्ष रूप से एजेंटो के माध्यम से |
निकासी | मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने पर जुर्माना लगाया जाता है जो ब्याज दर को कम करता है, जिस पर देय रिटर्न का भुगतान करना होता है
(कुछ बैंक कोई जुर्माना नहीं लगा सकते हैं) |
म्यूचल फंड एक ओपन एंडेड निवेश है और इसे कभी भी जुर्माना के बिना वापस लिया जा सकता है
(कुछ फंड पहले से तय अवधि के साथ आते हैं, यदि इसे अवधि से पहले पैसा निकाला जाता है तो एक्ज़िट लोड का भुगतान करना होता है) |
इंश्योरेंस | इसमें DICGC के ज़रिए 5 लाख तक का डिपॉज़िट इंश्योरेंस मिलता है। जिसका मतलब है बैंक के डूब जाने या दिवालिया हो जाने पर आवेदक को इतनी रकम वापस मिल जाएगी। | किसी तरह का इंश्योरेंस नहीं मिलता |
टैक्स – म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉज़िट
फिक्स्ड डिपॉज़िट
- अगर किसी वित्तीय वर्ष में ब्याज 40,000 रु. (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रु) है तो TDS 10 % कटेगा
- पैन जमा नहीं होने पर यह 20% कटेगा
- एफडी पर टीडीएस से बचने के लिए फॉर्म 15G / H जमा कर सकते हैं
म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड से कमाया गया रिटर्न शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के तहत है, जो भी लागू हो।
इक्विटी–आधारित फंड:
STCG: एक वर्ष में 1 लाख रु. से अधिक के ब्याज पर 15%
LTCG : एक वर्ष में 1 लाख रु. से अधिक के ब्याज पर 10%
डेट फंड :
STCG: इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार अगर निवेश की तारीख से 3 साल के भीतर रिडीम किया जाता है
LTCG: इंडेक्सेशन लाभ के साथ रिटर्न पर 20% टैक्स, अगर निवेश की तारीख से 3 साल बाद रिडीम किया जाता है
* STCG – शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स; LTCG – लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स
म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?
- म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपके पास एक निवेश अकाउंट होना चाहिए
- इसके लिए, आपके KYC (नो योर कस्टमर) प्रक्रिया को पूरा करना आवश्यक है
- इसके लिए आपके फोटो, आपके हस्ताक्षर, पहचान प्रमाण, आधार और पता प्रमाण की आवश्यकता होती है
- इस अकाउंट के सफल एक्टिवेशन पर, आप म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं
म्यूचुअल फंड में आप सीधे AMC (एसेट मैनेजमेंट कंपनी) के साथ या एक अधिकृत एजेंट की तरह बैंकर, ब्रोकर और पेटीएम मनी जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से निवेश कर सकते हैं।
क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करने का यह अच्छा समय है?
हालांकि बाज़ार बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और रिटर्न में तेज़ी से कमी आई है, यह नोटबंदी के समय के बाद से म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे अच्छा समय है। ऐसा इसलिए है क्योंकि MF का मूल्य बहुत कम है, इसलिए आप अभी कम मूल्य में जो फण्ड खरीदेंगें बाज़ार में तेज़ी आने के बाद उसकी कीमत में बढ़ोतरी होगी। इसलिए कहा जाता है कीमतें कम होने पर खरीदने के लिए सबसे अच्छा समय होता है और कीमतें अधिक होने पर बेचने का।
फिक्स्ड डिपॉज़िट में रिटर्न बनाम म्यूचुअल फंड में रिटर्न
- म्यूचुअल फंड में रिटर्न
आमतौर पर म्यूचुअल फंड में रिटर्न की दर फिक्स्ड डिपॉज़िट की तुलना में अधिक होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि म्यूचुअल फंड बाज़ार से जुड़े निवेश जैसे कि इक्विटी और डेट फण्ड में निवेश करते हैं। म्यूचुअल फंड में फंड को पेशेवर फंड मैनेजरों द्वारा प्रभावी रूप से मैनेज किया जाता है और वो फण्ड के पैसे को निवेश करते हैं, और उनका एक ही उद्देश्य होता है जहाँ अधिक रिटर्न वहीं अधिक निवेश।
- फिक्स्ड डिपॉज़िट में रिटर्न
फिक्स्ड डिपॉज़िट गारंटीकृत रिटर्न के साथ आते हैं। आपके द्वारा शेड्यूल बैंकों में जमा किये गए पैसे को DICGC द्वारा सुरक्षा के लिए 5 लाख रु. के बीमा दिया जाता है। किसी भी एफडी योजनाओं में, एफडी दरें एफडी की बुकिंग के समय तय की जाती हैं और एफडी अवधि के अंत तक समान रहती हैं।
फिक्स्ड डिपॉज़िट या म्युचुअल फंड: कौन सा बेहतर है?
इन दो विकल्पों के बीच चयन करने के लिए गहन विश्लेषण, इसके अलावा जोखिम-रिटर्न की समझ की आवश्यकता होती है।
म्यूचुअल फंड जोखिम-वापसी का एक अच्छे मिश्रण के साथ आते हैं, एफडी किसी के पोर्टफोलियो में सही संतुलन बनाने में मदद करते हैं क्योंकि इनमें कोई महत्वपूर्ण जोखिम नहीं होता है।
हमारी सलाह
वरिष्ठ नागरिकों के लिए
वरिष्ठ नागरिकों को SBI WE केयर, HDFC सीनियर सिटीज़न केयर और आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक गोल्डन ईयर जैसी विशेष वरिष्ठ नागरिक एफडी योजनाओं में अपने पैसे की सुरक्षा करने की सलाह दी जाती है।
योजना | प्रस्ताव | ब्याज की दर | अवधि |
एसबीआई (SBI) वी केयर | 0.80% अतिरिक्त | 7.55% | 5 साल से 10 साल |
एचडीएफसी (HDFC) सीनियर सिटीजन केयर | 0.75% अतिरिक्त | 7.75% | 5 साल 1 दिन से 10 साल |
ICICI गोल्डन ईयर्स | 0.80% अतिरिक्त | 7.60% | 5 साल 1 दिन से 10 साल |
अगर वरिष्ठ नागरिक म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं, तो उन्हें इक्विटी-आधारित फंड के बजाय डेट म्यूचुअल फंड को चुनना चाहिए। डेट फंड बेहतर स्थिरता प्रदान करते हैं और इनमें अच्छा प्रदर्शन होता है।
अन्य के लिए (अर्थात गैर–वरिष्ठ नागरिक)
बाज़ार में निवेश करने की चाह रखने वालों के लिए, यह एक अच्छा समय है क्योंकि MF का मूल्य कम है। हालांकि, अच्छा रिटर्न मिलने में 3 वर्ष लग जाएंगें। जल्द ही बढ़े रिटर्न की उम्मीद न करें।
साथ ही, जैसा कि हमने सीखा है, कोई भी भी समय एक जैसा नहीं रहता है। बाज़ार से जुड़े निवेशों जल्द ही उस स्तिथि में नहीं आएँगे जैसे वो कोरोना वायरस से पहले थे। इसलिए, अगर आप इस अवधि के दौरान म्यूचुअल फंड में निवेश जारी रखते हैं, तो 3 साल की अवधि के लिए निवेशित रहने या अधिक रिटर्न के लिए लंबे समय तक रहने पर विचार करें।