इस लेख में, हम म्यूचुअल फण्ड बनाम फिक्स्ड डिपॉज़िट के साथ-साथ इन दोनों के रिटर्न के बारे में बात करेंगे। इसके अलावा, हम म्यूचुअल फंड में फिक्स्ड डिपॉज़िट और निवेश पर कोविड-19 के बाद के प्रभावों को देख रहे हैं।
फिक्स्ड डिपॉज़िट क्या हैं?
एक निवेश विकल्प के रूप में कम शब्दों में बताया जाए तो निवेशक अपनी राशि एक निश्चित समय के लिए तय ब्याज दरों पर एफडी खाते में जमा करता है। इस दौरान उस राशि पर तय ब्याज दर के अनुसार ब्याज लगता है और यही निवेशक का लाभ होता है।
म्युचुअल फंड क्या है?
म्यूचुअल फंड में कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है और इस फंड में से फिर बाज़ार में निवेश किया जाता है। म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा मैनेज किया जाता है। जब निवेश किये गए पैसा से लाभ उत्पन्न होता है तो उसे निवेशकों के बीच उनके निवेश के आधार पर बाट दिया जाता है।
यह पैसे के पूल की तरह है और बाज़ार से जुड़ा हुआ है। इसमें दोनों ही कारक शामिल होते हैं, रिटर्न और जोखिम।
फिक्स्ड डिपॉज़िट बनाम म्युचुअल फंड
पैरामीटर | फिक्स डिपॉज़िट (FD) | म्यूचुअल फंड (MF) |
रिटर्न | फिक्स्ड | परिवर्तनशील |
जोखिम | शून्य | महत्वपूर्ण |
निवेश का माध्यम | सीधे बैंक / कंपनी के साथ | प्रत्यक्ष रूप से फंड हाउसों के साथ या अप्रत्यक्ष रूप से एजेंटो के माध्यम से |
निकासी |
मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने पर जुर्माना लगाया जाता है जो ब्याज दर को कम करता है, जिस पर देय रिटर्न का भुगतान करना होता है (कुछ बैंक कोई जुर्माना नहीं लगा सकते हैं) |
म्यूचल फंड एक ओपन एंडेड निवेश है और इसे कभी भी जुर्माना के बिना वापस लिया जा सकता है (कुछ फंड पहले से तय अवधि के साथ आते हैं, यदि इसे अवधि से पहले पैसा निकाला जाता है तो एक्ज़िट लोड का भुगतान करना होता है) |
टैक्स |
यदि एक वित्त वर्ष में कमाया गया ब्याज 40,000 रू. से अधिक है तो 10 % (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रू.) पैन कार्ड जमा नहीं होने पर यह 20% होगा |
म्यूचल फंड से अर्जित रिटर्न शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के अधीन है, जो भी लागू हो। STCG: 1 लाख रु. से अधिक के ब्याज पर 15% LTCG: 1 लाख रु. से ऊपर के ब्याज पर 10% |
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टैक्स – म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉज़िट
फिक्स्ड डिपॉज़िट
- अगर किसी वित्तीय वर्ष में ब्याज 40,000 रु. (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रु) है तो TDS 10 % कटेगा
- पैन जमा नहीं होने पर यह 20% कटेगा
- जिनकी कुल वार्षिक आय 2.5 लाख रु. से कम है। वह एफडी पर टीडीएस से बचने के लिए फॉर्म 15G / H जमा कर सकते हैं
म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड से कमाया गया रिटर्न शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के तहत है, जो भी लागू हो।
इक्विटी–आधारित फंड:
STCG: एक वर्ष में 1 लाख रु. से अधिक के ब्याज पर 15%
LTCG : एक वर्ष में 1 लाख रु. से अधिक के ब्याज पर 10%
डेट फंड :
STCG: इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार अगर निवेश की तारीख से 3 साल के भीतर रिडीम किया जाता है
LTCG: इंडेक्सेशन लाभ के साथ रिटर्न पर 20% टैक्स, अगर निवेश की तारीख से 3 साल बाद रिडीम किया जाता है
* STCG – शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स; LTCG – लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स
म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?
- म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपके पास एक निवेश अकाउंट होना चाहिए
- इसके लिए, आपके KYC (नो योर कस्टमर) प्रक्रिया को पूरा करना आवश्यक है
- इसके लिए आपके फोटो, आपके हस्ताक्षर, पहचान प्रमाण, आधार और पता प्रमाण की आवश्यकता होती है
- इस अकाउंट के सफल एक्टिवेशन पर, आप म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं
म्यूचुअल फंड में आप सीधे AMC (एसेट मैनेजमेंट कंपनी) के साथ या एक अधिकृत एजेंट की तरह बैंकर, ब्रोकर और पेटीएम मनी जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से निवेश कर सकते हैं।