फिक्स्ड डिपॉज़िट स्वीप-इन क्यों?
अधिक रिटर्न अर्जित करना कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता है और यह स्वीप-इन सुविधा को सक्षम करने का प्रमुख बिन्दु है। लिंक किये गए फिक्स डिपॉज़िट खाते में ट्रांसफर होने वाली राशि अधिक ब्याज अर्जित करेगी क्योंकि फिक्स डिपॉज़िट ब्याज दरें बचत खाते की ब्याज दरों से अधिक होती हैं।
इसके अलावा, स्वीप-इन सुविधा का लाभ उठाने से खाताधारक को फंड की समस्या नहीं आती है क्योंकि यह लिमिट खाताधारक द्वारा तय की जाती है। इसलिए, वे इसे अपनी सामर्थ्य के अनुसार निर्धारित कर सकते हैं। अगर किसी को मासिक खर्च के लिए 20,000 रूपए की ज़रूरत है तो वे 20000 रुपये की लिमिट निर्धारित कर सकते हैं। तो ऐसे में उसके सेविंग अकाउंट में जब 20,000 रुपए से अधिक राशि होगी तो वो लिंक किए गए फिक्स डिपॉज़िट खाते में जाएगी।