SBI एफडी कैलकुलेटर 2024
SBI फिक्स्ड डिपॉज़िट कैलकुलेटर के ज़रिए आप जान सकते हैं कि निश्चित ब्याज दर पर कितना पैसा कितनी अवधि के लिए एफडी में निवेश करने पर आपको अंत में कितनी राशि मिलेगी। मैच्योरिटी राशि का पता लगाने के लिए आपको एफडी कैलकुलेटर में मूल राशि, SBI एफडी पर लागू ब्याज़ दर और अवधि दर्ज करनी पड़ती है। इसके बाद आप अपनी मैच्योरिटी राशि के बारे में जान सकते हैं।
पैसाबाज़ार के एफडी कैलकुलेटर का उपयोग कैसे करें?
पैसाबाज़ार के एफडी कैलकुलेटर का उपयोग करने की प्रक्रिया नीचे दी गई है:
- पैसाबाज़ार के एफडी कैलकुलेटर पेज पर जाएं
- फिक्स्ड डिपॉज़िट राशि, SBI एफडी ब्याज दर और एफडी अवधि दर्ज करें
- ‘Calculate‘ पर क्लिक करें।
- इसके बाद आप मूल राशि, FD मैच्योरिटी राशि और मिलने वाली ब्याज दर तुरंत देख सकेंगे
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SBI फिक्स्ड डिपॉज़िट की ब्याज दरें 2024
2 करोड़ रु. से कम की डोमेस्टिक डिपॉज़िट पर लागू ब्याज़ दर
अवधि | ब्याज़ दर (प्रति वर्ष) | |
आम नागरिक | वरिष्ठ नागरिक | |
7 दिन से 45 दिन | 3.50% | 4.00% |
46 दिन से 179 दिन | 4.75% | 5.25% |
180 दिन से 210 दिन | 5.75% | 6.25% |
211 दिन से 1 साल | 6.00% | 6.50% |
1 साल से 2 साल | 6.80% | 7.30% |
2 साल से 3 साल | 7.00% | 7.50% |
3 साल से 5 साल | 6.75% | 7.25% |
5 साल से 10 साल | 6.50% | 7.50% |
नोट: SBI ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्पेशल ‘SBI Wecare’ डिपॉजिट पेश की है, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को ‘ ‘5 साल और उससे अधिक’ की अवधि के लिए मौजूदा 0.50% से 0.30% का अतिरिक्त ब्याज़ दिया जाता है।
मैच्योरिटी राशि, SBI FD की ब्याज़ दरों, अवधि और एफडी के प्रकार यानी कुमुलेटिव और नॉन–कुमुलेटिव एफडी पर निर्भर करता है।
नॉन–कुमुलेटिव एफडी के तहत, एसबीआई सभी अवधि के लिए हर तीन महीने में ब्याज प्राप्त करने का विकल्प प्रदान करता है,जिसमें कस्टमर के करेंट/सेविंग अकाउंट में तीन महीने में ब्याज जमा किया जाता है। इसके अलावा कस्टमर 1 साल या उससे अधिक की एफडी के लिए मासिक, अर्ध–वार्षिक और वार्षिक रूप से ब्याज़ प्राप्त करने का विकल्प चुन सकते हैं। वहीं कुमुलेटिव एफडी के मामले में, ब्याज एफडी की मैच्योरिटी तक जमा रहता है।
एसबीआई मासिक ब्याज योजना रिटायर्ड व्यक्तियों या उन कस्टमर्स के लिए उपयुक्त है, जिन्हें अपने दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए एक निश्चित मासिक आय की आवश्यकता होती है। कुमुलेटिव डिपॉज़िट में डिपॉज़िटर को कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है जिसमें उन्हें एफडी की मूल राशि के साथ उसके ब्याज़ पर भी ब्याज़ मिलता रहता है।
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