SBI के मौजूदा कस्टमर्स के लिए फॉर्म भरने का तरीका
- मौजूदा कस्टमर्स को एसबीआई एफडी अकाउंट खोलने के लिए इस फॉर्म में नीचे दी गई जानकारी भरनी होगी:-
- एसबीआई एफडी फॉर्म के सेक्शन ‘ए’ में कस्टमर को अकाउंट के प्रकार – फिक्स्ड डिपॉज़िट या CAPS गेन (SB) पर टिक करना होगा।
- एफडी फॉर्म के सेक्शन ‘बी’ में, कस्टमर को “Self”, “Either or Survivor”, “Former or Survivor”, “Anyone or Survivor”, “Jointly operated” or ‘Other’ में से किसी एक का चयन करना होगा।
- एसबीआई एफडी फॉर्म का सेक्शन ‘डी’ मल्टी–ऑप्शन डिपॉज़िट और अन्य एफडी योजनाओं से संबंधित है।
- जो डिपॉज़िटर एसबीआई मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट स्कीम (एमओडीएस) लेना चाहते हैं, उन्हें सेक्शन डी का भाग 2 भरना पड़ता है।
- सबसे पहले डिपॉज़िट के प्रकार – ‘टर्म डिपॉज़िट’ या ‘टर्म डिपॉज़िट’ (री-इंवेस्टमेंट) पर टिक करना होगा
- इसके बाद डिपॉज़िटर को साल, महीने और दिन में से किसी अवधि का चयन करना होगा।
- कस्टमर को लिंक्ड सेविंग/ करंट अकाउंट नंबर का उल्लेख करना होगा, जहां वे डिपॉज़िट की मैच्योरिटी में अपनी एफडी की मूल राशि और ब्याज़ को जमा करना चाहते हैं।
- MOD को तोड़ने के लिए एसबीआई रिवर्स स्वीप सुविधा के तहत दो विकल्प प्रदान करता है – “लास्ट इन फर्स्ट आउट” और “फर्स्ट इन फर्स्ट आउट“। अगर डिपॉज़िटर इन दोनों में से कोई विकल्प नहीं चुनता है, तो “लास्ट इन फर्स्ट आउट” विकल्प को चुना जाएगा।
- जो डिपॉज़िटर SBI रेकरिंग डिपॉज़िट खोलना चाहते हैं, उन्हें सेक्शन ‘डी’ का भाग 3 भरना पड़ता है
- कस्टमर को मासिक या मुख्य मासिक किस्त को संख्यात्मक और शब्दों में भरना होगा और अवधि का चयन साल, महीने और दिनों के आधार पर करना होगा।
- इसके साथ ही डिपॉज़िटर को डेबिट अकाउंट नंबर लिंक करना होगा, जहां वे अपनी मैच्योरिटी राशि और ब्याज़ जमा करना चाहते हैं।
- इसके अलावा कस्टमर को बैंकर चेक या ड्राफ्ट जारी करना और सेविंग्स अकाउंट /करंट अकाउंट प्रदान करना होगा जहां से टीडीएस काटा जाएगा।
- SBI FD फॉर्म के सेक्शन ‘F’ में कस्टमर को नॉमिनेशन से संबंधित जानकारी भरनी होती है, जिसमें डिपॉज़िटर को फॉर्म (फॉर्म DA – 1) में नीचे दी गई जानकारी भरनी होती है:-
- डिपॉज़िटर को नामांकित व्यक्ति के नाम और पते के साथ “type of deposit” और “account number” भरना होगा।
- इसके अलावा, एसबीआई एफडी फॉर्म में डिपॉज़िटर के साथ संबंध, मोबाइल नंबर, पता और नामांकित व्यक्ति की जन्म तिथि का उल्लेख करना होगा।
एसबीआई एफडी फॉर्म का सेक्शन G “Declaration-cum-Undertaking-cum-Self – Certification” से संबंधित है, जिसमें जमाकर्ता को यह डिक्लेयर करना होगा कि उसने अकाउंट खोलने से संबंधित नियम और शर्तें पढ़ ली हैं,उसके प्रदान किए गए विवरण सही हैं और उसका किसी अन्य बैंक या ब्रांच में बेसिक सेविंग्स डिपॉज़िट अकाउंट (BSBDA) नहीं है।ट
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नए कस्टमर्स के लिए फॉर्म भरने का तरीका
SBI के नए कस्टमर्स को “Customer Information Sheet (CIF Creation/Amendment)” भरना पड़ता है जिसमें उन्हें नीचे दी गई जानकारी दर्ज करनी पड़ती है:-
- सेक्शन ‘A’ में आवेदकों को नीचे दी गई जानकारी दर्ज करनी होगी:-
- नाम
- विवाह से पहले सरनेम
- जन्मतिथि
- लिंग
- वैवाहिक स्थिति
- फाइनेंशियली निर्भर व्यक्ति
- अभिभावक का नाम और अभिभावक के साथ संबंध
- राष्ट्रीयता
- नागरिकता
- पेशा
- संगठन का नाम; पद; व्यवसाय की प्रकृति
- वार्षिक आय
- आय के स्रोत
- धर्म
- कैटेगरी– जनरल/ओबीसी/एससी/एसटी
- शैक्षणिक योग्यता
- पैन कार्ड
- सेक्शन ‘बी’ में आवेदक को ये जानकारियां दर्ज करनी होती है:-
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
- STD टेलीफोन (ऑफिस)
- घर का टेलीफोन नंबर
- सेक्शन ‘C’ में आवेदक को नीचे दिए गए पता/पहचान प्रमाण दर्ज करने होते हैं:-
- पासपोर्ट
- वोटर आईडी कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- आधार
- ई–केवाईसी
- नरेगा जॉब कार्ड
- नाम और पते के विवरण के साथ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर द्वारा जारी पत्र
- विदेशी नागरिकों के लिए – वीज़ा विवरण जिसमें वीज़ा जारी करने की तिथि और किसके द्वारा जारी किया गया इसका उल्लेख होना चाहिए।
- सेक्शन ‘D’ में आवेदक को नीचे दिए गए पता प्रमाण दर्ज करने होते हैं:-
- पता प्रकार जिसमें आवेदक को किसी एक बॉक्स पर टिक करना होता है – “Residential/Business”, “Residential”, “Business”, “Registered Office”, “Unspecified”
- पता
- शहर/गाँव
- जिला
- राज्य
- पिन कोड
- देश का नाम
SBI FD फॉर्म का सेक्शन G डिक्लेरेशन-कम-अंडरटेकिंग-कम-सेल्फ–सर्टिफिकेशन से संबंधित है, जिसमें डिपॉज़िटर को यह डिक्लेयर करना होता है कि उसने अकाउंट खोलने से संबंधित नियमों और शर्तों को पढ़ लिया है, UIDAI द्वारा जारी आधार कार्ड जमा किया है और वह बैंक को इस बात की इजाज़त देता है कि वे इसे UIDAI के साथ वेरिफाई कर सकते हैं।
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