होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर (Home Loan EMI Calculator) एक ऑनलाइन टूल है जिसका इस्तेमाल आप होम लोन की EMI-को कैलकुलेट करने के लिए कर सकते हैं।आप घर बैठे आसानी से इसका उपयोग कर सकते हैं। नीचे दिए गए पैसाबाज़ार के होम लोन EMI कैलकुलेटर में आपको कुछ जानकारी दर्ज करनी होंगी जैसे लोन राशि, ब्याज दर, भुगतान अवधि और ये आपको बताएगा कि आपको कितना लोन लेने पर कितनी ईएमआई देनी होगी। साथ आपको ये भी पता चलेगा कि आप कितना ब्याज चुकाएंगे।
Monthly EMI ₹ 15,622
Total Amount Payble ₹ 5,62,395(Principal + interest)
Principal Amount ₹ 5,00,000
Total Interest Payble ₹ 62,395
मुख्य बैंकों और HFC की होम लोन दरों की तुलना करें
बैंक/ लोन संस्थान | ₹30 लाख तक | ₹30 लाख से अधिक और ₹75 लाख तक | ₹75 लाख से अधिक | |
एसबीआई | 8.50%- 9.85% | 8.50%– 9.85% | 8.50% – 9.85% | एलिजिबिलिटी चेक करें |
HDFC बैंक लिमिटेड | 8.75% से शुरू | 8.75% से शुरू | 8,75% से शुरू | एलिजिबिलिटी चेक करें |
एक्सिस बैंक | 8.75% – 13.30% | 8.75% – 13.30% | 8.75% – 9.65% | एलिजिबिलिटी चेक करें |
ICICI बैंक | 8.75% से शुरू | 8.75% से शुरू | 8.75% से शुरू | एलिजिबिलिटी चेक करें |
कोटक महिंद्रा बैंक | 8.75% से शुरू | 8.75% से शुरू | 8.75% से शुरू | एलिजिबिलिटी चेक करें |
पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस | 8.50%- 14.50% | 8.50% -14.50% | 8.50%-11.45% | एलिजिबिलिटी चेक करें |
पंजाब नेशनल बैंक | 8.45%-10,25% | 8.40% – 10.15% | 8.40% – 10.15% | एलिजिबिलिटी चेक करें |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 8.40% –10.65% | 8.40% –10.65% | 8.40% –10.90% | एलिजिबिलिटी चेक करें |
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | 8.30% – 10.75% | 8.30% – 10.90% | 8.30% – 10.90% | एलिजिबिलिटी चेक करें |
IDFC फर्स्ट बैंक | 8.85% से शुरू | 8.85% से शुरू | 8.85% से शुरू | एलिजिबिलिटी चेक करें |
L&T हाउसिंग फाइनेंस | 8.65% से शुरू | 8.65% से शुरू | 8.65% से शुरू | एलिजिबिलिटी चेक करें |
LIC हाउसिंग फाइनेंस | 8.50% से शुरू | 8.50% से शुरू | 8.50% से शुरू | एलिजिबिलिटी चेक करें |
टाटा कैपिटल | 8.75% से शुरू | 8.75% से शुरू | 8.75% से शुरू | एलिजिबिलिटी चेक करें |
होम लोन EMI कैलकुलेटर का उपयोग करने के लाभ
होम लोन के लिए EMI कैलकुलेटर की मदद से, आप हाउसिंग लोन के लिए आवेदन करने से पहले अपनी मासिक किस्तों के बारे में जान सकते हैं, जिससे आपको यह तय करने में मदद मिलेगी:
- आप अपने होम लोन पर कितना उधार ले सकते हैं
- क्या आपको लॉन्ग-टर्म या शॉर्ट-टर्म होम लोन लेना चाहिए
- आपको अपने घर के डाउन पेमेंट में कितना योगदान देना चाहिए
- समय पर लोन चुकाने के लिए अपना बजट कैसे बनाएं
होम लोन EMI कैलकुलेशन फार्मूला
आवेदक होम लोन EMI कैलकुलेशन फार्मूला का उपयोग करके मैन्युअल रूप से अपने होम लोन EMI की कैलकुलेशन कर सकते हैं, जो है:
EMI = [P x R x (1+R)^N]/[(1+R)^N-1]
जहां,
P = लोन प्रिंसिपल यानी उधार ली गई राशि
R = लोन ब्याज दर (हर महीने) = वार्षिक ब्याज दर/12
N = महीनों में लोन अवधि
पैसाबाज़ार के ऑनलाइन होम लोन EMI कैलकुलेटर का उपयोग करके ग्राहक मैन्युअल कैलकुलेशन से बच सकते हैं। कैलकुलेटर का उपयोग करना सरल है जो आपको कुछ ही मिनटों में सटीक परिणाम प्रदान करता है। ग्राहक को केवल EMI राशि, साथ ही कुल ब्याज लागत और देय राशि प्राप्त करने के लिए लोन राशि, ब्याज दर और अवधि दर्ज करने की आवश्यकता होती है।
होम लोन की किस्त न चुकाने पर लगने वाला शुल्क
यदि किसी वजह से, आप समय पर होम लोन ईएमआई का भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो आपको भुगतान की जाने वाली वास्तविक ईएमआई से अधिक होम लोन फीस का भुगतान करना पड़ सकता है जो नीचे दी गई हैं:
- चेक/NACH/SI बाउंस शुल्क: यह उस वक्त लागू होता है जब अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस न होने या ईएमआई भुगतान के लिए उपयोग किए जाने वाले अकाउंट के बंद होने के कारण होम लोन ईएमआई का भुगतान नहीं हो पाता है। आमतौर पर यह शुल्क निश्चित होता है जो हर महीने ईएमआई का भुगतान न होने पर लगता है।
- देरी से भुगतान करने पर लगने वाला शुल्क: यह शुल्क या तो एक निश्चित राशि या भुगतान नहीं की गई राशि का प्रतिशत हो सकता है।
- पीनल इंटरेस्ट शुल्क: यह भुगतान नहीं की गई ईएमआई की राशि पर लागू होता है। यह शुल्क एक निश्चित प्रतिशत राशि है जो भुगतान न की गई मूल राशि पर हर महीने लागू होती है। यह शुल्क तब तक लागू रहता है जब तक कि बकाया ईएमआई का भुगतान नहीं हो जाता।
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होम लोन की ईएमआई कैसे कम करें?
यदि आप अपने होम लोन EMI भुगतान को कम करना चाहते हैं, तो नीचे दी गई सलाह पर विचार करें:
- होम लोन की अवधि बढ़ाएं: अगर आप अपनी मासिक किस्तों को कम करना चाहते हैं तो इसके लिए हाउसिंग लोन की लंबी अवधि का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि अवधि जितनी लंबी होगी, आपको उतने ही अधिक ब्याज का भुगतान भी करना होगा। इसलिए, होम लोन की अवधि तभी बढ़ाएं, जब आप लोन की किस्तों का भुगतान नहीं कर पा रहे हों। कितनी भुगतान अवधि में कितना ब्याज भुगतान करना पड़ेगा, यह जानने के लिए होम लोन ईएमआई कैलकुलेटर (Home Loan EMI Calculator) का उपयोग करें।
- बैलेंस ट्रांसफर: आप अपनी बकाया लोन की राशि को उन बैंक/ लोन संस्थानों में ट्रांसफर कर सकते हैं ज कम ब्याज दर पर या लंबी लोन अवधि या दोनों लाभ दे रहे हैं। बता दें, कि होम लोन बैलेंस ट्रांसफर में आपको नए बैंक को प्रोसेसिंग फीस और अन्य शुल्क देने होते हैं। इसलिए बैलेंस ट्रान्सफर का विकल्प चुनने से पहले ये कैलकुलेट कर लें कि इससे होने वाली बचत इस पर होने वाले खर्च से ज़्यादा होनी चाहिए। बैलेंस ट्रान्सफर के बाद आपको कितनी EMI देनी होगी ये जानने के लिए भी आप होम लोन EMI कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं।
- जब भी संभव हो पार्ट प्रीपेमेंट करें: अगर आप बैंक को EMI के अलावा भी समय-समय पर लोन भुगतान के लिए पैसा देता हैं, तो उसे पार्ट प्री-पेमेंट कहते हैं। इस तरह आपकी लोन बकाया राशि जल्दी कम हो जाती है और आपकी EMI राशि या भुगतान अवधि समय के साथ घट जाती है। होम लोन में आम तौर पर लगभग एक वर्ष का लॉक- इन पीरियड होता है जिसके बाद आप लोन राशि का एक साथ पूरा भुगतान या बीच- बीच में प्री- पेमेंट कर सकते हैं।
होम लोन की ईएमआई लोन अवधि बदल सकती है
हां, भले ही आपके होम लोन की ईएमआई आमतौर पर एक निश्चित राशि होती है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में यह लोन अवधि के दैरान बदल सकती है जिनके बारे में नीचे बताया गया है:
- जब आपके पास स्टेप–अप या स्टेप–डाउन लोन हो: यदि आपने स्टेप-अप या स्टेप-डाउन प्रॉपर्टी लोन के मामले में बदली जा सकने वाली ईएमआई का विकल्प चुना है तो आपके लोन की ईएमआई में बदलाव होगा। स्टेप-अप लोन के मामले में, आपकी ईएमआई समय के साथ धीरे- धीरे बढ़ेगी। स्टेप-डाउन लोन के मामले में, समय बीतने के साथ आपकी ईएमआई कम होती जाएगी।
- हिस्सों में लोन राशि ट्रान्सफर होने पर: कुछ लोन योजनाओं में लोन राशि को कई हिस्सों में ट्रान्सफर किया जाता है, जैसे जैसे लोन ट्रान्सफर होता है वैसे-वैसे EMI भी बढ़ जाती है।
- लोन प्री पेमेंट: प्रीपेमेंट आपकी ईएमआई को भी प्रभावित करते हैं। आप या तो समान लोन अवधि के लिए ईएमआई कम करने का विकल्प चुन सकते हैं या लोन अवधि को घटाकर ईएमआई को स्थिर रख सकते हैं। अगर लोन अवधि कम कर ईएमआई को स्थिर रखने का विकल्प चुनेंगे तो आपके लिए अधिक फायदेमेंद होगा क्योंकि इससे आपको कम ब्याज का भुगतान करना होगा।
- फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी: जब भी रेपो रेट में बदलाव होता है, तो फ्लोटिंग ब्याज दर भी बदल जाती है। यदि फ्लोटिंग रेट बढ़ती है, तो बैंक/ लोन संस्थान आपकी ईएमआई को समान रखते हुए सामान्य रूपसे लोन की अवधि को बढ़ा देगा। यदि नई अवधि उस अधिकतम अवधि से अधिक है जिसकी अनुमति दी गई थी, तो बैंक आपकी ईेमआई बढ़ा सकता है।
होम लोन EMI पहले जानिए
अगर आप होम लोन लेने से पहले उसकी ईएमआई जान लेते हैं तो उसके मुताबिक आप सही निर्णय ले पाएंगें जिसके आपको निम्नलिखित लाभ होंगे:
- EMI पता होने से आप लोन लेने से पहले उसके भुगतान की नीति बना सकते हैं
- आपको पता होगा कि आपको कितनी होम लोन राशि लेनी चाहिए
- लोन की अवधि बढ़ाने या घटाने पर ईएमआई पर कितना असर पड़ेगा
- आपको कितनी होम डाउन पेमेंट करनी चाहिए।
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होम लोन ईएमआई को प्रभावित करने वाले कारक
आपके होम लोन ईएमआई को प्रभावित करने वाले कारक हैं:
- लोन राशि: जितनी अधिक राशि उधार ली जाएगी, आपके होम लोन की ईएमआई उतनी ही अधिक होगी, बर्शते अवधि और ब्याज दर स्थिर रहे।
- ब्याज दर: होम लोन की दरें अधिक होती है तो होम लोन की ईएमआई के साथ-साथ कुल ब्याज लागत भी बढ़ जाती है।
- लोन की अवधि: अवधि लंबी होगी तो ईएमआई कम होती है लेकिन उसी लोन के लिए कम अवधि की तुलना में भुगतान किया जाने वाला कुल ब्याज अधिक होता है।
पैसाबाज़ार के होम लोन EMI कैलकुलेटर का इस्तेमल कैसे करें?
पैसाबाज़ार होम लोन EMI कैलकुलेटर से EMI कैलकुलेट करने के लिए नीचे दी गई जानकारी का इस्तेमाल करें:
- स्टेप 1: उतनी लोन राशि दर्ज करें जितनी आप लेना चाहते हैं
- स्टेप 2: कितनी ब्याज दर पर आपको लोन मिल रहा है, वो दर्ज करें
- स्टेप 3: वह भुगतान अवधि दर्ज करें जिसमें आप अपना होम लोन चुकाना चाहते हैं
ये जानकारी दर्ज करने के बाद CALCULATE पर क्लिक करें, और आपके सामने लिखा आ जाएगा कि आपको कितनी EMI देनी होगी।
संबंधित प्रश्न (FAQs)
प्रश्न. अगर होम लोन की ईएमआई का भुगतान नहीं किया गया है तो क्या होगा?
उत्तर: यदि आप अपनी होम लोन ईएमआई का भुगतान नहीं करते हैं, तो बैंक/ लोन संस्थान बकाया राशि पर देरी से भुगतान करने के लिए शुल्क वसूलेगा। बैंक/ लोन संस्थान आपके डिफ़ॉल्ट की जानकारी डिट एजेंसियों को भी देगा, जिससे आपके क्रेडिट स्कोर में गिरावट आएगी। इससे आपको भविष्य में नए लोन/क्रेडिट कार्ड के लिए मंज़ूरी मिलना बहुत कठिन हो जाएगा। 3 महीने के बाद भी, अगर राशि का भुगतान नहीं किया गया है, तो बैंक/ लोन संस्थान आपके लोन को नॉन- परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) घोषित कर देगा। आपको एक कानूनी नोटिस भी भेजा जाएगा जिसमें आपसे बकाया राशि का भुगतान करने की मांग की जाएगी। इसके बाद भी यदि बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है, तो दो महीने के बाद बैंक/ लोन संस्थान लीगल फ्रेमवर्क के तहत बकाया रकम को वसूल करने के लिए प्रॉपर्टी की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। नीलामी का तारीख आमतौर पर नोटिस की तारीख के एक महीने बाद तय की जाती है, जिससे आपको अपनी प्रॉपर्टी की नीलामी से पहले छह महीने का पर्याप्त समय मिल सके।
प्रश्न. क्या मैं अपनी होम लोन ईएमआई की तारीख बदल सकता हूं? यदि हां, तो मैं यह कैसे कर सकता हूं?
उत्तर: अपने होम लोन ईएमआई की तारीख को बदलने के लिए, अपने लोन ऑफिसर या कस्टमर केयर प्रतिनिधि से बात करें। चूंकि अलग- अलग बैंक/ लोन संस्थानों में तारीख बदलने की प्रक्रिया अलग- अलग हो सकती है, इसलिए सही प्रक्रिया जानने के लिए बैंक प्रतिनिधियों के सात बात करना बेहतर होता है।
प्रश्न. होम लोन में प्री–ईएमआई क्या है?
उत्तर: हाउसिंग लोन में प्री-ईएमआई हर महीने वाला भुगतान होता है जिसमें आपके होम लोन का केवल ब्याज वाला हिस्सा शामिल होता है। प्री-ईएमआई के मामले में, आप अपनी मूल राशि का भुगतान नहीं करते हैं। आप केवल होम लोन का ब्याज चुकाते हैं। जब गिरवी रखे घर या अपार्टमेंट में निर्माण कार्य चल रहा होता है, तो उस दौरान आमतौर पर बैंक/लोन संस्थान आपके प्री- ईएमआई का विकल्प देते हैं। निर्माण कार्य खत्म होने के बाद बैंक आपसे पूरी ईएमआई लेना शुरू कर देता है।
प्रश्न. क्या होम लोन की ईएमआई पर GST लागू है?
उत्तर: नहीं, जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) होम लोन की ईएमआई पर लागू नहीं होता है। हालांकि, यह कोई दूसरे होम लोन शुल्क पर लागू होता है, जैसे- प्रोसेसिंग फीस, देर से भुगतान करने पर लगने वाला शुल्क और प्रीपेमेंट फीस।
प्रश्न. पैसाबाज़ार होम लोन EMI कैलकुलेटर का इस्तेमाल करने के क्या फायदे हैं?
उत्तर: पैसाबाज़ार होम लोन EMI कैलकुलेटर एक ऑनलाइन टूल है, जो आपको बताता है कि कितना लोन लेने पर आपको कितनी EMI देनी होगी,हमारे होम लोन कैलकुलेटर का उपयोग करने के अन्य लाभ हैं:
- शीघ्र परिणाम: होम लोन के लिए हमारे EMI कैलकुलेटर से आपको कुछ सेंकड में परिणाम मिल जाता है। EMI को पेन, पेपर या कैलकुलेटर के इस्तेमाल की परेशानी के बिना माउस के एक क्लिक से कैलकुलेट किया जा सकता है।
- इस्तेमाल में आसान: पैसाबाज़ार का ऑनलाइन EMI कैलकुलेटर को इस तरह से बनाया गया है कि कोई भी बिना किसी ट्रेनिंग के इसका इस्तेमाल कर सकता है। आपको बस दिए गए स्थान में अपने लोन के बारे में जानकारी दर्ज करनी होगी।
- अलग–अलग कॉम्बिनेशन आज़माएं: आप लोन ईएमआई कैलकुलेटर में अपनी लोन राशि, ब्याज दर और लोन अवधि को बदल सकते हैं और अपने होम लोन ईएमआई को तब तक रिकैलकुलेट कर सकते हैं जब तक कि आपको अपने बजट के अनुरूप ईएमआई के विकल्प न मिल जाएं।
- कोई शुल्क नहीं: आप बिना किसी शुल्क के जितनी बार चाहें, इस कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह ऑनलाइन टूल पैसाबाज़ार की वेबसाइट पर 24 घंटे उपलब्ध है।
प्रश्न. होम लोन ईएमआई का भुगतान करने से टैक्स संबंधित क्या लाभ मिलती है?
उत्तर: लोन के बोझ को कम करने और अधिक से अधिक लोगों को संपत्ति खरीदने और उनमें निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, भारत सरकार कई होम लोन पर टैक्स बेनिफिट प्रदान करती है। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 C के तहत, होम लोन लेने वाले ग्राहक ईएमआई के माध्यम से भुगतान की गई मूल राशि पर वार्षिक तौर पर टैक्स में 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। वहीं आयकर अधिनियम की धारा 24 B के मुताबिक, आप वित्तीय वर्ष के दौरान होम लोन के दिए गए ब्याज पर टैक्स में 2 लाख रु. तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।
प्रश्न. EMI कैलकुलेशन से घर खरीदने की योजना बनाने में कैसे मदद मिलती है?
उत्तर: एक समझदार व्यक्ति वो है जो लोन लेने से पहले उसके भुगतान की योजना बना ले। जब आप ईएमआई कैलकुलेटर (EMI Calculator) का उपयोग करते हैं तो आपको पता चल जाता है कि कितना लोन कितने समय के लिए लेने पर आपको कितनी EMI देनी होगी। इस तरह आप पहले ही लोन EMI भुगतान करने के लिए नीति बना लेते हैं साथ ही आपको ये भी पता चल जाता है कि कितने समय के लिए लोन लेने पर आपकी EMI राशि कम रहेगी।
प्रश्न. हाउसिंग लोन ईएमआई को मैन्युअली कैलकुलेट करने के लिए MS-Excel फॉर्मूला क्या है?
उत्तर: नीचे दिया गया MS-Excel फॉर्मूला आपको होम लोन ईएमआई को मैन्युअली कैलकुलेट करने में मदद करता है:
PMT (रेट, एनपीईआर, पीवी)
जहां, रेट = व्यक्तिगत लोन ब्याज दर (प्रतिशत में)
nper = महीनों में लोन अवधि यानी भुगतान की जाने वाली ईएमआई की संख्या
PV = लोन प्रिंसिपल (वर्तमान मूल्य)
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