भारत में मुख्य बैंकों/ होम लोन संस्थानों की योग्यता शर्तें
बैंक/ लोन संस्थान | उम्र | ब्याज दर (प्रति वर्ष) | अवधि | अप्लाई |
एक्सिस बैंक | 21-65 वर्ष | 8.75% –13.30% | 30 साल | |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 21-70 वर्ष | 8.40% – 10.90% | 30 साल | अप्लाई करें |
बैंक ऑफ इंडिया | 18-70 वर्ष | 8.35% – 11.10% | 30 साल | |
HDFC बैंक | 21-65 वर्ष | 8.75% से शुरू | 30 साल | अप्लाई करें |
ICICI बैंक | 21-65 वर्ष | 8.75% से शुरू | 30 साल | अप्लाई करें |
कोटक महिंद्रा बैंक | 18-65 वर्ष | 8.75% से शुरू | 20 साल | अप्लाई करें |
LIC हाउसिंग फाइनेंस | 18-60 वर्ष | 8.50% से शुरू | 30 साल | अप्लाई करें |
पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस | 18-70 वर्ष | 8.50% – 14.50% | 30 साल | अप्लाई करें |
पंजाब नेशनल बैंक | 18-70 वर्ष | 8.40% – 10.25% | 30 साल | |
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया | 18-70 वर्ष | 8.50% – 9.85% | 30 साल | अप्लाई करें |
टाटा कैपिटल हाउसिंग फाइनेंस | 24-65 वर्ष | 8.75% से शुरू | 30 साल | अप्लाई करें |
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | 18-75 वर्ष | 8.30% – 10.90% | 30 साल |
नोट: टेबल में दिए गए आंकड़े सांकेतिक हैं और बैंक/ एनबीएफसी के विवेक के आधार पर बदली जा सकती हैं।
ब्याज दरें 19 दिसंबर 2024 में अपडेट की गई हैं।
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होम लोन एलिजिबिलिटी निर्धारित करने वाले कारक कौन से हैं?
- सिबिल स्कोर/ क्रेडिट रिपोर्ट: बैंक/ लोन संस्थान आमतौर पर 750 और उससे अधिक के सिबिल स्कोर वाले आवेदकों को लोन देना पसंद करते हैं। ऐसे होम लोन आवेदकों को कम ब्याज दरों पर होम लोन मिलने की संभावना भी अधिक होती है। इसलिए, समय- समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते रहें।
- आवेदक की आयु: होम लोन के लिए आवेदन करने की न्यूनतम आयु आम तौर पर 18 वर्ष है और लोन मैच्योरिटी के समय अधिकतम आयु आमतौर पर 70 वर्ष है। होम लोन भुगतान अवधि आमतौर पर 30 वर्ष तक होती है। कई बैंक/ लोन संस्थान आवेदक के रिटायरमेंट की आयु को अधिकतम आयु सीमा के रूप में निर्धारित करते हैं। इसलिए, युवा आवेदकों के पास लंबी अवधि के लिए होम लोन लेने की संभावना अधिक होती है।
- आय और रोज़गार: अगर आपकी आय अधिक है तो इससे पता चलता है कि आप आसानी से लोन का भुगतान कर सकते हैं। इससे बैंक/ लोन संस्थान भी जोखिम की कम परवाह करते हुए आपको लोन देते हैं। आमतौर पर, नौकरीपेशा कर्मचारियों के पास कम ब्याज दरों पर होम लोन प्राप्त करने का बेहतर मौका होता है क्योंकि उनकी इनकम ज़्यादा स्थिर होती है। केंद्र/राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, प्रतिष्ठित कॉरपोरेट्स और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में कार्यरत होम लोन आवेदकों को आमतौर पर कम ब्याज दरों पर होम लोन ऑफर किया जाता है। कई बैंक/ लोन संस्थानों में नौकरीपेशा आवेदकों के लिए ये शर्त निर्धारित की जाती है कि उन्होंने कम से कम 2 साल काम किया हो। वहीं अगर आवेदक गैर- नौकरीपेशा है तो उसका बिज़नेस कम से कम 3 सालों से चल रहा हो।
- भुगतान क्षमता: बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां आमतौर पर उन आवेदकों का होम लोन देना पसंद करती हैं जो अपनी इनकम का 50% तक ही ईएमआई भुगतान (लिए जा रहे होम लोन की ईएमआई को मिलाकर) में खर्च करते हैं। चूंकि लंबी अवधि के लिए लोन लेने से होम लोन की ईएमआई कम हो जाएगी। कम होम लोन योग्यता रखने वाले लोग लंबी अवधि का विकल्प चुनकर इसमें सुधार कर सकते हैं।
- संपत्ति: होम लोन योग्यता का आकलन करते समय, बैंक/ लोन संस्थान प्रॉपर्टी का दौरा करते हैं और उसकी बिल्डिंग विशेषताओं और मार्केट वैल्यू को चेक करते हैं जिससे वो ये निश्चित कर सकें कि उन्हें प्रॉपर्टी के लिए कितनी लोन राशि प्रदान करनी है। आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंक/ लोन संस्थान होम लोन पर प्रॉपर्टी वैल्यू के 90% से अधिक लोन राशि प्रदान नहीं कर सकते हैं। इसका मतलब है कि आपको घर खरीदने के लिए डाउन पेमेंट के रूप में एक निश्चित राशि का भुगतान करना होगा। अधिक डाउन पेमेंट करने से लोन राशि और लोन-टू-वैल्यू रेश्यो को कम करने में मदद मिलती है, जिससे होम लोन की ओवरऑल एलिजिबिलिटी बढ़ जाती है।
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होम लोन के लिए अपनी योग्यता कैसे बढ़ाएं
अपनी होम लोन योग्यता को बेहतर बनाने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:
- 750 और उससे अधिक सिबिल स्कोर बनाए रखें: 750 और उससे अधिक सिबिल स्कोर से आपके लोन आवेदन को मंज़ूरी मिलने और बेहतर ब्याज दर पर लोन प्राप्त करने की संभावना बढ़ती है। अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड बिल और ईएमआई का समय पर भुगतान करती हैं और क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेश्यो को 30% तक बनाए रखती हैं तो इससे आपके सिबिल स्कोर में सुधार होता है और वह 750 और उससे अधिक बना रहता है। जिनका सिबिल स्कोर खराब है या बिल्कुल नहीं है, वे अपने सिबिल स्कोर को बनाने या उसमें सुधार करने के लिए सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड ले सकती हैं।
- जॉइंट होम लोन लें: अपर्याप्त आय, कम क्रेडिट स्कोर या अधिक डेट-टू-इनकम रेश्यो की वजह से, बैंक/ लोन संस्थान आपके होम लोन आवेदन को नामंज़ूर कर सकता है। अगर आप होम लोन के लिए योग्य नहीं हैं, तो किसी सह- आवेदक के साथ जॉइंट होम लोन के लिए आवेदन करें। लेकिन वह सह-आवेदक परिवार का ही कोई कमाने वाला सदस्य होना चाहिए जिसकी क्रेडिट हिस्ट्री और भुगतान क्षमता संतोषजनक हो। ऐसा करने से आपकी होम लोन की योग्यता बढ़ेगी और आप अधिक लोन राशि प्राप्त कर सकते हैं। यदि सह-आवेदक या प्राथमिक लोन आवेदक महिला हैं, तो आपको रियायती ब्याज दरों पर होम लोन मिल सकता है।
- चेक करें कि क्या आपका बैंक/ लोन संस्थान एक स्टेप-अप लोन ऑफर कर रहा है: इस योजना के तहत, बैंक/ लोन संस्थान शुरुआती वर्षों में कम ईएमआई पर लोन प्रदान करते हैं। जैसे- जैसे आप लोन का भुगतान करना शुरू करते हैं, वैसे- वैसे ईएमआई में बढ़ोतरी होती जाती है। यह आमतौर पर कम उम्र के आवेदकों के लिए बनाई गई है। आवेदक जैसे- जैसे अपने करियर में आगे बढ़ता है, वैसे- वैसे उसकी आय भी बढ़ती है, जिसे देखते हुए बैंक/ लोन संस्थान भी ईएमआई में बढ़ोतरी करता है। स्टेप-अप लोन में इंटरेस्ट आउटगो फिक्स्ड ईएमआई वाले लोन की तुलना में अधिक होता है।
- मॉर्गेज गारंटर का लाभ उठाएं: इंडिया मॉर्गेज गारंटी कॉरपोरेशन (आईएमजीसी) ने कम होम लोन योग्यता वाले लोगों की मदद करने के लिए बैंक/ लोन संस्थानों के साथ करार किया है। चूंकि मॉर्गेज गारंटी लेने से बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए क्रेडिट रिस्क कम हो जाता है और आईएमजीसी के साथ पार्टनरशिप में बैंक/ लोन संस्थान जो लोन प्रोडक्ट ऑफर करते हैं, उनमें होम लोन की योग्यता शर्तों में भी ढील दी जाती है। इस तरह के लोन में एक उधारकर्ता 20-30% अधिक लोन राशि प्राप्त कर सकता है।
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संबंधित प्रश्न (FAQs)
प्रश्न. नौकरीपेशा और गैर–नौकरीपेशा प्रोफेशनल्स/नॉन प्रोफेशनल्स व्यक्ति होम लोन के लिए योग्य है ये कैसे तय होता है?
उत्तर: जब आप होम लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तब आपके क्रेडिट स्कोर, भुगतान क्षमता, आयु, आय, बिज़नेस प्रोफाइल, नौकरी कितनी स्थिर है, आप कहाँ काम करते हैं, ,बिज़नेस टर्नओवर (गैर–नौकरीपेशा), बिज़नेस कितना पुराना है, व्यवसाय लाभ में है या नहीं (गैर–नौकरीपेशा के लिए), प्रॉपर्टी लोकेशन जैसे कारकों के आधार पर आपकी होम लोन एलिजिबिलिटी तय की जाती है।
प्रश्न. होम लोन के लिए योग्यता बढ़ाने में सह–आवेदक कैसे ज़रूरी है?
उत्तर: सह–आवेदक जोड़ने से बैंक/NBFC का जोखिम कम हो जाता है क्योंकि लोन के भुगतान के लिए आवेदक की तरह सह–आवेदक भी उतना ही ज़िम्मेदार होता है। साथ ही, को–एप्लीकेंट को रखने से आपके होम लोन एलिजिबिलिटी में सुधार होने के साथ ही आपको होम लोन मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
प्रश्न. क्या होम लोन के आवेदन के दौरान सह–आवेदक को जोड़ना अनिवार्य है?
उत्तर: प्रॉपर्टी के सभी सह–मालिकों को होम लोन का सह–आवेदक बनना अनिवार्य है। हालांकि, अगर घर किसी एक व्यक्ति के नाम पर है और वह होम लोन के लिए अपनी योग्यता नहीं बढ़ाना चाहता, तो सह–आवेदक जोड़ना ज़रूरी नहीं है।
प्रश्न. बैंक/NBFC होम लोन राशि की कैसे तय करते हैं?
उत्तर: बैंक/NBFC आवेदक की आय, चल रहे लोन के EMI/ क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट (दिए जाने वाले लोन की EMI को जोड़कर) और प्रॉपर्टी के बाज़ार मूल्य के आधार पर होम लोन राशि तय करते हैं।
प्रश्न. क्या गारंटर जोड़ने से मेरी होम लोन एलिजिबिलिटी में सुधार होगा?
उत्तर: होम लोन में गारंटर को जोड़ने से बैंक/NBFC का जोखिम कम हो जाता है क्योंकि गारंटर होम लोन के भुगतान के लिए समान रूप से ज़िम्मेदार होता है। यही वजह है कि जब सह–आवेदकों को जोड़ने के बाद कई लोग होम लोन के लिए एलिजिबल नहीं होते, तब उनसे होम लोन गारंटर जोड़ने को कहा जाता है। बता दें, बैंक/NBFC गारंटर जोड़ने से पहले उनकी क्रेडिट प्रोफाइल का भी मूल्यांकन करते हैं।
प्रश्न. 30,000 रुपये की सैलरी पर कितना होम लोन मिल सकता है?
उत्तर:30,000 की सैलरी पर कितना होम लोन मिलेगा, यह आवेदक की EMI/NMI रेश्यो और एलटीवी रेश्यो आदि पर निर्भर करता है। हालांकि दी जाने वाली लोन राशि बैंक की क्रेडिट रिस्क पॉलिसी के अनुसार अलग-अलग होती है।
बैंक और HFC आपको ऑफर की जाने वाली होम लोन राशि को EMI/NMI (नेट मंथली इनकम) रेशियो या LTV के आधार पर तय करते हैं। मान लीजिए, आपकी FOIR 50% है और LTV किसी प्रॉपर्टी के लिए 90% है, जो 66 लाख रुपये है। यदि आपके पास EMI या अन्य खर्चे नहीं हैं तो, आप हर महीने अधिकतम 30,000*50% = 15,000 रुपये का भुगतान कर सकते हैं।
यदि आप 30 वर्ष की अवधि चुनते हैं, तो EMI/NMI रेशियो के अनुसार, आपकी योग्य हाउसिंग लोन राशि = 15,000*12*30 = 54 लाख होगी। लेकिन, प्रॉपर्टी वैल्यू का 90% LTV रेशियो है, तो 54*90% = 48,60 लाख रुपये। इसलिए, 30,000 रुपये के वेतन पर आपको मिलने वाला होम लोन 48,60 लाख रुपये का होगा।
प्रश्न. 50,000 सैलरी पर मुझे कितना होम लोन मिल सकता है?
उत्तर: होम लोन देने वाले बैंक और HFCs EMI/NMI रेश्यो, LTV रेश्यो और मंथली इनकम के आधार पर आवेदकों की लोन राशि निर्धारित करते हैं, जो बैंक की क्रेडिट रिस्क पॉलिसी के अनुसार अलग-अलग होती है। लोन राशि का अनुमान लगाने के लिए, आवेदक होम लोन एलिजिबिलिटी कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, कुछ बैंक मल्टीप्लायर मेथड का भी इस्तेमाल करते हैं जिसके तहत आवेदक की सैलरी के 10 से 24 गुना तक का लोन दिया जाता है। इस मेथड के मुताबिक अगर आपकी सैलरी 50,000 है तो आपको 36 लाख रुपये तक का होम लोन मिल सकता है।
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