आयकर अधिनियम की धाराएं | टैक्स में मिलने वाली कटौती |
धारा 80C | होम लोन की मूल राशि के भुगतान पर ₹1.5 लाख तक की कटौती (स्टैम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस मिलाकर)। |
धारा 24(b) | होम लोन के ब्याज भुगतान पर ₹2 लाख तक की कटौती। |
धारा 80EEA* | पहली बार घर खरीदने वालों के लिए होम लोन ब्याज भुगतान पर ₹1.5 लाख की कटौती (उन कस्टमर्स के लिए जिन्होनें 1 अप्रैल, 2019 और 31 मार्च, 2022 के बीच होम लोन लिया है) |
*नोट: किफायती आवास क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने धारा 80EEA के तहत पहली बार घर खरीदने वालों के लिए 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त टैक्स कटौती भी शुरू की थी। यह कटौती धारा 24(बी) के तहत उपलब्ध टैक्स कटौती से अलग थी। हालांकि, यह अब नए गृह ऋण आवेदकों के लिए उपलब्ध नहीं है।
सेक्शन 80C के तहत होम लोन पर मिलने वाली टैक्स छूट
इनकम टैक्स अधिनिमय की धारा 80C के मुताबिक:-
- होम लोन की मूल राशि के भुगतान पर इनकम टैक्स में 1.5 लाख रु. तक की कटौती मिल सकती है। इसमें स्टैम्प-ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस भी शामिल हो सकते हैं, लेकिन इन पर कटौती साल में एक बार ही ली जा सकती है जिस साल इनका भुगतान किया गया है।
- होम लोन नया घर खरीदने या घर बनाने के लिए ही लिया गया हो।
नोट: अगर आप घर खरीदने के 5 वर्षों के भीतर उसे बेच देते हैं, तो उसके लिए अब तक मिली टैक्स कटौती को धारा 80C के तहत आपकी उस वर्ष की इनकम में जोड़ दिया जाएगा, जब आपने घर बेचा है।
आयकर धारा 24(b) में होम लोन ब्याज भुगतान पर टैक्स में कटौती
- होम लोन के ब्याज का भुगतान करने पर टैक्स में 2 लाख रु. तक की कटौती का क्लेम कर सकते हैं। जिस घर के लिए लोन लिया गया है, चाहे आप उसमें रह रहे हों या वो खाली हो।
- अगर आपने उस घर को किराय पर दिया हुआ है, तो टैक्स कटौती का लाभ नहीं मिलेगा
टैक्स में कटौती मिलेगी, अगर:- होम लोन 01-04-1999 को या इसके बाद लिया गया हो
- जिस वित्तीय वर्ष में होम लोन लिया गया, तब से अगले 5 वर्ष में उस घर का निर्माण हो गया हो या उसमें आपने रहना शुरू कर दिया हो
- लिए गए लोन के ब्याज पर 30,000 रु. तक की कटौती मिलेगी, अगर:
- होम लोन घर खरीदने या उसके निर्माण के लिए 01-04-1999 से पहले लिया गया हो;
- होम लोन घर की मरम्मत या रेनोवेशन के लिए 01-04-1999 को या उसके बाद लिया गया हो
- होम लोन 01-04-1999 को या उसके बाद लिया गया हो, लेकिन घर का निर्माण लोन लेने के 5 वर्षों के भीतर पूरा ना हुआ हो
इनकम टैक्स सेक्शन 80EEA के तहत अफोर्डेबल हाउसिंग के होम लोन ब्याज भुगतान पर टैक्स में अतिरिक्त कटौती
अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए आयकर धारा 80EEA को यूनियन बजट 2019 में पेश किया गया था। इसके तहत पहली बार घर लेने वाले लोग अफोर्डेबल हाउसिंग लोन के ब्याज भुगतान पर टैक्स में 1.5 लाख रु. तक की कटौती का क्लेम कर सकते हैं। हालांकि, 1 अप्रैल 2022 को या उसके बाद मंज़ूर किए गए होम लोन के लिए धारा 80EEA के तहत टैक्स डिडक्शन उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि इस धारा के तहत दिए जाने वाले टैक्स बेनिफिट्स 31 मार्च 2022 तक मंजूर किए गए होम लोन के लिए थे।
इसका लाभ उठाने के लिए, शर्तें निम्नलिखित हैं:
- होम लोन 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2022 के बीच लिया गया हो
- खरीदी गई आवासीय संपत्ति की स्टैम्प ड्यूटी 45 लाख रु. से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए
- जब आपको लोन मिला है तब आपके नाम कोई अन्य संपत्ति नहीं होनी चाहिए
- इनकम टैक्स सेक्शन 80EE के तहत टैक्स लाभ उठाने के लिए आप योग्य नहीं होने चाहिए
नोट: कुछ बैंक/ लोन संस्थान उन लोगों को भी होम लोन प्रदान करते हैं जो कैश में सैलरी प्राप्त करते हैं या जिनके पास पर्याप्त आय प्रमाण/ इनकम डॉक्यूमेंट नहीं हैं। इनमें से कुछ बैंक/ लोन संस्थान हैं, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस, एचडीएफसी, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, पीरामल हाउसिंग फाइनेंस और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक।
जॉइंट होम लोन पर टैक्स में मिलने वाली छूट
अगर आप जॉइंट होम लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो इससे सिर्फ होम लोन मिलने की संभावना नहीं बढ़ेगी बल्कि आपको टैक्स में भी ज़्यादा छूट मिल सकती है। इसका मतलब है कि अगर दो लोग साथ में जॉइंट होम लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो दोनों ही प्रत्येक रूप से होम लोन मूल राशि और ब्याज भुगतान के लिए टैक्स में क्रमश: 1.5 लाख रु. और 2 लाख रु. की कटौती का क्लेम कर सकते हैं। अगर दोनों व्यक्ति पहली बार घर खरीद रहे हैं, तो उन्हें आयकर धारा 80EEA के तहत टैक्स में अतिरिक्त 1.5 लाख रु. की कटौती भी मिलेगी। इस तरह दोनों को 10 लाख रु. तक का टैक्स लाभ मिल सकता है। अगर उधारकर्ता आयकर धारा 80EE के तहत टैक्स में कटौती के लिए क्लेम करते हैं, तो भी कुल लाभ इतना ही होगा।
क्योंकि बैंक/ लोन संस्थान होम लोन एप्लीकेशन के मूल्यांकन में आवेदक की भुगतान क्षमता और क्रेडिट स्कोर चेक करते हैं, अगर आप जॉइंट होम लोन अप्लाई करते हैं तो आपको ज़्यादा लोन राशि मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है। अगर आप अपने पारिवारिक सदस्य के साथ जॉइंट होम लोन लेते हैं, तो एचडीएफसी बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एसबीआई और बैंक ऑफ इंडिया होम लोन ब्याज दरों में 0.5% तक की रियायत देते हैं। इसलिए, परिवार की कमाऊ महिला सदस्य को होम लोन में सह-आवेदक बनाने से आपको कम ब्याज दरों पर होम लोन मिल सकता है।
दूसरे होम लोन पर टैक्स में छूट
एसेसमेंट इयर 2020-21 से प्रभावी, अगर आपने दो घरों के लिए होम लोन लिया हुआ है और दोनों में आपका परिवार रह रहा है, तो आपको दोनों के ब्याज भुगतान पर टैक्स में कटौती मिल सकती है। हालांकि, कुल कटौती न्यूनतम 30,000 रु. और अधिकतम 2 लाख रु. तक होगी।
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संबंधित प्रश्न (FAQs)
प्रश्न: होम लोन पर टैक्स कटौती की अधिकतम राशि क्या है?
उत्तर: व्यक्ति होम लोन के ब्याज भुगतान पर 2 लाख रुपये तक और मूलधन के भुगतान पर 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। इस प्रकार, एक वित्तीय वर्ष में 3.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती का दावा किया जा सकता है।
प्रश्न: क्या मैं हाउसिंग लोन पर चुकाए गए मूलधन पर टैक्स बेनिफिट का दावा कर सकता हूं?
उत्तर: हां, आप प्रत्येक वित्तीय वर्ष में होम लोन के मूलधन के पुनर्भुगतान पर 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं।
प्रश्न: होम लोन पर टैक्स कटौती के लिए कौन से दस्तावेज़ आवश्यक हैं?
उत्तर: होम लोन पर टैक्स कटौती का दावा करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची में ब्याज प्रमाणपत्र और जॉइंट डिक्लेरेशन (जॉइंट होम लोन के मामले में) शामिल हैं।
प्रश्न: होम लोन पर टैक्स छूट का दावा कौन कर सकता है?
उत्तर: टैक्स छूट कुछ प्रकार की आय पर दी जाती है, जबकि टैक्स कटौती उन विशिष्ट खर्चों या निवेशों पर दी जाती है जिनका दावा आपकी टैक्स योग्य आय को कम करने के लिए किया जा सकता है। आयकर अधिनियम होम लोन भुगतान पर किसी भी टैक्स छूट की अनुमति नहीं देता है। यह एक वित्तीय वर्ष के दौरान किए गए होम लोन मूलधन भुगतान और ब्याज भुगतान पर धारा 80सी और 24(बी) के तहत कर कटौती प्रदान करता है।
प्रश्न: अगर हम जॉइंट होम लोन से घर खरीदते हैं तो क्या मेरा जीवनसाथी इनकम टैक्स कटौती का दावा कर सकता है?
उत्तर: हां, आप और आपका जीवनसाथी एक वित्तीय वर्ष में 3.5 लाख रुपये की सीमा तक अलग-अलग कटौती का दावा कर सकते हैं, जिससे कर लाभ दोगुना हो जाएगा। हालांकि, इस लाभ का दावा करने के लिए, आपके जीवनसाथी को प्रॉपर्टी का को- ओनर होना चाहिए।