इस पेज पर :
वैल्यू फंड वो म्यूचुअल फंड होते हैं जो वैल्यू इंवेस्टमेंट स्ट्रे्टजी को अपनाता है। मतलब ये फण्ड उन शेयरों में निवेश करते हैं जिनका प्रदर्शन किसी अस्थाई कारण से ख़राब चल रहा होता है लेकिन भविष्य में उनके बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होती है। कई बार इनकी कीमत इसलिए कम हो जाती हैं क्योंकि जिन क्षेत्रों में निवेश किया हुआ है वो बाज़ार के अनुकूल नहीं चल रहे हैं। इन फण्ड को अपने निवेश का 65% इक्विटी और इक्विटी संबंधित विकल्पों में निवेश करना होता है।
वैल्यू फण्ड में क्यों निवेश करें?
व्यापक बाज़ार को अक्सर लम्बे समय तक विकास की क्षमता रखने वाली कुछ कंपनियों को पहचानने में कुछ समय लगता है। ऐसी कंपनियों के स्टॉक अपने सही मूल्य से नीचे की कीमतों पर आ सकते हैं, अर्थात् उनकी वास्तविक कीमत, और व्यापक बाज़ार को भी कमज़ोर कर सकते हैं।
वैल्यू फंड का लक्ष्य बाज़ार की ऐसी कमियों का फायदा उठाना है, ये फण्ड ऐसे स्टॉक अन्य बाज़ार खिलाड़ियों द्वारा खरीदने से पहले खरीद लेते हैं। चूंकि ये फंड आम तौर पर ऐसी अंडरवैल्यूड कंपनियों को तरजीह देते हैं जिनका बेहतर ट्रैक रिकॉर्ड और अच्छा मैनेजमेंट ही, इसलिए इस बात की संभावना अधिक होती है कि बाकी बाज़ार को इन कंपनियों की सही कीमत समझ आने में ज़्यादा समय नहीं लगेगा।
एक बार जब व्यापक बाज़ार इस तरह की कंपनियों या शेयरों की पहचान कर लेता है, तो वैल्यू फंड इन शेयरों की कीमत बढ़ने से लाभ होता है। इन फंडों में निवेश करना कम जोखिमभरा होता है, क्योंकि ये फण्ड अपने पोर्टफोलियो में सुरक्षित निवेश की मात्र अधिक रखते हैं। इन मौजूदा शेयरों में कम जोखिम है क्योंकि वे पहले से ही अपने आंतरिक मूल्य पर व्यापक बाज़ार में पर्याप्त छूट पर कारोबार कर रहे हैं।
सबसे बेहतर वैल्यू फण्ड
फण्ड का नाम | रिटर्न( %) | ||||
1 वर्ष | 3 वर्ष | 5 वर्ष | 7 वर्ष | 10 वर्ष | |
यूटीआई वैल्यू अपोर्चुनिटीस फण्ड | 14.86 | 7.37 | 9.81 | 12.17 | 9.88 |
ICICI प्रुडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फण्ड | 15.24 | 4.35 | 7.42 | 16.05 | 12.42 |
निप्पॉन इंडिया वैल्यू फण्ड |
9.56 | 2.97 | 8.59 | 15.03 | 9.50 |
टाटा इक्विटी पी/ई फण्ड | 7.29 | 2.17 | 11.44 | 17.73 | 11.49 |
एचडीएफसी कैपिटल बिल्डर फण्ड | 6.51 | 0.84 | 8.55 | 14.07 | 10.04 |
एल एंड टी इंडिया वैल्यू फण्ड | 9.97 | 0.95 | 9.34 | 18.16 | 12.58 |
क्वांटम लॉन्ग टर्म इक्विटी वैल्यू फण्ड | 7.76 | 2.07 | 8.22 | 11.65 | 9.03 |
टेम्पलेटन इंडिया वैल्यू फण्ड | 5.09 | -2.69 | 6.20 | 11.22 | 5.25 |
इंडियाबुल्स वैल्यू फण्ड | 2.49 | -4.65 | 3.26 | — | — |
आदित्य बिरला सन लाइफ प्योर वैल्यू फण्ड | -2.38 | -8.39 | 5.24 | 16.11 | 10.66 |
बैंचमार्क | 10.84 | 7.95 | 11.93 | 13.34 | 9.70 |
(एस एंड पी बीएसई 100 तीआरआई) | |||||
वैल्यू/ कॉण्ट्रा फण्ड एवरेज कैटेगरी | 10.13 | 1.38 | 8.54 | 14.63 | 10.20 |
(डाटा 24 नवम्बर 2020 के मुताबिक, स्रोत: वैल्यू रिसर्च)
बेस्ट वैल्यू फण्ड की निवेश स्ट्रेटेजी
1. यूटीआई वैल्यू अपोर्चुनिटीस फण्ड
- मध्यम अवधि की वृद्धि की संभावनाओं और मूल्यांकन के आधार पर क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए
- चयनित क्षेत्र के भीतर कंपनियों की पहचान करने के लिए स्वस्थ, नकदी और रिटर्न रेश्यो जैसी मूलभूत विशेषताओं पर ज़ोर देता है
- •उन अवसरों की तलाश करता है जहाँ रिटर्न रेश्यो या नकदी प्रवाह में बढ़ोतरी हो सकती है
- बाज़ार में कहीं निवेश करने में सक्षम
- लार्ज कैप कंपनियों में निवेश की धारणा के बावजूद, मिडकैप कंपनियों में निवेश
2. आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फण्ड
- उच्च वृद्धि की संभावना वाली कंपनियों में निवेश करता है लेकिन उनके शेयरों के उचित मूल्य से कम कीमत पर शेयर खरीदता है
- निवेश नीति के मामले में ये फण्ड बॉटम-अप अप्रोच को अपनाता है यानी निवेश के लिए विशेष कंपनी के प्रदर्शन पर ध्यान देना ना कि उसके क्षेत्र पर
- अपने प्रदर्शन, बुक वैल्यू, नकदी प्रवाह क्षमता, आय और लाभांश देखते हुए निवेश के लिए ऐसी कंपनियों की पहचान करता है जिनकी शेयरों का मूल्य कम चल रहा हो
3. निपौन इंडिया वैल्यू फण्ड
- ये फण्ड निवेश के मामले में सीमित नहीं है बल्कि सभी क्षेत्रों और छोटी से लेकर बड़ी कंपनियों तक में निवेश करने में विशवास रखता है
- उन शेयरों में निवेश करता है जिनका प्रदर्शन किसी अस्थाई कारण से ख़राब चल रहा होता है लेकिन भविष्य में उनके बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होती है
- फण्ड निम्नलिखित आधार पर ऐसे शेयरों को चुनता है जिनकी कीमत उनकी वास्तविक मूल्य से कम चल रही होती है:
- स्टॉक वैल्यू
- नकदी प्रवाह
- वित्तीय स्तिथि
- व्यापार और कमाई की संभावना
- प्रतिस्प्रधा का लाभ
4. टाटा इक्विटी पी/ ई फण्ड
- ये फण्ड अपना 70% निवेश उम कंपनियों में करता है जिनका 12 महीनों का लोवर रोलिंग पी/ई रेश्यो से एस एंड पी बीएसई सेंसेक्स रेश्यो से कम होता है
- फण्ड निम्नलिखित आधार पर निवेश के लिए कंपनियों को चुनता है
- बुक वैल्यू का लो प्रॉफिट
- कंपनी प्रतिवर्ष अधिकतम डिविडेंड के रूप में कितना भुगतान करती है
- मैनेजमेंट
- वृद्धि की संभावना
- व्यवसाय में प्रतिस्प्रधा
- दो डिविडेंड विकल्प देता है: डिविडेंड ट्रिगर ए और डिविडेंड ट्रिगर बी
- डिविडेंड ट्रिगर ए: एनएवी पर मिले अंतिम डिविडेंड पर अतिरिक्त 5%
- डिविडेंड ट्रिगर बी: एनएवी पर मिले अंतिम डिविडेंड पर अतिरिक्त 10%
- तेज़ बदलाव या उनकी लाभप्रदता में पर्याप्त सुधार के लिए तैयार कंपनियों में भी निवेश कर सकते हैं
5. HDFC कैपिटल बिल्डर वैल्यू फण्ड
- ऐसे शेयरों की खरीद करना जो किसी कारण अपने वास्तविक मूल्य से कम कीमत पर बिक रहे हैं
- कंपनी की कमाए आयर भविष्य में नकदी प्रवाह में बढ़ोतरी की संभावना के आधार पर उसके शेयर के वास्तविक मूल्य को मापता है
- अपने इक्विटी पोर्टफोलियो का 50% उन स्टॉक में निवेश करना जिनका लोअर ट्रेलिंग पी/ई रेश्यो एनएसई 500 से कम होता है
- किसी भी क्षेत्र या छोटी, मध्यम और बड़ी कंपनी तक निवेश सीमित नहीं
6. एल एंड टी इंडिया वैल्यू फण्ड
- ऐसे शेयरों की खरीद करना जो किसी कारण अपने वास्तविक मूल्य से कम कीमत पर बिक रहे हैं
- निवेश करते समय सुरक्षा का ध्यान रखना
- निवेश से पहले रिसर्च करना जिसमें कंपनी की बैलेंस शीट, नकदी प्रवाह, जोखिम, इंटैंजीबल एसेट आदि।
- साथ ही निवेश से पहले कंपनी के निम्नलिखित कारकों की जानकारी लेना:
- कंपनी प्रतिवर्ष अधिकतम डिविडेंड के रूप में कितना भुगतान करती है
- अधिक वृद्धि के बाद कौनसी रेटिंग मिलने की संभावना है
- अपने उद्योग क्षेत्र में क्या स्तिथि है
7. क्वांटम लॉन्ग टर्म इक्विटी
- एस एंड पी बीएसई 200 इन्डेक्स में लिस स्टॉक में निवेश करना
- निवेश नीति के मामले में ये फण्ड बॉटम-अप अप्रोच को अपनाता है यानी निवेश के लिए विशेष कंपनी के प्रदर्शन पर ध्यान देना ना कि उसके क्षेत्र पर
- फण्ड का पोर्टफोलियो टर्नओवर लो है
- जब बाज़ार में वास्तविक मूल्य से ज़्यादा पर खरीदारी हो रही होती है तो फण्ड नकदी को अपने पास रोकता है
- डेरीवेटिव्स और हेजिंग ट्रेडिंग में निवेश नहीं करता है
8.टेम्पलेटन इंडिया वैल्यू फण्ड
- निवेश नीति के मामले में ये फण्ड बॉटम-अप अप्रोच को अपनाता है यानी निवेश के लिए विशेष कंपनी के प्रदर्शन पर ध्यान देना ना कि उसके क्षेत्र पर
- ये फण्ड बड़ी कंपनियों और लिक्विड फण्ड को तरजीह देता है
- फण्ड पोर्टफोलियो टर्नओवर रेश्यो कम है यानी फण्ड निश्चित होकर स्टॉक खरीदता है और उन्हें जल्दी ही नहीं बेचता
- फण्ड निवेश से पहले रिसर्च करता है – अन्य कंपनियों से तुलना कर भविष्य के प्रदर्शन का अंदाज़ा लगाना, मैनेजमेंट, नकदी की स्तिथि आदि
9. इंडियाबुल्स वैल्यू फण्ड
- सबसे बड़ी 500 कंपनियों में निवेश को तरजीह देना
- एक ही मूल्य के आस पास की कंपनियों में निवेश, कंपनियों का लाभ मापने के लिए रिटर्न ऑन कैपिटल एम्पलॉयड रेश्यो का उपयोग
- मार्केट में अच्छे स्टॉक को चुनने के लिए ‘पीओटरोसकी स्कोर’ का उपयोग
- फण्ड अधिकतम 40 कंपनियों में निवेश रखता है
10.आदित्य बिरला सन लाइफ प्योर वैल्यू फण्ड
- कंपनियों के व्यवसायों का आकलन करने के लिए मौलिक विश्लेषण का उपयोग। आकलन निम्न कारको पर किया जाता है:
- फाइनेंशियल स्टेटमेंट
- मैनेजमेंट
- अपने उद्योग क्षेत्र में स्तिथि
- निवेश से पहले कंपनियों की लम्बी अवधि की संभावना और साइकिल ट्रेंड पर ध्यान देना
- निवेश के लिए अंडरवैल्यूड स्टॉक ढूँढने के बाद, इस बात का विश्लेषण करना कि क्या आने वाले समय में स्टॉक के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है
- स्टॉक की कीमत बढ़ने पर उसको बेच देना
वैल्यू फण्ड में निवेश करने पर जोखिम
वैल्यू फण्ड अंडर-वैल्यूड स्टॉक में निवेश करते हैं यानी ऐसे स्टॉक जो किसी कारण अपनी वास्तविक कीमत से कम पर उपलब्ध होते हैं, ताकि भविष्य में उनकी कीमत बढ़ने पर उन्हें बेचकर मुनाफा कमाया जा सके। लेकिन ऐसा हो सकता है कि ऐसे अंडर-वैल्यूड स्टॉक की कीमत कभी बढ़े ही ना और फण्ड को उसी कीमत या और कम कीमत पर यानी नुकसान में स्टॉक को बेचना पड़े। बाज़ार में लगातार तेज़ी के दौरान इस तरह के फण्ड के प्रदर्शन ख़राब रहने की संभावना भी होती है।
वैल्यू फण्ड में किसे निवेश करना चाहिए?
- जो निवेशक ऐसी अंडर-वैल्यूड कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं जिनके भविष्य में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है
- जो बाज़ार में ज़रूरत से ज़्यादा तेज़ी आने पर जोखिम की संभावना को कम करना चाहते हैं
क्यों कि अंडर-वैल्यूड स्टॉक की कीमत बढ़ने में समय लग सकता है। निवेशक को अधिकतम लाभ कमाने के लिए वैल्यू फण्ड में 5 वर्ष से 7 वर्ष के लिए निवेश करना चाहिए।