रिटायरमेंट हर व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण चरण हैं। क्योंकि आपके रिटायर होने पर आपको रेगुलर इनकम (वेतन) मिलना बंद हो जायेगी, इसलिए रिटायरमेंट के बाद के जीवन के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करना महत्वपूर्ण है।
रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए बाज़ार में कई निवेश विकल्प उपलब्ध हैं, लेख इस बारे में विस्तार से बताता है कि इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) में निवेश करना उसके लिए सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है।
इस पेज पर :
- रिटायरमेंट प्लानिंग क्या है?
- रिटायरमेंट के लिए प्लान क्यों बनाना चाहिए?
- रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए निवेश करने के विकल्प?
- इक्विटी लिंक्ड सेंविग स्कीम(ELSS)क्या है?
- रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए ELSS में निवेश क्यों करें?
- ELSS में निवेश करने से पहले विचार करने की बातें
- ELSS प्रदर्शन: एक तुलनात्मक विश्लेषण
- 10 सर्वश्रेष्ठ ईएलएसएस टैक्स सेविंग म्युचुअल फंड
- निष्कर्ष
रिटायरमेंट प्लानिंग क्या हैं ?
रिटायरमेंट प्लानिंग में आपके रिटायरमेंट के बाद आय लक्ष्य निर्धारित करना और लक्ष्य तक पहुँचने के लिए आपकी बचत करना शामिल है। रिटायरमेंट प्लानिंग की सफलता न केवल जल्दी बचत करने पर निर्भर करती है, बल्कि आपका पैसा बढ़ाने के लिए सही प्रकार के निवेश विकल्पों का चयन करने पर भी निर्भर करती है।
जोखिम लेने की क्षमता और निवेश समय सीमा रिटायरमेंट की प्लानिंग के लिए उपयुक्त निवेश विकल्प का चयन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रिटायरमेंट प्लानिंग की प्रक्रिया में आय के स्रोतों की पहचान करना, खर्चों का आकलन करना, फिर बचत और निवेश प्लानिंग चुनना और उसे लागू करना शामिल है।
आपको रिटायरमेंट की प्लानिंग क्यों बनानी चाहिए?
किसी व्यक्ति की रिटायरमेंट यथाशीघ्र संभव होने की प्लानिंग बनाने के कुछ मुख्य कारण :
- रिटायरमेंट के बाद दिन-प्रतिदिन के खर्चों को पूरा करने के लिए
- परिवार के खर्च के लिए जैसे उच्च शिक्षा या बच्चों की शादिया करना
- रिटायरमेंट के बाद मेडिकल इमरजेंन्सी जैसे खर्चों को पूरा करने में सक्षम होने के लिए
- औसत जीवन प्रत्याशा में वृद्धि के साथ, आपको पर्याप्त रिटायरमेंट फंड की जरुरत होगी
रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए निवेश के संभावित विकल्प क्या हैं?
सबसे लंबे समय के लिए, निवेश जैसे PPF, EPF, FD, NSC और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी रिटायरमेंट की प्लानिंग के लिए अच्छे विकल्प माने जाते हैं क्योंकि इन्हें लेने में कोई जोखिम नहीं है और अतिरिक्त टैक्स का भी लाभ देती हैं।
हालांकि, अब ज़्यादा निवेश विकल्प होने से लोगो कि फाइनेशियल समझ भी बढ़ रही हैं जिससे वर्तमान में निवेशक अधिक रिटर्न/ लाभ/ लाभ लेने के लिए अधिक जोखिम लेने के लिए ही तैयार हैं, जैसे ELSS, NPS,ULIP आदि। रिटायरमेंट प्लानिंग में लॉन्ग-टर्म निवेश प्लानिंग शामिल होने से बाज़ार से जुड़े साधनों में निवेश का जोखिम कम से कम हो जाता है।
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) क्या है?
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) एक प्रकार की इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम है, जिसकी लॉक-इन अवधि 3 वर्ष है और आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स में 1.5 लाख रु. तक की छूट मिलती हैं।
टैक्स बचत म्यूचुअल फंड में निवेश ELSS स्कीम की यूनिट खरीदकर किया जा सकता है। प्रति यूनिट के मूल्य को NAV (नेट अस्सेट वेल्यू) कहा जाता है। NAV बदलते रहते हैं, क्योंकि यह स्कीम में रखे गए शेयरों की कीमतों में होने वाले बदलाव पर निर्भर करता है, जो प्रतिदिन बदलती रहती है। इस प्रकार, ELSS पर रिटर्न/ लाभ/ लाभ के मूल्य में बदलाव के अनुसार उतार-चढ़ाव होता रहता है।
ELSS की विशेषताएं:
- 3 वर्ष की लॉक- इन अवधि
- कोष का80% इक्विटी में निवेश किया जाता है
- ग्रोथ और डिवीडेंड दोनों विकल्प उपलब्ध होते हैं
- ELSS में न्यूनतम निवेश500 रु. है
- प्रति वर्ष 5 लाख रु. तक के निवेश पर टैक्स नहीं लगेगा
- ये बाज़ार से जुड़ा है, रिटर्न/ लाभ की गारंटी नहीं है
ELSS में निवेश के लाभ
- टैक्स: ELSS में प्रति वर्ष 1.5 लाख रु. तक का निवेश करने पर टैक्स नहीं लगता है। साथ ही एक वर्ष में 1 लाख रु. तक लॉन्ग-टर्म योजना में प्रति वर्ष 1 लाख रु. कमाने पर भी टैक्स नहीं लगता है।
- सबसे कम लॉक-इन अवधि: अन्य टैक्स बचत निवेश विकल्पों की तुलना में ELSS में 3 वर्ष की लॉक इन अवधि सबसे कम है।
- उच्च रिटर्न/ लाभ/ लाभकी संभावना: ELSS इक्विटी में निवेश करने से लॉन्ग-टर्म में अन्य विकल्पों की तुलना में इन निवेशों से अधिक रिटर्न/ लाभ की संभावना होती है।
रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए ELSS में निवेश क्यों करें?
लाभ: टैक्स बचत और ज़्यादा रिटर्न/ लाभ/ लाभ: ELSS रिटर्न/ लाभ के लिहाज से एक अच्छा निवेश विकल्प हैं व टैक्स बचाने के लिए भी बहुत उपयुक्त हैं। लॉन्ग-टर्म में इक्विटी ने अन्य सभी निवेश विकल्पों को बेहतर बना दिया हैं, जिससे ELSS में बेहतर वृद्धि की संभावना है। यदि आप बढ़िया रिटर्न/ लाभ देखते हैं, तो ELSS ने 15% से अधिक रिटर्न/ लाभ 10-वर्ष की अवधि में दिए हैं, जो सभी कैटेगरी सें बेहतर है।
अधिकतर निवेश विकल्प, जिनमें आयकर धारा 80C के तहत टैक्स बचत होती है, उनमें कम रिटर्न/ लाभ और लॉक-इन अवधि अधिक होती है, जबकि ELSS संभावित रूप से अधिक रिटर्न/ लाभ देता है और इसकी 3 वर्ष की लॉक-इन अवधि सबसे कम है।
हालांकि, ELSS निवेश बाज़ार से जुड़ा साधन हैं, निवेश बाज़ार से जुड़े होने से इसमें जोखिम है, लेकिन लंबी अवधि तक निवेश कर जोखिम को कम किया जा सकता है। आमतौर पर, रिटायरमेंट 20 से 25 वर्ष का लक्ष्य है, इसलिए ELSS उस निवेशक के लिए एक उत्पाद हो सकता है और कम से मध्यम स्तर तक का जोखिम ले सकता है।
विविधता का लाभ: विविधीकरण फाइनेंशियल प्लानिंग का एक बहुत महत्वपूर्ण पहलू है क्योंकि इससे आपके जोखिम को बहुत कम किया जा सकता है। ELSS फंड ये लाभ प्रदान करते हैं, क्योंकि फंड मैनेजर किसी एक जगह निवेश ना कर के विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ कंपनियों में निवेश करते हैं।
महँगाई के मुकाबले ELSS ROI: निवेश करते समय, ध्यान में रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक यह है कि क्या आपका निवेश महंगाई को ध्यान में रखने के बाद पॉजिटिव रिटर्न/ लाभ दे रहा हैं। रिटायरमेंट के लिए योजना बनाते समय बढ़ती महंगाई के मुकाबले रिटर्न/ लाभ को देखना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उस समय पैसे के सही मूल्य को दर्शाएगा।
यदि हम पिछले 10 वर्षों में ELSS के औसत रिटर्न/ लाभ देखें, तो प्रदर्शन दिखाता है कि ELSS ने महंगाई दर के मुकाबले ज़्यादा बेहतर ब्याज़ दिया है।
आसान निवेश: ELSS निवेश सुविधाजनक और आसान होते हैं। आप सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लानिंग (SIP) के माध्यम से ELSS में निवेश कर सकते हैं। आप अपनी इच्छानुसार अपनी ELSS स्कीम में निवेश की राशि को बढ़ा या घटा सकते हैं।
हालाँकि, न्यूनतम निवेश के लिए 500 रुपए की आवश्यकता है, लेकिन आप टैक्स बचत करने के ELSS फंड में अधिकतम सीमा तक निवेश कर सकते हैं। इसलिए, अपने शुरुआती वर्षों में आप कम राशि से शुरुआत कर सकते हैं और फिर जैसे-जैसे आपकी आय बढ़ती है आप अधिक निवेश करना शुरू कर सकते हैं।
प्रोफेशनल फंड मैनेजमेंट: ELSS उन फंड मैनेजर के द्वारा मैनेज किया जाता है, जिन्हें कई वर्षों का अनुभव होता है और शेयर बेचने और खरीदने में विशेषज्ञता होती है। ये फंड का उपयोग इस आशा से करते हैं कि निवेश से निवेशकों को अधिकतम रिटर्न/ लाभ मिलते हैं। इस प्रकार, आप अपने निवेश पर नज़र ना रखकर भी लाभ उठाएँगे।
टैक्स लाभ: ELSS स्कीम में निवेश करने से आपको वार्षिक 1.5 लाख रु. तक की टैक्स बचत मिल सकती है। आप ELSS में जितना चाहें उतना निवेश कर सकते हैं। बता दें, कि अगर आप अपने ELSS फंड से पैसा नहीं निकालना चाहते हैं, तो आप बाद में SWP (सिस्टेमैटिक विदड्रॉल प्लान) चुन सकते हैं, जो आपको किसी भी पेंशन योजना में वार्षिकी जैसी भुगतान सुविधा प्रदान करेगा।
इसके अलावा, ELSS फंड से वार्षिक 1 लाख रू. तक की कमाई पर भी टैक्स नहीं लगेगा। म्यूचुअल फंड की डिवीडेंड स्कीम से कमाये गए डिवीडेंड पर भी निवेशक को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है।
ELSS में निवेश करने से पहले विचार करने की बातें
- पिछला प्रदर्शन: निवेश करने से पहले ये जान लेना चाहिए कि फंड ने पिछले कुछ वर्षों में कैसा प्रदर्शन किया है और यह लगातार रिटर्न/ लाभ दे रहा है या नहीं, हालांकि पिछला प्रदर्शन भविष्य में अच्छे या ख़राब प्रदर्शन की गारंटी नहीं देता है, प्रदर्शन निरंतरता का आश्वासन नहीं देता है।
- फंड रेटिंग: मॉर्निंग-स्टार, वैल्यू-रिसर्च जैसी विभिन्न रेटिंग एजेंसियां हैं, जो ELSS स्कीम सहित, म्यूचुअल फंड को रेटिंग देती हैं। इन कंपनियों के द्वारा दी गई रेटिंग विभिन्न कारकों पर आधारित हैं, जैसे जोखिम और रिटर्न/ लाभ प्रदर्शन, फण्ड की पूँजी, एसेट प्रबंधन कंपनी आदि। आपको उन फण्ड को चुनना चाहिए जिनकी रेटिंग अधिक है।
- फंड की पूँजी: फंड की पूँजी या AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट), किसी फण्ड की तुलना करने के लिए सबसे सरल तरीकों में से एक है। अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में ज़्यादा पूँजी दर्शाती है कि अधिक निवेशक स्कीम के प्रदर्शन के बारे में आश्वस्त हैं।
- एक्सपेंस रेश्यो: निवेश करने से पहले आपको रिटर्न/ लाभ के अलावा शामिल लागतों को भी देखना चाहिए, क्योंकि इनका असर रिटर्न/ लाभ पर पड़ता है। इसलिए, निवेश के लिए कोई भी फंड चुनने से पहले विभिन्न लागू शुल्क, जैसे फंड मैनेजमेंट शुल्क आदि की जांच करना उचित है।
- जोखिम: ELSS म्यूचुअल फण्ड इक्विटी में निवेश करते हैं, इसलिए निवेश करने से पहले उन क्षेत्रों के बारे में जान लेना चाहिए जहाँ-जहाँ उस फण्ड ने निवेश किया हुआ है। इस से इस बात का अंदाज़ा लगाने में मदद मिलती है कि फण्ड में कितना जोखिम है।
ELSS प्रदर्शन: एक तुलनात्मक विश्लेषण
हालांकि, ELSS की लॉक-इन अवधि 3 वर्ष है, किसी व्यक्ति को आदर्श रूप से लॉन्ग-टर्म निवेश को चुनना चाहिए। शोर्ट-टर्म लॉक-इन अवधि केवल इमरजेंसी में पैसा निकालने के काम आती है।
आयकर स्लैब के अनुसार केवल ब्याज पर टैक्स लगेगा
स्कीम | रिटर्न/ लाभ (पिछले 10 वर्षों के अनुसार) | लॉक-इन अवधि | रिटर्न/ लाभ | रिटर्न/ लाभ पर टैक्स | |
ELSS | 13.45%( CRISIL-AM.F.I ELSS इंडेक्स के मुताबिक) | 3 वर्ष | रिटर्न/ लाभ बाज़ार पर निर्भर हैं क्योंकि वे इक्विटी में निवेश करते हैं | टैक्स छूट | |
PPF | 8 % | 15 वर्ष | फिक्स्ड रिटर्न/ लाभ: वित्त मंत्रालय प्रत्येक तिमाही (हर तीन महीनों में) के लिए ब्याज दर की घोषणा करता है. | टैक्स छूट | |
बैंक FD | 6-7%( बैंक से बैंक में भिन्न होता है) | 5 वर्ष | ब्याज की दर बैंक से बैंक में भिन्न होती है और अवधि की शुरुआत में FD के पूरे कार्यकाल के लिए तय की जाती है। यह 6 से 7% की सीमा में है |
10 बेस्ट ईएलएसएस टैक्स सेविंग म्युचुअल फंड की सूची
फंड का नाम | 1 साल का रिटर्न | 3 साल का रिटर्न | 5 साल का रिटर्न |
मिराए ऐसेट टैक्स सेवर | 21.22% | 15.98% | – |
एक्सिस लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड | 28.38% | 17.35% | 12.02% |
टाटा इंडिया टैक्स सेविंग फंड | 19.6% | 12.83% | 11.41% |
इनवेस्को इंडिया टैक्स प्लान | 19.21% | 13.55% | 11.01% |
मोतीलाल ओसवाल लॉन्ग टर्म इक्विटा फंड | 25.94% | 12.67% | 14.65% |
कोटक टैक्स सेवर | 19.61% | 11.27% | 10.18% |
आदित्य बिड़ला सन लाइफ टैक्स रिलीफ 96 | 13.38% | 12.23% | 9.64% |
डीएसपी (DSP)टैक्स सेवर फंड | 18.74% | 10.5% | 10.93% |
ICICI प्रूडेन्शियल लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड्स | 11.11% | 8.42% | 7.84% |
L&T टैक्स एडवांटेज फंड | 12.9% | 8.38% | 8.09% |
निष्कर्ष
टैक्स बचत निवेश योजनाओं में ELSS द्वारा दिया जा रहा रिटर्न/ लाभ सबसे ज़्यादा है, लेकिन जोखिम भी इसमें महत्वपूर्ण है। हालांकि, किसी व्यक्ति को यह नहीं भूलना चाहिए कि आप जितने अधिक समय तक निवेश करेंगे, उतना ही कम जोखिम और अधिक रिटर्न/ लाभ मिलेगा।
रिटायरमेंट प्लान, एक लॉन्ग-टर्म इनवेस्टमेंट प्लानिंग है, इसलिए ELSS सर्वोत्तम निवेशों में से एक हो सकता है, जिन्हें आप चुन सकते हैं। यदि आप जोखिम लेने वाले व्यक्ति हैं, तो आप हमेशा अपनी बचत का कुछ हिस्सा ELSS और बाकी निवेशों में सहीं तरीके से निवेश कर सकते हैं। टैक्स बचत के लाभ और बहुत मध्यम जोखिम पर ज़्यादा रिटर्न/ लाभ की संभावना के साथ, ELSS रिटायरमेंट प्लान के तौर पर एक अच्छा विकल्प हो सकता है।