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- म्यूचुएल फंड का एक्सपेंस रेश्यो क्या है?
- सेबी के नियम क्या है?
- इंडेक्स फंड, ETF और FoF का एक्सपेंस रेश्यो
- डायरेक्ट और रेगुलर म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रेश्यो
- एक्सपेंस रेश्यो को कैलकुलेट कैसे करें?
- वर्ष 2020 में निवेश करने के लिए म्यूचुअल फंड की लिस्ट
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म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए किसी फंड को चुनने से पहले उसके एक्सपेंस रेश्यो के बारे में जानना बहुत ज़रुरी होता है। म्यूचुअल फंड के एक्सपेंस रेश्यो के बारे में जानकारी सही फंड को चुनने में आपकी मदद करती है। म्यूचुअल फंड स्कीम का एक्सपेंस रेश्यो, स्कीम के मैनेजमेंट के लिए निवेशकों द्वारा म्यूचुअल फंड हाउस या असेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) को दी जाने वाली सलाना फीस है।
किसी म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रेश्यो निकालने के लिए म्यूचुअल फण्ड स्कीम पर हुए खर्च से फण्ड हाउस की कुल संपत्ति को भाग दिया/ डिवाइड किया जाता है।
एक योजना का मैनेजमेंट करते समय एक फंड हाउस प्रशासनिक खर्च, मार्केटिंग खर्च, प्रमोशन खर्च, डिस्ट्रीब्यूशन खर्च, अनुपालन लागत, शेयरधारक सर्विस खर्च आदि जैसे खर्चों का हिसाब रखता है।
एक्सपेंस रेश्यो पर SEBI के नियम
सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) के नियमों के मुताबिक, एक्सपेंस रेश्यो पर लागू सीमाएं निम्नलिखित हैं, फण्ड हाउस निम्नलिखित से ज़्यादा एक्सपेंस रेश्यो नहीं वसूल सकते हैं।
एसेट अंडर मैनेजमेंट (करोड़ों) | इक्विटी– ओरिएंटेड योजनाओं के लिए TER (%) | इंडेक्स फंड्स, ईटीएफ और फंड ऑफ फंड्स (%) को छोड़कर अन्य योजनाओं के लिए TER |
₹ 0-500 | 2.25 | 2.00 |
₹ 500-750 | 2.00 | 1.75 |
₹ 750-2,000 | 1.75 | 1.50 |
₹ 2,000-5,000 | 1.60 | 1.35 |
₹ 5,000-10,000 | 1.50 | 1.25 |
₹10,000-50,000 | AUM TER में ₹ 5,000 करोड़ की हर वृद्धि के लिए 0.05% की कमी | AUM TER में ₹ 5,000 करोड़ की हर वृद्धि के लिए 0.05% की कमी |
₹ 50,000 | 1.05 | 0.80 |
एक्सपेंस रेश्यों फंड की AMC से जुड़ा हुआ है। जब किसी फंड की संपत्ति का मूल्य कम होता है, तो खर्च का रेश्यो अधिक होता है। जबकि जब किसी फंड का संपत्ति मूल्य बहुत बड़ा होता है, तो एक्सपेंस रेश्यो तुलनात्मक रूप से कम होता है, क्योंकि खर्च पूरी संपत्ति के आधार पर बांट दिए जाते हैं। कंपनी छोटे एसेट के आधार पर फंड के खर्चों को मैनेज करती है।
हालांकि, SEBI फंड हाउस को एक्सपेंस रेश्यो ऊपर दी गई सीमाओं से अतिरिक्त 30 बेसिस पॉइंट (0.30%) बढ़ाने की अनुमति देता है, इसे आप मुख्य 30 शहरों से ज़्यादा में लागू कर सकते हैं। लेकिन यह अनुमति तब है जब मुख्य 30 से ज़्यादा शहरों से म्यूचुअल फण्ड में 30% या अधिक नया निवेश आ रहा हो।
इंडेक्स फंड, ETFs, और फंड ऑफ फंड (FOF) का एक्सपेंस रेश्यो
इंडेक्स फंड:- इंडेक्स फंड एक म्यूचुएल फंड स्कीम है। ये निफ्टी 50 या सेंसेक्स जैसे शेयरबाज़ार में निवेश करता है। ये फण्ड किसी एक इन्डेक्स को है और उसमें जितनी कम्पनियाँ लिस्टेड हैं और उनका इन्डेक्स में जितना-जितना हिस्सा (प्रतिशत) है उसी के मुताबिक, ये फण्ड उन कंपनियों में निवेश करता है। इसलिए इस फंड को ज़्यादा मैनेजमेंट की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए इंडेक्स फंड का एक्सपेंस रेश्यो कम होता है।
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETFs) :- म्यूचुअल फंड में निवेश के कई विकल्पों में एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानि ETF भी है। यह एक ऐसा फंड है जो स्टॉक, बॉन्ड या कमोडिटी में निवेश करता है, इसमें निवेशक को भी एक्टिव रहना होता है और निफ्टी 50 या नैस्डैक 100 जैसे इंडेक्स पर ध्यान रखना होता है। (उदाहरण के लिए, मोतीलाल ओसवाल नैस्डैक100)।
एक ETF का स्टॉक के समान शेयार बाज़ार में बेचा और खरीदा जा सकता है। इसलिए ही इसमें निवेश करने के लिए आपको डीमैट और ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता होती है। एक साधारण म्यूचुअल फंड के मामले में आप स्टॉक एक्सचेंज जाये बिना फंड हाउस से सीधा यूनिट खरीद सकते हैं। इसलिए म्यूचुअल फंड की तुलना में ETF में कम एक्सपेंस रेश्यो लगता है।
फंड ऑफ फंड (FoFs):- फंड ऑफ फंड एक ऐसा म्यूचुअल फंड है जो अन्य म्यूचुअल फंड में निवेश करता है। भारत में FoF आमतौर पर विदेशी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, या FoF गोल्ड ETF में निवेश करते हैं (उदाहरण के लिए रिलायंस गोल्ड सेविंग्स फंड)। सीधे तौर पर म्यूचुअल फंड में निवेश करने की तुलना में FoF का एक्सपेंस रेश्यो अधिक है।
डायरेक्ट/ रेगुलर म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रेश्यो:-
म्यूचुअल फंड स्कीम में डायरेक्ट और रेगुलर दो तरह के प्लान होते हैं। वहीं इन दोनों के बीच एकमात्र अंतर यह है कि रेगुलर प्लान में आपकी AMC या म्यूचुअल फंड हाउस आपके निवेश से किसी ब्रोकर या एजेंट को कमीशन देती है। जबकि डायरेक्ट प्लान में ऐसा कोई भुगतान नहीं दिया जाता है।
इस प्रकार, डायरेक्ट म्यूचुअल फंड योजनाओं में रेगुलर म्यूचुअल फंड योजनाओं की तुलना में कम एक्सपेंस रेश्यो होता है।
एक्सपेंस रेश्यो कैलकुलेटर
म्यूचुअल फंड स्कीम के एक्सपेंस रेश्यो को जानने के लिए कैलकुलेटर की आवश्यकता नहीं है। हर फंड हाउस अपनी सभी म्यूचुअल फंड योजनाओं के लिए एक्सपेंस रेश्यों को अपनी फैक्टशीट में प्रकाशित करता है। ये फैक्टशीट हर महीने अपडेट की जाती हैं और AMC की वेबसाइट पर उपलब्ध होती हैं।
म्यूचुअल फंड एक्सपेंस रेश्यो को कैलकुलेट कैसे करें?
ऐसे कई रेश्यो हैं जिनका उपयोग आप म्यूचुअल फंड का मूल्यांकन करने के लिए कर सकते हैं। हालांकि, उनमें से सभी समान रूप से उपयोगी नहीं हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, किसी भी म्यूचुअल फंड का विश्लेषण करने के लिए नीचे दिए गए 5 बेसिक रेश्यो का उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, अगर आप अभी भी अपने फंड चयन को लेकर संदेह में हैं, तो आप हमेशा अतिरिक्त रेश्यो की जांच कर सकते हैं।
स्टैण्डर्ड डेविएशन
म्यूचुअल फंड में शामिल जोखिम को कैलकुलेट करने के लिए स्टैण्डर्ड डेविएशन फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है।
स्टैण्डर्ड डेविएशन निम्नलिखित फ़ॉर्मूले द्वारा दिया गया है:
इस स्थिति में, x व्यक्तिगत वैल्यू है (जैसे, मासिक रिटर्न), X (बार) वैल्यू का औसत है (जैसे कि मासिक रिटर्न औसत), N महीनों की संख्या होगी (60, उदाहरण के लिए, यदि हम 5 वर्ष की अवधि में देख रहे हैं)।
अर्थ
ज़्यादा स्टैंडर्ड डेविएशन, फंड अधिक जोखिम की भागीदारी को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, एचडीएफसी ( HDFC) इक्विटी फंड का स्टैंडर्ड डेविएशन 18.49% है जबकि एचडीएफसी ( HDFC) हाइब्रिड इक्विटी फंड का स्टैंडर्ड डेविएशन 11.41% है। एचडीएफसी ( HDFC) लिक्विड फंड का स्टैंडर्ड डेविएशन सिर्फ 0.21% है। एक सामान्य स्टेटिस्टिकल डिस्ट्रीब्यूशन में, लगभग 95% ऑब्जर्वेशन 2 स्टैंडर्ड डेविएशन के भीतर आते हैं। इसका मतलब है कि आपको उम्मीद है कि एचडीएफसी ( HDFC) लिक्विड फंड के रिटर्न की औसत वैल्यू 6.89% के 0.42% के भीतर होगी, जिसमें 95% संभावना होगी। हालांकि, यह तभी सही है जब म्यूचुअल फंड रिटर्न/लाभ एक स्टैंडर्ड डेविएशन का पालन करता है।
टर्नओवर रेश्यो
यह रेश्यो म्यूचुअल फंड की उस संपत्ति के प्रतिशत को परिभाषित करता है जिसे पिछले वर्ष में खरीदा / बेचा गया है। उदाहरण के लिए, 50% के टर्नओवर रेश्यो का मतलब है कि म्यूचुअल फंड ने अपनी औसत संपत्ति के 50% के बराबर शेयर खरीदे / बेचे हैं।
अर्थ
अधिक टर्नओवर रेश्यो का अर्थ यह हो सकता है कि फंड मैनेजर अक्सर अपनी स्ट्रेट्जी को बदल रहा है और अधिक ट्रांजेक्शन लागत (खरीद और बिक्री में ब्रोकरेज और अन्य लागत शामिल है) को बढ़ाता है। इस प्रकार, अधिक टर्नओवर रेश्यो को आमतौर पर नकारात्मक कारक के रूप में देखा जाता है।
अल्फा
जब म्यूचुअल फण्ड अपने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन करता है यानी लाभ देता है तो अतिरिक्त लाभ को अल्फ़ा कहते हैं। उदाहरण के लिए, यदि फंड निफ्टी 50 पर बेंचमार्क है, बेचमार्क ने 10% रिटर्न दिया है और फंड 12% का रिटर्न देता है, तो यह 2% का अल्फा होगा।
अर्थ
अधिक अल्फा का अर्थ है कि फंड बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। दूसरी ओर, कम या नकारात्मक अल्फा फंड के खराब प्रदर्शन को दर्शाता है।
बीटा
यह रेश्यो दर्शाता है कि बाज़ार में बदलाव आने पर म्यूचुअल फंड में कितना बदलाव आएगा। बीटा जितना अधिक होता है म्यूचुअल फण्ड में उतना ही अधिक तेज़ी से बदलाव आता है। उदाहरण के लिए, 2 बीटा दर्शाता है कि बाजार में 1% बादलाव आने पर फंड का NAV औसतन 2% बढ़ेगा।
अर्थ
अधिक बीटा फंड अधिक जोखिम और अधिक रिटर्न/लाभ (और कम बीटा फंड के लिए विपरीत) दोनों को दर्शाता है।
शार्प रेश्यो
इस रेश्यो में जोखिम और रिटर्न दोनों शामिल हैं। यह आपको उस जोखिम के मुकाबले फंड द्वारा दिए गए रिटर्न के बारे में बताता है जो इसके साथ काम कर रहा है। उदाहरण के लिए, कुछ फंड केवल अधिक जोखिम पर ज़्यादा रिटर्न दे सकते हैं। इस तरह के रिटर्न को उन फंड की तुलना में अधिक संदेह के साथ देखा जाना चाहिए जो कम स्तर का जोखिम लेते हुए ज़्यादा रिटर्न देते हैं
गणितीय रूप से, शार्प रेश्यो फंड के रिटर्न/ लाभ को उसकी जोखिम मुक्त दर से घटाता है और स्टैण्डर्ड डेविएशन के साथ भाग कर देता है।
अर्थ
अधिक शार्प रेश्यो दिए गए जोखिम स्तर पर अधिक रिटर्न दर्शाता है। यह फंड में अधिक गुणवत्ता दर्शाता है और इसलिए, अधिक शार्प रेश्यो वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
नीचे म्यूचुअल फ़ंड की एक लिस्ट दी गई है जिसमें आप वर्ष 2020 में निवेश कर सकते हैं:
फंड का नाम | नेट एसेट वैल्यू ( NAV) | फंड एसेट (करोड़) | 1 वर्ष का रिटर्न/ लाभ | 3 वर्ष का रिटर्न/ लाभ | 5 वर्ष का रिटर्न/ लाभ |
एसबीआई ( SBI) स्मॉल कैप फंड | 53.24 | ₹2,704 | 8.33% | 11.28% | 17.04% |
मिरे एसेट इमर्जिंग ब्लूचिप फंड | 59.72 | ₹8219 | 18.27% | 14.40% | 17.53% |
केनरा रोबेको इमर्जिंग इक्विटी फंड | 100.84 | ₹5235 | 10.38% | 11.25% | 13.89% |
निप्पॉन इंडिया स्मॉल कैप फंड (पहले रिलायंस स्मॉल कैप फंड) | 40.74 | ₹8425 | -2.60% | 8.14% | 11.82% |
कोटक इमर्जिंग इक्विटी स्कीम | 42.23 | ₹4960 | 11.35% | 8.38% | 12.89% |
आईसीआईसीआई(ICICI) प्रूडेंशियल ऑल सीजन बॉन्ड फंड | 25.38 | ₹2,816 | 11.28% | 8.24% | 9.91% |
फ्रेंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्यूरल फंड | 72.79 | ₹4012 | 9.51% | 9% | 9.98% |
एसबीआई मैग्नम मीडियम अवधि फंड | 36.19 | ₹1,942 | 11.77% | 9.31% | 9.80% |
एक्सिस स्ट्रैटेजिक बॉन्ड फंड | 19.83 | ₹1,188 | 8.32% | 7.68% | 9.11% |
पीजीआईएम (PGIM) इंडिया डायनेमिक बॉन्ड फंड | 2019.77 | ₹42 | 13.69% | 9.32% | 10.08% |
एचडीएफसी (HDFC) हाइब्रिड इक्विटी फंड | 56.73 | ₹21,087 | 9.44% | 9.50% | 10.22% |
आदित्य बिड़ला सन लाइफ बैलेंस्ड एडवांटेज फंड | 58.49 | ₹2,689 | 9.99% | 8.20% | 9.46% |
आईसीआईसीआई( ICICI) प्रूडेंशियल इक्विटी और डेट फंड | 146.65 | 23,487 | 8.11% | 10.41% | 10.65% |
कोटक एसेट एलोकेटर फंड | 88.43 | 42 | 11.09% | 9.29% | 9.12% |
आईसीआईसीआई (ICICI) प्रूडेंशियल बैलेंस्ड एडवांटेज फंड | 40.35 | 27,956 | 12.79% | 10.40% | 10.37% |