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इंडेक्स फंड एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है जो निफ्टी 50 या सेंसेक्स जैसे एक बाज़ार इनडेक्स को फॉलो करके अपना पोर्टफोलियो बनाता है। फंड, किसी एक इन्डेक्स जैसें निफ्टी 50 को फॉलो करता है और उस इन्डेक्स में जो कम्पनियाँ लिस्टेड हैं उनमें उतना ही निवेश करता है जितना उस इन्डेक्स में उस कंपनी का प्रतिशत होता है।
उदाहरण के लिए, यदि निफ्टी 50, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (RIL) और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) का प्रतिशत निफ्टी 50 इन्डेक्स में क्रमशः 10%, 5% है तो इसे फॉलो करने वाला इन्डेक्स फण्ड अपनी पूँजी का समान हिस्सा इन दोनों में निवेश कर देगा।
इंडेक्स फंड के पीछे विचार यह है कि कम से कम लागत पर रिटर्न/ लाभ के मामले में एक इंडेक्स के प्रदर्शन को दोहराया जाए। इंडेक्स फंड को इन-एक्टिव फंड भी कहा जाता है क्योंकि इसके लिए फंड के एक्टिव मैनेजमेंट की आवश्यकता नहीं होती है। स्वाभाविक रूप से, इंडेक्स फंड का एक्सपेंस रेश्यो और अन्य शुल्क एक्टिव रूप से मैनेज फंड की तुलना में कम है, जो उन्हें अधिक आकर्षक बनाते हैं।
इंडेक्स फंड में किसे निवेश करना चाहिए?
इंडेक्स फंड उन निवेशकों के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है जो लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना पसंद करते हैं। यदि आपके पास इनडेक्स के प्रदर्शन का अनुभव है, तो आप को यह निशचित तौर पर पता होगा कि शॉर्ट टर्म अस्थिरता के बावजूद उन्होंने लॉन्ग टर्म में अच्छा प्रदर्शन किया है।
स्त्रोत: tradingeconomics.com
ऊपर दिखाया गया ग्राफ, सेंसेक्स के वैल्यू मूवमेंट को दर्शाता है जिसकी बेस वैल्यू 1979 में 100 रू. थी। सेंसेक्स ने 40 वर्षों में 400 गुना रिटर्न/ लाभ दिया है।
इसलिए, इंडेक्स फंड उन निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प है, जो लॉन्ग टर्म में अधिक पूंजी बनाना चाहते हैं, लेकिन अपने फण्ड को कम समय देना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, एक इंडेक्स फंड एक निवेशक के लिए बहुत अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। जो लॉन्ग-टर्म रिटायरमेंट फंड का निर्माण करना चाहता है।
इंडेक्स फंड में निवेश क्यों करना चाहिए?
कम लागत: चूंकि इंडेक्स फंड को एक इन-एक्टिव फंड है, इसलिए एक्टिव रूप से मैनेज फंड की तुलना में इसका कुल एक्सपेंस रेश्यो (TER) बहुत कम है। हालांकि, एक्टिव रूप से मैनेज फंड आपको TER के रूप में 1-2% के बीच कुछ भी चार्ज कर सकता है, एक इंडेक्स फंड आमतौर पर आपको 0.20% से 0.50% के बीच चार्ज करेगा। लॉन्ग-टर्म में, इस कारण आपका लाभ 15% बढ़ सकता है!
डाइवर्सिफिकेशन: एक इंडेक्स फंड आमतौर पर टॉप कंपनियों का गठन करता है। इसका मतलब है कि पूरे सेक्टर की टॉप प्रफॉर्मिंग बैंचमार्क इंडेक्स का हिस्सा होंगे। ऑटो डाइवर्सिफिकेशन निवेशक को किसी विशेष स्टॉक या किसी सेक्टर में निवेशित रहने से जोखिम को कम करता है।
फंड मैनेजर की गलती की कोई संभावना नहीं:चूंकि इंडेक्स फंड के मामले में पूंजी का निवेश फंड मैनेजर के विवेक पर नहीं होता है, इसलिए खराब मैनेजमेंट के कारण नुकसान होने की कोई गुंजाइश नहीं है।
इंडेक्स फंड में निवेश के नुकसान क्या हैं?
मार्केट अंडरपरफॉर्मेंस: इस प्रकार के फंड में खरीददारी करने वाले निवेशक के पास एक अच्छा एक्टिव मैनेज फंड चुनकर बाज़ार में अच्छे प्रदर्शन का मौका होता है। भारत जैसे विकासशील देशों के मामले में, अनुभवी लोगों की राय है कि अच्छी तरह से एक्टिव मैनेज्ड फंड इंडेक्स फंड जैसे इन-एक्टिव फंड से अच्छे रिटर्न/ लाभ दे सकते हैं।
केवल मेच्योर कंपनियां : इंडेक्स फंड में केवल मैच्योर कंपनियां होती हैं जिन्होंने पिछले कुछ सालों में अच्छा प्रदर्शन दिया होता है। इसलिए इस तरह के फंड में निवेशक उभरती हुई छोटी और मिडकैप कंपनियों के ज़्यादा रिटर्न/ लाभ क्षमता का फायदा नहीं उठा सकते हैं।
महंगी वैल्यूएशंस: निवेशक उन शेयरों को खरीद रहे हैं जो पहले से ही मूल्यांकन के नज़रिए से महंगे हैं।
भारत के टॉप इनडेक्स फंड
फंड | 1 साल का रिटर्न | 3 साल का रिटर्न | 5 साल का रिटर्न | AUM (करोड़ रुपये) |
UTI निफ्टी इंडेक्स फंड | 15.43% | 13.42% | 8.67% | 1,673 |
HDFC इंडेक्स फंड निफ्टी 50 | 15.31% | 13.40% | 8.70% | 1,033 |
SBI निफ्टी इंडेक्स फंड | 15.16% | 13.24% | 8.40% | 452 |
निप्पॉन इंडिया इंडेक्स फंड – सेंसेक्स योजना | 16.98% | 14.85% | 8.55% | 30 |
LIC MF इंडेक्स फंड सेंसेक्स | 16.70% | 14.23% | 8.08% | 21 |
ICICI प्रूडेंशियल निफ्टी इंडेक्स फंड | 15.34% | 13.06% | 8.42% | 436 |
फ्रैंकलिन इंडिया इंडेक्स फंड निफ्टी प्लान | 14.49% | 12.63% | 8.13% | 279 |
IDBI निफ्टी इंडेक्स फंड | 15.37% | 13.05% | 8.21% | 220 |
रिलायंस इंडेक्स फंड – निफ्टी प्लान | 15.22% | 13.24% | 8.34% | 145 |
*डाटा स्रोत: वैल्यू रिसर्च,8 नवंबर, 2019 तक का डेटा
इंडेक्स फंड और ETF के बीच अंतर
ETF या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड भी एक इन्डेक्स को ट्रैक करता है। हालांकि, ETF यूनिट शेयर बाज़ार में लिस्टेड होते हैं, और खरीदे-बेचे जाते हैं और इन्हें आसानी से फंड हाउस AMC (एसेट मैनेजमेंट कंपनी) से नहीं खरीदा जा सकता है और न ही किसी फंड हाउस को बेचा जा सकता है। ETF के यूनिट को खरीदने के लिए आपको प्रभावी रूप से डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है और आपको उन्हें स्टॉक एक्सचेंज में खरीदना होगा।
वहीं एक इंडेक्स फंड को फंड हाउस से सीधे किसी भी अन्य म्यूचुअल फंड की तरह खरीदा जा सकता है और फंड हाउस से रिडीम/ बेचा किया जा सकता है। कभी-कभी, इंडेक्स फंड केवल उसी AMC के संबंधित ETF की इकाइयां रखते हैं और कभी-कभी वे सीधे इंडेक्स में शामिल शेयरों को खरीदते हैं।
हालांकि, ऐसे कई इनडेक्स हैं जो ETF द्वारा ट्रैक किए जाते हैं जो इंडेक्स फंड द्वारा ट्रैक नहीं किए जाते हैं। कुछ उदाहरणों में निफ्टी वैल्यू 20 (20) इंडेक्स और निफ्टी लो वॉल्यूम 30 (लो अस्थिरता 30) शामिल हैं।
भारत में इनडेक्स में निवेश
भारत में ज़्यादातर इंडेक्स फंड बैंचमार्क इंडेक्स – निफ्टी और सेंसेक्स को ट्रैक करते हैं। निफ्टी नेक्स्ट 50 एक अन्य लोकप्रिय इनडेक्स है। यह 50 सबसे बड़े शेयरों का इनडेक्स है जो निफ्टी 50 शेयरों फॉलो करते हैं। निफ्टी वैल्यू 20 (NV) इंडेक्स ट्रैकर्स के लिए एक और लोकप्रिय इंडेक्स है (ETF माध्यम से)। निफ्टी वैल्यू 20, PT प्राइस टू अर्निंग रेश्यो, PB या प्राइस टू बुक रेशो, डिविडेंड यील्ड और रिटर्न/ लाभ ऑन कैपिटल एम्प्लोयड (ROC) जैसे शर्तों के अनुसार अपेक्षाकृत अंडरवर्ल्ड स्टॉक को ट्रैक करता है।
NV 20 में 5 साल का रिटर्न/ लाभ 12.98% और 1 साल का 18.30% है। यह ICICI प्रूडेंशियल NV 20 ETF और कोटक NV 20 ETF जैसे ETF द्वारा ट्रैक किया जाता है। निफ्टी लो वॉल्यूम 30 ETF जैसे अन्य सूचकांकों को भी ICICI निफ्टी लो वॉल्यूम 30 ETF जैसे ETF द्वारा ट्रैक किया जा रहा है। निफ्टी लो वॉल्यूम 30 अपेक्षाकृत कम अस्थिरता वाले शेयरों को ट्रैक करता है। इसमें 5 साल का रिटर्न/ लाभ 13.45% और 1 साल का रिटर्न/ लाभ 1.03% है।
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