आप किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में 2 तरीकों से निवेश कर सकते हैं – या तो एकमुश्त राशि का निवेश करके या एक व्यवस्थित सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (S.I.P.) के माध्यम से। एकमुश्त विधि अर्थात एक बार में निवेश के लिए भुगतान करना वहीं, S.I.P के तहत एक निश्चित राशि को निश्चित समय पर म्यूचुअल फण्ड में निवेश किया जाता है, ये समय दैनिक, मासिक, तिमाही (हर तीन महीनों में) या अर्ध-वार्षिक हो सकता है।
लम्प सम बनाम S.I.P. – कौन आपको बेहतर रिटर्न/ लाभ देगा?
इस सवाल का जवाब शेयर बाज़ार की स्थितियों पर निर्भर करता है। बाज़ार में बढ़ोतरी के दौरान, म्यूचुअल फंड निवेश का लम्पसम मोड अधिक रिटर्न/ लाभ देता है, बाज़ार में गिरावट के दौरान SIP के माध्यम से किए गए निवेश बेहतर रिटर्न/ लाभ देते हैं।
इस उदाहरण की मदद से इसे बेहतर ढंग से समझते हैं।
बाज़ार में बढ़ोतरी के दौरान किए गए निवेश
यदि आपने 12 लाख रु. ICICI प्रूडेंशियल इक्विटी और डेट फंड में बाज़ार में उछाल होने पर अक्टूबर 1, 2013 से सितंबर 1, 2014 के दौरान निवेश किए होते और उसी अवधि में उस ही फंड में 1,00,000 रु. का मासिक SIP निवेश किया होता, तो लम्पसम निवेश ने आपको बेहतर रिटर्न/ लाभ दिए होते।
निवेश माध्यम | राशि | C.A.G.R. | समय सीमा | रिटर्न/ लाभ |
लम्पसम | ₹ 12,00,000 | 52.58% | 12 महीने | ₹ 17,68,466 |
S.I.P. | ₹ (1,00,000*12) | 57.88% | 12 महीने | ₹ 14,91,883 |
बाज़ार में मंदी के दौरान किया गया निवेश
यदि आपने 12 लाख रु. I.C.I.C.I. प्रूडेंशियल इक्विटी और डेट फंड में बाज़ार में गिरावट होने पर फरवरी 1, 2015 से जनवरी 1, 2016 के दौरान निवेश किए होते और उसी अवधि में उसी फंड में 1,00,000 रु. का मासिक S.I.P. निवेश किया होता, तो S.I.P. निवेश ने आपको बेहतर रिटर्न/ लाभ दिए होते।
निवेश माध्यम | राशि | C.A.G.R. | समय सीमा | रिटर्न/ लाभ |
लम्पसम | ₹ 12,00,000 | 0.73% | 12 महीने | ₹ 11,91,999 |
S.I.P. | ₹ (1,00,000*12) | 0.58% | 12 महीने | ₹ 12,03,204 |
लम्पसम निवेश के मुकाबले S.I.P. निवेश के फायदे
- रूपी-कॉस्टएव्रेजिंग का लाभ: अगर आप I.P माध्यम से निवेश करते हैं तो तो बाज़ार में बढ़त और गिरावट, दोनों समय में आपका निश्चित पैसा निवेश होता है जिसके कारण ज़्यादा नुकसान होने का जोखिम कम होता है और स्तिथि अपने पक्ष में होने पर आपको लाभ भी होता है। बाज़ार में उधाल के समय लम्पसम निवेश कर आप एक बार में म्यूचुअल फ़ंड की कुछ ही यूनिट खरीद सकते हैं और बाज़ार में गिरावट होने पर अधिक यूनिट्स खरीदी जा सकती हैं। इस प्रकार, S.I.P. आपको आपके निवेश की एव्रेज लागत को कम करने और आपके निवेश के जोखिम को कम कर देता है। इसे रूपी-कॉस्ट एव्रेजिंग के रूप में जाना जाता है।
- पावर ऑफ़ कंपाउंडिंग: S.I.P से आप अपनी निवेश राशि को तय राशि से ज़्यादा बढ़ा सकते हैं और अपने निवेश से मिलने वाले रिटर्न/ लाभ पर कंपाउंडिंग का लाभ ले सकते हैं। इसे पावर ऑफ कंपाउंडिंग के रूप में जाना जाता है।
- कम तनावपूर्ण: एक S.I.P निवेश लम्पसम निवेश की तुलना में कम तनावपूर्ण है और आपको निवेश में बने रहने में मदद कर सकता है। अगर आपने लम्पसम निवेश किया है और जब बाज़ार अत्यधिक अस्थिर होते हैं जिसके तनाव के चलते आप पैसा निकाल सकते हैं। वहीं S.I.P. के माध्यम से निवेश करने पर यह प्रभाव कम होता है।
वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए 10 सर्वश्रेष्ठ SIP निवेश:
फंड का नाम | 1 साल का रिटर्न | 3 साल का रिटर्न | 5 साल का रिटर्न |
एचडीएफसी इक्विटी फंड | 12.94% | 15.62% | 11.35% |
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ब्लूचिप फंड | 6.86% | 14.08% | 12.18% |
डीएसपी टैक्स सेवर | 6.91% | 14.01% | 13.99% |
फ्रैंकलिन इंडिया इक्विटी फंड | -0.13% | 9.46% | 12.94% |
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड | 0.00% | 8.35% | 11.36% |
एक्सिस लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड | 4.88% | 14.48% | 16.10% |
रिलायंस टैक्स सेवर (ईएलएसएस) फंड | -3.07% | 7.57% | 9.28% |
डीएसपी इक्विटी अवसर फंड | 2.68% | 13.48% | 13.75% |
मोतीलाल ओसवाल लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड | -3.80% | 16.09% | – |
आदित्य बिड़ला सन लाइफ प्योर वैल्यू फंड | -15.12% | 8.79% | 9.98% |
*3 साल/5 साल का रिटर्न सालाना होता है। 16 सितंबर, 2019 तक योजनाओं के डायरेक्ट ग्रोथ NAV पर आधारित डेटा।