SWP या सिस्टमैटिक विथड्रॉअल प्लान आपको म्यूचुअल फंड से एक निश्चित राशि निकालने की अनुमति देता है। ये म्यूचुअल फंड से पैसे निकालने का एक व्यवस्थित तरीका है जिसमें आप एक साथ बड़ी रकम ना निकाल कर धीरे-धीरे तय समय पर तय रकम निकालते हैं। ये नौकरी जाने या किसी कारण आय ना होने की स्तिथि में काम आता है, तब आप SWP के द्वारा हर महीने वेतन के तौर पर एक तय रकम अपने फण्ड से निकाल सकते हैं।
हालाँकि, म्यूचुअल फंड रिटर्न/ लाभ की गारंटी नहीं देता है। SWP को किसी भी प्रकार के म्यूचुअल फंड – इक्विटी, डेट या हाइब्रिड के लिए सेट किया जा सकता है ।
SWP कैसे काम करता है?
SWP का उपयोग किसी भी प्रकार के खर्च को पूरा करने के लिए किया जा सकता है जैसे कि किराये का भुगतान, होम लोन की EMI या मासिक खर्च। उदाहरण के लिए, मान लें कि आपके पास ऐक्सिस ब्लूचिप फंड में 2.5 लाख रुपये हैं। आप 10 महीने की अवधि के लिए प्रति माह 25,000 रुपये का SWP सेट कर सकते हैं। आपके SWP चालू रहने के दौरान, बाज़ार में उतार-चढ़ाव के कारण आपका फण्ड प्रभावित हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि फंड वैल्यू में 10% की गिरावट (25,000 रुपये का नुकसान) है, तो पिछले महीने के लिए 25,000 रुपये की आपकी SWP किस्त प्रभावित नहीं होगी। SWP का लाभ यह है कि एक निवेशक को डिवीडेंड की तरह एक नियमित रुप से कैश प्राप्त होगा। इसके अलावा, डिवीडेंड के विपरीत, SWP अधिक टैक्स बचत और भरोसेमंद है।
SWP कैसे सेट करें?
आपको एक SWP फॉर्म भरना होगा और संबंधित AMC (फंड हाउस) के कार्यालय में जमा करना होगा। आपको फॉर्म में SWP की राशि और अवधि (कब से कबतक) की जानकारी देनी होगी। यदि आपने एक एग्रीगेटर के साथ एक ऑनलाइन अकांउट खोला है, तो आप इसके बजाय एक ऑनलाइन फॉर्म भरकर SWP सेट कर सकते हैं। यदि आपका बैंक अकांउट म्यूचुअल फंड में रजिस्टर है, तो आपकी SWP राशि सीधे ECS (इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरेंस सर्विस) के माध्यम से आपके बैंक अकांउट में भेज दी जाएगी।
SWP के लिए दो विकल्प हैं:
- फिक्सड पीरियोडिक विथड्रॉअल
फिक्स्ड पीरियोडिक विथड्रॉअल एक निश्चित समय पर एक निश्चित राशि निकालने की अनुमति देता है, जैसे हर महीने। म्यूचुअल फंड हाउस SWP राशि के बराबर यूनिट बेच देगा और निवेशक के अकांउट में फंड ट्रांसफर कर देगा।
- एप्रिसिएशन विथड्रॉअल
एप्रिसिएशन विथड्रॉअल में, म्यूचुअल फंड अकाउंट होल्डर अपने फंड से एक निश्चत प्रतिशत हिस्सा निकालने के लिए SWP सैट करता है। मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने म्यूचुअल फंड में 10 लाख रु. जो प्रति माह औसतन 1.5% रिटर्न/ लाभ देता है। यदि निवेशक एप्रिसिएशन विथड्रॉअल के तहत मासिक SWP योजना लेता है, तो लगभग 15,000 रु. प्रति माह उसके फण्ड से उसे मिलेंगें। इस तरह उसे पैसे भू मिलते रहेंगें और फण्ड में जमा उसका प्रिंसिपल अमाउंट भी बना रहेगा। वहीं, फिक्स्ड पीरियड विथड्रॉअल में आपका पूरा फण्ड खाली हो सकता है।
SWP टैक्स
फंड प्रकार | अवधि | टैक्स का प्रकार | टैक्स रेट |
इक्विटी फंड | <1 वर्ष | शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स | 15% |
इक्विटी फंड | > 1 साल | लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स | 10% * |
डेट फंड | <3 साल | शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स | आयकर स्लैब के अनुसार |
डेट फंड | > 3 साल | लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स | इंडेक्सेशन के लाभ के बाद 20% |
* इक्विटी फंड पर LTCG तभी लागू होता है जब वार्षिक लाभ 1 लाख रुपये से अधिक हो।
SWP पर लागू टैक्स दो चीज़ों पर निर्भर करता है – आप किस प्रकार के फंड से निकासी कर रहे हैं और आपके फण्ड की अवधि कितनी है। इक्विटी फंड के मामले में, खरीद के 1 साल के भीतर पैसे निकालने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (STCG) के तहत 15% टैक्स लगेगा । 1 साल के बाद निकलने पर, 1 लाख रुपये से अधिक पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG) के तहत 10% टैक्स लगेगा ।
डेट फंड के मामले में , खरीद के 3 साल के भीतर निकासी पर आपके स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है और 3 साल के बाद निकासी पर आपको इंडेक्सेशन का लाभ देने के बाद 20% टैक्स लगाया जाता है। मुद्रास्फीति के कारण आपका टैक्स कम हो जाता है। आप यहां म्यूचुअल फंड टैक्सेशन के बारे में अधिक पढ़ सकते हैं ।
प्रत्येक बार पैसे निकालने को अकांउटिंग की FIRST-IN-FIRST-OUT (FIFO) नियम के अनुसार, पूंजी और आय के रूप में लिया जाता है । उदाहरण के लिए, मान लें कि आपने इक्विटी फंड में 1 लाख रुपये का निवेश किया है और यह 6 महीने में 2 लाख रुपये हो गया है।
आप 7 वें महीने से 20,000 रुपये प्रति माह पर एक SWP शुरू करते हैं। इस मामले में, प्रत्येक निकासी / SWP किस्त का लगभग 10,000 (50%) पूंजी है और 10,000 रुपये आय है। इस आय पर 15% (STCG) टैक्स लगेगा। अब 10,000 रुपये का 15% 1,500 रुपये है। इसलिए आपको हर महीने में 1,500 रुपये का टैक्स देना होगा।
SWP में एग्ज़िट लोड
यदि आप तय अवधि से पहले अपना पैसा निकालते हैं, तो फंड हाउस द्वारा एग्ज़िट लोड लगाया जाता है, जैसे इक्विटी फंड से 1 साल से पहले पैसा निकालना पर। SWP द्वारा फण्ड से पैसा निकालने पर एग्ज़िट लोड लागू होता है। उदाहरण के लिए, यदि आपके निवेश के 6 वें महीने से प्रति माह 10,000 रुपये का SWP है, तो हर महीने SWP किस्त में से 1% या 100 रुपये काटा जाएगा।
SWP बनाम डिवीडेंड
SWP | डिवीडेंड |
एक SWP एक निश्चित निकासी है जैसे कि प्रति माह 10,000 रुपये या प्रति माह 50,000 रुपये। | फंड के आधार पर डिवीडेंड घोषित किए जाते हैं। |
SWP आपको तय सी पर पैसे देने के लिए स्थापित किया जा सकता है (हालांकि यह उम्मीद से पहले फंड मूल्य को समाप्त कर सकता है)। | लगातार आय के लिए डिवीडेंड, विशेष रूप से इक्विटी म्यूचुअल फंड से मिलने वाले डिवीडेंड पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। इक्विटी डिविडेंड केवल फंड के वास्तविक लाभ से घोषित किया जा सकता है। इसलिए ये डिवीडेंड नियमित आय नहीं हैं। |
SWP द्वारा पैसा निकालने/ SWP किस्तों पर कैपिटल गेन के रूप में टैक्स लगाया जाता है। कैपिटल गेन टैक्स की दरें 10-30% तक होती हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि यह LTCG है या STCG और डेट फण्ड या इक्विटी। ज्यादातर मामलों में, डिवीडेंड की तुलना में SWP में अधिक टैक्स बचत होती है। | डिवीडेंड डिडक्शन टैक्स (DDT) के तहत डिवीडेंड पर टैक्स लगाया जाता है जो कि इक्विटी फंड के लिए 10% है। डेट फंड के लिए 25% DDT (प्लस सरचार्ज और सेस) लागू है, जो प्रभावी रूप से इसे 29% बनाता है। |