इनकम टैक्स जमा करने और फिर उसका रिटर्न भरने की प्रक्रिया में पैन नंबर और TAN नंबर की जरूरत पड़ती है। दरअसल, पैन और TAN दोनों को ही इनकम टैक्स विभाग जारी करता है, लेकिन, दोनों का उपयोग अलग-अलग तरीके से टैक्स जमा करने के लिए होता है।
TAN नंबर उन सभी व्यक्तियों या संगठनों के पास होता है जिनके पास TDS काटने की ज़िम्मेदारी है। ये व्यक्ति या संगठन जब किसी को जब एक निश्चित मात्रा से अधिक रकम का भुगतान करते हैं तो उस भुगतान में से पहले ही TDS काटकर अलग कर लेते हैं।