2025 में पर्सनल लोन ब्याज दरें – वर्तमान दरें और तुलना
पर्सनल लोन की ब्याज दरें हर बैंक और NBFCs में अलग होती हैं। जहां प्राइवेट सेक्टर के बैंक 10.49% प्रति वर्ष से शुरू होने वाली ब्याज दरों पर पर्सनल लोन ऑफर करते हैं, वहीं कुछ पब्लिक सेक्टर के बैंकों की पर्सनल लोन ब्याज दरें इससे कम होती हैं। इसके अलावा, ब्याज दरें कई फैक्टर्स पर भी निर्भर करती हैं, जैसे- आवेदक की क्रेडिट प्रोफाइल, लेंडर के क्रेडिट रिस्क-आधारित प्राइसिंग मॉडल और कॉस्ट ऑफ फंड्स आदि। क्योंकि ब्याज दरों का सीधा असर लोन की कुल लागत पर पड़ता है, इसलिए लोन आवेदकों को हमेशा ऐसे लोन ऑफर्स की तलाश करनी चाहिए जिनमें उन्हें कम ब्याज मिल रहा हो।
इसके लिए, आवेदकों को सबसे पहले उन बैंकों या वित्तीय संस्थानों के ऑफर्स को चेक करना चाहिए, जहां उनका पहले से डिपॉज़िट, क्रेडिट कार्ड या लोन अकाउंट हो। इसके बाद, उन्हें पैसाबाज़ार जैसे ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केटप्लेस पर जाकर अन्य बैंकों और NBFCs द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों की तुलना करनी चाहिए।
नीचे विभिन्न बैंकों द्वारा ऑफर की जाने वाली पर्सनल लोन की ब्याज दरों के बारे में बताया गया है:-
HDFC Bank
Up to ₹40L
10.9% - 24%
Upto 6 Years
₹6,500
Axis Bank
Up to ₹10L
11.25% - 22%
Upto 5 Years
Upto 2%
Kotak Mahindra Bank
Up to ₹35L
10.99% - 16.9%
Upto 6 Years
Upto 5%
IDFC FIRST Bank
Up to ₹10L
10.99% - 23.99%
Upto 5 Years
Upto 2%
ICICI Bank
Up to ₹50L
10.85% - 16.65%
1-6 Years
Upto 2%
पर्सनल लोन के प्रकार
प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन
यह लोन बैंक और NBFCs द्वारा अपने मौजूदा कस्टमर्स उनकी क्रेडिट हिस्ट्री, इनकम, कंपनी/नियोक्ता प्रोफ़ाइल आदि के आधार पर ऑफर की जाती है।
टॉप-अप पर्सनल लोन
इसके तहत पर्सनल लोन कस्टमर्स अपने मौजूदा लोन पर अतिरिक्त राशि का लोन ले सकते हैं।
शॉर्ट-टर्म पर्सनल लोन
इस लोन की भुगतान अवधि 1 साल या उससे कम होती है। यह उन आवेदकों के लिए बढ़िया ऑप्शन हैं जिन्हें कम अवधि के लिए कम राशि का लोन चाहिए।
ट्रैवल के लिए पर्सनल लोन
आप अपने परिवार के साथ छुट्टियाँ मनाने या देश-विदेश में घूमने के लिए ट्रैवल पर्सनल लोन का लाभ उठा सकते हैं।
मेडिकल इमरजेंसी के लिए पर्सनल लोन
कोई भी मेडिकल इमरजेंसी आने पर हॉस्पिटल बिल, इलाज आदि से जुड़े सभी खर्चों के लिए यह लोन लिया जाता है।
डेट कंसोलिडेशन लोन
कई सारे अधिक ब्याज वाले लोन का भुगतान एक नया लोन लेकर करने के यह लोन लिया जाता है।
कंज़्यूमर ड्यूरेबल लोन
कंज़्यूमर्स ड्यूरेबल प्रोडक्ट्स जैसे- स्मार्टफोन, फर्नीचर, माइक्रोवेव आदि खरीदने के लिए जो लोन लिया जाता है, उसे कंज़्यूमर ड्यूरेबल लोन कहते हैं।
मैरिज लोन
शादियों का खर्च बहुत ज़्यादा होता है जिससे निपटने के लिए मैरिज लोन लिया जाता है।
होम रेनोवेशन लोन
अपने घर में किसी भी तरह की मरम्मत करने, रेनोवेट करने और जगह बढ़ाने के लिए होम रेनोवेशन लोन लिया जाता है।
हायर एजुकेशन लोन
बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए होने वाले खर्चों के लिए हायर एजुकेशन लोन लिया जाता है। इस लोन का इस्तेमाल बच्चे की
पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर
पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर के ज़रिए अपने मौजूदा पर्सनल लोन को किसी दूसरे बैंक या NBFC में कम ब्याज दरों और बेहतर शर्तों के लिए ट्रांसफर कर सकते हैं।
पर्सनल लोन की योग्यता शर्तें
हर बैंक/NBFC की क्रेडिट रिस्क पॉलिसी अलग होती है, इसलिए पर्सनल लोन के लिए योग्यता शर्तें भी भिन्न हो सकती हैं। यह न केवल बैंक/NBFC की जोखिम नीतियों पर निर्भर करता है, बल्कि लोन के प्रकार और आवेदक की आय व बिज़नेस प्रोफ़ाइल पर भी प्रभाव डालता है। नीचे बैंक और NBFC की सामान्य योग्यता शर्तों के बारे में बताया गया है:-
- उम्र: 18-60 साल
- सैलरी: नौकरीपेशा लोगों की न्यूनतम सैलरी 15,000 रु. प्रति माह होनी चाहिए।
- इनकम: गैर-नौकरीपेशा लोगों की आय कम से कम 5 लाख रु. प्रति वर्ष होनी चाहिए।
- क्रेडिट स्कोर: 750 या उससे ज़्यादा क्रेडिट स्कोर होना चाहिए, क्योंकि इससे लोन अप्रूव्ल मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
- कार्य अनुभव: नौकरीपेशा लोगों का कुल कार्य अनुभव 1 साल तक होना चाहिए, हालांकि कुछ लोन संस्थान इससे अधिक का कार्य अनुभव मांगते हैं।
- बिज़नेस कब से चल रहा है: गैर-नौकरीपेशा प्रोफेशनल कम से कम 3 साल से बिज़नेस चला रहे हों, कुछ लोन संस्थान इससे अधिक अवधि के लिए मांग सकते हैं।
- रोज़गार का प्रकार: प्रतिष्ठित संस्थानों, MNC, प्राइवेट और पब्लिक लिमिटेड कंपनियों, सरकारी संस्थानों, PSU में काम करने वाले व्यक्ति।
पर्सनल लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज़
पर्सनल लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ लगभग हर बैंक और NBFC में एक समान ही होते हैं, नीचे सभी आवश्यक दस्तावेज़ों की लिस्ट दी गई है: –
- पहचान प्रमाण: आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस
- पता प्रमाण: आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट और यूटिलिटी बिल
- आय प्रमाण:
- नौकरीपेशा के लिए: सैलरी स्लिप, बैंक अकाउंट स्टेटमेंट, फॉर्म 16
- गैर-नौकरीपेशा के लिए: पिछले साल का इनकम टैक्स रिटर्न, प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट और बैलेंस शीट/ बैंक स्टेटमेंट
ऑनलाइन पर्सनल लोन कैसे लें? (स्टेप-बाय-स्टेप गाइड)
पर्सनल लोन के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने का स्टेप-बाय-स्टेप तरीका नीचे बताया गया है: –
- एप्लीकेशन फॉर्म में अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- अपनी सारी डिटेल्स भरें
- अपना मोबाइल नंबर वेरीफाई करने के लिए OTP दर्ज करें।
- लोन किस उद्देश्य से ले रहे हैं और कितनी लोन राशि चाहते हैं, दर्ज करें।
- अब लोन ऑफर्स की तुलना करें और बेस्ट लोन के लिए अप्लाई करें।
पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर – कब और क्यों करें?
कई बैंक और एनबीएफसी पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर (PLBT) की सुविधा प्रदान करते हैं। इसके तहत, आप अपने मौजूदा पर्सनल लोन को किसी अन्य बैंक या एनबीएफसी में ट्रांसफर कर सकते हैं और कम ब्याज दरों का लाभ उठा सकते हैं।
बैलेंस ट्रांसफर कब करना चाहिए?
- कम ब्याज दर मिलने पर – किसी अन्य बैंक/एनबीएफसी में मौजूदा लोन से कम ब्याज दर ऑफर हो रही है, तो बैलेंस ट्रांसफर कर कुल ब्याज लागत में बचत की जा सकती है।
- EMI कम करने के लिए – बैलेंस ट्रांसफर के ज़रिए उधारकर्ता को मौजूदा लोन अवधि की तुलना में लंबी भुगतान अवधि चुन सकते हैं। भुगतान अवधि लंबी होने से ईएमआई कम हो जाती है जिससे कस्टमर पर ईएमआई का बोझ कम हो जाता है।
- टॉप-अप लोन के लिए – कई बैंक और लोन संस्थान बैलेंस ट्रांसफर करने वाले आवेदकों को टॉप-अप पर्सनल लोन की सुविधा देते हैं। ऐसे में जिन उधारकर्ताओं को अतिरिक्त लोन राशि की ज़रूरत हैं और जो अधिक ब्याज दरों की वजह से अतिरिक्त लोन नहीं ले पा रहे हैं, वे बैलेंस ट्रांसफर का ऑप्शन चुन सकते हैं।
पर्सनल लोन बनाम गोल्ड लोन – कौन सा बेहतर है?
पर्सनल लोन और गोल्ड लोन में मुख्य अंतर
पर्सनल लोन और गोल्ड लोन दोनों विकल्पों में डॉक्यूमेंटेशन प्रोसेस आसान होती है और रकम जल्दी मिल जाती है। लेकिन सही विकल्प चुनने के लिए ब्याज दर, लोन राशि, अवधि, अप्रूव्ल प्रक्रिया और फीस जैसे कारकों पर विचार करना ज़रूरी है। नीचे इन दोनों के बीच के मुख्य अंतरों के बारे में बताया गया है:-
- ब्याज दर: गोल्ड लोन की ब्याज दर आमतौर पर पर्सनल लोन से कम होती है। उदाहरण के लिए, एसबीआई पर्सनल लोन की ब्याज दर 11.05% से शुरू होती है, जबकि गोल्ड लोन की 8.70% से।
- लोन राशि: पर्सनल लोन 50,000 रु. से 40 लाख रु. तक का मिल सकता है, कुछ बैंक और लोन संस्थान 1 करोड़ रु. तक भी लोन ऑफर करते हैं। जबकि गोल्ड लोन की राशि गिरवी रखे सोने के मूल्य और LTV (Loan-to-Value) के आधार पर तय होती है, जो RBI द्वारा लगाए गए कैप के आधार पर 75% तक हो सकती है।
- डिस्बर्सल समय: गोल्ड लोन आमतौर पर उसी दिन मिल जाता है, जबकि पर्सनल लोन के लिए 2-7 दिन लग सकते हैं। हालांकि, ऑनलाइन प्रोसेस के जरिए कई बैंक मिनटों में पर्सनल लोन अप्रूव कर देते हैं।
- लोन अवधि: पर्सनल लोन की अवधि 1-5 साल होती है, कुछ लेंडर्स इससे ज़्यादा की अवधि के लिए भी लोन ऑफर करते हैं। गोल्ड लोन की अवधि अधिकतम 3 साल होती है, हालांकि कुछ लेंडर्स 4-5 साल तक के लिए भी गोल्ड लोन देते हैं।
- क्रेडिट स्कोर: पर्सनल लोन के लिए क्रेडिट स्कोर एक महत्वपूर्ण फैक्टर है, क्योंकि यह कम होने पर लोन अधिक ब्याज दरों पर मिल सकता है या लोन अप्रूव्ल की संभावना कम हो सकती है। जबकि गोल्ड लोन के मामले में बैंक के पास सोना गिरवी रहता है, इसलिए क्रेडिट स्कोर पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया जाता।
- प्रोसेसिंग फीस: पर्सनल लोन पर प्रोसेसिंग फीस 4% तक जा सकती है, जबकि गोल्ड लोन पर यह 1-2% तक होती है।
कौन-सा विकल्प बेहतर रहेगा?
अगर आपको तुरंत लोन चाहिए, कम ब्याज दर चाहते हैं और आपके पास सोना उपलब्ध है, तो गोल्ड लोन बेहतर रहेगा। इसका डिस्बर्सल तेज़ होता है और कम क्रेडिट स्कोर वालों के लिए भी यह एक उपयुक्त विकल्प है। लेकिन अगर आपको बड़ी रकम की ज़रूरत है और आपका क्रेडिट स्कोर मज़बूत है, तो पर्सनल लोन एक अच्छा विकल्प हो सकता है। हालांकि, दोनों में से कोई भी विकल्प चुनना पूरी तरह से आपकी ज़रूरतों और सहूलित पर निर्भर करता है।
पर्सनल लोन लेते समय आम गलतियाँ और बचाव के तरीके
पर्सनल लोन लेते समय लोग अक्सर कुछ ज़रूरी बातों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं जो उनके लोन रिजेक्शन का कारण बन सकती है। नीचे उन गलतियों के बारे में बताया गया है, जो लोग पर्सनल लोन लेते समय करते हैं:-
- क्रेडिट रिपोर्ट चेक न करना: क्रेडिट रिपोर्ट में कोई भी गलती होने पर आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है और कम क्रेडिट स्कोर की वजह से अधिक ब्याज दरों पर लोन मिलने या लोन रिजेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए लोन के लिए आवेदन करने से पहले अपना क्रेडिट रिपोर्ट ज़रूर चेक करना चाहिए और उसमें कोई भी गलती मिलने पर क्रेडिट ब्यूरो को संपर्क करना चाहिए।
- अपनी योग्यता और भुगतान क्षमता पर ध्यान न देना: लोन के लिए आवेदन करने पर बैंक और लोन संस्थान क्रेडिट स्कोर तो चेक करते ही हैं साथ में आपकी इनकम, जॉब प्रोफाइल और भुगतान क्षमता जैसे फैक्टर्स भी देखते हैं। भुगतान क्षमता के लिए लेंडर्स आवेदक का ईएमआई/एनएमआई रेश्यो देखते हैं। अगर यह रेश्यो 50-55% से ज़्यादा है, तो लोन मिलने की अधिक संभावना होती है।
- एक समय में कई जगह लोन के लिए आवेदन: लोन के लिए आवेदन करने के बाद आवेदक की क्रेडिट रिपोर्ट लेंडर द्वारा एक्सेस की जाती है जिसे हार्ड इन्क्वायरी कहा जाता है। हार्ड इन्क्वायरी होने से आवेदक का क्रेडिट स्कोर कुछ प्वॉइंट गिर जाता है। ज़्यादा हार्ड इन्क्वायरी आपके क्रेडिट स्कोर को गिरा सकती है, जो अधिक ब्याज दरों पर लोन मिलने के या लोन रिजेक्शन की संभावना को बढ़ाती है। अपने लिए बेस्ट ऑफर चुनने के लिए आवेदक पैसाबाज़ार जैसे फाइनेंशियल मार्केटप्लेस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- लोन ऑफर्स की तुलना ना करना: अपने लिए बेस्ट लोन ऑफर का पता लगाने के लिए विभिन्न लेंडर्स के पर्सनल लोन ऑफर्स की तुलना करनी चाहिए। इसके लिए, सबसे पहले उन बैंकों और NBFC में लोन के लिए आवेदन करें जहां से आपने लोन या क्रेडिट कार्ड लिए हैं या फिर डिपॉज़िट कराएं हैं। इसके साथ ही, आप ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केटप्लेस में जाकर लोन ऑफर्स की तुलना कर सकते हैं। उसी लोन को चुनें जिसकी ब्याज दरें, भुगतान अवधि, फीस और चार्ज़ेस आपकी मनमुताबिक हो।
जाने पर्सनल लोन की राशि कैसे तय होती है?