लोगों का क्रेडिट स्कोर ख़राब होने की वजह से बड़ी संख्या में उनके लोन आवेदन बैंक और एनबीएफसी द्वारा नामंज़ूर कर दिए जाते हैं। इन आवेदकों में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने पहले अपने लोन या क्रेडिट कार्ड का समय पर भुगतान नहीं किया और वो भी जो ‘न्यू टु क्रेडिट’ होते हैं यानी जिनकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है। यदि आप उन लोगों में से हैं जो अपने क्रेडिट स्कोर कम होने या न होने की वजह से लोन प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं, तो यहां आपके लिए कुछ विकल्प दिए गए हैं, जिनसे न केवल आप क्रेडिट प्राप्त कर पाएंगे बल्कि इससे आपका क्रेडिट स्कोर भी बेहतर होगा:

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1. गोल्ड लोन: गोल्ड लोन प्राप्त करने के लिए, आपको बैंक/ लोन संस्थान को कोलैटरल/ सिक्योरिटी के रूप में गोल्ड प्रदान करना होगा। सिक्योर्ड लोन होने की वजह से, बैंक/ लोन संस्थान आमतौर पर आवेदकों के क्रेडिट स्कोर पर ध्यान नहीं देते हैं। साथ ही, गोल्ड लोन का भुगतान आमतौर पर आसान तरीकों से किया जा सकता है और इसकी प्रोसेसिंग और लोन राशि भी जल्दी ट्रांसफर हो जाती है। लोन राशि आमतौर पर बैंक/ लोन संस्थान द्वारा निर्धारित सोने के कीमत की 75% तक हो सकती है और उनकी ब्याज दर लगभग 7% प्रति वर्ष से शुरू होती है।
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2. लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (LAP): जिन आवेदकों के पास रेज़िडेंशियल, कमर्शियल या इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी होती है और उनके नाम पर रजिस्टर्ड है, वे भी लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (एलएपी) ले सकते हैं। LAP के लिए ब्याज दर लगभग 7.35% प्रति वर्ष से शुरू होती है और लोन अवधि आमतौर पर 15 वर्ष तक होती है। हालांकि, कुछ बैंक/ लोन संस्थान 20 साल तक की अवधि भी ऑफर करते हैं। लोन राशि प्रॉपर्टी वैल्यू और आपकी भुगतान क्षमता पर निर्भर करेगी। एलएपी उन लोगों के लिए विशेष रूप से सहायक है जिन्हें अधिक लोन राशि की ज़रूरत होती है और जिसका भुगतान वे लंबी अवधि में करना चाहते हैं।
3. लोन अगेंस्ट सिक्योरिटीज: यदि आपने म्यूचुअल फंड, शेयर, डिबेंचर आदि में निवेश किया है, तो आप इनके बदले लोन अगेंस्ट सिक्योरिटीज़ भी ले सकते हैं। आपको मिलने वाली लोन राशि और लागू ब्याज दर उन सिक्योरिटीज पर तो निर्भर करती ही है, जिन्हें आप बैंक/ लोन संस्थान को कोलैटरल के रूप में प्रदान करना चाहते हैं, साथ ही लोन टू वैल्यू (LTV) रेश्यो, मार्केट की मौज़ूदा स्थितियों के साथ-साथ बैंक/ लोन संस्थान की क्रेडिट रिस्क की असेसमेंट पॉलिसी पर भी निर्भर करती है।
इनके साथ ही, अगर आपका किसी बैंक या NBFC के साथ मौज़ूदा संबंध है, तो आप यह भी पता लगा सकते हैं कि क्या आप इसके लिए योग्य है या नहीं।
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4. टॉप-अप होम लोन: यदि आपने पहले से ही होम लोन लिया हुआ है, तो आप टॉप-अप होम लोन के लिए अपने बैंक/ लोन संस्थान से संपर्क कर सकते हैं। टॉप-अप लोन का उपयोग किसी भी ज़रूरत को पूरा करने के लिए किया जा सकता है। टॉप-अप होम लोन पर प्रदान की जाने वाली ब्याज दर भी होम लोन लेने वालों के लिए उपलब्ध अन्य क्रेडिट विकल्पों की तुलना में कम होगी। साथ ही, जिन लोगों के होम लोन की अवधि अधिक बाकी है, वे अपने टॉप-अप लोन का भुगतान करने के लिए लंबी अवधि प्राप्त कर सकते हैं।
यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने स्कोर को बेहतर बनाने के लिए सही कदम उठाएं जिससे कि भविष्य में ज़रूरत पड़ने पर आर्थिक ज़रूरतों को पूरा कर सकें।

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संबंधित प्रश्न (FAQs)
कोई भी लोन लेने के लिए सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए?
लोन लेने के लिए सिबिल स्कोर की कोई तय लिमिट नहीं होती। लोन के प्रकार और लोन देने वाले बैंक के आधार पर भी न्यूनतम सिबिल स्कोर अलग-अलग हो सकता है। आमतौर पर, अनसिक्योर्ड लोन के मामले में लेंडर्स 700 या उससे अधिक का क्रेडिट स्कोर अच्छा मानते हैं और ऐसे आवेदकों को लोन देना पसंद करते हैं जिसका स्कोर 700 से ज़्यादा हो।
सिबिल स्कोर को कैसे सुधारें?
अपने सिबिल स्कोर में सुधार करने के लिए नियमित रूप से अपने लोन और क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करें, क्रेडिट रिपोर्ट को समय-समय पर चेक करें और उसमें गलती होने पर सुधार करें। इसके अलावा, कम समय में एक साथ कई लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने से बचे।
सिबिल स्कोर खराब होने पर कौन-सा बैंक लोन देता है?
ऐसे कई बैंक हैं जो खराब सिबिल स्कोर वाले आवेदकों को भी लोन देते हैं। हालांकि, आमतौर पर ऐसे लोन की ब्याज दरें अधिक होती हैं।