जब भी आपको अपनी तत्काल आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पैसों की ज़रूरत होती है, तो लोग आमतौर पर पर्सनल लोन (Personal Loan) ही लेना पसंद करते हैं। पर्सनल लोन विशेष रूप से इमरजेंसी के लिए बेहद सुविधाजनक होते हैं और आसानी से उपलब्ध होने के कारण इसकी ब्याज दरें आमतौर पर सिक्योर्ड या अनसिक्योर्ड लोन के किसी भी विकल्प से अधिक होती हैं।
जहां तक पर्सनल लोन या व्यक्तिगत ऋण लेने की बात है, तो प्रमुख सवाल सर्विस चार्जेस, ब्याज दरों और उस पर लगाए जाने वाले अन्य शुल्क से संबंधित होता है। पर्सनल लोन का प्री-क्लोज़र और प्री-पेमेंट दो महत्वपूर्ण प्वाॉइंट होते हैं जिसको लेकर लोगों के मन में संदेह रहता है, तो चलिए सबसे पहले इन दोनों को समझते हैं।
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पर्सनल लोन प्री-क्लोज़र क्या है?
प्री-क्लोज़र या फोरक्लोज़र (Personal Loan Pre-closure) वह प्रक्रिया है जब कोई व्यक्ति लोन की अवधि समाप्त होने से पहले पूरी लोन राशि का भुगतान करता है। प्री-क्लोज़र अक्सर लोन पर लगने वाले ब्याज में बचत करने के लिए किया जाता है। लेकिन कई बैंक और NBFC प्रीपेमेंट करने पर प्री-क्लोज़र शुल्क वसूलते हैं। वहीं कुछ बैंकों में प्री-पेमेंट को लेकर कुछ निर्धारित नियम होते हैं। जैसे- निश्चित ईएमआई का भुगतान करने के बाद ही कई बैंक लोन का प्रीपेमेंट करने की अनुमति देते हैं। ऐसे में प्री-पेमेंट करने से पहले इससे जुड़े नियम शर्तों और लागू फीस व चार्ज़ेस के बारे में जान लेना चाहिए।
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पर्सनल लोन को प्री-क्लोज़ कैसे करें?
पर्सनल लोन को प्री-क्लोज़ करने का तरीका नीचे बताया गया है:-
- स्टेप 1: बैंक के उस ब्रांच में जाएं जहाँ से आपने पर्सनल लोन (Personal Loan) लिया हुआ है।
- स्टेप 2: ज़रूरी दस्तावेज जैसे आईडी प्रूफ, बैंक स्टेटमेंट जिसमें आखिरी EMI का भुगतान कर दिया हो, का उल्लेख हो और उस चेक या डिमांड ड्राफ्ट की जानकारी दर्ज करें, जिसके द्वारा आप बकाया राशि का भुगतान करेंगे।
- स्टेप 3: बैंक/ लोन संस्थान आमतौर पर लोन राशि से कुछ राशि काट लेते हैं जिसका भुगतान प्रीपेमेंट के साथ किया जाना होता है।
- स्टेप 4: जब आप चेक या डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से पूरी राशि का भुगतान कर देते हैं तो बैंक एक एकनॉलेजमेंट लेटर देगा जिसे भविष्य के लिए संभाल कर रखना चाहिए।
एक बार सभी स्टेप पूरे हो जाने के बाद, बैंक लोन के प्रीक्लोज करने के कुछ दिनों के बाद लोन एग्रीमेंट भेज देगा।
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पर्सनल लोन (Personal Loan) के प्री-क्लोज़र शुल्क
कई संस्थान लोन को प्री-क्लोज़ करने पर शुल्क (Personal loan foreclosure charges) लगाते हैं। हालांकि, कई बार लोन का प्री-क्लोजर ब्याज दरों और कर्ज के बोझ को कम करने में मदद करता है। बैंकों में अलग-अलग लॉक-इन पीरियड होते हैं, जिनसे पहले कोई भी लोन बंद कर सकता है। हालांकि बैंक ब्याज राशि पर हुए नुकसान को पूरा करने के लिए प्री-क्लोजर शुल्क लेते हैं।
नीचे दिए गए टेबल में टॉप बैंकों द्वारा लिए जाने वाले प्री-क्लोज़र शुल्क की जानकारी दी गई है:-
बैंक | लॉक-इन पीरियड | प्री-क्लोज़र शुल्क |
HDFC बैंक | एक EMI के भुगतान के बाद |
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ICICI बैंक | 12 EMI के भुगतान के बाद |
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया | कभी भी | लोन के पहले 3 साल भुगतान करने पर प्रीपेड राशि का 3% तक |
यस बैंक | 12 EMI के भुगतान के बाद | 12 EMI का भुगतान करने पर फोरक्लोज़ करने पर:-
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एक्सिस बैंक | पहली EMI के बाद |
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कोटक महिंद्रा बैंक | 12 महीने ईएमआई के भुगतान के बाद। साथ ही 30 दिन पहले से ही फोर-क्लोज़र की जानकारी देना ज़रूरी है। |
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इंडसइंड बैंक |
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पर्सनल लोन का पार्ट पेमेंट क्या होता है?
लोन अवधि पूरी होने से पहले लोन राशि का पूरा भुगतान करने को लोन प्री-पेमेंट या पर्सनल लोन पार्ट प्रीपेमेंट कहा जाता है। यदि आपके पास अधिक राशि है और उस राशि का उपयोग आप लोन का जल्दी भुगतान करने के लिए करना चाहते हैं, तो इस वजह से या तो EMI कम होगी या भुगतान अवधि कम हो जाएगी। पर्सनल लोन की पार्ट पेमेंट (Personal Loan Part-Payment) करने के लिए, आपको बैंक शाखा जाकर किसी बैंक अधिकारी को सूचित करना पड़ता है। आपकी रिक्वेस्ट सबमिट हो जाने के बाद, बैंक द्वारा आपको नई EMI/ लोन अवधि के बारे में बता दिया जाएगा।
पर्सनल लोन (Personal Loan) को सही तरीके से क्लोज करना ज़रूरी होता है क्योंकि इसका आपके क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव पड़ सकता है। आपको पर्सनल लोन को सही तरीके से प्री-क्लोज़ करने वाली प्रक्रियाओं की जानकारी होनी चाहिए और इससे संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के समाधान के लिए आप संबंधित बैंक/ लोन संस्थान के कस्टमर केयर से सम्पर्क कर सकते हैं।
संबंधित प्रश्न (FAQs)
पर्सनल लोन प्रीक्लोज़र, प्रीपेमेंट और फोरक्लोज़र से क्या मतलब है?
प्रीपेमेंट तब होता है जब कोई कस्टमर अपने पर्सनल लोन की अवधि पूरी होने से पहले, बकाया राशि को आंशिक या पूरी तरह से चुकाता है। कस्टमर द्वारा जब अपनी बकाया लोन राशि के एक हिस्से का भुगतान किया जाता है, तो इसे पार्ट-पेमेंट के नाम से जाना जाता है। वहीं लोन अवधि पूरी होने से पहले पूरी बकाया राशि का भुगतान फोरक्लोज़र (Personal loan foreclosure meaning) कहलाता है। फोरक्लोज़ को, प्रीक्लोज़र के नाम से भी जाना जाता है।
पर्सनल लोन को फोरक्लोज़ करने के लिए कौन-से डॉक्यूमेंट्स चाहिए?
पर्सनल लोन को समय से पहले बंद करने के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ एक बैंक/NBFC से दूसरे में अलग-अलग हो सकते हैं। हालांकि, इसके लिए कुछ सामान्य दस्तावेज़ जैसे – लोन को फोरक्लोज़ करने के लिए एप्लीकेशन, लोन अकाउंट नंबर, आईडी प्रूफ आदि।
क्या लोन को फोरक्लोज़ करने पर कोई पेनल्टी लगती है?
हां, पर्सनल लोन को फोरक्लोज़ करने पर बैंक/NBFC फोरक्लोज़र फीस के तौर पर पेनल्टी लेते हैं। यह फीस एक बैंक से दूसरे में अलग होती है।
क्या पर्सनल लोन को फोरक्लोज़ करना सही है?
पर्सनल लोन का प्रीपेमेंट करने से कस्टमर्स ब्याज भुगतान में बचत कर पाते हैं। लेकिन ऐसा करने पर उन्हें प्रीपेमेंट चार्ज़ेस का भी भुगतान करना पड़ता है। वहीं बहुत से लोग अपनी सेविंग्स को लोन की बकाया का भुगतान करने में लगा देते हैं, जिससे अचानक कोई इमरजेंसी आने पर पैसों की कमी या वापस लोन लेने की संभावनाएं पैदा हो जाती हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि पर्सनल लोन का प्रीपेमेंट करना तब सही है, जब आपके पास अतिरिक्त सेविंग्स हैं और आप लोन की प्रीपेमेंट फीस समेत लोन राशि का भुगतान करने में सक्षम हैं।