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कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन की ब्याज दरें
कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन पर लागू ब्याज दरें (Consumer Durable Loan Interest Rates) सभी बैंक/ लोन संस्थानों के लिए अलग-अलग हो सकती हैं। जिस वस्तु को खरीदने के लिए लोन लिया जा रहा है, उसकी कीमत (यानी लोन राशि) के साथ-साथ आवेदक की प्रोफ़ाइल जैसे क्रेडिट स्कोर, रोज़गार का प्रकार, लोन अवधि आदि कुछ प्रमुख कारक हैं जो किसी बैंक/ लोन संस्थान द्वारा ऑफर की जाने वाली ब्याज दर को प्रभावित कर सकते हैं।
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कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन की विशेषताएं
कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन की कुछ प्रमुख विशेषताएं नीचे दी गई हैं:
- ब्याज दर: अधिकांश बैंक/ लोन संस्थानों द्वारा 0%
- लोन राशि: 10,000 रु. से 15 लाख रु.
- कंज्यूमर ड्यूरेबल वस्तुओं की कीमत के बराबर लोन राशि प्रदान की जाती है
- प्रमुख बैंकों और एनबीएफसी से नो कॉस्ट ईएमआई का ऑफर
- लोन अवधि: 3 साल तक
- लोन प्रकार: दोनों, सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड
- फोरक्लोज़र फीस: शून्य
- आसान दस्तावेजीकरण और लोन राशि का तुरंत ट्रान्सफर
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कंज्यूमर ड्यूरेबल ऑफर करने वाले प्रमुख बैंक/NBFC
ऊपर दिए गए लाभों का लाभ उठाने के लिए इन बैंकों/एनबीएफसी के साथ कंज्यूमर लोन (Consumer Loan) के लिए अप्लाई करें:
- एसबीआई :1 लाख रुपये तक की लोन राशि के लिए अधिकतर ब्रांड द्वारा नो कॉस्ट ईएमआई का ऑफर
- एचडीएफसी बैंक : कंज्यूमर ड्यूरेबल प्रोडक्ट्स के लिए 100% फाइनेंसिंग
- टाटा कैपिटल: 0% ईएमआई सुविधा उपलब्ध
- आईडीएफसी फर्स्ट: 25,000 रु. से 5 लाख रुपये की लोन राशि पर नो कॉस्ट ईएमआई।
- इंडसइंड बैंक: बैंक से लोन लेने पर नो कॉस्ट ईएमआई की सुविधा
- SMFG इंडिया क्रेडिट: 11,000 रु. से 30,000 रुपये की लोन राशि के लिए किफायती ईएमआई।
कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन लेने के लिए योग्यता शर्तें
अधिकांश बैंक/ लोन संस्थान नौकरीपेशा और गैर- नौकरीपेशा व्यक्तियों दोनों को कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन प्रदान करते हैं। कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन के लिए योग्यता शर्तें आवेदक की प्रोफ़ाइल, भुगतान रिकॉर्ड, आय, लोन राशि आदि के आधार पर अलग- अलग हो सकती हैं। कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन के लिए ज़रूरी योग्यता शर्तें नीचे दी गई हैं:
नौकरीपेशा व्यक्ति:
- आयु: न्यूनतम 21 वर्ष और अधिकतम 65 वर्ष
- न्यूनतम मासिक आय: 15,000 रु.
- मौज़ूदा कंपनी/ संगठन में अनुभव: न्यूनतम 1 वर्ष
गैर- नौकरीपेशा पेशेवर:
- आयु: न्यूनतम 21 वर्ष और अधिकतम 68 वर्ष
- न्यूनतम आय: 1.5 लाख रु.
- एंप्लॉयमेंट स्टेबिलिटी: मौज़ूदा बिज़नेस में कम से कम 2 वर्ष
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कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन के प्रकार
कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन (Consumer Durable Loan) का सबसे सामान्य प्रकार इंस्टॉलमेंट लोन होता है। ये पर्सनल लोन क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड का उपयोग करके किए जाने वाले ईएमआई कन्वर्जन से अलग होता है क्योंकि खरीददारी करने या इंस्टॉलमेंट-बेस्ड पेमेंट प्लान को स्थापित करने के लिए किसी कार्ड का उपयोग नहीं किया जाता है।
इंस्टॉलमेंट लोन और उसके विभिन्न उपप्रकारों की जानकारी इस प्रकार है:
इंस्टॉलमेंट लोन: इन लोन का भुगतान पहले से निर्धारित टाइम-टेबल के मुताबिक साप्ताहिक (हफ्ते में एक बार), पाक्षिक (15 दिन में एक बार), मासिक (महीने में एक बार) या द्विमासिक (दो महीने में एक बार) किस्तों में किया जाता है। इन किस्तों पर वसूली जाने वाली ब्याज दर फिक्स्ड या समय के साथ अलग-अलग भी हो सकती है। इसके अलावा, इन कंज्यूमर लोन के लिए कौलैटरल/ सिक्योरिटी जमा करानी भी पड़ सकती है और नहीं भी। इन विशेषताओं के आधार पर, इंस्टॉलमेंट लोन निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं:
- फिक्स्ड-रेट कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन: उधारकर्ताओं को दिए जाने वाले ज्यादातर कंज्यूमर लोन फिक्स्ड-रेट लोन होते हैं। जैसा कि नाम से पता चलता है, इन कंज्यूमर लोन की ब्याज दरें पूरी लोन अवधि के दौरान समान रहती हैं।
- वेरिएबल- रेट कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन: इस लोन में, बकाया राशि पर ऑफर की जाने वाली ब्याज दर मार्केट की ब्याज दरों में आए बदलाव के साथ बदलती रहती है। नतीजतन, आपका ब्याज भुगतान भी अलग-अलग होगा। हालांकि, इन लोन की आमतौर पर लिमिट होती है कि ब्याज दर कितनी अधिक या कम हो सकती है।
- सिक्योर्ड कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन: सिक्योर्ड लोन वे होते हैं जिनके लिए आपको कोलैटरल/ सिक्योरिटी जमा करानी पड़ती है। भारत में सिक्योर्ड कंज्यूमर लोन के लिए आपको आमतौर पर खरीदी जा रही वस्तु को ही सिक्योरिटी/ कोलैटरल के रूप में रखना पड़ता है। कुछ बैंक फिक्स्ड डिपॉज़िट, आरबीआई बॉन्ड, सोने के गहने, एलआईसी पॉलिसी जैसे इंस्ट्रूमेंट को सिक्योरिटी के रूप में जमा करने के बदले कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन भी प्रदान करते हैं। इस प्रकार, सिक्योर्ड कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन के लिए ब्याज दरें आमतौर पर कम होती हैं। यदि आप किसी भी कारण से लोन का भुगतान नहीं कर पाती हैं, तो बैंक/ लोन संस्थान अपने नुकसान की भरपाई के लिए आपकी सिक्योरिटी पर क्लेम कर सकते हैं।
- अनसिक्योर्ड कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन: अनसिक्योर्ड कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन सबसे आम हैं। उधारकर्ता को किसी प्रकार की सिक्योरिटी जमा कराने की ज़रूरत नहीं पड़ती है। अनसिक्योर्ड लोन के लिए ब्याज दरें सिक्योर्ड पर्सनल लोन की तुलना में अधिक हो सकती हैं। हालांकि, ज्यादातर बैंक/ लोन संस्थान जो कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन ऑफर करते हैं, उनकी ब्याज दरें पर्सनल लोन की ब्याज दरों के समान होती हैं। कुछ मामलों में जैसे फेस्टिव सीज़न के दौरान, आप ज़ीरो प्रोसेसिंग फीस और 0% की प्रभावी ब्याज दर के साथ स्पेशल ऑफर प्राप्त कर सकते हैं।
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Consumer Durable Loan: फीस व शुल्क
इंटरेस्ट चार्ज के अलावा, कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन पर अन्य फीस व शुल्क भी लागू हो सकते हैं। इनमें से कुछ पर नीचे विस्तार से चर्चा की गई है:
- प्रोसेसिंग फीस: पर्सनल लोन राशि का ट्रांसफर करते समय जिस प्रशासनिक फीस का भुगतान करना पड़ता है, वह प्रोसेसिंग फीस के अंतर्गत आती है। प्रोसेसिंग फीस आम तौर पर मंज़ूर हुई लोन राशि के 0% और 6% के बीच होती है।
- लेट पेमेंट फीस: यदि आप अपनी ईएमआई का भुगतान समय पर नहीं कर रही हैं, तो आपको बकाया ईएमआई राशि के साथ इस फीस (आमतौर पर यह फिक्स्ड होती है) का भुगतान करना होगा।
- चेक बाउंस फीस: यदि आप किसी ईएमआई का भुगतान नहीं कर पाती हैं तो चेक बाउंस फीस का भुगतान करना पड़ता है क्योंकि पोस्ट-डेटेड चेक से जुड़े अकाउंट में या तो फंड कम होता है या उसे क्लोज कर दिया जाता है। यह फीस आम तौर पर लगभग 500 रुपये होती है।
- फोरक्लोज़र/ प्रीपेमेंट फीस: प्रीपेमेंट में वास्तविक ईएमआई राशि से अधिक राशि का भुगतान करना पड़ता है। हालांकि, जब आप भुगतान अवधि के खत्म होने से पहले पूरी तरह से लोन का भुगतान करते हैं तो इसे फोरक्लोज़र कहा जाता है। प्रीपेमेंट करते समय आपको आमतौर पर फोरक्लोज़र/ प्रीपेमेंट फीस का भुगतान करना होता है। ये आम तौर पर बकाया मूल राशि के 0% और 6% के बीच होती है जिस पर अतिरिक्त टैक्स भी लागू होता है।
ज़रूरी दस्तावेज
कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन लेने के लिए ज़रूरी कुछ सामान्य दस्तावेज़ नीचे दिए गए हैं:
- पासपोर्ट साइज़ फोटो के साथ विधिवत भरा हुआ एप्लीकेशन फॉर्म
- पहचान प्रमाण: आधार कार्ड / पैन कार्ड / ड्राइविंग लाइसेंस / वोटर आईडी कार्ड / पासपोर्ट
- पता प्रमाण: आधार कार्ड / पासपोर्ट / बैंक अकाउंट स्टेटमेंट / लीज / प्रॉपर्टी परचेज एग्रीमेंट / यूटिलिटी बिल (3 महीने से अधिक पुराना नहीं) / ड्राइविंग लाइसेंस
- आय प्रमाण:
- नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए: सैलरी स्लिप / बैंक अकाउंट स्टेटमेंट / फॉर्म 16
- गैर- नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए: बैंक अकाउंट स्टटेमेंट / पिछले साल का इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) / प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट स्टेटमेंट और बैलेंस शीट
- बैंक द्वारा ज़रूरी कोई अन्य दस्तावेज
ये भी पढ़ें: पर्सनल लोन के लिए ज़रूरी दस्तावेजों की पूरी लिस्ट
कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन की ब्याज दर को प्रभावित करने वाले कारक
हालांकि कुछ बैंक/ लोन संस्थान 0% ब्याज दर पर कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन प्रदान करते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो इन लोन पर ब्याज वसूलते हैं। किसी बैंक/ लोन संस्थान द्वारा ऑफर की जाने वाली ब्याज दर न केवल उसकी शर्तों बल्कि आवेदक की प्रोफाइल के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। नीचे कुछ प्रमुख कारक दिए गए हैं जो लोन पर ली जाने वाली ब्याज दर को प्रभावित करते हैं:
- क्रेडिट स्कोर: क्रेडिट स्कोर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट/क्रेडिट हिस्ट्री की 3 अंकों की समरी होती है जो 300 से 900 के बीच में हो सकता है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर 900 के करीब है तो (जैसे सिबिल स्कोर के मामले में 750 या उससे अधिक) आप कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन आसानी से प्राप्त कर सकती हैं क्योंकि इससे आपकी अधिक क्रेडिट योग्यता का पता चलता है। इसके साथ ही आप कम ब्याज दर जैसी बेहतर शर्तों पर इसका लाभ उठा सकती हैं।
- लोन राशि: अगर लोन राशि अधिक होती है तो आम तौर पर आवेदक को अधिक ब्याज दर का भुगतान करना होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लोन राशि अधिक होने से उधारकर्ता को अधिक ईएमआई का भुगतान करना पड़ता है जिससे बैंक/ लोन संस्थान के लिए डिफ़ॉल्ट का जोखिम बढ़ जाता है।
- लोन अवधि: भुगतान अवधि अधिक होने से आमतौर पर अधिक ब्याज दर का भुगतान करना पड़ सकता है।
- मौज़ूदा बकाया कर्ज: अगर आवेदक के पास मौज़ूदा कर्ज अधिक बकाया हैं तो कंज्यूमर लोन पर अधिक ब्याज दर वसूली जा सकती है क्योंकि इससे बैंक/ लोन संस्थान के लिए डिफ़ॉल्ट का जोखिम बढ़ जाता है।
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संबंधित प्रश्न (FAQs)
प्रश्न. पर्सनल लोन और कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन में क्या अंतर है?
उत्तर: पर्सनल लोन का उपयोग मेडिकल खर्च, होम रेनोवेशन, डेट कंसोलिडेशन जैसी व्यक्तिगत ज़रूरतों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है। वहीं कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन (Consumer Durable Loan) पर्सनल लोन का एक प्रकार होता है जिसका उपयोग घरेलू उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और अन्य सामान्य घरेलू सामान जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल प्रोडक्ट को खरीदने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, ये आम तौर पर सामान्य पर्सनल लोन की तुलना में सस्ते होते हैं क्योंकि इन्हें अक्सर कम या 0% ब्याज दर और बहुत कम प्रोसेसिंग फीस के साथ ऑफर किया जाता है।
प्रश्न. कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन पर भुगतान की जाने वाली ब्याज को कैसे निर्धारित किया जाता है?
उत्तर: कंज्यूमर लोन (Consumer Loan) पर भुगतान की जाने वाली ब्याज हर बैंक/ लोन संस्थान में अलग- अलग हो सकती है। यह आपके द्वारा खरीदे जाने वाले प्रोडक्ट, ब्रांड या विक्रेता के आधार पर और आपकी प्रोफ़ाइल यानी आवेदक, लोन राशि और लोन अवधि के आधार पर भी निर्भर करती है.
प्रश्न. क्या मेरे कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन को फोरक्लोज़ या प्रीपे करना संभव है?
उत्तर: हां, ज्यादातर बैंक/ लोन संस्थान उधारकर्ताओं को अपने कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन को फोरक्लोज या प्रीपे (Forclosure of Consumer Durable Loan) करने का विकल्प प्रदान करते हैं जिससे कि उनको कम ब्याज का भुगतान करना पड़ता है। जब आप भुगतान अवधि के खत्म होने से पहले पूरी तरह से लोन का भुगतान करना चाहते हैं तो आपको फोरक्लोज़र/ प्रीपेमेंट फीस का भुगतान करना होता है। ये आम तौर पर बकाया मूल राशि के 0% और 6% के बीच होती है जिस पर अतिरिक्त टैक्स भी लागू होता है।
प्रश्न. कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन के माध्यम से मैं कितनी लोन राशि प्राप्त कर सकती हूं?
उत्तर: कई बैंक/ लोन संस्थान कंज्यूमर लोन राशि ट्रांसफर करते समय प्रोडक्ट की पूरी कीमत की 100% तक फाइनेंसिंग करते हैं। कुछ मामलों में, प्रोडक्ट की 80% से 90% कीमत तक लोन राशि प्रदान की जाती है और बाकी 10% से 20% राशि का ग्राहक को प्रोडक्ट खरीदते समय डाउन पेमेंट करना होता है।
प्रश्न. कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन राशि को कैसे ट्रान्सफर किया जाता है?
उत्तर: कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन एप्लीकेशन को मंज़ूरी मिलने पर, लोन राशि आमतौर पर सीधे विक्रेता के अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाती है।
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