लोन अब सिर्फ घर खरीदने, बच्चों की शिक्षा या घूमने जाने के लिये ही नहीं लिए जाते हैं। अधिकांश ग्राहक रोज़मर्रा के खर्चों को पूरा करने के लिए और कंज्यूमर ड्यूरेबल जैसी छोटी खरीददारी के लिए लोन ले रहे हैं। क्रेडिट तक बढ़ती पहुंच से जब लोग, विशेष रूप से खराब क्रेडिट स्कोर वाले लोग अधिक ब्याज लागत पर कई लोन ले लेते हैं तो उन पर अधिक ईएमआई का बोझ बढ़ जाता है और उनके पास इमरजेंसी और महत्वपूर्ण कामों के लिए बहुत कम पैसे बचते हैं।
यदि आप भी ऐसी स्थिति में हैं, तो इससे बाहर निकलने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप कम ब्याज दर पर और लंबी अवधि के लिए पर्सनल लोन लें और आपके छोटे-छोटे जो भी लोन चल रहे हैं उनका भुगतान उस एक लोन से कर दें। इसका एक फायदा ये भी है कि कई लोन की जगह अगर आपका एक लोन ही चलता है कि तो आपको इस बात की टेंशन नहीं लेनी होगी कि इतनी ईएमआई का भुगतान बकाया है, आदि।
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डेट कंसोलिडेशन के लिए पर्सनल लोन क्यों?
ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप अपने लोन को कंसोलिडेट कर सकते हैं, जैसे- अपने मौजूदा लोन पर टॉप अप लोन प्राप्त करके, लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी लेकर, या लोन अगेंस्ट सिक्योरिटीज़ प्राप्त करना आदि। इन सभी विकल्पों में पर्सनल लोन सबसे पॉपुलर है क्योंकि इसके लिए कोई कोलैटरल/ सिक्योरिटी जमा कराने की ज़रूरत नहीं होती है। इसके अलावा, पर्सनल लोन की मंज़ूरी तुरंत होती है और लोन राशि भी जल्दी ट्रांसफर होती है। एक्सिस बैंक और एचडीएफसी जैसे कुछ बैंक अच्छी भुगतान क्षमता और क्रेडिट हिस्ट्री वाले चुनिंदा ग्राहकों को लोन राशि तुरंत ट्रांसफर करने के साथ प्री-क्वालिफाइड/ प्री- अप्रूव्ड लोन भी प्रदान करते हैं।
मौजूदा पर्सनल लोन उधारकर्ता जिनकी ब्याज लागत अधिक है, अपने मौजूदा लोन को कम ब्याज दर और लंबी अवधि पर किसी अन्य बैंक/ लोन संस्थान में ट्रांसफर करने के लिए पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प भी चुन सकते हैं। कुछ बैंक/ लोन संस्थान उन लोगों को टॉप- अप लोन भी प्रदान करते हैं जो पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर विकल्प का प्रयोग करते हैं। उधारकर्ता अन्य महंगे लोन का भुगतान करने या अन्य आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए टॉप अप लोन का उपयोग कर सकते हैं।
डेट कंसोलिडेशन के लिए पर्सनल लोन लेने की जानकारी के बारे में नीचे बताया गया है।
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स्टेप 1: पता लगायें कि आपको कितनी राशि की ज़रूरत है
आपको कितनी राशि चाहिए, इसका पता लगाने के लिए, पहले जानें कि आप पर कुल कितना कर्ज़ बकाया है। इसके बाद उसमें से वह राशि घटाएं जिसे आप अपने मौजूदा निवेशों का उपयोग करके या अपने माता-पिता, दोस्तों आदि से उधार लेकर अरेंज कर सकते हैं। इसके लिए बैंक फिक्स्ड डिपॉज़िट या डेट फंड जैसे कम रिटर्न प्रदान करने वाले इंवेस्टमेंट का उपयोग करें क्योंकि उन पर मिलने वाला रिटर्न लोन के लिए दिये जाने वाले ब्याज से कम होता है।
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स्टेप 2: नए लोन के लिए अप्लाई करने से पहले अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें
नए लोन के लिए अप्लाई करने से पहले अगर आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को चेक करते हैं तो इससे आपके मौजूदा क्रेडिट स्कोर का पता चल सकेगा और साथ ही आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में गलतियों का पता लगा सकेंगे और उन्हें ठीक कर पायेंगे। आप क्रेडिट ब्यूरो से साल में एक बार अपनी क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं। हालाँकि, यदि आप सभी क्रेडिट ब्यूरो से हर महीने अपने क्रेडिट स्कोर को ट्रैक करना चाहते हैं, और वह भी मुफ्त में, तो पैसाबाज़ार जैसे ऑनलाइन मार्केटप्लेस से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट प्राप्त करें। आप यहाँ से मुफ्त में अपनी क्रेडिट रिपोर्ट भी प्राप्त कर सकते हैं और साथ ही आपके क्रेडिट स्कोर के आधार पर पैसाबाज़ार के पार्टनर बैंकों/ NBFC की ओर से आपको लोन ऑफर की तुलना भी कर सकते हैं। इसके अलावा, पैसाबाज़ार की वेबसाइट या मोबाइल ऐप के ज़रिए से लोन ऑफर्स की तुलना करने से आपके क्रेडिट स्कोर पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
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स्टेप 3: बेस्ट पर्सनल लोन ऑफ़र खोजें
एक बार जब आप ये फैसला कर लेते हैं कि आपको कितनी लोन राशि चाहिए, तो फिर ब्याज ब्याज , भुगतान अवधि आदि के आधार पर बेस्ट पर्सनल लोन ऑफर के बारे में पता लगाएं। उन बैंकों और एनबीएफसी में पर्सनल लोन के ऑफर के बारे में पता करें जिनमें आपका वर्तमान में कोई डिपॉज़िट या लोन अकाउंट है। कई बैंक/ लोन संस्थान अपने मौजूदा ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर पर्सनल लोन प्रदान करते हैं। फिर जितना संभव हो, उतने बैंक/ लोन संस्थानों द्वारा ऑफर की जाने वाली पर्सनल लोन की ब्याज दरों की तुलना करें। आप अन्य बैंक/ लोन संस्थानों के साथ भी ऑफ़र चेक कर सकते हैं। बता दें कि इसके बारे में आप पैसाबाज़ार जैसे ऑनलाइन लेंडिंग मार्केटप्लेस का उपयोग कर जान सकते हैं। ऐसे ऑनलाइन लेंडिंग प्लेटफॉर्म से आप अपनी क्रेडिट प्रोफाइल के आधार पर कई बैंक/ लोन संस्थानों द्वारा ऑफर किए जाने वाले पर्सनल लोन विकल्पों की तुलना कर सकते हैं। इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
बैंक/ लोन संस्थान | ब्याज दरें (प्रति वर्ष) | |
HDFC बैंक | 10.85% से शुरू | अप्लाई करें |
ICICI बैंक | 10.85% से शुरू | अप्लाई करें |
एक्सिस बैंक | 11.25% से शुरू | अप्लाई करें |
कोटक महिंद्रा बैंक | 10.99% से शुरू | अप्लाई करें |
इंडसइंड बैंक | 10.49% से शुरू | अप्लाई करें |
IDFC फर्स्ट बैंक | 10.99% से शुरू | अप्लाई करें |
टाटा कैपिटल | 11.99% से शुरू | अप्लाई करें |
मनी व्यू | 14.00%-36.00% | अप्लाई करें |
फेडरल बैंक | 12.00% -19.50% | अप्लाई करें |
डीएमआई फाइनेंस | 30.00% तक | अप्लाई करें |
L&T फाइनेंस | 12.00% से शुरू | अप्लाई करें |
क्रेडिटबी | 16.00% - 29.95% | अप्लाई करें |
पिरामल फाइनेंस | 12.99% से शुरू | अप्लाई करें |
आदित्य बिरला | 10.99% से शुरू | अप्लाई करें |
स्टेप 4: पहले अधिक ब्याज वाले लोन की प्रीपेमेंट करें
यदि आप अपनी पूरी बकाया राशि को कंसोलिडेट नहीं कर पा रहे हैं, तो आपको सबसे पहले उस लोन का भुगतान करना चाहिए जिसकी ब्याज लागत सबसे ज़्यादा है। जिनको लोन के साथ-साथ क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि का भुगतान भी करना है, उन्हें पहले अपने क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि क्रेडिट कार्ड पर अधिक ब्याज दरें (फाइनेंस चार्ज) वसूली जाती हैं जो आमतौर पर 30% से 45% प्रति वर्ष तक होती हैं। ये हर क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले संस्थान में अलग- अलग हो सकती हैं। इसके अलावा, अगर क्रेडिट कार्ड बिल में दी गई न्यूनतम बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तो क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि पर भी लेट पेमेंट फीस वसूली जाती है, जिससे आपके लोन पर और अधिक भार पड़ता है।
स्टेप 5: नए लोन की ईएमआई की रेगुलर पेमेंट करें
नए लोन के साथ- साथ अपने पुराने लोन का भुगतान करने के बाद, पेनल्टी से बचने और अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार करने के लिए लोन ईएमआई की रेगुलर पेमेंट करें। इसके अलावा, अपने सैलरी या अन्य प्राइमरी सेविंग्स अकाउंट में स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन ज़रूर सेट करें ताकि समय पर आपके अकाउंट से खुद-ब-खुद लोन ईएमआई का भुगतान हो जाए।
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