इंडसइंड बैंक पर्सनल लोन प्रीक्लोज़र फीस
प्रीक्लोज़र चार्ज़ेस | 12 ईएमआई के भुगतान के बाद बकाया मूल राशि का 4% + GST |
इंडसइंड पर्सनल लोन को प्रीक्लोज़ करने के क्या लाभ हैं?
उधारकर्ताओं की ईएमआई अफोर्डेबिलिटी बढ़ती है
बैंक उन आवेदकों को लोन देना पसंद करते हैं जिनकी कुल ईएमआई (मौजूदा ईएमआई और नए लोन की ईएमआई सहित) उनकी कुल मासिक आय के 50-60% से अधिक नहीं होती है। इसलिए, जो लोग अपनी इनकम के इस प्रतिशत से ज़्यादा ईएमआई का भुगतान करते हैं, उनकी पर्सनल लोन प्राप्त करने की संभावना कम होती है।
ब्याज लागत पर बचत
पर्सनल लोन की प्रीपेमेंट करने से उधारकर्ता उस ब्याज लागत पर बचत कर सकते हैं जिसका भुगतान उन्होंने पूरी लोन अवधि के दौरान लोन जारी रखने पर करना होता है। उदाहरण के लिए, किसी व्यक्ति ने 13% प्रति वर्ष की ब्याज दर पर 10 लाख रुपये का पर्सनल लोन लिया है। इसकी लोन अवधि 5 साल तक है, और हर महीने की ईएमआई 22,753 रुपये होगी और उसे पूरी लोन अवधि के दौरान 3.65 लाख रुपये तक की कुल ब्याज का भुगतान करना होगा। हालांकि, अगर व्यक्ति एक साल के बाद बकाया लोन राशि का भुगतान कर देता है, तो उसे 2.09 लाख रुपये तक की ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
क्रेडिट मिक्स में अनसिक्योर्ड लोन के रेश्यो को कम करता है
क्रेडिट मिक्स उन सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन का रेश्यो होता है जो आपने लिए हैं। चूंकि इंडसइंड पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड होते हैं, इसलिए अगर पर्सनल लोन की प्रीपेमेंट कर दी जाती है तो आपके क्रेडिट मिक्स में अनसिक्योर्ड लोन का रेश्यो कम हो जाता है। क्रेडिट मिक्स में सिक्योर्ड लोन की संख्या अधिक होने से आपका क्रेडिट स्कोर भी अच्छा होगा और आपके दूसरे लोन की एप्लीकेशन को भी मंज़ूरी मिल सकती है।
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इंडसइंड पर्सनल लोन को प्रीक्लोज़ करने के क्या नुकसान हैं?
लिक्विडिटी पर नकारात्मक प्रभाव
कई उधारकर्ता अपने पर्सनल लोन की प्रीपेमेंट करने के लिए अपनी लिक्विडिटी (यानि कि ज़रूरत पड़ने पर आपके पास कितना कैश मौज़ूद है जिसका उपयोग कर आप भुगतान कर सकते हैं) या मौजूदा निवेश का उपयोग करते हैं। बता दें कि अगर आप लोन की प्रीपेमेंट करने के लिए अपनी लिक्विडिटी या निवेश का उपयोग करते हैं तो हो सकता है कि आपके पास किसी फाइनेंशियल इमरजेंसी से निपटने के लिए पर्याप्त पैसे न बचें। इसके अलावा हो सकता है कि आपको अपनी महत्वपूर्ण आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अधिक ब्याज दरों पर दूसरा लोन लेना पड़ जाए क्योंकि जो पैसा आपके पास लिक्विडिटी या निवेश के रूप में मौज़ूद था, उसका उपयोग आपने अपने मौज़ूदा लोन की प्रीपेमेंट करने में कर लिया। अगर आप इस परिस्थिति का सामना नहीं करना चाहते हैं तो आपको प्रीपेमेंट का विकल्प तभी चुनना चाहिए, जब आपके पास इमरजेंसी के लिए पर्याप्त पैसे हों। इसके साथ ही आपको अपनी महत्वपूर्ण आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अपने मौज़ूदा निवेश का उपयोग करने से भी बचना चाहिए। इसके बजाय, सीमित लिक्विडिटी वाले पर्सनल लोन उधारकर्ता अपने मौज़ूदा पर्सनल लोन को कम ब्याज दर ऑफर करने वाले बैंक/ लोन संस्थानों को ट्रांसफर करके अपने भुगतान बोझ और ब्याज लागत को कम कर सकते हैं।
प्रीक्लोज़र फीस
इंडसइंड बैंक 12 ईएमआई और लागू टैक्स का भुगतान करने के बाद लोन को फोरक्लोज़ करने पर 4% तक प्रीपेमेंट फीस लेता है। इस प्रकार, पर्सनल लोन की प्रीपेमेंट करने से आपको ब्याज लागत पर उतनी बचत नहीं होगी क्योंकि आपको फीस का भुगतान भी करना पड़ेगा। इस वजह से, आपको अपने पर्सनल लोन की प्रीपेमेंट तभी करनी चाहिए, जब फोरक्लोजर फीस का भुगतान करने के बाद भी आपकी कुल बचत अधिक हो रही हो।
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