कोटक महिंद्रा बैंक पर्सनल लोन- प्रीक्लोज़र & पार्ट-प्रीपमेंट फीस
फोरक्लोज़र फीस |
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पार्ट प्रीपमेंट फीस | ₹500 प्रति इंस्टेंस |
कोटक बैंक पर्सनल लोन के पार्ट-प्रीपेमेंट पर प्रतिबंध
- 1 फरवरी, 2020 को या उससे पहले डिसबर्स किए गए पर्सनल लोन की पार्ट प्रीपेमेंट नहीं की जा सकती है।
- 1 फरवरी, 2020 के बाद डिसबर्स किए गए लोन के लिए लॉक-इन पीरियड के बाद हर साल बकाया लोन राशि की 20% तक पार्ट प्रीपेमेंट की जा सकती है।
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पर्सनल लोन प्रीपेमेंट के लाभ
पर्सनल लोन प्रीपेमेंट के कुछ लाभ इस प्रकार हैं:
क्रेडिट मिक्स में अनसिक्योर्ड लोन के रेश्यो को कम करता है
क्रेडिट मिक्स कुल बकाया सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड या अन्य क्रेडिट सुविधाओं के बीच का रेश्यो होता है। आपने जितने लोन लिए हुए हैं, अगर उनमें अन-सिक्योर्ड लोन का प्रतिशत कम हो तो आपके सिबिल स्कोर पर बेहतर असर हो सकता है।
ब्याज लागत पर बचत
पर्सनल लोन की प्रीपेमेंट करने से उधारकर्ता उस ब्याज लागत पर बचत कर सकते हैं जो उन्होंने पूरी अवधि के लिए लोन जारी रखने पर खर्च की होती। उदाहरण के लिए, यदि किसी आवेदक ने 10 लाख रुपये तक का पर्सनल लोन लिया है जिसकी ब्याज दर 13% प्रति वर्ष है और लोन अवधि 5 साल तक है तो ईएमआई 22,753 रु. होगी और कुल ब्याज लागत लगभग 3.65 लाख रुपये होगी। यदि वे 1 वर्ष के बाद पूरी बकाया लोन राशि का भुगतान करने का फैसला करते हैं, तो वे ब्याज लागत पर लगभग 2.09 लाख रु. की बचत कर सकते हैं।
उधारकर्ताओं के लिए ईएमआई अफोर्डेबिलिटी बढ़ती है
बैंक/एनबीएफसी उन पर्सनल लोन आवेदकों को लोन देना पसंद करते हैं, जिनकी कुल ईएमआई जिसमें मौजूदा ईएमआई और साथ ही नए लोन की ईएमआई शामिल है, उनकी कुल मासिक आय के 50% से 60% से अधिक नहीं होती है। इस प्रकार, जिन लोगों के पास उनकी मासिक आय की इस लिमिट से अधिक ईएमआई राशि का भुगतान बकाया रहता है, उनकी पर्सनल लोन प्राप्त करने की संभावना कम होती है। ऐसे पर्सनल लोन उधारकर्ता मौजूदा पर्सनल लोन की प्रीपमेंट करके अपनी लोन योग्यता में सुधार कर सकते हैं ताकि उन्हें इमरजेंसी में पर्सनल लोन लेने में मुश्किल ना आए और इस प्रकार, अपनी मासिक आय के 50% – 60% के ब्रैकेट के भीतर अपने ईएमआई / एनएमआई रेश्यो को कम कर सकते हैं।
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पर्सनल लोन प्रीपेमेंट के नुकसान
पर्सनल लोन प्रीपेमेंट की कुछ मुख्य कमियां इस प्रकार हैं:
लिक्विडिटी पर नकारात्मक प्रभाव
कई उधारकर्ता अपने पर्सनल लोन की प्रीपेमेंट करने के लिए अपनी लिक्विडिटी (यानि कि ज़रूरत पड़ने पर आपके पास कितना कैश मौज़ूद है जिसका उपयोग कर आप भुगतान कर सकते हैं) या मौजूदा निवेश का उपयोग करते हैं। बता दें कि अगर आप लोन की प्रीपेमेंट करने के लिए अपनी लिक्विडिटी या निवेश का उपयोग करते हैं तो हो सकता है कि आपके पास किसी फाइनेंशियल इमरजेंसी से निपटने के लिए पर्याप्त पैसे न बचें। इसके अलावा हो सकता है कि आपको अपनी महत्वपूर्ण आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अधिक ब्याज दरों पर दूसरा लोन लेना पड़ जाए क्योंकि जो पैसा आपके पास लिक्विडिटी या निवेश के रूप में मौज़ूद था, उसका उपयोग आपने अपने मौज़ूदा लोन की प्रीपेमेंट करने में कर लिया। अगर आप इस परिस्थिति का सामना नहीं करना चाहते हैं तो आपको प्रीपेमेंट का विकल्प तभी चुनना चाहिए, जब आपके पास इमरजेंसी के लिए पर्याप्त पैसे हों। इसके साथ ही आपको अपनी महत्वपूर्ण आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अपने मौज़ूदा निवेश का उपयोग करने से भी बचना चाहिए।
इसके अलावा, उधारकर्ता पर्सनल लोन बैलेंस ट्रांसफर सुविधा का लाभ उठाकर कम पर्सनल लोन की ब्याज दर ऑफर करने वाले बैंकों/एनबीएफसी में अपने मौज़ूदा लोन को ट्रांसफर करके अपने भुगतान के बोझ और ब्याज की कुल लागत को कम कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए आप अलग-अलग ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केटप्लेस पर जाकर अलग-अलग बैंक/ लोन संस्थानों द्वारा ऑफर किए गए सबसे उपयुक्त विकल्प को चुन सकते हैं।
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प्रीक्लोज़र फीस
आरबीआई के दिशानिर्देशों के मुताबिक, फ्लोटिंग ब्याज दरों पर लिए गए पर्सनल लोन पर बैंक/ लोन संस्थान प्रीपेमेंट फीस नहीं ले सकता है। कोटक महिंद्रा बैंक पर्सनल लोन की बकाया मूल राशि के 5% तक की प्रीपेमेंट फीस वसूलता है। इस प्रकार, फिक्स्ड दरों पर लिए गए पर्सनल लोन की प्रीपेमेंट करने से आपको ब्याज लागत पर उतनी बचत नहीं होगी क्योंकि आपको फीस का भुगतान भी करना पड़ेगा। पर्सनल लोन की प्रीपेमेंट करने पर भी समान फीस लागू होगी। इसलिए, जो उधारकर्ता अपने पर्सनल लोन की प्रीपेमेंट या फोरक्लोज़ करना चाहते हैं, उन्हें इसका विकल्प तभी चुनना चाहिए जब फोरक्लोज़र/प्रीपेमेंट फीस का भुगतान करने के बाद भी अच्छी-खासी बचत हो रही हो।
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