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1. अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को समय-समय पर चेक करें
अगर आप जानना चाहते हैं कि आपकी पहचान का उपयोग करके कहीं नए लोन अकाउंट तो नहीं खोले गए हैं तो समय-समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को चेक करें। पैसाबाज़ार पर, आप क्रेडिट रिपोर्ट को मुफ़्त में प्राप्त कर सकते हैं और हर महीने अलग- अलग ब्यूरो से अपनी हाल ही की क्रेडिट रिपोर्ट भी देख सकते हैं। साथ ही पैसाबाज़ार आपको अंग्रेज़ी के अलावा हिंदी, मराठी, तमिल आदि भाषाओं में भी आपकी क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में प्रदान करता है। यह सलाह दी जाती है कि आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट के अकाउंट सेक्शन को देखें और चेक करें कि क्या सभी क्रेडिट अकाउंट आपके अपने हैं।
यदि आपको अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में किसी ऐसे कोई क्रेडिट अकाउंट का पता चलता है जिसके लिए आपने अप्लाई नहीं किया है, तो संबंधित क्रेडिट ब्यूरो के साथ तुरंत डिस्प्यूट दर्ज करें।
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2. अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी को न बताएं
आपकी व्यक्तिगत जानकारी गोपनीय होती है और इसे किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए, चाहे वह सोशल मीडिया पर हो, कॉल पर या व्यक्तिगत रूप से। पासवर्ड, पिन, ओटीपी, क्रेडिट कार्ड संबंधी जानकारी और यहां तक कि आपकी जन्मतिथि जैसे पर्सनल डेटा को शेयर करने से पहचान की चोरी के मामले बन सकते हैं जिनके तहत आपको पता भी नहीं चलेगा और आपकी पहचान का उपयोग करके ट्रांजेक्शन किया जा सकता है। यहां तक कि आपके पैन और आधार दस्तावेज भी बेहद गोपनीय होते हैं और उनकी फोटोकॉपी स्टेटमेंट ऑफ पर्पज के बिना शेयर नहीं की जानी चाहिए।
यह हमेशा ध्यान रखें कि कोई बैंक/एनबीएफसी/फिनटेक अधिकारी आपसे कभी भी पासवर्ड, नई बैंकिंग जानकारी, एटीएम पिन जैसी गोपनीय जानकारी नहीं मांगता है।
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3. केवल सुरक्षित और विश्वसनीय प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप का उपयोग करें
बहुत से लोग, जिन्हें पैसों की तुरंत ज़रूरत होती है, ऐसे प्लेटफ़ॉर्म और मोबाइल ऐप के ज़रिए लोन ले लेते हैं जो वेरिफाई नहीं होते हैं। डिजिटल लेंडिंग पर आरबीआई की वर्किंग ग्रुप रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 600 से अधिक गैर- कानूनी लेंडिंग ऐप काम कर रहे हैं।
किसी भी प्लेटफॉर्म/ऐप का उपयोग करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह बड़ा और भरोसेमंद हो।
किसी वेबसाइट का URL दर्ज करते समय, टाइपिंग की साधारण-सी गलती से भी आपका पता स्कैमर्स को लग सकता है क्योंकि हर जानी- मानी वेबसाइट के लिए समान डोमेन नेम वाली दर्जनों नकली वेबसाइटें होती हैं। कुछ वेबसाइटें ऑरिजिनल वेबसाइट की तरह दिखती हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप सही वेबसाइट पर जा रहे हैं, अपने वेब ब्राउज़र पर लिंक को बुकमार्क करें, सर्च इंजन रिजल्ट के ज़रिए वेबसाइट की लिंक खोलें, या आपके द्वारा टाइप किए गए URL को दोबारा चेक करें।
आपकी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित है, यह पता करने के लिए आपको ISO सर्टिफिकेशन जैसे सेफ्टी चेक का उपयोग करना चाहिए।
इसके अलावा, यह जानने के लिए कि कोई वेबसाइट सुरक्षित है या नहीं, आप यह भी देख सकते हैं कि उसका वेब एड्रेस या URL “HTTP” से शुरू हो रहा है या “HTTPS” से। यदि किसी साइट का URL, HTTP से शुरू होता है, तो इसका मतलब है कि कनेक्शन सुरक्षित नहीं है। लॉग-इन करने, भुगतान करने या व्यक्तिगत जानकारी प्रदान करने के लिए ऐसे पेज पर जाने से बचें, क्योंकि ऐसी वेबसाइटों पर शेयर की गई जानकारी को ट्रांजिट के दौरान इंटरसेप्ट किया जा सकता है।
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4. फ़िशिंग अटैक से खुद को सुरक्षित रखें
ऐसे स्रोतों से प्राप्त ईमेल को न खोलें जिनके बारे में आपको पता न हो। ऐसी लिंक पर क्लिक करने से या अटैचमेंट डाउनलोड करने से आपके कंप्यूटर या स्मार्टफोन में वायरस आ सकता है या आपके साथ धोखाधड़ी हो सकती है। कुछ वायरस आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाते हैं, जबकि अन्य आपकी व्यक्तिगत जानकारी और पहचान को चुरा सकते हैं।
जब आपको ऐसे ईमेल प्राप्त हों जिनमें कम ब्याज दर पर लोन प्रदान करने जैसे किसी ऑफ़र के बदले व्यक्तिगत जानकारी मांगी गई हो, तो सावधान रहें। अगर ये आपको किसी थर्ड- पार्टी प्लेटफ़ॉर्म/ वेबसाइट पर रीडायरेक्ट करते हैं, तो चेक कर लें कि यह सुरक्षित हो।
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