सिक्योर्ड लोन के तहत आवेदक को अपनी अचल या चल संपत्ति को गिरवी रखना होता है। यह सबसे आसान लोन में से एक है। सिक्योर्ड लोन के तहत आवेदकों को कम ब्याज दर और आसान भुगतान अवधि के लिए लोन मिल जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आवेदक ने अपनी प्रॉपर्टी को सिक्योरिटी के रूप में बैंक के पास जमा किया होता है, तो बैंक को लोन देने में जोखिम कम होता है। अगर आप समय पर लोन का भुगतान नहीं कर पाते हैं तो आपकी प्रॉपर्टी पर बैंक/ फाइनेंशियल संस्थान का मालिकाना हक हो जाता है।
कई तरह के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए लोन लिया जा सकता है, जैसे- नई कार और घर खरीदना या नया बिज़नेस शुरू करना आदि।
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सिक्योर्ड लोन का उद्देश्य
इससे आवेदक बेहतर शर्तों पर ज़रूरी लोन राशि प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि सिक्योर्ड लोन के तहत आवेदक ने लोन प्राप्त करने के लिए प्रॉपर्टी को गिरवी रखा है, इसलिए वे आराम से अनसिक्योर्ड लोन की तुलना में कम ब्याज दरें और कम समय में लोन प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, आवेदक अपने कोलैटरल की कीमत के आधार पर भी अधिक लोन राशि प्राप्त कर सकता है।
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सिक्योर्ड लोन के प्रकार
- लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी या मॉर्गेज लोन
- कार लोन
- होम लोन
- बिज़नेस लोन
सिक्योर्ड लोन की विशेषताएं
हर सिक्योर्ड लोन की विशेषताएं अलग-अलग होती हैं। हालाँकि, कुछ सामान्य विशेषताएँ एक जैसी होती हैं:
- कोलैटरल के रूप में जमा एसेट: इस लोन के लिए अप्लाई करने के लिए आपको कोई प्रॉपर्टी या एसेट जमा कराना होता है जिसे कोलैटरल के रूप में जाना जाता है। आपको ऑफर की जाने वाली लोन राशि प्रॉपर्टी वैल्यू की 85% तक हो सकती है।
- कम ब्याज दरें: अनसिक्योर्ड लोन की तुलना में, सिक्योर्ड लोन की ब्याज दरें बहुत कम होती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब कभी आप ईएमआई के भुगतान में डिफॉल्ट करते हैं तो बैंकों को कम ज़ोखिम होता है।
- सभी के लिए उपलब्ध: यह लोन नौकरीपेशा लोगों के साथ-साथ गैर-नौकरीपेशा और प्रोपराइटरशिप और कॉर्पोरेट बिज़नेस द्वारा भी लिया जा सकता है।
- कस्टमाइज़ किया जा सकता है: आवेदक अपनी ज़रूरतों के अनुसार लोन को कस्टमाइज कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, लोन का भुगतान कई तरीकों से किया जा सकता है। इसके अलावा, आवेदक फिक्स्ड या फ्लोटिंग ब्याज दरों में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं। अधिकांश बैंक फिक्स्ड और फ्लोटिंग ब्याज दर, दोनों पर लोन ऑफर करते हैं। इसके साथ ही बैंक लोन अवधि का चुनाव भी अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं।
- गारंटर की ज़रूरत नहीं: इस लोन के लिए गारंटर प्रदान करने की जरूरत नहीं है।
- तुरंत प्रोसेसिंग: लोन एप्लीकेशन की प्रोसेसिंग और उसे मंज़ूरी भी जल्दी मिल जाती है।
- सिबिल स्कोर में सुधार: समय पर लोन का भुगतान करने से आपके सिबिल स्कोर में सुधार होता है।
- एसेट टेकओवर की संभावना: यदि आप अपने लोन का भुगतान नहीं कर पाते हैं तो आपकी प्रॉपर्टी पर बैंक/ फाइनेंशियल संस्थान का मालिकाना हक हो जाता है।
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सिक्योर्ड लोन के लिए योग्यता शर्तें
हर प्रकार के सिक्योर्ड लोन के लिए योग्यता शर्तें भी अलग-अलग होती हैं। हालाँकि, कुछ सामान्य योग्यता शर्तें भी हैं जिनके बारे में नीचे बताया गया है। उदाहरण के लिए:
- आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- आवेदक भारत का निवासी होना चाहिए।
- कोलैटरल के रूप में जमा कराई गई प्रॉपर्टी की कीमत लोन राशि के बराबर या उससे अधिक होनी चाहिए।
- बिजनेस लोन के मामले में, संबंधित बिजनेस कम से कम 3 साल से चल रहा हो।
- नौकरीपेशा और गैर-नौकरीपेशा दोनों तरह के आवेदक सिक्योर्ड लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं, लेकिन हर प्रकार के लोन के लिए ज़रूरी योग्यता शर्तों को पूरा करना होगा।
सिक्योर्ड लोन के लिए ज़रूरी दस्तावेज
विभिन्न प्रकार के सिक्योर्ड लोन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जमा कराने होते हैं:
मॉर्गेज लोन/ लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी
- आईडी प्रूफ (किसी एक दस्तावेज की कॉपी): वोटर कार्ड/आधार कार्ड/पासपोर्ट/पैन कार्ड
- आयु प्रमाण (किसी एक दस्तावेज की कॉपी): पासपोर्ट / ड्राइविंग लाइसेंस / आधार कार्ड
- निवास प्रमाण: यूटिलिटी बिल / रेंट एग्रीमेंट / पासपोर्ट
- आय प्रमाण: पिछले 3 महीनों की सैलरी स्लिप। बैंक आईटी रिटर्न या फॉर्म 16 भी जमा करने के लिए कहते हैं
- बैंक स्टेटमेंट: पिछले 6 महीनों का बैंक स्टेटमेंट
- प्रॉपर्टी के कागजात: प्रॉपर्टी के ऑरिजिनल डॉक्युमेंट जो कोलैटरल/ सिक्योरिटी के रूप में जमा किए जाते हैं
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- हस्ताक्षर प्रमाण
- भरा हुआ एप्लीकेशन फॉर्म
होम लोन
- आईडी प्रूफ (किसी एक दस्तावेज की कॉपी): ड्राइविंग लाइसेंस/आधार कार्ड/पासपोर्ट
- आयु प्रमाण (किसी एक दस्तावेज की कॉपी): पासपोर्ट / ड्राइविंग लाइसेंस / आधार कार्ड
- निवास प्रमाण (किसी एक दस्तावेज की कॉपी): यूटिलिटी बिल / पासपोर्ट / लीज एग्रीमेंट
- आय प्रमाण: आईटी रिटर्न / फॉर्म 16 के अलावा पिछले 3 महीनों की सैलरी स्लिप
- बैंक स्टेटमेंट: पिछले 6 महीनों का बैंक स्टेटमेंट
- प्रॉपर्टी के कागजात: प्रॉपर्टी के सभी ऑरिजिनल डॉक्युमेंट बैंक में जमा करने होंगे
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- हस्ताक्षर प्रमाण
- भरा हुआ एप्लीकेशन फॉर्म
कार लोन
- आईडी प्रूफ (किसी एक दस्तावेज की कॉपी): वोटर कार्ड/आधार कार्ड/पासपोर्ट/पैन कार्ड
- आयु प्रमाण (किसी एक दस्तावेज की कॉपी): ड्राइविंग लाइसेंस / पासपोर्ट / आधार कार्ड
- निवास प्रमाण: हाउस टैक्स रिसीट / बिजली बिल / पानी का बिल
- आय प्रमाण: पिछले 3 महीनों की सैलरी स्लिप / आईटी रिटर्न / फॉर्म 16
- बैंक स्टेटमेंट: पिछले 6 महीनों का बैंक स्टेटमेंट
- हस्ताक्षर प्रमाण
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- भरा हुआ एप्लीकेशन फॉर्म
बिज़नेस लोन
- आईडी प्रूफ (किसी एक दस्तावेज की कॉपी): पैन कार्ड/ड्राइविंग लाइसेंस/आधार कार्ड
- निवास प्रमाण (किसी एक दस्तावेज की कॉपी): टेलीफोन बिल / लीज एग्रीमेंट / बिजली बिल / पानी के बिल की कॉपी
- कंपनी प्रोफाइल: कंपनी के प्रोडक्ट और सर्विस के बारे में जानकारी
- फाइनेंशियल्स: पिछले 3 सालों की कंपनी की बैलेंस शीट और प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट।
- IT रिटर्न: कंपनी द्वारा पिछले 3 सालों का फाइल किया गया IT रिटर्न
- बैंक स्टेटमेंट: पिछले कुछ महीनों के बैंक स्टेटमेंट
- मैनेजमेंट: प्रमोटर की प्रोफाइल
- प्रॉपर्टी के कागजात: उस प्रॉपर्टी के ऑरिजिनल डॉक्युमेंट जो कोलैटरल/ सिक्योरिटी के रूप में जमा की गई है
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- भरा हुआ एप्लीकेशन फॉर्म
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सिक्योर्ड लोन के लिए ध्यान देने योग्य बातें
हालांकि सिक्योर्ड लोन के तहत बड़ी खरीददारी के लिए लोन राशि ली जा सकती है, लेकिन ऐसे कुछ कारक हैं जिन्हें इस तरह का लोन लेते समय ध्यान में रखना चाहिए।
- कोलैटरल: सिक्योर्ड लोन के तहत, लोन प्राप्त करने के लिए प्रॉपर्टी या एसेट को कोलैटरल/ सिक्योरिटी के रूप में जमा कराना पड़ता है। यदि आवेदक लोन का भुगतान नहीं कर पाता है, तो प्रॉपर्टी/ एसेट पर बैंक/ फाइनेंशियल संस्थान का मालिकाना हक हो जाएगा।
- अधिक दस्तावेज जमा कराने पड़ सकते हैं: अनसिक्योर्ड लोन की तुलना में इस लोन के लिए अप्लाई करने के लिए अधिक दस्तावेज जमा कराने होते हैं।
- कोलैटरल के आधार पर लोन: लोन राशि उस प्रॉपर्टी या एसेट की कीमत तक ऑफर की जा सकती है जिसे कोलैटरल के रूप में जमा किया जाता है। इससे आवेदक सिर्फ प्रॉपर्टी की कीमत के बराबर ही लोन राशि उधार ले सकता है, उससे ज्यादा नहीं।
- प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक: आवेदक का उस प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक होना चाहिए जिसे सिक्योरिटी के रूप में जमा किया गया है।
- फ्लोटिंग ब्याज दर: फ्लोटिंग ब्याज दर पर भुगतान की गई ईएमआई राशि कम-ज्यादा होती रहती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि फ्लोटिंग ब्याज दर, मार्केट में होने वाले बदलाव और आरबीआई की नीतियों के मुताबिक बदलती रहती है। इससे लोन आवेदकों के लिए मुश्किल हो सकती है क्योंकि उनकी ईएमआई की राशि घटती-बढ़ती रहती है। इससे आवेदक का खर्च और बजट भी इधर-उधर हो सकता है ।
- बैंक/ फाइनेंशियल संस्थान को अधिक फायदा: सिक्योर्ड लोन के तहत, बैंक/ फाइनेंशियल संस्थान को हमेशा फायदा होता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आवेदक लोन का भुगतान कर पाएगा या नहीं, क्योंकि बैंक/ फाइनेंशियल संस्थान अपने नुकसान की भरपाई कर लेगा।
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संबंधित प्रश्न (FAQs)
प्रश्न. मुझे सिक्योर्ड लोन क्यों लेना चाहिए?
उत्तर: सिक्योर्ड लोन के तहत ऑफर की जाने वाली राशि प्रॉपर्टी की कीमत जितनी हो सकती है। तो इससे उधारकर्ताओं को कम ब्याज दर पर अधिक लोन राशि मिल सकती है। इसके अलावा, जिन आवेदकों की क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी नहीं है, उन्हें भी आसानी से लोन मिल सकता है।
प्रश्न. अगर आवेदक लोन का भुगतान नहीं कर पाता है तो गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी का क्या होगा?
उत्तर: यदि आवेदक समय पर लोन का भुगतान नहीं कर पाता है, तो गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी पर बैंक/ फाइनेंशियल संस्थान का मालिकाना हक हो जाता है। वे अपने नुकसान की भरपाई के लिए गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी को बेच सकते हैं या किराए पर उठा सकते हैं।
प्रश्न. क्या समय पर ईएमआई का भुगतान न करने पर जुर्माना भरना पड़ेगा?
उत्तर: हां, बैंक/ फाइनेंशियल संस्थान देर से ईएमआई का भुगतान करने पर जुर्माना लगाते हैं। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि आवेदक समय पर अपने लोन का भुगतान करें।
प्रश्न. क्या लोन की प्रीपेमेंट करने पर कोई फीस वसूली जाती है?
उत्तर: लोन की प्रीपेमेंट करने की बैंकों की कुछ शर्तें होती हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप छह महीने की अवधि के भीतर प्रीपेमेंट करते हैं तो आपको प्रीपेमेंट फीस का भुगतान करना होगा। लेकिन, अगर लोन लेने की तारीख से छह महीने के बाद प्रीपमेंट किया जाता है तो आपसे कोई फीस नहीं वसूली जाएगी। बता दें कि अधिकांश होम लोन पर आपको कोई प्रीपेमेंट फीस नहीं देनी होती है। इन फीस के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको अपने बैंक/ फाइनेंशियल संस्थान से संपर्क करना चाहिए।
प्रश्न. सिक्योर्ड लोन के तहत अधिकतम कितनी राशि उधार ली जा सकती है?
उत्तर: सिक्योर्ड लोन के तहत ऑफर की जाने वाली लोन राशि उस प्रॉपर्टी की कीमत पर निर्भर करती है जिसे गिरवी रखा गया है। लोन राशि गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी की कीमत के बराबर या उससे कम हो सकती है। हालाँकि, यह इससे अधिक नहीं हो सकती है। ज्यादातर मामलों में लोन राशि, एसेट या प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू की 85% से अधिक नहीं होती है।
प्रश्न. सिक्योर्ड लोन का उपयोग किन ज़रूरतों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है?
उत्तर: उधारकर्ता कई प्रकार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सिक्योर्ड लोन का उपयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, जिन लोगों को घर की ज़रूरत है, वे होम लोन ले सकते हैं, जबकि जिन लोगों को बिज़नेस या अन्य व्यक्तिगत ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अधिक लोन राशि की ज़रूरत है, वे लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी के लिए अप्लाई कर सकते हैं। ज्यादातर मामलों में, सिक्योर्ड लोन का उपयोग उसके प्रकार के मुताबिक ही किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, आप कार खरीदने के अलावा किसी और काम के लिए कार लोन का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
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