रिटेंशन बोनस क्या है
जब किसी कंपनी/ संस्थान में कोई बड़ा बदलाव होता है, तो सीनियर एग्जीक्युटिव या प्रमुख कर्मचारियों को आर्थिक मुआवजा प्रदान किया जाता है जिससे कि वे कंपनी में टिके रहें। इस फाइनेंशियल इंसेंटिव को रिटेंशन बोनस के रूप में जाना जाता है।
उदाहरण के लिए, जब किसी कंपनी का मर्जर, रीस्ट्रक्चर या पुनर्गठन होता है तो वह चाहती है कि इसके बेस्ट कर्मचारी कंपनी छोड़कर न जायें जिससे कि कंपनी/ संगठन में पर्याप्त लोग काम करते रहें। उदाहरण के लिए, कोई बिज़नेस अगर किसी डिपार्टमेंट या प्रोजेक्ट को बंद कर रहा है, तो यह अपने बेस्ट कर्मचारियों को रिटेंशन बोनस प्रदान करेगा जिससे कंपनी/ संस्थान में प्रोजेक्ट के खत्म होने तक पर्याप्त कर्मचारी रहें।
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रिटेंशन बोनस कैसे काम करता है
रिटेंशन बोनस का सीधे आपके काम से कोई लेना-देना नहीं है। रिटेंशन बोनस पैकेज के तहत प्रदान की जाने वाली राशि अलग-अलग होती है। यह आम तौर पर कर्मचारी की सैलरी, वह क्या काम करता है और कंपनी में कितने समय से है, पर निर्भर करती है।
रिटेंशन बोनस की राशि कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे कि रिटेंशन बोनस किस वजह से दिया जा रहा है, प्रतिस्पर्धी कंपनी/ संगठन उसे कितनी सैलरी ऑफर कर रही है और कंपनी के आर्थिक हालात कैसे हैं। औसत रिटेंशन बोनस कर्मचारी की बेसिक सैलरी के 10-15% के बीच होता है, लेकिन कभी- कभी यह राशि 25% तक भी हो सकती है।
रिटेंशन बोनस देने से पहले, कंपनी/ नियोक्ता को ये सोचना चाहिए कि वे बोनस किस वजह से प्रदान कर रहे हैं। अगर कंपनी/ नियोक्ता अपने कर्मचारी को अपनी प्रतियोगी कंपनी के यहां काम करने जाने से रोकना चाहता है, तो प्रतियोगी कंपनी/ नियोक्ता द्वारा प्रदान की जाने वाली सैलरी भी रिटेंशन बोनस की राशि में जोड़ी जाएगी। यदि कोई कंपनी चाहती है कि किसी प्रोजेक्ट के खत्म होने तक कर्मचारी कंपनी में ही रहे, तो उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कर्मचारी कितने अतिरिक्त समय तक काम करेगा और साथ ही प्रोजेक्ट की ओवरऑल वैल्यू को भी ध्यान में रखें।
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रिटेंशन बोनस के लाभ
अगर कंपनियां अपने प्रतिभाशाली कर्मचारियों को अपनी कंपनी में ही रखना चाहती हैं तो रिटेंशन बोनस उपयोगी टूल हो सकते हैं। रिटेंशन बोनस प्रदान करने के कई लाभ हैं:
1. प्रोडक्टिविटी में सुधार होता है
हालांकि रिटेंशन बोनस का सीधे आपके काम से कोई लेना- देना नहीं है, लेकिन बोनस की वजह से कर्मचारी कड़ी मेहनत कर अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ा सकते हैं।
2. कंपनी लॉयल्टी
यदि कोई कर्मचारी रिटेंशन बोनस को मंज़ूर करता है और कंपनी के साथ बने रहने के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करता है, तो इस बात की संभावना कम है कि वह कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने से पहले कंपनी छोड़ेगा।
3. बेहतर मनोबल
अगर कंपनी अपने कर्मचारियों को रिटेंशन बोनस ऑफर करती है तो इससे कर्मचारियों को लगता है कि उनके काम की सराहना की जा रही है और वे कंपनी के लिए मायने रखते हैं। मनोबल बढ़ने से ओवरऑल लॉन्ग- टर्म रिटेंशन में भी सुधार हो सकता है।
4. निवेशकों जैसे आउटसाइडर की नज़र में कंपनी की विश्वसनीयता
अगर कठिन समय के दौरान कर्मचारियों या टॉप-लेवल एग्जीक्युटिव को कंपनी में रहने के लिए राजी कर लिया जाता है तो इससे निवेशक जैसे बाहरी स्टेकहोल्डर कंपनी को वैल्युएबल मानते हैं। होता यह है कि कंपनी ट्रांजिशन यानी कंपनी में आए किसी तरह के बदलाव के वक्त कई निवेशक अपनी हिस्सेदारी खत्म कर लेते हैं या नए निवेशक निवेश नहीं करना चाहते क्योंकि उन्हें लगता है कि कंपनी घाटे में जा सकती है। लेकिन अगर कंपनी में ऐसे कर्मचारी हैं जो वहां लंबे समय से काम कर रहे हैं और अपने काम में एक्सपर्ट हैं तो हो सकता है कि निवेशक ऐसा न करें।
5. उन कर्मचारियों की टीम जिन पर विश्वास किया जा सके
जब भी कंपनी का किसी दूसरी कंपनी में मर्जर होता है या फिर कर्मचारियों की मांग अधिक होती है तो इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान कंपनी अगर अपने कर्मचारियों को रिटेंशन बोनस प्रदान करती है तो इससे ऐसे कर्मचारियों की टीम बनती है जिन पर विश्वास किया जा सके। इससे कंपनी का ओवरऑल प्रॉफिट बढ़ सकता है क्योंकि कंपनी को पता है कि काम करने वाले लोग मौज़ूद हैं।
6. वन-टाइम पेमेंट
रिटेंशन बोनस वन- टाइम पेमेंट होता है यानि कि इसका भुगतान एक ही बार किया जाता है। यह बोनस कर्मचारियों को इसलिए प्रदान किया जाता है जिससे वो कंपनी के साथ काम करते रहें। इसके अलावा यह कर्मचारियों को बिज़नेस/ कंपनी के प्रति उनके कमिटमेंट के लिए उन्हें रिवॉर्ड प्रदान करने का एक शानदार तरीका हो सकता है, लेकिन इससे उनकी ओवरऑल सैलरी में कोई बढ़ोतरी नहीं होती है।
7. उच्च प्रशिक्षित कर्मचारियों को बनाए रखना
रिटेंशन बोनस का उपयोग उन कर्मचारियों को कंपनी में काम जारी रखने के लिए किया जा सकता है जिन्होंने हाल ही में अपनी ट्रेनिंग पूरी की है।
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कैसे फैसला करें कि आपको रिटेंशन बोनस मंज़ूर करना चाहिए
जिस कंपनी के लिए आप काम करते हैं, अगर उसने आपको रिटेंशन बोनस ऑफर किया है, तो इसका मतलब है कि आप कंपनी के लिए मायने रखते हैं और मैनेजमेंट ने आपकी कड़ी मेहनत को नोटिस किया है। कंपनी में आपका योगदान महत्वपूर्ण है, और अगर आप कंपनी छोड़कर चली जाती हैं तो इससे कंपनी का नुकसान हो सकता है।
रिटेंशन एग्रीमेंट पर साइन करें या इस पर बातचीत शुरू करें या नहीं, इसके लिए नीचे दिए गए कारकों पर ध्यान दें।
बोनस प्रदान करने की वजह
कंपनियां अलग-अलग कारणों से बोनस देती हैं। कंपनी ट्रांजिशन के समय अपने प्रतिभाशाली कर्मचारियों को रोकने के लिए या उन्हें किसी प्रतिस्पर्धी कंपनी/संगठन को जॉइन करने से रोकने के लिए भी रिटेंशन बोनस प्रदान कर सकती है। इसलिए जब भी आपको इस प्रकार का कोई बोनस ऑफर किया जाये तो सभी पहलुओं पर विचार करें।
कंपनी के बारे में आपकी राय और आपका अनुभव
इस बात पर भी ध्यान दें कि क्या आपके अपने मूल्य और प्राथमिकताएं अभी भी उस कंपनी से मेल खाती हैं जिसके साथ आप काम करते हैं। कंपनी/ संगठन के साथ अपने अब तक के अनुभव पर विचार करें। जॉब सैटिस्फैक्शन के लिए ज़रूरी है कि कंपनी कल्चर पॉजिटिव हो।
आपकी इंडस्ट्री में अन्य विकल्प
आप जिस इंडस्ट्री में हैं, उसके अनुसार अपनी योग्यता, कौशल और अपनी जॉब प्रोफाइल की अन्य कंपनियों के द्वारा ऑफर की जाने वाली जॉब प्रोफाइल से तुलना करेंI पता लगायें कि जॉब मार्केट का स्टेटस क्या है और आपको अपनी मौज़ूदा पोजीशन की तुलना में किस प्रकार की सैलरी और जिम्मेदारियां प्राप्त होंगी। इससे आपको यह निर्धारित करने में आसानी होगी कि आपको दिया जाने वाला रिटेंशन बोनस आपके लिए सही है या नहीं।
आपकी टैक्स की ज़िम्मेदारी
रिटेंशन बोनस पर टैक्स लागू होता है। जैसा कि ये बोनस आपकी सैलरी के अतिरिक्त प्रदान किए जाते हैं तो इस पर आपकी वार्षिक सैलरी से अलग टैक्स लागू हो सकता है। आपको रिटेंशन बोनस को मंज़ूर करना चाहिए या नहीं, यह फैसला करते समय टैक्स की दर पर विचार करें। टैक्स प्रोफेशनल एग्रीगेट टैक्स या परसेंटेज टैक्स के संबंध में आपके सवालों का जवाब दे सकता है।
आपके करियर पर प्रभाव
रिटेंशन एग्रीमेंट से पता चलेगा कि आप कंपनी में और कितने समय तक काम करेंगे। इस बारे में सोचें कि कंपनी में टिके रहने के फैसले का आपके करियर और आगे बढ़ने की क्षमता पर कैसे प्रभाव पड़ेगा। यदि करियर में आगे बढ़ना आपके लिए ज़रूरी है तो पता लगायें कि क्या आपकी मौज़ूदा कंपनी में ऐसा करने के अवसर हैं और एक रोल में बदलाव से आपका एग्रीमेंट कैसे प्रभावित होगा।
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रिटेंशन बोनस की राशि नेगोशिएट करने के लिए सुझाव
रिटेंशन बोनस आपके लिए काम करेगा या नहीं, ये तय करते समय आप कंपनी से बोनस की अधिक राशि मांग सकते हैं या फिर वो समय अवधि कम करने के लिए कह सकते हैं जितना आप कंपनी में रुकेंगे।
- रिव्यू के लिए कॉन्ट्रैक्ट की कॉपी लेने के लिए रिक्वेस्ट करें
- अंतिम निर्णय करने से पहले अच्छे से सोच लें
- मीटिंग के लिए रिक्वेस्ट करें
- समय अवधि को एडजस्ट करने के लिए कहें
- या फिर बोनस की राशि बढ़ाने के लिए कहें
- धैर्य रखें
- देखें कि आपका ऑफ़र अन्य सैलरी पैकेजों की तुलना में कैसा है।
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संबंधित प्रश्न (FAQs)
प्रश्न. क्या रिटेंशन बोनस को इनकम माना जाता है?
उत्तर: एक कर्मचारी के रूप में, रिटेंशन बोनस मंज़ूर करने पर आपको इस पर टैक्स का भुगतान भी करना पड़ता है। रिटेंशन बोनस सप्लीमेंटल होता है। सप्लीमेंटल वेतन कर्मचारी को उसकी रेगुलर सैलरी के अतिरिक्त दिया जाने वाला मुआवजा होता है। जैसा कि रिटेंशन बोनस कर्मचारी की रेगुलर सैलरी का हिस्सा न होकर अलग इनकम और कुल ग्रॉस सैलरी का हिस्सा होता है इसलिए इस पर टैक्स लागू होता है।
प्रश्न. रिटेंशन बोनस कैसे काम करता है?
उत्तर: रिटेंशन बोनस आमतौर पर किसी कर्मचारी की परफॉर्मेंस के आधार पर निर्धारित नहीं किया जाता है। बल्कि, रिटेंशन पैकेज किसी कर्मचारी को इसलिए प्रदान किया जाता है जिससे वह कंपनी में एक निश्चित समय के लिए काम करते रहें ।
प्रश्न. रिटेंशन ऑफर क्या है?
उत्तर: रिटेंशन बोनस कंपनी/ नियोक्ताओं द्वारा कर्मचारियों को कंपनी में काम करते रहने को प्रोत्साहित करने के लिए दिया जाता है। वहीं रिटेंशन ऑफर को क्रेडिट कार्ड कंपनियां तब जारी करती हैं जब ग्राहक अपना अकाउंट बंद करना चाहते हैं। यह ऑफ़र इसलिए प्रदान किया जाता है जिससे आप अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना जारी रखें और इसके लिए पॉइंट या मील, वार्षिक फीस में छूट, स्टेटमेंट क्रेडिट जैसे रिवॉर्ड, या अलग तरह के इंसेंटिव ऑफर किए जाते हैं।
प्रश्न. क्या आपको रिटेंशन बोनस मंज़ूर करना चाहिए?
उत्तर: यदि आपको मर्जर, अधिग्रहण, या ट्रांजिशन के दौरान कंपनी में काम जारी रखने के लिए रिटेंशन बोनस का ऑफर प्राप्त होता है, तो यह पूरी तरीके से आप पर निर्भर करता है कि आप इसे मंज़ूर करें या नहीं। यदि आपको कंपनी के साथ काम करना ही है, तो शायद आपको रिटेंशन बोनस मंज़ूर कर लेना चाहिए। हालांकि, इस दौरान अपने कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों को ध्यान में रखें। यदि आप कंपनी छोड़ना ही चाह रहे हैं, तो सारे पहलुओं का अच्छे से विचार करने के बाद ही फैसला करें।