बोनस भुगतान अधिनियम
बोनस भुगतान अधिनियम 1965, कारखानों और प्रतिष्ठानों में लागू होता है जहां 20 या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैंI कई राज्यों में 10 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों व कारखानों में भी इस अधिनियम का पालन किया जाता है। वर्ष में कम से कम 30 कार्य दिवसों की सेवा प्रदान वाले कर्मचारी एक स्टेट्यूटरी बोनस के हकदार होते हैं। नीचे इस अधिनियम के बारे में विस्तार से बताया गया है।
1965 के बोनस अधिनियम की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं :-
- अधिनियम के अनुसार न्यूनतम बोनस 8.33 %, जो अधिकतम मजदूरी का 20% होता है I
- स्टेट्यूटरी बोनस वित्तीय वर्ष के समाप्त होने के आठ महीने के भीतर देना होता है I
- यह उन सभी कर्मचारियों को दिया जाता है, जिनका मासिक वेतन 21,000 रुपये से अधिक नहीं है I
- यदि कर्मचारी का वेतन 7,000 रुपये के बराबर या उससे अधिक है, या फिर सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी है, तो ऐसी परिस्थिति में बोनस का भुगतान कर्मचारी के वेतन के अनुसार किया जाता है I
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भारत में बोनस के नियम
1965 के बोनस अधिनियम के लागू होने के बाद से इसमें समय – समय पर कई संशोधन किए गए हैं। अधिनियम में किए जाने वाले मुख्य परिवर्तन इस प्रकार हैं :-
- पहले 10,000 रु. प्रति महीने कमाने वाले कर्मचारी को ये बोनस दिया जाता था, लेकिन अब 21,000 प्रति महीने कमाने वाले कर्मचारी भी इसका फायदा उठा सकते हैं।
- पहले स्टेट्यूटरी बोनस की गणना के लिए, प्रति माह 3,500 रुपये की वेतन सीमा लागू की गई थी, ताकि गणना करने के समय एक योग्य कर्मचारी का वेतन 3500 रुपये प्रति माह से अधिक हो। इस सीमा को बढ़ाकर 7,000 रुपये प्रति माह या न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के तहत कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन, इनमें से जो भी अधिक हो, तक बढ़ा दिया गया।
स्टेट्यूटरी बोनस एक्ट कहाँ लागू होता है ?
बोनस भुगतान अधिनियम, 1965 के तहत स्टेट्यूटरी बोनस हर उस फैक्ट्री और प्रतिष्ठान पर लागू होता है, जहाँ 20 या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं। अगर प्रतिष्ठान इस अधिनियम के अंतर्गत आता है, तो उसे बोनस का भुगतान करना होगा, भले ही बाद में कर्मचारियों की संख्या 20 से कम हो जाए।
स्टेट्यूटरी बोनस प्राप्त करने के लिए कर्मचारी की योग्यता
स्टेट्यूटरी बोनस प्राप्त करने के लिए कर्मचारियों का योग्यता मानदंड इस प्रकार है:-
- कर्मचारियों की मासिक आय 21,000 रु. तक होनी चाहिए I
- वे कर्मचारी, जिन्होंने उस वित्तीय वर्ष में कम से कम 30 दिनों की अवधि के लिए किसी प्रतिष्ठान में काम किया है, वे ही स्टेट्यूटरी बोनस प्राप्त करने के लिए योग्य होंगेI
- अगर किसी कर्मचारी को किसी भी वित्तीय वर्ष में भी किसी प्रतिष्ठान में काम करने से मना कर दिया जाता है या उसे निकाल दिया गया है या सवैतनिक छुट्टी पर भेज दिया जाता है, या फिर वह स्वयं अपने रोजगार के दौरान होने वाली किसी दुर्घटना के कारण अस्थायी विकलांगता के कारण अनुपस्थित रहा है, तो उसे वैधानिक बोनस मिलेगाI मातृत्व अवकाश का लाभ उठा रही महिला कर्मचारी भी वैधानिक बोनस के लिए योग्य हैं।
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स्टेट्यूटरी बोनस की देय राशि से कटौती
यदि किसी वित्तीय वर्ष के दौरान किसी कर्मचारी को कदाचार का दोषी पाया जाता है और जिसके कारण एम्प्लायर व नियोक्ता को वित्तीय हानि का सामना करना पड़ा है, तो ऐसे मामले में नियोक्ता केवल उस वर्ष विशेष के संदर्भ में कर्मचारी को देय बोनस की राशि में से अपने हुए नुकसान की राशि की कटौती कर सकता है I यदि ऐसी कटौती के बाद भी कोई शेष राशि बचती है , तो वह वैधानिक बोनस के रूप में कर्मचारी के अकाउंट में भेज दी जाती है I
साथ ही, अगर कर्मचारी धोखाधड़ी, कदाचार या अन्य ऐसे किसी मामले में दोषी पाया जाता है, तो उसे बर्खास्त किया जा सकता है I
स्टार्ट अप या नए प्रतिष्ठानों से सम्बंधित विशेष प्रावधान
बोनस अधिनियम के अंतर्गत स्टार्ट अप और नए प्रतिष्ठानों के लिए विशेष प्रावधान बनाए गए हैं I पहले पांच वर्षों के लिए उन्हें बोनस के भुगतान से राहत दी गई है। वित्तीय वर्ष, के बाद के पहले पांच वर्षों में, जिसमें नए प्रतिष्ठान व स्टार्टअप का संचालन शुरू होता है, नियोक्ता केवल उन वर्षों में वैधानिक बोनस का भुगतान कर सकते हैं, जिसमें नियोक्ता को लाभ प्राप्त हुआ हो।
न्यूनतम और अधिकतम बोनस
न्यूनतम बोनस :- अधिनियम के अनुसार एक वित्तीय वर्ष में कर्मचारी द्वारा अर्जित वेतन या मजदूरी का 8.33 प्रतिशत या 100 रुपये, जो भी अधिक हो, का न्यूनतम बोनस किसी कर्मचारी को दिया जाना चाहिए।
अधिकतम बोनस :- बोनस अधिनियम के अनुसार, अधिकतम बोनस का भुगतान एक वित्तीय वर्ष के दौरान कर्मचारी द्वारा अर्जित वेतन या उसकी मजदूरी का 20 प्रतिशत, जो भी अधिकतम हो, के अनुसार किया जाता है I
स्टेट्यूटरी बोनस का कैलकुलेशन
स्टेट्यूटरी बोनस को मुख्यतः दो प्रकार से कैलकुलेट किया जाता है :-
बोनस | |
यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन + महंगाई भत्ता 21,000 रुपये से कम है, तो उसे बोनस दिया जाता है I | यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन + महंगाई भत्ता 21,000 रुपये से अधिक है, तो उसे बोनस नहीं मिलता है I |
उदाहरण के तौर पर,
- यदि वेतन 7000 रूपये के बराबर या उससे कम है, तो बोनस का कैलकुलेशन फार्मूले का उपयोग करके वास्तविक राशि पर किया जाता है I बोनस = वेतन x 8.33/100.
- यदि वेतन 7,000 रूपये से अधिक है, तो बोनस का कैलकुलेशन 7,000 रूपये पर फ़ॉर्मूला का उपयोग करके किया जाता है I बोनस = 7,000 x 8.33/100.
उदाहरण के लिए, एक A कर्मचारी की सैलरी 5,000/- रु. है तो बोनस 5,000 x 8.33/100= 416.5 प्रति माह होगा (4,998 हर साल)
और, यदि B कर्मचारी का वेतन 12,000 रुपये है, तो बोनस = 7,000 x 8.33/100 = 583 प्रति माह या 6997 रुपये प्रति वर्ष होगा।
*यहाँ वेतन का अर्थ है, मूल वेतन + महंगाई भत्ता I
बोनस के भुगतान के लिए भुगतान विधि और समय सीमा
अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत बोनस के तौर पर कर्मचारी को दी जाने वाली सभी राशियों का भुगतान कैश में किया जाना चाहिए।
स्टेट्यूटरी बोनस का भुगतान वित्तीय वर्ष के समाप्त होने पर सभी वार्षिक अकाउंट को बंद करने के आठ महीने के भीतर कर दिया जाना चाहिए I उदाहरण के लिए, 31 मार्च 2023 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए, 30 नवंबर 2023 से पहले ही बोनस का भुगतान किया जाएगा।
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स्टेट्यूटरी बोनस का भुगतान किस प्रकार किया जाता है?
कर्मचारियों को स्टेट्यूटरी बोनस का भुगतान मुख्यतः चार प्रकार से किया जाता है :-
सैलरी के ज़रिए एडवांस पेमेंट | एडहॉक हेड के रूप में एडवांस पेमेंट | बल्क या थोक में एडवांस पेमेंट | बल्क या थोक में बकाया भुगतान |
सैलरी के ज़रिए एडवांस स्टेट्यूरी पेमेंट के लिए नियोक्ता को वेतन संरचना में इसे प्रमुख इकाई के रूप में शामिल करना पड़ता है । एक बार जब यह वेतन संरचना में शामिल हो जाता है, तो पेरोल के माध्यम से स्वचालित रूप से बोनस का एडवांस पेमेंट कर दिया जाता है I | यदि नियोक्ता ने कर्मचारी के वेतन में स्टेट्यूरी बोनस को शामिल नहीं किया है तो वे एडहॉक पेमेंट के ज़रिए इसका भुगतान कर सकते हैं। | अगर नियोक्ता कर्मचारी को एडवांस पेमेंट करना चाहता है, लेकिन उसकी सैलरी के परसेंटेज के आधार पर तो वह बल्क एडवांस पेमेंट कर सकता है। | बल्क में बकाया भुगतान कर्मचारी के मार्च पेरोल के कंफर्म होने के बाद और एक कर्मचारी को सिर्फ एक बार किया जा सकता है। |
बोनस भुगतान अधिनियम किन पर लागू नहीं होता है?
बोनस भुगतान अधिनियम, 1965 नीचे दिए गए कर्मचारियों की श्रेणी पर लागू नहीं होता है:-
- जीवन बीमा कंपनी के कर्मचारी I
- व्यापारी शिपिंग अधिनियम, 1958 के सेक्शन 42 के तहत आने वाले नाविक I
- कर्मचारी, जो श्रमिक अधिनियम, 1948 के अंतर्गत रजिस्टर्ड हैं, या रजिस्टर्ड नियोक्ताओं के द्वारा नियोजित हैं I
- केंद्र या राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित किसी भी उद्योग के कर्मचारी I
- भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी या शिक्षा संस्थानों, संस्थानों के कर्मचारी वैधानिक लाभ के लिए योग्य नहीं हैं।
- भवन संचालन पर ठेकेदार द्वारा नियोजित कर्मचारी I
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के कर्मचारी I
- राज्य वित्तीय निगम अधिनियम (SFC) 1951 की धारा 3 या धारा 3 A के तहत किसी भी वित्तीय निगम के कर्मचारी I
- IFCI, जमा बीमा निगम, कृषि पुनर्वित्त निगम के कर्मचारी I
- कोई भी वित्तीय संस्थान, जो सार्वजनिक क्षेत्र में एक प्रतिष्ठान है तथा जिसे केंद्र सरकार अधिसूचित करती है I
- अंतर्देशीय जल परिवहन प्रतिष्ठान के कर्मचारी I
बोनस और स्टेट्यूटरी बोनस में अंतर
बोनस | स्टेट्यूटरी बोनस |
लोगों को उनके प्रदर्शन या उत्पादकता के आधार पर इंसेंटिव के रूप में या त्योहारों पर दिए जाने वाले किसी भी प्रोत्साहन को बोनस कहा जाता है। | किसी बोनस को विशेष रूप से स्टेट्यूटरी बोनस तब कहा जाता है, जब यह 1965 के बोनस अधिनियम के अनुसार अनिवार्य रूप से योग्य कर्मचारियों को दिया जाता है। |
सम्बंधित प्रश्न (FAQs )
प्रश्न 1. स्टेट्यूटरी बोनस के लिए कौन योग्य है?
उत्तर: 21000 रु. तक की वेतन सीमा तक कमाई करने वाले सभी कर्मचारी, जिन्होंने वित्तीय वर्ष में कम से कम 30 कार्य दिवसों के लिए प्रतिष्ठान में काम किया है, वे इस बोनस को प्राप्त करने के लिए योग्य हैं।
प्रश्न 2.स्टेट्यूटरी बोनस CTC में कितना होता है ?
उत्तर: भारत में सांविधिक बोनस का भुगतान बोनस भुगतान अधिनियम, 1965 के अनुसार किया जाता है। बोनस की दर 8.33 प्रतिशत और 20 प्रतिशत के बीच की होती है, जो अधिनियम के अनुसार ‘उपलब्ध सरप्लस’ के आधार पर की जाती है I कुछ कंपनियां इसका भुगतान अग्रिम रूप में भी करती हैं I
प्रश्न 3. बोनस प्राप्त करने के लिए आपको कब अयोग्य ठहराया जा सकता है?
उत्तर: अगर कोई कर्मचारी लगातार अनुपस्थित है या फिर किसी प्रकार की धोखाधड़ी या कदाचार में दोषी पाया जाता है, तो उसे बोनस भुगतान के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है I
प्रश्न 3. वेतन में एडवांस स्टेट्यूटरी बोनस क्या होता है ?
उत्तर: एडवांस स्टेट्यूटरी बोनस एक प्रकार का बोनस है, जो कर्मचारी को अग्रिम रूप से भुगतान किया जाता है। स्टेट्यूटरी बोनस का भुगतान बोनस भुगतान अधिनियम 1965 के अनुसार किया जाता है। सैलरी पर न्यूनतम 8.33% और अधिकतम 20% ब्याज का भुगतान किया जाता है।
प्रश्न 4. बोनस के भुगतान के लिए समय सीमा क्या है?
उत्तर: बोनस के भुगतान अधिनियम के अनुसार कर्मचारी को बोनस का भुगतान कैश में करना होगा। यह भी उल्लेख किया गया है कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति से आठ महीने के भीतर कर्मचारियों को बोनस का भुगतान कर दिया जाना चाहिएI