EPF ब्याज दर
EPF पर लागू ब्याज दर की सालाना समीक्षा की जाती है। फाइनेंशियल वर्ष, 2023-24 के लिए EPF ब्याज दर 8.25% है। EPFO एक वित्तीय वर्ष के लिए ब्याज दर निर्धारित करता है और हर महीने EPF अकाउंट में मौजूदा बैलेंस पर ये ब्याज लगाया जाता है, लेकिन अकाउंट में ब्याज वर्ष के अंत में ट्रान्सफर होता है।
जिस वर्ष नई ब्याज दरों की घोषणा की जाती है वह अगले फाइनेंशियल वर्ष के लिए वैलिड रहती हैं अर्थात् 1 अप्रैल से 31 मार्च तक। EPF ब्याज दर के बारे में जानने के लिए यहां कुछ महत्वपूर्ण तथ्य दिए गए हैं:
- ब्याज दर 8.15% है और यह केवल अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के दौरान किए गए EPF डिपॉज़िट पर लागू होगी
- हालांकि ब्याज कैलकुलेशन हर महीने की जाती है, लेकिन इसके बावजूद ब्याज को EPF खाते में हर महीने ट्रांसफर न कर मौज़ूदा फाइनेंशियल वर्ष के मार्च महीने की 31 तारीख को ही ट्रान्सफर किया जाता है
- ट्रान्सफर की गई ब्याज को अगले महीने यानी अप्रैल की शेष राशि के साथ मिला लिया जाता है और फिर कुल राशि पर ब्याज की कैलकुलेट किया जाता है
- यदि लगातार छत्तीस महीनों तक EPF अकाउंट में योगदान न किया जाये, तो अकाउंट निष्क्रिय हो जाता है
- वे कर्मचारी जिनकी उम्र रिटायर्मेंट की नहीं हुई है उनके निष्क्रिय अकाउंट पर भी ब्याज दिया जाता है
- रिटायर हुए कर्मचारियों के निष्क्रिय अकाउंट में जमा राशि पर ब्याज नहीं दिया जाता है
- निष्क्रिय अकाउंट पर कमाए गए ब्याज पर EPF खाताधारक की टैक्स स्लैब दर के अनुसार टैक्स लगेगा
- नियोक्ता/ कंपनी द्वारा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के लिए किए गए योगदान पर, कर्मचारी को कोई ब्याज नहीं मिलेगा। 58 वर्ष की आयु के बाद इस राशि से पेंशन का भुगतान किया जाता है।
यह भी पढ़ें: EPF पर कितना मिलेगा ब्याज और कैसे कैलकुलेट करें
EPF ब्याज दर कैलकुलेशन
मान लीजिए कि एक कर्मचारी ने अप्रैल 2023 से ईपीएफ में योगदान करना शुरू किया।
जिस महीने योगदान करना शुरू किया हो | अप्रैल 2023 |
ब्याज दर (प्रति वर्ष) | 8.25% |
मासिक ब्याज दर | 8.25/12 = 0.687% |
कर्मचारी का योगदान | ₹15,000 का 12% = ₹1,800 |
कम्पनी का योगदान | ₹1,800 (पेंशन में 8.33%, EPF में 3.67%) |
EPF खाते में कम्पनी का वास्तविक योगदान | ₹15,000 का 3.67% = ₹550 |
EPF खाते में कुल मासिक योगदान | ₹1800 + ₹550 = ₹2350 |
अगले महीने (मई) से EPF अकाउंट पर कैलकुलेशन निम्नलिखित तरीके से होगी:
- अप्रैल 2023 से बैलेंस = ₹2,350
- अप्रैल 2023 में अर्जित ब्याज = ₹16.14
- मई 2023 के अंत में बैलेंस = ₹2,350 + ₹ 2,350 = ₹4,700
नोट: हालांकि ब्याज अप्रैल 2023 में अर्जित किया गया है, इसे वित्तीय वर्ष के अंत में 31 मार्च 2024 को ही EPF अकाउंट में जमा किया जाता है।
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EPF योगदान: EPF अकाउंट के लिए आपकी कितनी सैलरी कटेगी?
EPF योगदान को ऐसे समझें:
इनके द्वारा योगदान | मासिक योगदान प्रतिशत (%) |
कर्मचारी | 12%/10% |
नियोक्ता/ कंपनी | 12% |
कुल | 24% |
EPF योगदान के बारे में मुख्य बिंदु:
- कम्पनी के 12% के योगदान में 3.67% EPF व 8.33% EPS शामिल होता है
- कर्मचारी द्वारा किया गया योगदान पूरी तरह से कर्मचारी के भविष्य निधि (प्रोविडेंट फंड) में जाता है
- 10% EPF शेयर उन संगठनों/ कंपनियों के लिए वैलिड है जहां 20 या 20 से कम कर्मचारी काम करते हैं या जिनका नुकसान (फाइनेंशियल वर्ष के अंत में) उनकी कुल संपत्ति के बराबर या ज़्यादा हुआ है या जिन्हें औद्योगिक और फाइनेंशियल रेज़ोल्यूशन बोर्ड द्वारा बीमार (Sick) घोषित किया गया है।
- नियोक्ता द्वारा किया गया कुल योगदान कर्मचारी पेंशन योजना के लिए 8.33% और कर्मचारी भविष्य निधि के लिए 3.67% के रूप में दिया किया जाता है।
- सभी योगदान ईपीएफ सदस्य पासबुक में अपडेट किए जाते हैं।
- कर्मचारी द्वारा किया गया योगदान पूरी तरह से कर्मचारी के भविष्य निधि में जाता है।
- उपरोक्त योगदान के अलावा, EDLI के लिए अतिरिक्त 5% का कम्पनी द्वारा भुगतान किया जाता है।
- EDLI के लिए1% और EPF के लिए 0.01% की दर से निर्धारित प्रशासनिक लागत को कम्पनी वहन करती है। इसका मतलब है कि कंपनी को इस योजना के लिए वेतन का कुल 13.61% योगदान करना होगा।
EPF में कर्मचारी का योगदान
कर्मचारी के लिए योगदान दर सामान्यतः 12% निर्धारित है। हालाँकि, निम्नलिखित संगठनों के लिए यह दर 10% है:
- जिस संगठन अथवा फर्म में कर्मचारियों की अधिकतम संख्या 19 हो
- जिन उद्योगों को BIFR द्वारा बीमार उद्योग घोषित किया गया हो
- जिन संगठनों का नुकसान (फाइनेंशियल वर्ष के अंत में) उनकी कुल संपत्ति से ज़्यादा हुआ है
- कॉयर, ग्वारगम, बीड़ी, ईंट और जूट उद्योग
- ऐसे संगठन जो 6,500 रु. की आय सीमा से कम पर संचालित हो रहे हों
यह भी पढ़ें: नौकरी बदली है! ऐसे अपना EPF अकाउंट ट्रान्सफर करें
EPF में नियोक्ता/कंपनी का योगदान
नियोक्ता/ कंपनी का न्यूनतम राशि का योगदान 15,000 रु. पर 12% होता है (हालांकि वे अपनी इच्छा से अधिक का योगदान कर सकते हैं)। ये राशि 1800 रु. प्रतिमाह बैठती है। इसका अर्थ है कि इस योजना के लिए नियोक्ता/ कंपनी और कर्मचारी दोनों को हर महीने 1800 रु. का योगदान करना होगा। शुरुआत में यह राशि 6500 रु. पर 12% निर्धारित थी जिसके अंतर्गत नियोक्ता/कंपनी और कर्मचारी दोनों को 780 रु. का योगदान करना होता था।
- दोनों पक्षों के योगदान को EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) में जमा किया जाता है
- यह एक फण्ड है जिसकी सहायता से कर्मचारी रिटायर्मेंट के बाद भी एक बेहतर जीवन जी सकते हैं।
EPF योग्यता शर्तें
ईपीएफ अकाउंट खोलने (Eligibility for EPF Account) की शर्तें निम्नलिखित हैं:
- इस योजना का लाभ लेने के लिए कर्मचारियों को योजना का एक्टिव सदस्य बनने की ज़रूरत है
- किसी कंपनी/संगठन को जॉइन करने के दिन से ही कर्मचारी भविष्य निधि, बीमा लाभ के साथ- साथ पेंशन लाभ प्राप्त करने के लिए सीधे योग्य होते हैं
- जिस संस्थान/ कंपनी में कम से कम 20 लोग काम कर रहे हैं, उसे अपने कर्मचारियों को EPF का लाभ देना अनिवार्य है
- यह योजना जम्मू और कश्मीर में लागू नहीं थी लेकिन 2019 के बाद वहां भी लागू कर दी गई
कंपनी/नियोक्ता EPF के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें
एपीएफ रजिस्ट्रेशन (EPF Registration) के लिए नीचे दिए गए तरीके का पालन करें:
- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) वेबसाइट पर जाएँ –
- ‘Establishment Registration’ का सेक्शन खोलें जिसके बाद एक नया पेज खुलेगा जिसमें ‘Instruction Manual’ होगा। इसमें कंपनी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के बारे में डिटेल दी जाएगी, जिसके बाद कंपनी के DSC [डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र] का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा जो कि नया आवेदन जमा करने के लिए एक ज़रूरी शर्त है
- आगे बढ़ने के लिए ‘I have read the instruction manual’ टिकबॉक्स पर क्लिक करें और रजिस्ट्रेशन के लिए जानकारी भरें
- इसके बाद एक ईमेल ई-लिंक भेजा जाएगा जिसे एक्टिव करना होगा और साथ ही मोबाइल पिन भी भेजी जाएगी। रजिस्टर करने के लिए आपको रजिस्टर करने के लिए आपको कुछ दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे
- जो पहले से रजिस्टर्ड हैं वे अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) का उपयोग करके लॉग इन कर सकते हैं
EPF सदस्य (कर्मचारी) EPF में कैसे लॉग-इन कर सकते हैं?
आपको EPF की सदस्य वेबसाइट यानी EPF ई-सेवा/EPF के सदस्य पोर्टल पर जाना होगा और दाईं ओर, आपको एक विकल्प दिखाई देगा जिसमें आप UAN का उपयोग करके लॉग-इन कर सकते हैं। हालाँकि, UAN पहले से एक्टिव होना चाहिए।
यह भी पढे़ं: ईपीएफओ में ऐसे करें रजिस्ट्रेशन और लॉग-इन
UAN क्या है?
यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) 12 अंकों का एक नम्बर है जो EPFO के प्रत्येक सदस्य को प्रदान किया जाता है जसके माध्यम से वह अपने सभी PF खातों को मैनेज कर सकता है। इससे आप सभी प्रोविडेंट फंड (PF) की जानकारी एक ही स्थान पर प्राप्त कर सकते हैं, भले ही आप किसी भी संगठन/ कंपनी के लिए काम करते हों। UAN की मदद से कर्मचारी आसानी से पैसे निकाल सकता है और ट्रांसफर भी कर सकता है।
EPF UAN एक्टिवेशन
अपने यूएएन को एक्टिव (Active Your UAN) करने के लिए, निम्नलिखित तरीके का पालन करें:
- स्टेप 1: आपको EPF की सदस्य वेबसाइट यानी EPF ई-सेवा/EPF सदस्य पोर्टल पर जाना होगा
- स्टेप 2: नीचे दाईं तरफ आपको ‘Activate UAN’ का विकल्प दिखाई देगा, उस पर क्लिक करें
- स्टेप 3: जैसे ही नया डैशबोर्ड खुलता है, EPFO रिकॉर्ड के अनुसार UAN/ मेंबर आईडी के साथ, आधार नंबर, नाम, जन्मतिथि और मोबाइल नंबर आदि दर्ज करें।
- स्टेप 4: ‘कैप्चा’ कोड दर्ज करें जिसके बाद आपको EPFO के साथ अपने रजिस्टर्ड मोबाइल पर एक ऑथराइज़ेशन पिन प्राप्त होगी
- स्टेप 5: UAN को ऑनलाइन वैरिफाई और एक्टिव करने के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) का उपयोग करें
- स्टेप 6: UAN के एक्टिव वैरिफिकेशन के लिए आपको एक और मैसेज भेजा जाएगा
- स्टेप 7: UAN के एक्टिव हो जाने पर, आप भविष्य निधि के स्टेटस/ स्थिति को चेक करने के लिए इसका उपयोग करने लॉग-इन कर सकते हैं।
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ईपीएफ ई-नामांकन ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें?
ईपीएफओ ने सदस्यों के लिए ईपीएफ नामांकन डिटेल्स दाखिल करना अनिवार्य कर दिया है। यह सुनिश्चित करना है कि सदस्य के निधन की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मामले में, परिवार को पर्याप्त बचत मिले जो सदस्य ने अपने नौकरी के दौरान जमा की है। यह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से किया जा सकता है. UAN सदस्य, जिन्होंने अपना ई-नामांकन दाखिल नहीं किया है, वे अपनी ईपीएफ पासबुक को भी ऑनलाइन एक्सेस नहीं कर सकेंगे।
ईपीएफओ सदस्य को ई-नामांकन दाखिल करने के लिए निम्नलिखित विवरणों की आवश्यकता होती है – आधार नंबर, नाम, जन्म तिथि, लिंग, रिलेशन, पता, बैंक अकाउंट डिटेल्स और फोटो। फिर सबमिट किए गई जानकारी को ई-साइन सुविधा का उपयोग करके वेरीफाई करना होगा।
EPF केवाईसी अपडेट
ईपीएफ केवाईसी अपडेट (EPF KYC Update) करने का तरीका निम्नलिखित है:
- स्टेप 1: EPF सदस्य पोर्टल पर जाएं और UAN और पासवर्ड का उपयोग करके लॉग इन करें
- स्टेप 2: जैसे ही नया पेज खुलेगा, ‘Manage’ सेक्शन के तहत ड्रॉपडाउन मेन्यू से केवाईसी पर क्लिक करें
- स्टेप 3: पैन, आधार और बैंक दस्तावेजों आदि के नंबर और नाम जैसी जानकारी अपडेट करें
- स्टेप 4: इसे सेव करें और यह पेंडिंग केवाईसी के रूप में तब तक दिखाई देगा जब तक यह दूसरी तरफ से वैरिफाई नहीं हो जाता है।
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EPF बैलेंस कैसे चेक करें?
एक सदस्य नीचे दिए गए आसान तरीके का पालन करके अकाउंट में जमा EPF बैलेंस को ऑनलाइन चेक (Check EPF Balance Online) कर सकता है:
- स्टेप 1: EPF की वेबसाइट www.epfindia.gov.in पर जाएं
- स्टेप 2: “Services” सेक्शन में “For Employees” पर जाएं
- स्टेप 3: “Member Passbook” विकल्प पर क्लिक करें
- स्टेप 4: अब अपना “UAN”, पासवर्ड और कैप्चा कोड दर्ज करें और अपने EPF खाते में लॉग-इन करें
- स्टेप 5: अपनी पासबुक देखने के लिए “Member ID” चुनें
- स्टेप 6: दस्तावेज़ में संपूर्ण जानकारी के साथ आपकी पासबुक आपकी स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी।
EPFOHO <UAN> ENG फॉर्मेट में 7738299899 पर SMS भेजकर भी सदस्य अपना EPF बैलेंस चेक कर सकते हैं
EPF बैलेंस को 011-22901406 नंबर पर मिस्ड कॉल के जरिए भी चेक किया जा सकता है।
EPF क्लेम के लिए फ़ॉर्म
नीचे दिए गए ईपीएफ फॉर्म (EPF Claim Forms) के माध्यम से कर्मचारी रजिस्ट्रेशन, विदड्रॉअल, पीएफ के ट्रांसफर, मौजूदा ईपीएफ खाते से लोन लेना या कोई अन्य काम भी कर सकते हैं।
EPF फ़ॉर्म | EPF फ़ॉर्म का उपयोग | डाउनलोड |
फॉर्म 14 | एलआईसी पॉलिसी ख़रीदना | ⇩ |
फ़ॉर्म 11 | EPF अकाउंट ट्रान्सफर के लिए | ⇩ |
फ़ॉर्म 20 | कर्मचारी की मृत्यु होने की दशा में EPF का अंतिम निपटान करने के लिए | ⇩ |
फ़ॉर्म 2 | EPF और EPS के लिए घोषणा और नॉमिनी फ़ॉर्म | ⇩ |
फ़ॉर्म 5 IF | IDLI के अनुसार क्लेम करने के लिए | ⇩ |
फ़ॉर्म 15 G | EPF पर ब्याज आय पर TDS बचाने के लिए | ⇩ |
फ़ॉर्म 5 | EPF और EPS के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाले नए कर्मचारियों के लिए | ⇩ |
फ़ॉर्म 11 | EPF का ऑटो ट्रांसफर | ⇩ |
EPF विड्रॉल: EPF अकाउंट से पैसे कैसे निकालें?
EPF अकाउंट से कुछ राशि या कुल राशि निकाली जा सकती है। जब कोई व्यक्ति रिटायर होता है या 2 महीने से अधिक समय तक बेरोज़गार रहता है तो वह पूरा पैसा निकाल सकता है। आपको किसी काम या आर्थिक इमरजेंसी में पैसे की ज़रूरत पड़ सकती है, ऐसी परिस्थितियों में भी EPF से कुछ पैसा निकालने की अनुमति है। आप ऑनलाइन EPF विड्रॉल फॉर्म भरकर विड्रॉल का क्लेम कर सकते हैं। हालांकि, आप ऑनलाइन विड्रॉल क्लेम सुविधा का उपयोग तभी कर सकते हैं जब आपका आधार कार्ड आपके UAN से लिंक हो।
EPF विड्रॉल फॉर्म भरने और ऑनलाइन क्लेम शुरू करने के लिए निम्नलिखित तरीके का पालन करें: –
- स्टेप 1 – अपने UAN और पासवर्ड के साथ UAN मेंबर पोर्टल में लॉग-इन करें
- स्टेप 2- टॉप मेन्यू बार से ‘Online Services’ टैब पर क्लिक करें और ड्रॉप-डाउन मेन्यू से ‘Claim (Form-31, 19 & 10C)’ चुनें
- स्टेप 3 – सदस्य विवरण स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाएगा। अपने बैंक खाते के अंतिम 4 अंक दर्ज करें और ‘Verify‘ पर क्लिक करें
- स्टेप 4 – अंडरटेकिंग सर्टिफिकेट पर हस्ताक्षर करने के लिए ‘Yes’ पर क्लिक करें और आगे बढ़ें
- स्टेप 5 – अब ‘Proceed for Online Claim’ विकल्प पर क्लिक करें
- स्टेप 6 – अपने फंड को ऑनलाइन निकालने के लिए ‘PF Advance (Form 31)’ चुनें
- स्टेप 7 – फॉर्म का एक नया सेक्शन खुलेगा, जिसमें आपको ‘Purpose for which advance is required’, आवश्यक राशि और कर्मचारी का पता चुनना होगा। यह ध्यान देने योग्य है कि सभी विकल्प जिनके लिए कर्मचारी विड्रॉल के लिए योग्य नहीं है, का उल्लेख लाल रंग में किया जाएगा।
- स्टेप 8 – वैरिफिकेशन पर टिक करें और अपना आवेदन जमा करें
- स्टेप 9 – जिस उद्देश्य के लिए आपने फॉर्म भरा है, उसके आधार पर आपको स्कैन किए गए दस्तावेज़ जमा करने पड़ सकते हैं
- स्टेप 10 – आपकी कम्पनी को आपके विड्रॉल रिक्वेस्ट को स्वीकार करना होगा जिसके बाद आपके EPF खाते से पैसा निकाला जाएगा और विड्रॉल फॉर्म भरने के समय जिस बैंक खाते की जानकारी आपने दर्ज की थी, उसमें जमा किया जाएगा।
- EPFO के साथ रजिस्टर्ड आपके मोबाइल नंबर पर एक SMS आएगा। एक बार क्लेम प्रोसेस होने के बाद, राशि आपके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी। हालांकि EPFO द्वारा इस बाबत कोई औपचारिक समय सीमा प्रदान नहीं की गई है, पैसा आमतौर पर 15-20 दिनों के भीतर जमा हो जाता है।
EPF को ऑनलाइन ट्रांसफर कैसे करें?
- स्टेप 1: अपने UAN और पासवर्ड का उपयोग कर के EPFO सदस्य पोर्टल पर लॉग इन करें
- स्टेप 2: होम पेज के मेन मेनू में “Online Services” टैब पर जाएं और ऑनलाइन ट्रांसफर रिक्वेस्ट जनरेट करने के लिए “Transfer Request” का विकल्प चुनें
- स्टेप 3: इसके बाद आपको स्क्रीन पर एक नया डैशबोर्ड नज़र आएगा जिसमें आपकी समस्त व्यक्तिगत जानकारी होगी। अब जन्मतिथि, EPF और शामिल होने की तिथि इत्यादि सभी सूचनाओं को वेरिफाई करें
- स्टेप 4: वेरिफिकेशन के बाद स्टेप 1 पर जाएं, पिछले या वर्तमान नियोक्ता/ कंपनी के विकल्प का चयन करें और फिर पिछले नियोक्ता/कंपनी को जानकारी प्रदान करें जिसके माध्यम से आप क्लेम करना चाहते हैं
- स्टेप 5: जानकारी दर्ज करें जिसके बाद आपके रजिस्टर मोबाइल नंबर पर एक OTP भेजा जाएगा। आपको OTP दर्ज करके अपनी पहचान को प्रमाणित करना होगा, उसके बाद ही आपकी रिक्वेस्ट को सबमिट किया जाएगा और एक ऑनलाइन भरा हुआ फॉर्म जेनरेट होगा। फॉर्म पर हस्ताक्षर करके अपने वर्तमान या पिछले नियोक्ता/ कंपनी को भेज दें
- स्टेप 6: नियोक्ता/ कंपनी को भी EPF ट्रांसफर रिक्वेस्ट का एक ऑनलाइन नोटिफिकेशन प्राप्त होगा। आपके नियोक्ता/ कंपनी द्वारा आपके रोज़गार विवरणों को वेरिफाई करके EPFO के क्लेम को डिजिटल रूप से ही फॉरवर्ड करने के बाद ही EPFO ऑफिस आपके क्लेम को प्रोसेस करेगा
- रिक्वेस्ट को सबमिट करने के बाद, आप “Online Services” मेनू के तहत “Track Claim Status” मेनू में जाकर अपने EPF ट्रांसफर क्लेम का स्टेटस चेक कर सकते हैं।
EPF अकाउंट के साथ आधार को ऑनलाइन कैसे लिंक करें?
आप आसानी से अपने आधार को अपने ईपीएफ खाते से ऑनलाइन लिंक (Link Aadhar Card with EPF Account) कर सकते हैं। इसके लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:
- स्टेप 1: ईपीएफओ सदस्य पोर्टल पर जाएं और अपनी UAN नंबर या पासवर्ड का उपयोग करके लॉगिन करें
- स्टेप 2: मेनू बार से ‘Manage’ विकल्प पर जाएं
- स्टेप 3: ड्रॉप-डाउन लिस्ट से, ‘KYC’ विकल्प चुनें
- स्टेप 4: दस्तावेजों की लिस्ट से ‘आधार’ का चयन करें
- स्टेप 5: आधार के अनुसार अपना आधार नंबर और नाम दर्ज करें
- स्टेप 6: सेव करें और आगे बढ़ें
- स्टेप 7: आपका आधार डेटा यूआईडीएआई के डेटा के साथ वेरिफाई किया जाएगा
सफलतापूर्वक मंज़ूर होने पर, आपका आधार आपके ईपीएफ खाते से लिंक हो जाएगा और आप अपनी आधार डिटेल तके सामने वेरिफाइड स्टेटस लिखा देख सकते हैं।
EPF टैक्स नियम
EPF डिपॉज़िट और ब्याज को वर्ष 2020 तक पूरी तरह से टैक्स फ्री किया गया था। हालांकि, बजट 2021 में, सरकार ने घोषणा की है कि यदि EPF और VFC (स्वैच्छिक भविष्य निधि) में डिपॉज़िट एक फाइनेंशियल वर्ष में 2.5 लाख रुपये से अधिक है तो ऐसे में 2.5 लाख रुपये से ऊपर के योगदान पर अर्जित ब्याज पर टैक्स लगेगा।
यदि कम्पनी EPF खाते में कोई योगदान नहीं करती है, तो ब्याज घटक में उक्त फाइनेंशियल ईयर में 5 लाख रुपये तक के डिपॉज़िट तक छूट दी जाएगी। इसके लिए सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) ने दो तरह के खाता खुलवाने की इजाज़ दी है। एक टैक्सेबल होगा और दूसरा अकाउंट कर योग्य नहीं होगा।
उदाहरण के लिए, अगर 1 मार्च 2024 तक ईपीएफ कंट्रीब्यूशन 2.7 लाख रु. है, तो अतिरिक्त 20,000 रु. पर टीडीएस कैलकुलेट किया जाता है। जोकि 20,000 रु. का 8.25% यानी 1,650 रु. होता है। इस तरह टीडीएस अमाउंट 165 रु. होंगे जोकि 1,650 रु, का 10% है।
हालांकि अगर आप पैनकार्ड जमा नहीं करते हैं तो ब्याज का 20% यानी 330 रु. टीडीएस के रुप में काटा जाता है। ध्यान रखें कि, यदि नियोक्ता कर्मचारी के ईपीएफ में योगदान नहीं करता है, तो कर तभी काटा जाएगा जब ईपीएफ योगदान 5 लाख. रुपये से अधिक हो।
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EPF कस्टमर केयर नंबर
EPF से संबंधित किसी भी सवाल या समस्या के लिए ईपीएफ कस्टमर केयर (EPF Customer Care) से संपर्क कर सकते हैं:
सहायता केंद्र – 1800118005 (टोल फ्री)
प्रधान कार्यालय:
भविष्य निधि भवन,
14, भीकाजी कामा प्लेस,
नई दिल्ली- 110066
EPF संबंधी शिकायत दर्ज करना
EPFO के पास अपना शिकायतें दर्ज करने संबंधी एक सिस्टम भी है जहां सदस्य अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।
- सदस्य gov.in पर ‘Register Grievance’ टैब पर क्लिक करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं
- सदस्यों को अपनी शिकायत दर्ज़ कराने के साथ- साथ अपने अकाउंट से संबंधित सभी प्रासंगिक जानकारी भरनी होगी
- शिकायत से संबंधित फाइलें साइट पर अपलोड की जा सकती हैं
- सदस्य ‘View Status’ टैब पर क्लिक करके भी शिकायत के स्टेटस को ट्रैक कर सकते हैं कि शिकायत मंज़ूर हुई या नहीं, उसको हल करने की प्रोसेस कहां तक पहुंची आदि।
ये भी पढ़ें: EPF शिकायत ऑनलाइन कैसे दर्ज करें
उमंग ऐप पर EPF
मोबाइल यूज़र्स UMANG App के माध्यम से EPF द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। पोर्टल में निम्नलिखित पांच अलग-अलग खंड हैं:
उमंग ऐप पर EPF सर्विस | |
कर्मचारी केंद्रित सेवाएं |
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EPF सामान्य सेवाएं |
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पेंशनधारक सेवाएं |
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eKYC सेवाएं |
|
EPF योजना के लाभ
EPF योजना, भारतीय कर्मचारियों के लिए उपलब्ध सर्वाधिक विस्तृत और सर्वाधिक व्यापक बचत योजनाओं में से एक है। योजना के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
- लम्बी अवधि की आर्थिक सुरक्षा: इस खाते में जो धनराशि जमा होती है, उसे आप अपने रोज़मर्रा के कामों के लिए आसानी से निकाल नहीं सकते हैं और आपके पैसे की बचत हो रही होती है।
- रिटायर्मेंट की अवधि: इस योजना के तहत संचित राशि का उपयोग कर्मचारी के रिटायर्मेंट के समय किया जा सकता है। इससे कर्मचारी को पैसे की बचत और सुरक्षा संबंधी राहत मिलती है।
- इमरजेंसी: किसी भी प्रकार की विषम परिस्थिति में कर्मचारी समय से पहले भी इस फण्ड का उपयोग कर सकते हैं। इस योजना में कुछ विशेष मामलों में इस तरह की समय-पूर्व निकासी की व्यवस्था की गई है।
- बेरोज़गारी/इनकम लॉस: यदि किसी कारणवश कर्मचारी की वर्तमान नौकरी चली जाती है, तो इस फंड का उपयोग खर्चों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है।
- नौकरी छोड़ने पर: नौकरी छोड़ने के एक महीने बाद कर्मचारी अपने EPF फंड का 75% और बेरोजगारी के 2 महीने बाद शेष 25% निकालने के लिए स्वतंत्र है।
- मौत: कर्मचारी की मृत्यु के मामले में, ब्याज के साथ इकट्ठा की गई राशि कर्मचारी के नॉमिनी को दी जाती है जिससे परिवार को कठिन परिस्थितियों का सामना करने में मदद मिलती है।
- कर्मचारी की विकलांगता/शारीरिक अक्षमता: यदि कर्मचारी काम करने की हालत में नहीं है, तो वह इस फण्ड का उपयोग इस स्थिति में कर सकता है।
- छंटनी: नौकरी से अचानक हटा देने पर कर्मचारी तब तक इस फंड का उपयोग कर सकता है, जब तक उसे कोई उपयुक्त नई नौकरी नहीं मिल जाती।
- पेंशन योजना: नियोक्ता/ कंपनी न केवल पीएफ फंड में योगदान करता है, बल्कि कर्मचारी की पेंशन के लिए भी आवश्यक योगदान करता है जिसका उपयोग कर्मचारी द्वारा रिटायर्मेंट के बाद किया जा सकता है।
- बीमा योजना: इसमें कुछ विशेष प्रावधान भी किए गए हैं, जिनके तहत यदि सामूहिक बीमा कवर मौजूद नहीं है तो नियोक्ता/कंपनी को कर्मचारी के जीवन बीमा के लिए भी कुछ योगदान करने की आवश्यकता होती है। यह योजना सुनिश्चित करती है कि कर्मचारियों का समुचित बीमा कराया जाए।
- हर जगह आसानी से उपयोग: अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) की मदद से कर्मचारी EPF सदस्य पोर्टल पर जाकर आसानी से अपने पीएफ अकाउंट को एक्सेस कर सकते हैं। यदि वे नौकरी बदलते हैं, तो वे अपने खाते को भी ट्रांसफर कर सकते हैं।
पूछे जाने वाले प्रश्न
मैंने अपने ईपीएफ का एक हिस्सा निकाल लिया है। क्या मुझे निकाली गई राशि पर भी ब्याज मिलता रहेगा?
नहीं, आपको निकाली गई राशि पर ब्याज नहीं मिलेगा। हालांकि, ईपीएफ अकाउंट में बची रकम पर ब्याज मिलता रहेगा।
UAN कैसे दिया जाता है?
जब आप 20 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनी से जुड़ते हैं, तो आप ईपीएफ लाभ के हकदार बन जाते हैं। ईपीएफओ सदस्य को 12 अंकों का एक परमानेंट नंबर दिया जाता है जिसे यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के रूप में जाना जाता है। किसी सदस्य के सभी पीएफ अकाउंट उसके UAN से जुड़े होते हैं। यदि आप ईपीएफ पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन सर्विस का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको अपने यूएएन को आधार और पैन से लिंक करना होगा।
क्या मुझे पीएफ ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए अपना UAN एक्टिवेट करना होगा?
क्लेम और ऑनलाइन फंड को निकालने से पहले आपको ईपीएफ मेंबर पोर्टल पर रजिस्टर करके UAN एक्टिवटे करना होगा। आप इसे ईपीएफ मेंबर पोर्टल पर जाकर आसानी से कर सकते हैं।
मैंने अपनी नौकरी बदल ली है. क्या मुझे नया यूएएन लेना चाहिए?
नहीं, किसी सदस्य को दिया गया UAN एक ही रहता है। नए नियोक्ता द्वारा एक नया पीएफ अकाउंट खोला जाएगा जो सदस्य के UAN से जुड़ा होगा।
मैंने अपनी कंपनी बदल ली है. क्या मुझे ईपीएफ राशि निकालनी चाहिए या अपना फंड ट्रांसफर करना चाहिए?
यह सलाह दी जाती है कि आप अपना फंड पुराने पीएफ अकाउंट से नए अकाउंट में ट्रांसफर करें। यदि आप 5 साल की सेवा से पहले राशि निकालते हैं, तो निकाली गई राशि टैक्स योग्य है और आईटीआर दाखिल करते समय अन्य स्रोतों से आय के तहत इसका उल्लेख किया जाना चाहिए।
मैं वर्तमान में बेरोजगार हूं और धन की आवश्यकता है। क्या मैं अपना ईपीएफ से राशि निकाल सकता हूँ?
हां, आप बेरोजगारी के एक महीने के बाद अपने ईपीएफ अकाउंट से राशि का 75% निकाल सकते हैं। यदि आप लगातार 2 महीने तक बेरोजगार रहते हैं, तो आप बचा हुआ 25% फंड भी निकाल सकते हैं।
क्या मेरे ईपीएफ अकाउंट में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान टैक्स-मुक्त है?
ईपीएफ में किया गया योगदान टैक्स मुक्त है, हालांकि, टैक्स की कैलकुलेशन अलग है। ईपीएफ अकाउंट में नियोक्ता के योगदान को आपकी टैक्स योग्य इनकम का हिस्सा नहीं माना जाता है। इसलिए नियोक्ता का योगदान उसके स्रोत पर टैक्स-मुक्त है। जबकि, कर्मचारी के योगदान को उसकी टैक्स योग्य आय के हिस्से के रूप में गिना जाता है। हालाँकि, कर्मचारी का योगदान धारा 80सी के तहत अधिकतम 1.5 लाख रु. प्रति वर्ष तक कर कटौती योग्य है। इसलिए ईपीएफ अकाउंट में कर्मचारी का योगदान टैक्स-फ्री के लिए पात्र है, लेकिन केवल धारा 80 सी के तहत। इसके अलावा, यदि आप योगदान के 5 साल से पहले अपना ईपीएफ फंड निकालते हैं, तो कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का हिस्सा टैक्स योग्य हो जाता है।
सैलरी से कितना प्रतिशत EPF कटौती होती है?
कर्मचारी के सैलरी का 12% PF में योगदान के लिए जाता है। इसके अलावा, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) ग्रॉस सैलरी पर कटौती करता है जो कर्मचारी योगदान से 1.75% और नियोक्ता योगदान से 4.75% है।
कितनी ईपीएफ राशि निकाली जा सकती है?
ईपीएफ केवल रिटायरमेंट के समय या बेरोजगारी और कुछ आपातकालीन स्थितियों में ही निकाला जा सकता है। नए नियम के अनुसार, ईपीएफओ बेरोजगारी के 1 महीने के बाद ईपीएफ कॉर्पस का 75% निकालने की अनुमति देता है। बाकि 25% को नए रोजगार प्राप्त करने के बाद नए ईपीएफ खाते में ट्रांसफर किया जा सकता है।
यदि किसी की प्राकृतिक मृत्यु या स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण मृत्यु हो जाए तो क्या होगा? क्या उनके परिवार के किसी सदस्य को ईपीएफ राशि मिलेगी?
यदि ईपीएफ ग्राहक की मृत्यु हो जाती है, तो नॉमिनी व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारी या नाबालिग के मामले में अभिभावक को ईपीएफ राशि मिल सकती है। इसके लिए उसे मृत्यु प्रमाणपत्र और ईपीएफ कंपोजिट फॉर्म जैसे सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करके ईपीएफ राशि का क्लेम करना होगा।
EPF कैसे निकालें?
इस फंड को निकालने के लिए आपके पास एक एक्टिव UAN और रजिस्टर मोबाइल नंबर होना चाहिए। ईपीएफ मेंबर पोर्टल पर जाएं और UAN का उपयोग करके लॉग इन करें। ‘Manage’ सेक्शन में चेक करें कि क्या आपके दस्तावेज़ केवाईसी के रूप में वेरीफाई हैं। ‘Online Services’ पर जाएं और ड्रॉप-डाउन मेनू से ‘Claim’ पर क्लिक करें जो आपके सभी पर्सनल डिटेल्स दिखाएगा। फिर, अपने विड्रॉल का क्लेम करने के लिए ‘Proceed for Online Claim’ पर क्लिक करें और उस क्लेम को चुने जिसे आप ‘I want to apply for’ जैसे ईपीएफ विड्रॉल के तहत करना चाहते हैं।
ईपीएफ के प्रमुख उद्देश्य क्या हैं?
- यह कर्मचारी के लिए रिटायरमेंट राशि बनाने में मदद करता है।
- यह एक इमरजेंसी फंड के रूप में कार्य करता है जिसे समय से पहले भी निकाला जा सकता है।
- यदि कर्मचारी 2 महीने से अधिक समय तक बेरोजगार रहता है तो इसे पूरी राशि के साथ निकाला जा सकता है।
- साथ ही, कर्मचारियों का योगदान 1.5 लाख रु. ईपीएफ में इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स कटौती योग्य है और इससे टैक्स बचाने में मदद मिल सकती है।
EPF का क्लेम कैसे करें?
जैसा कि ऊपर बताया गया है, किसी को UAN का उपयोग करके लॉगिन करने के लिए ईपीएफ सदस्य के पोर्टल या ई-सेवा पोर्टल पर जाना होगा और फंड का क्लेम करने और निकालने के लिए ‘Online Services’ पर जाना होगा।