EPF ब्याज दर
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए EPF ब्याज दर 8.25% है
ईपीएफओ केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा वित्त मंत्रालय के परामर्श के बाद हर साल ईपीएफ ब्याज दर (EPF Interest Rates) की समीक्षा करता है। वित्तीय वर्ष के लिए ईपीएफ ब्याज दर (EPF Interest Rates) की समीक्षा उस वित्तीय वर्ष के अंत में की जाती है। यह समीक्षा जहां तक संभव हो, फरवरी में ही की जाती है, लेकिन कभी-कभी अप्रैल या मई में भी की जाती है।
EPF की पूर्व ब्याज दरें
वर्ष | EPF ब्याज दरें |
2023-2024 | 8.25% |
2022-2023 | 8.15% |
2021-2022 | 8.10% |
2020 – 2021 | 8.50% |
2019 – 2020 | 8.50% |
2018 – 2019 | 8.65% |
2017 – 2018 | 8.55% |
2016 – 2017 | 8.65% |
2015 – 2016 | 8.80% |
2013 – 2015 | 8.75% |
2012 – 2013 | 8.50% |
2011 – 2012 | 8.25% |
2010 – 2011 | 9.50% |
2005 – 2010 | 8.50% |
2004 – 2005 | 9.50% (9% ब्याज + 0) 5% स्वर्ण जयंती बोनस ब्याज) |
2001 – 2004 | 9.50% |
2000 – 2001 | 12% (अप्रैल-जून, 2001) और 11% (जुलाई, 2001 के बाद) मासिक चालू शेष राशि पर |
1989 – 2000 | 12.00% |
1988 – 1989 | 11.80% |
1987 – 1988 | 11.50% |
1986 – 1987 | 11.00% |
1985 – 1986 | 10.15% |
1984 – 1985 | 9.90% |
1983 – 1984 | 9.15% |
1982 – 1983 | 8.75% |
1981 – 1982 | 8.50% |
1979 – 1981 | 8.25% |
1978 – 1979 | 8.25% + 0. 5% बोनस (उन सदस्यों के लिए जिन्होंने 1976-1977 और 1977-1978 के दौरान अपने PF से कोई राशि नहीं निकाली) |
1977 – 1978 | 8.00% |
1976 – 1977 | 7.50% |
1975 – 1976 | 7.00% |
1974 – 1975 | 6.50% |
1972 – 1974 | 6.00% |
1971 – 1972 | 5.80% |
1970 – 1971 | 5.70% |
1969 – 1970 | 5.50% |
1968 – 1969 | 5.25% |
1967 – 1968 | 5.00% |
1966 – 1967 | 4.75% |
1965 – 1966 | 4.50% |
1963 – 1964 | 4.25% |
1957 – 1963 | 4.00% |
1955 – 1957 | 3.50% |
1952 – 1955 | 3.00% |
ईपीएफ योगदान: EPF अकाउंट में आपको कितना पैसा डालना होता है?
ईपीएफ योजना में कर्मचारी और नियोक्ता/कंपनी हर महीने बराबर राशि का योगदान करते हैं। कर्मचारी अपने ईपीएफ अकाउंट में मूल वेतन + महंगाई भत्ते का 12% योगदान करता है। अगर कर्मचारी 20 से कम कर्मचारियों वाली कंपनी/संस्था या जूट, बीड़ी, ईट, कॉयर और ग्वार गम फैक्ट्री जैसे उद्योगों में काम करता है तो कर्मचारी को 10% योगदान देना होगा।
कंपनी/नियोक्ता भी कर्मचारी के अकाउंट में 12% का ही योगदान करता है जिसका 8.33% हिस्सा ईपीएस (कर्मचारी पेंशन योजना) में और 3.67% हिस्सा ईपीएफ में जाता है। इसके अलावा, कंपनी EDLI के लिए अतिरिक्त 0.5% का भी योगदान करती है।
1 जून 2018 से कंपनी/ नियोक्ता को 0.50% की दर से प्रशासनिक खातों के लिए अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होता है। न्यूनतम प्रशासनिक शुल्क 500 रु. है और यदि किसी महीने योगदान नहीं हो पाता है, तो कंपनी/नियोक्ता को उस महीने 75 रु. की फीस का भुगतान करना होगा।
ब्याज की कैलकुलेशन कैसे करें?
ईपीएफ ब्याज को हर महीने कैलकुलेट किया जाता है, लेकिन इसे अकाउंट में जमा वित्तीय वर्ष के अंत में ही किया जाता है। नीचे दिए गए उदाहरणों के माध्यम से जानें कि कर्मचारी के ईपीएफ पर ब्याज कैसे कैलकुलेट होता है:
निम्नलिखित उदाहरण के माध्यम से आप जानेंगे:
- कर्मचारी के ईपीएफ पर लागू ब्याज की कैलकुलेशन या कर्मचारी के लिए ईपीएफ ब्याज दर की कैल्कुलेशन
- कर्मचारी और कंपनी द्वारा ईपीएफ योगदान
एक वित्तीय वर्ष के लिए ब्याज की कैलकुलेशन का उदाहरण–
मूल वेतन + महंगाई भत्ता = ₹ 15,000
- EPF में कर्मचारी का योगदान = ₹ 15,000 का 12% = ₹ 1,800
- ईपीएस में कंपनी/नियोक्ता का योगदान = ₹ 15,000 का 8.33% = ₹ 1,250
ईपीएफ में कंपनी/नियोक्ता का योगदान = कर्मचारी का योगदान – ईपीएस में कंपनी/ नियोक्ता का योगदान = ₹ 550
हर महीने कुल ईपीएफ योगदान = ₹1,800 + ₹550 = ₹2,350
2022-2023 के लिए ब्याज दर 8.15% है।
ब्याज कैलकुलेट करते समय, हर महीने लागू ब्याज = 8.15%/12 = 0.679%
मान लें कि कर्मचारी ने 1 अप्रैल 2022 को नौकरी करना शुरू किया, तो वित्तीय वर्ष 2022-2023 के लिए योगदान अप्रैल से शुरू होगा।
अप्रैल के लिए कुल ईपीएफ योगदान = ₹ 2,350 |
अप्रैल के लिए ईपीएफ योगदान पर ब्याज = शून्य (पहले महीने के लिए कोई ब्याज नहीं) |
अप्रैल के अंत में ईपीएफ खाते की शेष राशि = ₹ 2,350 |
मई के लिए कुल ईपीएफ योगदान = ₹ 2,350 |
मई के लिए कुल ईपीएफ योगदान = ₹ 4,700 |
मई के लिए ईपीएफ योगदान पर ब्याज = ₹ 4,700 * 0.7083% = ₹ 33.29 |
*ब्याज को हर महीने कैलकुलेट किया जाएगा, लेकिन जमा इसे वित्तीय वर्ष के अंत में किया जाएगा। (इस उदाहरण के मुताबिक 31 मार्च 2022 को)
निष्क्रिय खातों के लिए ईपीएफ ब्याज दरें
वित्तीय वर्ष 2011-12 में, EPFO ने सुझाव दिया था कि उन EPF खातों में ब्याज का भुगतान रोका जाए जिनमें 3 साल से ज्यादा समय से कोई योगदान नहीं किया गया है। हालांकि, यह निर्णय 2016 में वापस ले लिया गया।
नतीजतन, यहां तक कि जो खाते 3 साल से अधिक समय से निष्क्रिय पड़े हैं, उनमें मौजूद दरों के मुताबिक अर्जित ब्याज के साथ राशि जमा की जाएगी। वित्त वर्ष 2022-2023 में ब्याज की वर्तमान दर 8.15% प्रति वर्ष है। यदि आपका खाता निष्क्रिय हो गया है अर्थात योजना की अवधि समाप्त हो गई है या आप 58 वर्ष के हो चुके हैं और आपने EPF बैलेंस नहीं निकाला है तो आपको ब्याज नहीं मिलेगा।
ये भी पढ़ें: EPF अकाउंट को ऑनलाइन कैसे ट्रान्सफर करें
महत्वपूर्ण जानकारी जिसके बारे में आपको जानना चाहिए
1) कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)
- ईपीएफ योगदान को कैलकुलेट करने के लिए वेतन सीमा ₹ 15,000 है
- कर्मचारी तय दर से ज़्यादा योगदान भी अपने EPF अकाउंट में कर सकता है लेकिन कंपनी/नियोक्ता ऐसा नहीं कर सकते हैं
- EPF अकाउंट में तय से ज़्यादा योगदान करने के लिए कर्मचारी और कंपनी/ नियोक्ता दोनों को एक जॉइंट रिक्वेस्ट सबमिट करनी होगी
- हालांकि, कंपनी/ नियोक्ता को अधिक प्रशासनिक शुल्क (उस दर पर जिसमें ₹ 15,000 से अधिक कर्मचारी के वेतन का 0.50% भी शामिल हो) का भुगतान करना होगा।
- अंतर्राष्ट्रीय कर्मचारियों के लिए कोई वेतन सीमा (₹ 15,000) नहीं है
2) कर्मचारी पेंशन योजना (EPS)
- जब कर्मचारी की उम्र 58 वर्ष है और अभी भी नौकरी कर रहा है, तो कंपनी/ नियोक्ता को योगदान करने की आवश्यकता नहीं है
- जब पेंशनभोगी को पेंशन कम मिल रही हो और वह फिर से नौकरी कर रहा हो तो कंपनी/ नियोक्ता को ईपीएस योगदान का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है
- अगर 50 वर्ष या उससे अधिक की उम्र का होने पर कर्मचारी नौकरी करना शुरू करता है और पेंशन का लाभ नहीं उठा रहा है, तो उसे पेंशन योगदान प्रा्प्त नहीं होता है। कर्मचारी या कंपनी/नियोक्ता, यह नहीं कह सकता कि योगदान नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वह पेंशन लाभ प्राप्त करने के लिए 10 वर्ष की सेवा पूरी नहीं कर पाएगा।
3) कर्मचारी डिपॉज़िट लिंक्ड योजना (EDLI)
- इसमें योगदान के लिए अधिकतम बेसिक सैलरी लिमिट 15 हजार रुपये ही काउंट होगी, फिर चाहे कर्मचारी का वास्तविक बेसिक वेतन इससे ज्यादा ही क्यों न हो
- प्रत्येक योगदान तय लिमिट पर ही पूरा होना चाहिए
- कर्मचारी द्वारा 58 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद भी ईडीएलआई में योगदान करना होता है और ये कर्मचारी के नौकरी करते रहने तक जारी रहना चाहिए।
संबंधित प्रश्न (FAQs):
प्रश्न. ईपीएफ ब्याज कब जमा किया जाता है?
उत्तर: ईपीएफ अधिनियम, 1952 के अनुसार, प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन से शुरू मंथली रनिंग बैलेंस के मुताबिक सदस्य के अकाउंट में ब्याज जमा की जाती है।
प्रश्न. क्या EPFO ने 2022-23 के लिए PF डिपॉज़िट पर ब्याज दर बढ़ाई है?
उत्तर: वित्त मंत्रालय द्वारा हाल ही में किए गए ब्याज दर रिवीज़न के मुताबिक, 2022-2023 की ईपीएफ ब्याज दर 8.15% है।
प्रश्न. क्या ईपीएफ ब्याज पर टैक्स लगता है?
उत्तर: कर्मचारी के रिटायरमेंट की तारीख तक, ईपीएप बैलेंस पर कोई टैक्स नहीं लगता है। लेकिन, रिटायरमेंट के बाद जमा किए गए ब्याज पर ‘अन्य स्त्रोतों से आय’ के रूप में टैक्स लगता है। हालांकि,बजट 2021 के अनुसार, यदि एक वित्त वर्ष में ईपीएफ और वीपीएफ में जमा 2.5 लाख रुपये से अधिक है, तो 2.5 लाख रुपये से अधिक के योगदान पर अर्जित ब्याज पर कर लिया जाएगा।