किसान सम्मान निधि योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) के मुख्य उद्देश्य निम्न प्रकार हैं:
- इसका लक्ष्य छोटे और सीमांत किसानों (SMFs) के आय को बढ़ाना है।
- योजना छोटे और सीमांत किसानों की आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करती है, ताकि वे फसल की अच्छी देखभाल के लिए ज़रूरी सामान खरीद सकें। जिससे उनके फसलों की पैदावार ठीक-ठाक हो और उनकी सही कमाई हो सके।
- योजना का मकसद यह भी है कि किसान अपनी ज़रूरतों के लिए गैर-सरकारी कर्ज़ पर निर्भर न रहें और खेती का काम बिना रुकावट के जारी रख सकें।
PM-KISAN की प्रमुख विशेषताएं
यहां पीएम किसान की कुछ प्रमुख विशेषताएं और लाभ दिए गए हैं:
विशेषताएं | विवरण |
वार्षिक लाभ |
|
कब मिलेगी राशि | प्रति चार महीनों पर |
भुगतान का तरीका | आधार से जुड़े बैंक खातों में सीधा हस्तांतरण (DBT) |
फंडिंग सोर्स | भारत सरकार |
पीएम किसान सम्मान निधि योजना की योग्यता शर्तें
इस योजना का लाभ (PM-KISAN Benefits) लेने के किसानों को निम्नलिखित योग्यता शर्तों को पूरा करना होगा:
- आप एक भूमिधारी किसान परिवार होने चाहिए (योजना के अनुसार ‘किसान परिवार’ की परिभाषा- पति, पत्नी और अवयस्क बच्चे शामिल होने चाहिए)।
- यह ज़मीन राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी रिकॉर्ड में आपके नाम पर होनी चाहिए।
- आपको अपना ई-केवाईसी पूरा करना होगा, साथ ही आधार कार्ड को अपने बैंक खाते और ज़मीन के रिकॉर्ड से जोड़ना अनिवार्य है।
यह भी पढ़ें: सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
पीएम किसान के लिए आवश्यक दस्तावेज़
पीएम किसान योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अनिवार्य रूप से नीचे बताए गए डॉक्यूमेंट्स (PM-KISAN Scheme Documents) या जानकारी प्रदान करना होगी-
- नाम, आयु, लिंग और कैटेगरी (SC/ST)
- आधार नंबर
- बैंक अकाउंट नंबर और IFSC कोड
- मोबाइल नंबर- अनिवार्य नहीं है, लेकिन यदि नंबर हो तो दे दें, ताकि योजना की आगे की जानकारी प्राप्त हो सके।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) को लागू करने की प्रक्रिया
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) को नीचे दिए गए आसान तरीकों से लागू किया जाता है:
- जानकारी जुटाना: राज्य या केंद्र शासित प्रदेश किसान परिवारों की पहचान- उनके ज़मीन के कागज़ों के आधार पर करते हैं।
- जानकारी अपलोड करना: राज्य के अधिकारी किसानों की जानकारी पीएम-किसान की वेबसाइट पर अपलोड करते हैं।
- वैरिफिकेशन: किसानों का आधार नंबर, बैंक खाता और ज़मीन से जुड़ी जानकारी ऑनलाइन चेक की जाती है।
- पैसे भेजना: किसानों के बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं, जिसे DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) कहते हैं।
अगर किसी किसान का नाम लाभार्थी की लिस्ट में नहीं है, तो वह जिला स्तर पर बनी शिकायत समिति से संपर्क करके अपना नाम जुड़वा सकता है। किसान खुद भी ऑनलाइन या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। नीचे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में रजिस्ट्रेशन करने के आसान तरीके बताए गए हैं।
पीएम किसान में रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
किसान निम्नलिखित माध्यमों से “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना” (PM-KISAN) के लिए आवेदन कर सकते हैं:
- पीएम- किसान का ऑफिशियल पोर्टल
- स्थानीय राजस्व या ब्लॉक कृषि कार्यालय
- कॉमन सर्विस सेंटर या CSCs
पीएम किसान ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (PM-KISAN Online Registration Process) करने के लिए नीचे बताए गए स्टेप्स को फॉलो करें:
- सबसे पहले पीएम-किसान की वेबसाइट पर जाएं और “New Farmer Registration” पर क्लिक करें।
- अपना आधार नंबर डालें, ज़मीन से जुड़ी जानकारी चेक करें और ई-केवाईसी पूरा करें।
- जब आपकी जानकारी राज्य सरकार द्वारा चेक कर ली जाती है और रजिस्ट्रेशन मंजूर हो जाता है, तब से आपको योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाता है।
नोट-
- योजना का लाभ लेने के लिए सभी लाभार्थी को e-KYC करना अनिवार्य है।
- जो, ओटीपी के ज़रिए ऑनलाइन और CSCs के माध्यम से ऑफलाइन हो सकता है।
- योजना का लाभ लेते रहने के लिए समय-समय पर बैंक और ज़मीन रिकार्ड को अपडेट करवाते रहना होगा।
पीएम किसान योजना का लाभ कौन नहीं ले सकते?
नीचे बताई गई कैटेगरी के ऐसे लाभार्थी जिनकी आर्थिक स्थिति बेहतर मानी जाती है, वह पीएम-किसान योजना का लाभ लेने के योग्य नहीं हैं:
- जिनके नाम पर ज़मीन किसी संस्था (जैसे कंपनी या संगठन) के नाम पर हो।
- ऐसे किसान परिवार जो नीचे दी गई किसी भी कैटेगरी में आते हों:
-
- जो पहले या अभी किसी बड़े सरकारी पद पर रहे हों
- जो पहले या अभी मंत्री हों या संसद/विधानसभा/नगर निगम/ज़िला पंचायत के सदस्य या अध्यक्ष रहे हों
- जो केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी या कर्मचारी हों (मल्टी टास्किंग स्टाफ/Class IV/Group D के कर्मचारियों को छोड़कर)
- जिनको ₹10,000 या उससे ज्यादा पेंशन मिलती हो (ग्रुप डी कर्मचारियों को छोड़कर)
- जिन्होंने पिछले साल इनकम टैक्स भरा हो
- जो पेशे से डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, सीए या आर्किटेक्ट हों और किसी संस्था में रजिस्टर्ड हों