EPF, कर्मचारियों के भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा प्रबंधित मुख्य योजना है, जो सदस्यों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है। यह योजना आम तौर पर उस प्रत्येक कंपनी/ संस्थान के कर्मचारियों को कवर करती है जिसमें 20 या अधिक व्यक्ति काम करते हैं।
EPF योजना के तहत कर्मचारी को अपने EPF अकाउंट में अपने मासिक वेतन का एक हिस्सा हर महीने जमा करना होता है और उतना ही योगदान उसकी कंपनी/ संस्थान उसके अकाउंट में करती है। यह एक सरकारी गारंटी वाली योजना है जिसमें कर्मचारी को रिटायरमेंट पर ब्याज़ के साथ फण्ड मिलता है।
EPF योगदान
- कर्मचारी के EPF अकाउंट में उसके वेतन का 12% जमा करना होता है और उतना ही कंपनी/ संस्थान योगदान करती है। न्यूनतम 15000 रु. के वेतन वाले को ये योगदान करना होता है।
- इसी तरह, कर्मचारी अपने वेतन का 12% EPF अकाउंट में योगदान देता है। हालाँकि, कर्मचारी के पास अपने विवेकानुसार EPF अकाउंट में अधिक योगदान करने का विकल्प होता है। कानून के अनुसार EPF के प्रति कर्मचारी के योगदान पर ऐसी कोई निर्धारित सीमा नहीं है। अनिवार्य 12% से अधिक का योगदान वोलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) में जाता है। VPF योगदान भी टैक्स-फ्री ब्याज प्राप्त करता है।
- हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कंपनी/संस्थान के सभी योगदान EPF अकाउंट में नहीं जाते हैं। कंपनी/संस्थान के 12% योगदान में से 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है और बैलेंस राशि EPF अकाउंट में जमा की जाएगी। इसके अलावा, कंपनी/ संस्थान VPF में कर्मचारी जितना योगदान करने के लिए बाध्य नहीं है।
- इसके अतिरिक्त, कंपनी/संस्थान कर्मचारी जमा लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) की ओर 0.5%, EDLI हैंडलिंग फीस के रूप में 0.01% और 0.50% जो अधिक है या जो भी EPF प्रशासनिक शुल्क है देती है।
- रोज़गार के नए अवसरों को बढ़ावा देने के लिए, सरकार प्रधान मंत्री रोज़गार योजना भी लेकर आई है। इस योजना के तहत, कर्मचारी पहले तीन वर्षों के लिए कंपनी/संस्थान की ओर से दिया जाने वाला योगदान 8.33% (EPS हिस्सा) का भुगतान सरकार करती है, यदि कर्मचारी 15,000 रुपये से कम कम रहा है। इस योजना का उद्देश्य विशेष रूप से MSME (छोटे और मध्यम व्यवसाय) व्यवसायों को बढ़ावा देना है ताकि परियोजना का लाभ उठाया जा सके और अधिक रोज़गार पैदा किया जा सके।
- EPF सेविंग्स पर मिलने वाले ब्याज़ को मासिक औसत बैलेंस के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है।
- संगठित क्षेत्र में महिलाओं के रोज़गार को प्रोत्साहित करने और उनके वेतन में वृद्धि करने के लिए, केंद्र सरकार ने बजट, 2018 में महिला कर्मचारियों के योगदान को पहले तीन वर्षों के लिए 12% से घटाकर 8% कर दिया है। हालांकि, कंपनी/संस्थान के योगदान में कोई बदलाव नहीं होगा, यह 12% ही रहेगा।