S.I.P. या सिस्टम इंवेस्टमेंट प्लान म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक तरीका है| आप S.I.P के माध्यम से हर महीने एक निश्चित राशि म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते यह एक निश्चित निवेश में आपको बाज़ार में आए उतार-चढ़ाव से बचाता है। अगर बाज़ार में मंदी भी है तो आप ज़्यादा म्यूचुअल फण्ड यूनिट खरीद बाज़ार में तेज़ी आने पर उन्हें बेच सकते हैं।
पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड (P.P.F) एक सरकारी गारंटी बचत योजना है। इसमें रिटर्न निश्चित होते हैं लेकिन सरकार द्वारा प्रत्येक तिमाही में निर्धारित किए जाते हैं। आप डाकघर या अधिकांश प्रमुख बैंकों में एक P.P.F. अकाउंट खोल सकते हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए P.P.F. ब्याज़ दर 7.1% तय की गई है। आप इस लेख में बाद में पिछली तिमाहियों के लिए P.P.F. दर देख सकते हैं।
SIP और PPF में अंतर
PPF | SIP | |
रिटर्न | 7.1% (वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही) | *बाजार से जुड़ा |
निवेश साधन | सरकारी उधार का एक हिस्सा और सरकार के अनुसार स्थापित | म्यूचुअल फंड्स |
निवेश राशि | न्यूनतम- ₹ 500, अधिकतम- ₹ 1.5 लाख प्रति वर्ष | न्यूनतम- ₹ 500 प्रति माह | कोई अधिकतम लिमिट नहीं |
निवेश अवधि | 15 साल (न्यूनतम) | 5 वर्ष के ब्लॉक में विस्तार योग्य | 6 महीने से 20 वर्ष तक |
लॉक-इन अवधि | 15 वर्ष | कोई लॉक-इन अवधि नहीं |
निवेश जोखिम | यह सरकार समर्थित योजना है। इसलिए, पूरी तरह से सुरक्षित | जोखिम भरा क्योंकि यह बाजार से जुड़ा हुआ है |
टैक्स लाभ | EEE (छूट-छूट-छूट) टैक्स श्रेणी के अन्तर्गत | म्यूचुअल फंड के प्रकार पर निर्भर करता है। उदाहरण: ELSS धारा 80C के तहत टैक्स कटौती के लिए योग्य है |
लिक्विडिटी | कम | निवेश के केवल 7वें फाइनेंशियल वर्ष से निकासी की अनुमति | अधिक | निवेश को किसी भी समय रिडीम किया जा सकता है |
*जब फंड अधिक अवधि के लिए रखा जाता है तो अधिक रिटर्न की संभावना
S.I.P. बनाम P.P.F: एक तुलना
1) सुरक्षा
PPF एक सरकार द्वारा दिया जाने वाला बचत विकल्प है। PPF में जमा धन का उपयोग सरकार द्वारा किया जाता है और उसी पर ब्याज़ का भुगतान भी सरकार द्वारा ही किया जाता है। इसलिए इस में फ्रॉड की कोई संभावना नहीं है।
दूसरी ओर, म्यूचुअल फंड में पैसा बाज़ार के जोखिमों के अधीन है। फंड द्वारा रखे गए शेयरों की कीमतों में बदलाव के कारण इक्विटी फंड का मूल्य लगभग हर दिन बदलता रहता है। बॉन्ड की कीमतों में बदलाव के कारण डेबिट फंड का मूल्य भी ऊपर-नीचे होता है।
हालांकि, म्यूचुअल फंड लंबे समय में अधिक लाभ का वादा करते हैं। जब निवेशक लॉन्ग-टर्म म्यूचुअल फण्ड स्कीम में निवेश करते हैं तो अस्थिरता का जोखिम बना रहता है| हालाँकि, SIP के माध्यम से म्यूचुअल फंड्स में निवेश करके इस जोखिम को कम किया जा सकता है लेकिन वो बना रहता है।
2) रिटर्न
PPF पर रिटर्न/ लाभ सरकार द्वारा निर्धारित और गारंटीड होते हैं। यह दर हर तिमाही (तीन महीनों में) निर्धारित की जाती है। दरों में लगभग 8% प्रति वर्ष की दर से उतार-चढ़ाव आया है। PPF दरों का रिकॉर्ड निम्नलिखित हैं:
अवधि | ब्याज दर |
अक्टूबर-दिसंबर, 2023 | 7.1% |
जुलाई – सितंबर, 2023 | 7.1% |
अप्रैल से जून, 2023 | 7.1% |
जनवरी से मार्च, 2023 | 7.1% |
अक्टूबर से दिसंबर, 2022 | 7.1% |
जुलाई से सितम्बर, 2022 | 7.1% |
अप्रैल से जून, 2022 | 7.1% |
जनवरी से मार्च, 2022 | 7.1% |
अक्टूबर से दिसम्बर, 2021 | 7.1% |
जुलाई से सितम्बर, 2021 | 7.1% |
अप्रैल से जून, 2021 | 7.1% |
जनवरी से मार्च 2021 | 7.1% |
अक्टूबर से दिसम्बर 2020 | 7.1% |
जुलाई से सितम्बर 2020 | 7.1% |
अप्रैल से जून 2020 | 7.1% |
जनवरी से मार्च 2020 | 7.90% |
अक्टूबर से दिसम्बर 2019 | 7.90% |
जुलाई से सितम्बर 2019 | 7.90% |
अप्रैल से जून 2019 | 8.0% |
जनवरी से मार्च 2019 | 8.0% |
अक्टूबर से दिसम्बर 2018 | 7.8% |
जुलाई से सितम्बर 2018 | 7.8% |
अप्रैल से जून 2018 | 7.9% |
स्रोत:राष्ट्रीय बचत संस्थान
वहीं दूसरी ओर, म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न बाज़ार से जुड़े हुए होते हैं। यह बाज़ार की स्थितियों और फंड मैनेजर के प्रदर्शन के अनुसार बदलते रहते हैं। भारत के कुछ सबसे बड़े फंड के प्रतिफल निम्नलिखित हैं। इन रिटर्न/ लाभ की गणना मई 1, 2014 पर शुरू होने वाले और मई 1, 2019 को समाप्त होने वाले SIP के आधार पर की गई है:
आदित्य बिड़ला सन लाइफ फ्रंटलाइन इक्विटी | 9.60% |
कोटक स्टैंडर्ड मल्टीकैप फंड | 13.29% |
HDFC टॉप 100 फंड | 11.73% |
ICICI बैलेंस्ड एडवांटेज फंड | 10.22% |
SBI स्मॉल कैप फंड | 15.83% |
स्रोत: मूल्य अनुसंधान, सभी योजनाएँ डायरेक्ट योजनाएँ हैं
3) लिक्विडिटी
PPF जमा की लॉक-इन अवधि 15 वर्ष होती है। जबकि म्यूचुअल फंड (ओपन-एंडेड) में आपके निवेश को किसी भी दिन पर रिडीम/ बेचा किया जा सकता है। आवश्यकता के अनुसार अपने फंड को रिडीम करने की सुविधा में PPF जमा की तुलना में म्यूचुअल फंड निवेश अधिक बेहतर होते हैं।
हालांकि, PPF के मामले में, आप खाता खोलने के तीसरे से छठे वर्ष तक अपने PPF जमा के आधार पर लोन ले सकते हैं। खाता खोलने के 5 वर्ष पूरे होने की अवधि के बाद आप PPF से कुछ पैसा निकाल भी सकते हैं।
PPF की तरह, आप ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अपने म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स को गिरवी रख लोन ले सकते हैं। हालांकि, अधिक ब्याज़ दर और प्रोसेसिंग शुल्क के कारण म्यूचुअल फंड पर लोन लेना महंगा हो सकता है।
इसके अलावा, म्यूचुअल फण्ड में निवेश करने के कुछ समय बाद ही उन्हें रिडीम/ बेचने पर म्यूचुअल फण्ड कंपनी जुर्माना (जिसे एग्ज़िट लोड कहा जाता है)| कुछ ‘क्लोज़-एंडेड फंड’ भी होते हैं जिनकी समयसीमा 3-4 वर्ष होती है। आप अवधि समाप्त होने से पहले इन फंड में से अपने निवेश को रिडीम/ बेच नहीं कर सकते।
4) टैक्स
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C के तहत, PPF खाते में निवेश के आधार पर प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिल सकती हैं| PPF पर मिल रहा ब्याज़ भी टैक्स मुक्त होता है| लेकिन वह वार्षिक आयकर रिटर्न में घोषित होना चाहिए। PPF की मेच्योर अमाउंट भी टैक्स मुक्त होता है। म्यूचुअल फंड के रिटर्न पर, म्यूचुअल फंड के प्रकार स्कीम और निवेश अवधि के अनुसार, टैक्स लगाया जाता है। ELSS फंड कहे जाने वाले म्यूचुअल फंड की एक विशेष श्रेणी में निवेश करने पर आपको धारा 80C के तहत, 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है। हालांकि, यह अन्य म्यूचुअल फंड श्रेणियों पर लागू नहीं होता है। म्यूचुअल फंड पर लागू टैक्स निम्नलिखित है:
स्कीम का प्रकार | विवरण | शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन | लॉंग टर्म कैपिटल गेन |
इक्विटी को ध्यान में रख कर बनाई गई योजनाएँ | अवधि | 12 महीने तक | 12 महीने से अधिक |
टैक्स दर | 15% | 10% | |
इक्विटी को ध्यान में न रख कर बनाई गई योजनाएँ | अवधि | 36 महीने तक | 36 महीने से अधिक |
टैक्स दर | आयकर स्लैब निवेशक की दर | लिस्टिंग के बाद 20% |
*इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर 1 लाख रु. तक के लाभ पर प्रति वर्ष तक टैक्स छूट दी जाती है। उदाहरण: यदि वर्ष 2018-19 में आपका लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन 1.5 लाख रुपये है, तो केवल 50,000 रुपये पर टैक्स लगेगा|
SIP के मामले में, म्यूचुअल फंड पर लागू टैक्स ‘फर्स्ट इन फर्स्ट आउट’ (F.I.F.O.) सिद्धांत पर आधारित है। जब आप अपने रिडेम्पशन/ बेचने के लिए रिक्वेस्ट करते हैं तो पहले खरीदी गई यूनिट को रिडीम/ बेचा जाता है और उसी के अनुसार लाभ पर टैक्स लगता है।
आपको क्या चुनना चाहिए?
हालांकि, बाज़ार से संबंधित निवेश को एक ऐसे निवेश के साथ तुलना करना मुश्किल है जिसमें सब कुछ निर्धारित है, PPF उन लोगों के लिए है जो निवेश के साथ जोखिम नहीं चाहते हैं| जो निवेश पर ज़्यादा लाभ प्राप्त करने के लिए मध्यम जोखिम लेने के लिए तैयार हैं, वे म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड्स में लंबी अवधि के SIP के माध्यम से निवेश करके जोखिम को और भी कम किया जा सकता है।
PPF बीच में पैसा निकालने की दृष्टि से बेहतर नहीं है, क्योंकि 15 वर्ष की लॉक-इन अवधि होती है। PPF के साथ-साथ म्यूचुअल फंडों की ELSS श्रेणी में धारा 80सी के तहत, टैक्स लाभ प्राप्त किया जा सकता है। PPF के मामले में एकमात्र टैक्स लाभ ये है, PPF से मिलने वाले लाभ के साथ-साथ मैच्योरीटी राशि पर भी टैक्स छूट मिलती है।
हालांकि, पिछले 15 वर्षों के आंकड़ों से पता चलता है कि म्यूचुअल फंड SIP के मुकाबले आपको PPF की तुलना में औसतन 1.5 गुना रिटर्न/ लाभ दे सकता है, जो रिटर्न और लिक्विड फंड के मामले में बहुत आकर्षक होता है।