SBI FD के बदले लोन – ब्याज़ दरें
एफडी का प्रकार | ब्याज़ दर |
डोमेस्टिक टाइम/फिक्स्ड डिपॉज़िट | डिपॉज़िटर को दी जाने वाले ब्याज़ से 1% अधिक ब्याज़ |
NRE फिक्स्ड डिपॉज़िट | डिपॉज़िटर को दी जाने वाले ब्याज़ से 1% अधिक ब्याज़ |
NRO फिक्स्ड डिपॉज़िट | डिपॉज़िटर को दी जाने वाले ब्याज़ से 1% अधिक ब्याज़ |
FCNR(B) डिपॉज़िट | 1 साल के MCLR* से 2.90% अधिक (वर्तमान में, 1 साल के लिए MCLR 7.90% है) |
SBI FD के बदले लोन- योग्यता शर्तें
SBI के सिंगल और जॉइंट अकाउंट होल्डर यह लोन ले सकते हैं। सिंगल अकाउंट होल्डर अपने TDR और STDR के बदले ओवरड्राफ्ट की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। आप ऑनलाइन बड़ी ही आसानी से ओवरड्राफ्ट अकाउंट खोल सकते हैं। जॉइंट होल्डर के मामले में सभी सदस्यों को लोन रिक्वेस्ट अप्रूव करनी होगी। अगर सभी अकाउंट होल्डर्स में से कोई लोन रिक्वेस्ट को अप्रूव नहीं करता तो बैंक लोन एप्लीकेशन को रिजेक्ट कर सकता है।
कृपया ध्यान दें: एसबीआई टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम के बदले लोन नहीं लिया जा सकता।
SBI फिक्स्ड डिपॉजिट पर कितना लोन लिया जा सकता है?
आप SBI से न्यूनतम 25,000 रु. और अधिकतम 5 करोड़ रु. तक का लोन ले सकते हैं। हालांकि लोन राशि एफडी के 90% से अधिक नहीं होनी चाहिए।
ये भी पढ़ें: एफडी के बदले क्रेडिट कार्ड कैसे लें?
SBI FD के बदले लोन – भुगतान अवधि
पेमेंट पीरियड वह अवधि होती है जिसमें आपको लोन राशि और ब्याज़ का भुगतान करना होता है। बैंक कस्टमर को पेमेंट शेड्यूल प्रदान करता है जिसमें कस्टमर को अपने लोन का भुगतान करना होता है, जिससे वे पेनल्टी फीस से बच सके। ये पेमेंट शेड्यूल कस्टमर की भुगतान क्षमता को ध्यान में रखते हुए तैयार की जाती है।
STDR/e-STDR (स्पेशल टर्म डिपॉज़िट: ऑनलाइन/ऑफलाइन) मामले में लोन राशि का भुगतान 5 साल के भीतर करना होता है और TDS/e-TDR (टर्म डिपॉज़िट; ऑनलाइन/ऑफलाइन) के लिए यह अवधि 3 साल होती है।
SBI एफडी के बदले लोन लेने के लाभ
FD को तोड़ने के बजाय FD पर लोन लेने का विकल्प चुनने पर नीचे दिए गए लाभ मिल सकते हैं :
- डिपॉज़िटर एफडी या टाइम डिपॉज़िट राशि के 90% तक लोन ले सकते हैं।
- SBI FD की ब्याज़ दर से 1% अधिक ब्याज़ लिया जाता है।
- लोन की सुविधा के साथ–साथ ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी प्रदान की जाती है
- ओवरड्राफ्ट लिमिट: 25,000 रु. से 5 करोड़ रु. तक (डिपॉज़िट राशि के 90% तक)
- प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जाती
- अगर बेनिफिशरी पूरी लोन राशि का एडवांस भुगतान कर देता है तो कोई भी पेनल्टी नहीं ली जाती