फॉर्म 15G वो लोग (60 साल से कम उम्र के व्यक्ति और HUF) भरते हैं जिन्होंने बैंक फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) में निवेश किया होता है ये सुनिश्चित करने के लिए कि उनकी FD की ब्याज़ पर कोई TDS न काटा जायेI मौजूदा आयकर नियमों के तहत,अगर आपकी FD/RD पर सालाना ब्याज 10,000रु से ज़्यादा है तो उस पर TDS कटता हैI अंतरिम बजट 2019 में, TDS लिमिट बढ़ाकर वित्त वर्ष 2019-20 से 40,000 रु कर दी गयी है।
15G फॅार्म कैसे डाउनलोड करें
TDS से बचने के लिए आप भारत के सभी प्रमुख बैंकों की वेबसाइट से फॅार्म 15G मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं। आप यह फॉर्म आयकर विभाग की वेबसाइट से भी डाउनलोड कर सकते हैं।
फॉर्म 15 G को मुफ्त में डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें
आप भारत के सभी प्रमुख बैंकों की वेबसाइट पर भी फॉर्म 15G ऑनलाइन जमा कर सकते हैं
फॉर्म 15 G
अधिकांश बैंक और वित्तीय संस्थान फॉर्म 15G का फॅार्मेट अपने अनुसार रखते हैं, लेकिन, इस फॉर्म का मूल फॅार्मेट इनकम टैक्स विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध है। फॅार्म 15G का फॅार्मेट इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर दिया गया है उसके पहले पेज का स्नैपशॉट नीचे दिया गया है:
फॉर्म 15 G की मुख्य विशेषताएं
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- फॅार्म 15G में आप डिक्लेरेशन करते है कि आप की विशेष आय पर TDS ना काटा जाये क्योंकि आप की वार्षिक आय छूट लिमिट से कम हैI
- आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 197 A में सेल्फ़ डिक्लेरशन के नियम दिये गये हैंI
- टैक्स काटने वाले और टैक्स देने वाले के बोझ और लागत को कम करने के लिए 2015 में फॉर्म 15G में बदलाव किये गए हैं।
- फॉर्म 15G और फॉर्म 15H (फॉर्म 15G के लिए वरिष्ठ नागरिक ) का मूल फॅार्मेट CBDT द्वारा जारी किया गया हैI
- फॉर्म 15 G 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों द्वारा भरा जाता है। 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में आते हैं।
- फॅार्म 15H जो फॅार्म 15G की तरह है वह केवल वरिष्ठ नागरिकों द्वारा भरा जाता है।
- अगर आपका मौजूदा निवेश है तो इस का लाभ लेने के लिये आपको ये फॅार्म फाइनेंशियल वर्ष की पहली तिमाही (first quarter) मे देना होगा I हालांकि, नए निवेश के लिए फॉर्म 15G को पहली बार ब्याज़ आने से पहले जमा कर दिया जाता हैI
फॉर्म 15G भरने की योग्यता शर्तें
फॉर्म 15G भरने के लिए निम्नलिखित शर्तें या नियम है :
- आप एक व्यक्ति (कंपनी या फर्म नहीं) होने चाहिए
- चालू वित्तीय वर्ष (Financial Year) के दौरान आपका भारतीय नागरिक होना जरूरी है
- आपकी आयु 60 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए
- वित्तीय वर्ष (Finacial Year) में कुल इनकम पर टैक्स शून्य होना चाहिए
- वित्तीय वर्ष (Finacial Year) में कुल ब्याज़ की कमाई बेसिक छूट लिमिट (basic exemption limit) से कम होनी चाहिए
फार्म 15G भरने के दिशा निर्देश
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- फॉर्म 15G में दो भाग हैं। पहला भाग उन लोगों के लिए है जो अपनी आय पर TDS देना नहीं चाहते हैंI फॉर्म 15G के पहले भाग में भरने वाली महत्वपूर्ण जानकारी निम्नलिखित हैं:
- पैन कार्ड के मुताबिक, आपका नाम
- पैन नंबर
- फॅार्म 15G भरने के लिये पैन कार्ड ज़रूरी है, अगर आप वैलिड पैन जानकारी नहीं देते हैं तो आपकी डिक्लेरेशन को अमान्य मनी जाएगी
- फॅार्म 15G मे डिक्लेरेशन एक व्यक्ति द्वारा दी जाती है फ़र्म या कंपनी ये डिक्लेरेशन नहीं दे सकते
- आपका भारतीय होना जरूरी है अप्रवासी भारतीय (NRI) ये फॅार्म नहीं भर सकते
- पिन कोड के साथ अपना पता भी लिखें
- भविष्य में किये जाने वाले संपर्क के लिए सही ईमेल-आइडी और मोबाइल नंबर दें
- अगर आप पर पिछले किसी भी साल मे इनकम टैक्स एक्ट लागू हुआ है तो YES पर टिक कीजिये
- आपके रिटर्न का कौन से असेसमेंट ईयर में असेसमेंट किया गया था उस के बारे मे बताना आवश्यक है
- आप कितनी आय के लिए डिक्लेरेशन दे रहे हैं
- वित्तीय वर्ष (Financial Year) की कुल अनुमानित आय (जिसमें सभी आय शामिल हैं)
- यदि आपने वित्तीय वर्ष (Financial Year) के दौरान किसी भी समय फॉर्म 15G भरा है, तो पिछली डिक्लेरेशन के साथ-साथ आय की कुल राशि भी आपको इस बार डिक्लेरेशन में बतानी होगी
- भाग 1 के अंतिम में उन निवेशों के बारे में बताया गया है जिनके लिए आप डिक्लेरेशन दे रहे हैं। आपको निवेश खाता संख्या (टर्म डिपोज़िट/जीवन बीमा पॉलिसी नंबर/कर्मचारी कोड आदि) देना होगा
- फॅार्म भरने के बाद एक बार फॅार्म अच्छे से जांच लें जिससे उसमें कोई गलती न रहे
फॉर्म 15G का दूसरा भाग टैक्स काटने वाले द्वारा भरा जाता है यानी वह व्यक्ति जो टैक्स देने वाले का TDS काट कर सरकार को जमा कराता हैI
अगर मैं फॉर्म 15G जमा करना भूल जाऊं तो क्या विकल्प होगा?
यदि आप समय पर फॉर्म 15G जमा करना भूल जाते हैं और TDS पहले ही काटा जा चुका है, तो आपके पास दो विकल्प है:
स्टेप 1: आयकर रिटर्न भरते समय TDS रिफंड क्लेम करें
एक बार जब बैंक या कोई टैक्स काटने वाला TDS काटता है, तो वे इसका रिफ़ंड आपको नहीं कर सकते क्योंकि, तब उनके लिए ज़रूरी होता है कि वे इसे आयकर विभाग में जमा करेंI रिफ़ंड पाने का एक मात्र तरीका ITR भरना ही हैI जांच पड़ताल के बाद, आयकर विभाग आपकी रिफ़ंड एप्लिकेशन देखता है और वित्तीय वर्ष (financial Year) के दौरान काटे गए अतिरिक्त कर को क्रेडिट कर देता है
स्टेप 2: वर्तमान वित्तीय वर्ष (financial Year) में आगे TDS कटने से बचने के लिए के लिए तुरंत फॉर्म 15G जमा करें।
आम तौर पर, जब बैंक आपको फिक्स्ड डिपॉज़िट पर ब्याज देते है, तो बैंक प्रत्येक तिमाही (quarter) के अंत में TDS काटते हैं। चालू वर्ष मे किसी भी अतिरिक्त कटौती से बचने के लिए फॉर्म 15G जितनी जल्दी हो सके भर दें
फॉर्म 15G कब भरना चाहिये?
निम्नलिखित मामलों में TDS से बचने के लिए फॉर्म 15G भरना चाहिए:
बैंक डिपॉज़िट से आने वाले ब्याज पर TDS: अगर FD/RD पर सालाना ब्याज़ 10,000 रु. से अधिक है तो इस राशि पर TDS कटता है (वित्तीय वर्ष 2019-2020 के अनुसार, यह लिमिट बढ़ाकर 40,000 रुपये सालाना कर दी गई है)I महत्वपूर्ण बात यह है कि बैंक अस्थायी ब्याज (provisional interest) के आधार पर TDS काटते हैं, न कि वास्तविक ब्याज भुगतान (actual interest pay out) के आधार पर। इसलिए अगर आपकी FD एक साल से ज़्यादा है तब भी आपको TDS से बचने के लिए फॅार्म 15G भरना होगा।
EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) से पैसे निकालने पर TDS: यदि आपने अपनी वर्तमान कंपनी मे 5 साल की सर्विस पूरी होने से पहले ही EPF (कर्मचारी प्रोविडेंट फंड) से पैसे निकलवा लिए हैं तो आपको TDS का भुगतान करना होगाI लेकिन उस स्तिथि में भी, यदि PF निकालने के बाद भी आपकी आय टैक्स के दायरे से बाहर रहती है, तो आप TDS से छूट के लिए फॉर्म 15G जमा कर सकते हैं।
पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट से मिलने वाले ब्याज पर TDS: यदि आप फॉर्म 15G जमा करने के लिए सभी शर्तों को पूरा करते हैं, तो पोस्ट ऑफिस जो कि डिपॉज़िट सेवा प्रदान करता है, तो वो आपके द्वारा दिए गये पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट और राष्ट्रीय बचत योजनाओं के लिए फॉर्म 15 जी की घोषणाओं को भी स्वीकार करेगा।
कॉर्पोरेट बॉन्ड और डिबेंचर से आने वाली कमाई पर TDS: अगर आपकी एक वित्तीय वर्ष (Financial Year) मे कॉर्पोरेट बॉन्ड से होने वाली कमाई 5000 रु. से ज़्यादा है तो उस पर TDS कटेगा I ऐसे मामलों में, अगर आप 15G फॅार्म भरने के योग्य हैं, तो आप फॅार्म 15G भरकर बीमा कंपनी को TDS न काटने का अनुरोध कर सकते हैंI
जीवन बीमा पॉलिसी से होने वाली इनकम पर TDS: आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194DA के अनुसार, यदि आपको जीवन बीमा पॉलिसी से मेचयोरिटी राशि (maturity amount) 1 लाख रु. से ज़्यादा मिलती है तो उस राशि पर TDS कटेगाI लेकिन यदि आप फॅार्म 15G की सारी शर्तें पूरी करते हैं तो आप फॅार्म 15G भरकर बीमा कंपनी को TDS न काटने का अनुरोध कर सकते हैंI
किराये से आने वाली इनकम (rental income) पर TDS: यदि आपकी वित्तीय वर्ष (Financial Year) में किराये से आने वाली राशि 8 लाख रु. से ज़्यादा है तो उस पर TDS कटेगाI लेकिन यदि आपकी कमाई टैक्स के दायरे से बाहर है है, तो आप TDS न काटने के लिए फॉर्म 15G जमा कर सकते हैं।
फॅार्म 15G और 15H में अंतर
फॅार्म 15G और 15H मे अंतर निम्नलिखित है:
फॅार्म 15G | फॅार्म 15H |
60 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए मान्य | 60 वर्ष से ऊपर की आयु के लोगों के लिए मान्य |
व्यक्ति के साथ साथ HUF भी इसे भर सकते हैं | इसे सिर्फ़ व्यक्ति ही भर सकते हैं |
उसी व्यक्ति या HUF के लिए मान्य जिनकी वार्षिक आय टैक्स के दायरे से बाहर है | कोइ भी वरिष्ठ नागरिक इसे भर सकता है. चाहे उनकी वार्षिक आय कितनी भी क्यो न हो |
आइए फॅार्म 15G को नीचे दी गयी टेबल से अच्छे से समझते हैं
आप 15G नहीं भर सकते, क्योंकि कुल कमाई टैक्स के दायरे में आती है.
आय | सविता | देवेश | स्मिता |
उम्र | 50 साल | 23 साल | 66 साल |
वेतन से होने वाली आय | ₹ 1,80,000 | – | – |
मिलने वाली पेंशन | – | – | ₹ 1,10,000 |
FD पर ब्याज | ₹ 86,000 | ₹ 2,61,000 | ₹ 1,80,000 |
धारा 80 की टैक्स छूट से पहले वार्षिक आय | ₹ 2,66,000 | ₹ 2,61,000 | ₹ 2,90,000 |
80D के अंतर्गत छूट | ₹ 45,000 | ₹ 30,000 | ₹ 10,000 |
कुल आय | ₹ 2,21,000 | ₹ 2,31,000 | ₹ 2,80,000 |
टैक्स छूट सीमा | ₹ 2,50,000 | ₹ 2,50,000 | ₹ 3,00,000 |
क्या वे फॉर्म 15G जमा कराने के योग्य है | हाँ | नहीं | नहीं |
व्याख्या | आप फॅार्म 15G भर
सकते हैं क्योंकि इनकी कुल कमाई टैक्स के दायरे से बाहर है. |
आप फॅार्म 15G
नहीं भर सकते, क्योंकि FD ब्याज़ से होने वाली कमाई टैक्स के दायरे में आती है. |
फॉर्म 15 G कैसे भरे
CBDT (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) ने फॉर्म 15G और फॉर्म 15H भरने की प्रक्रिया को डिजिटल कर दिया है। प्रमुख बैंकों के साथ फॉर्म 15G ऑनलाइन भरने की प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- टैक्स देने वाले को फॅार्म 15G ऑनलाइन भरना होगा और सबमिट करना होगा I CBDT (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) के अनुसार, टैक्स काटने वाले को टैक्स देने वाले UIN (विशिष्ट पहचान संख्या) नंबर देना होता है
- टैक्स काटने वाले को हर तिमाही TDS स्टेट्मेंट के साथ एक हलफनामा देना होगा जिसके साथ साथ उसको UIN (विशिष्ट पहचान संख्या) भी देना होगा
यह जानना बहुत ज़रूरी है कि हम 15G फॅार्म मे जो डिक्लेरेशन देते है वो केवल उसी साल के लिये होता हैI अगले साल के लिये आपको नया डिक्लेरेशन देना होगाI हालांकि, वर्तमान नियमों के अनुसार, टैक्स काटने वाले को फॉर्म 15G को 7 साल तक सुरक्षित रखना होगाI
फॉर्म 15 जी ऑनलाइन कैसे भरें
भारत में आप अधिकांश बैंकों में फॉर्म 15G ऑनलाइन भर सकते हैंI इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए एक इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट होना अनिवार्य है। आप इसे निम्नलिखित तरीके से भर सकते हैं:
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- आप अपनी आईडी और पासवर्ड द्वारा अपने बैंक के इंटरनेट बैंकिंग में लॅाग-इन करें
- ऑनलाइन “Fix Deposit” टैब पर क्लिक करके आप उस पेज पर जाते है जहां आपके FD पूरी जानकारी दी गयी होती है
- उसी पेज पर, आपके फॉर्म 15G और फॉर्म 15H डाउनलोड कर सकते हैं Iफॅार्म भरने के लिए आपको उपलब्ध (available) लिंक पर क्लिक करना होगा
- एक बार जब फॅार्म ऑनलाइन खुल जाये आप अपनी सारी जानकारी बहुत सावधानी से भरना शुरू करें
- जहाँ आपकी FD या RD है उन बैंक की शाखा की जानकारी सही देंI अगर आपके पास यह जानकारी नहीं है तो बैंक ब्रांच लोकेटर टूल का उपयोग करके सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं
- अपने निवेशों की सही-सही जानकारी भरें और जमा करें
आयकर अधिनियम धारा और TDS दरें
निवेश प्रकार | इनकम टैक्स एक्ट के भाग | छूट सीमा | TDS (मान्य PAN के साथ) | TDS बिना PAN के साथ |
बैंक डिपॉजिट्स पर ब्याज | 194A | 10,000 | 10% | 20.00% |
EPF की समय से पहले निकासी | 192A | 30,000 | 10% | 34.61% |
सिक्योरिटीज पर ब्याज | 193 | – | 10% | 20.00% |
डिविडेंट से इनकम | 194 | 2,500 | 10% | 20.00% |
सिक्योरिटीज पर ब्याज के अलावा अन्य ब्याज | 194A | 5,000 | 10% | 20.00% |
फॅार्म 15G मे कोइ गलत जानकारी देने पर जुर्माना
TDS से बचने के लिए अगर आप फॅार्म 15G में गलत जानकारी देते हैं तो आपको आयकर धरा, 1961 की धारा 277 के तहत जुर्माना और कारावास हो सकता है। आईटी एक्ट, 1961 के दंडों की जानकारी नीचे दी गयी है I
- अगर आप ने एक लाख से ज़्यादा टैक्स बचाने के लिए कोई गलत जानकारी दी है तो आपको 6 महीने से 7 साल तक की जेल हो सकती है
- अन्य सभी मामलों मे, 3 महीने से 3 साल तक की जेल हो सकती है
इसलिए आप फॉर्म 15G तब ही भरे जब आप इसे भरने के योग्य हों